राष्ट्रीय प्रसारण दिवस क्यों मनाया जाता है और क्या है इसका इतिहास?

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राष्ट्रीय प्रसारण दिवस

रेडियो पर समाचार, प्रोग्राम्स और गीत सुनते अच्छा लगता है। भारत ही नहीं बल्कि विश्व में रेडियो ने अलग ही छाप छोड़ी है और इसका उदाहरण ग्रामीण क्षेत्रों में अभी तक दिखता है। भारत में रेडियो प्रसारण को 87 साल से भी अधिक हो चुके हैं और इस दिवस को ‘राष्ट्रीय प्रसारण दिवस’ के रूप में मनाया जाता है और इससे जुड़े काफी क्वैश्चंस भी पूछे जाते हैं, इसलिए इस ब्लाॅग में राष्ट्रीय प्रसारण दिवस (Rashtriya Prasaran Divas) के बारे में विस्तार से बताया गया है।

प्रोग्रामराष्ट्रीय प्रसारण दिवस (Rashtriya Prasaran Divas)
प्रोग्राम डेट23 जुलाई 2023
प्रोग्राम लेवलनेशनल
प्रोग्राम ऑर्गनाइजरइंडिया

राष्ट्रीय प्रसारण दिवस क्या है?

स्वतंत्र भारत के निर्माण में भारतीय रेडियो ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इंडिया में हर साल 23 जुलाई रेडियो के सम्मान में को राष्ट्रीय प्रसारण दिवस (Rashtriya Prasaran Divas) के मनाया जाता है। 23 जुलाई 1927 को इंडियन प्रसारण कंपनी ने बंबई स्टेशन से रेडियो प्रसारण शुरू किया था। रेडियो का प्रसारण भारत में लोगों के लिए न्यूज, मैच का प्रसारण और एंटरटेनमेंट के रूप में एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है।

रेडियो का अविष्कार कब हुआ था?

1880 में इलेक्ट्रॉनिक मैग्नेटिक तरंग की खोज हुई थी। 1890 में गुल्येल्मो मारकोनी ने रेडियो का आविष्कार किया, लेकिन उन्हें इसका पेटेंट रिकॉर्ड 1896 में मिला। इसके बाद गुल्येल्मो मारकोनी को रेडियो का आविष्कारक माना गया।

राष्ट्रीय प्रसारण दिवस 2023 की थीम क्या है?

भारत की राजनधानी नई दिल्ली में नए भारत के निर्माण और प्रसारण माध्यम पर सेमिनार आयोजित करके यह दिन मनाया जाता है। 2023 में राष्ट्रीय प्रसारण दिवस की थीम रेडियो एंड पीस है। यह थीम शांति स्थापित करने के एक स्वतंत्र माध्यम के रूप में रेडियो की भूमिका पर केंद्रित है।

राष्ट्रीय प्रसारण दिवस का इतिहास

Rashtriya Prasaran Divas को जानने का सबसे महत्वपूर्ण पहलू उसका इतिहास समझना है। 1927 में आज के दिन देश में पहला रेडियो प्रसारण एक निजी कंपनी, इंडियन ब्रॉडकास्टिंग कंपनी के तहत बॉम्बे स्टेशन से प्रसारित हुआ था। 

1927 में मुंबई और कोलकाता में 2 ट्रांसमीटरों से प्रसारण सेवा की शुरुआत हुई थी, लेकिन 1930 में सरकार ने इन ट्रांसमीटरों को अपने अंडर ले लिया और ‘भारतीय प्रसारण सेवा’ के नाम से संचालन शुरू किया गया। 

8 जून 1936 को भारतीय राज्य प्रसारण सेवा ऑल इंडिया रेडियो बन गई। ऑल इंडिया रेडियो वास्तव में अपने आदर्श वाक्य – ‘बहुजन हिताय, बहुजन सुखाय’ पर खरा उतरते हुए जनता को सूचित, शिक्षित करने और मनोरंजन करने की सेवा कर रहा है। 

राष्ट्रीय प्रसारण दिवस पहली बार कब मनाया गया?

सन 1927 में भारत में पहली बार भारतीय प्रसारण कंपनी (IBC) के अंतर्गत बॉम्बे स्टेशन से रेडियो का प्रसारण शुरू हुआ था और तब से हर साल 23 जुलाई को Rashtriya Prasaran Divas ​​मनाया जाता है।

राष्ट्रीय प्रसारण दिवस कब मनाया जाता है?

हर साल भारत में 23 जुलाई को राष्ट्रीय प्रसारण दिवस मनाया जाता है। 23 जुलाई 1927 को इंडियन ब्रॉडकास्टिंग कंपनी आई थी और अब आकाशवाणी की पहुंच दुनिया के 150 देशों तक है।

राष्ट्रीय प्रसारण दिवस का महत्व क्या है?

Rashtriya Prasaran Divas जानने के साथ ही यह दिवस क्यों मनाया जाता है या राष्ट्रीय प्रसारण दिवस का महत्व क्या है के बारे में जानना चाहिए, जोकि इस प्रकार बताया गया हैः

  • रेडियो की पहुंच भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में है।
  • ऑल इंडिया रेडियो (AIR) भारत की घरेलू राष्ट्रीय रेडियो प्रसारण सेवा है जो पूरे देश में लाखों घरों तक पहुंचती है। 
  • रेडियो पर मैच का प्रसारण, गीत-संगीत और न्यूज बुलेटिन की वजह से इसका महत्व बढ़ता रहा।
  • 1957 में विविध भारती शुरू होने के बाद फिल्मों और संगीत प्रेमियों के बीच रेडियो काफी लोकप्रिय हुआ।
  • 3 नवंबर, 2011 को यूनेस्को ने 13 फरवरी को विश्व रेडियो दिवस के रूप में घोषित किया था, क्योंकि इसी दिन 1946 में पहली बार संयुक्त राष्ट्र रेडियो की स्थापना की गई थी। 
  • यूनेस्को अपने रेडियो स्टेशनों के माध्यम से संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों के साथ ग्लोबल लेवल पर विश्व रेडियो दिवस की गतिविधियों का को-ऑर्डिनेशन करता है।

राष्ट्रीय प्रसारण दिवस के बारे में रोचक तथ्य

Rashtriya Prasaran Divas के बारे में कुछ रोचक तथ्य हैं, जिन्हें आपको जरूर जानना चाहिए। यहां राष्ट्रीय प्रसारण दिवस के बारे में कुछ रोचक तथ्य दिए जा रहे हैंः

  • पहला रेडियो प्रसारण 13 मई, 1897 को गुग्लिल्मो मार्कोनी द्वारा किया गया था।
  • भारत में पहला रेडियो प्रसारण जून 1923 में रेडियो क्लब ऑफ बॉम्बे द्वारा हुआ।
  • ऑल इंडिया रेडियो (AIR) के देश में 413 स्टेशन हैं और इसकी पहुंच देश के 98 प्रतिशत से अधिक हिस्से में है। 
  • आकाशवाणी का 23 लैंग्वेज और 146 बोलियों में प्रसारण किया जाता है।
  • अगस्त 1947 में ऑल इंडिया रेडियो पर पहली बार महिला की आवाज आई थी, क्योंकि AIR ने पहली महिला न्यूज़रीडर सईदा बानो को हायर किया था।
  • 23 जुलाई 1977 को चेन्नई में FM शुरू हुआ था। 
  • लैंग्वेज के मामले में AIR दुनिया के सबसे बड़े प्रसारण संगठनों में से यह एक है।
  • बेंगलुरू में 3 जुलाई 2001 में रेडियो सिटी 91.1 FM के नाम से पहला निजी रेडियो स्टेशन शुरू किया गया था।
  • आल इंडिया रेडियो का आदर्श वाक्य ‘बहुजन हिताय बहुजन सुखाय’ है।
  • रेडियो के आविष्कार का श्रेय गूल्येलमो मारकोनी को दिया जाता है।
  • काफी समय पहले रेडियो का आकार बड़ा होता था, लेकिन अब काफी छोटा है। 
  • इंडियन ब्राॅडकास्टिंग कंपनी का उद्‍घाटन लार्ड इरविन ने किया था।

FAQs

AIR की फुल फाॅर्म क्या है?

AIR की फुल (All India Radio) फाॅर्म ऑल इंडिया रेडियो है।

राष्ट्रीय प्रसारण दिवस कब मनाया जाता है?

राष्ट्रीय प्रसारण दिवस प्रत्येक वर्ष 23 जुलाई को मनाया जाता है।

भारतीय प्रसारण सेवा की स्थापना हुई?

भारतीय प्रसारण सेवा की स्थापना 1927 में हुई थी।

भारत में कितने ऑल इंडिया रेडियो स्टेशन हैं?

भारत में लगभग 470 प्रसारण केंद्र हैं।

ऑल इंडिया रेडियो का पहले क्या नाम था?

ऑल इंडिया रेडियो का पहले नाम भारतीय प्रसारण सेवा था।

आशा है कि इस ब्लाॅग में आपको राष्ट्रीय प्रसारण दिवस (Rashtriya Prasaran Divas) के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। यदि आपको यह ब्लॉग पसंद आया है तो इसे अपने परिवार और दोस्तों के साथ शेयर ज़रूर करें। इसी तरह के अन्य ट्रेंडिंग इवेंट्स से जुड़े ब्लाॅग पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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