National Geographic Day in Hindi 2025: नेशनल ज्योग्राफिक दिवस हर साल 27 जनवरी को मनाया जाता है। यह दिन नेशनल ज्योग्राफिक पत्रिका को श्रद्धांजलि देता है। इसमें भूगोल, विश्व संस्कृति और विज्ञान से लेकर इतिहास और कई अन्य विषयों की एक बहुत बड़ी श्रृंखला शामिल है। वर्षों से इस पत्रिका ने अपने दर्शकों के लिए जानकारीपूर्ण लेख और आकर्षक चित्र साझा करके स्टूडेंट्स की शिक्षा में योगदान दिया है। इसलिए इस ब्लॉग में आपको राष्ट्रीय भौगोलिक दिवस (National Geographic Day in Hindi) के बारे में विस्तार से बताया जा रहा है।
नेशनल ज्योग्राफिक डे (National Geographic Day) | मुख्य बिंदु |
दिनांक | हर साल 27 जनवरी को मनाया जाता है। |
उद्देश्य | दुनिया के भूगोल, इतिहास, विज्ञान, और संस्कृति के प्रति जागरूकता बढ़ाना। |
महत्व | यह दिन नेशनल ज्योग्राफिक पत्रिका और इसके शैक्षिक योगदान का सम्मान करता है। |
पहला प्रकाशन | नेशनल ज्योग्राफिक पत्रिका का पहला अंक अक्टूबर 1888 में प्रकाशित हुआ। |
मुख्य विषय | प्रकृति संरक्षण, विज्ञान और विश्वभर की विविधता को उजागर करना। |
नेशनल ज्योग्राफिक चैनल | 1997 में लॉन्च किया गया, जो दुनिया भर में विज्ञान और प्रकृति पर आधारित सामग्री प्रस्तुत करता है। |
कैसे मनाएं? | नेशनल ज्योग्राफिक पत्रिका पढ़ें, वृत्तचित्र देखें, और पर्यावरण के प्रति जागरूकता फैलाएं। |
This Blog Includes:
- राष्ट्रीय भौगोलिक दिवस (National Geographic Day in Hindi)
- राष्ट्रीय भौगोलिक दिवस का इतिहास क्या है?
- राष्ट्रीय भौगोलिक दिवस कब मनाया जाता है?
- राष्ट्रीय भौगोलिक दिवस क्यों मनाया जाता है?
- राष्ट्रीय भौगोलिक दिवस का महत्व क्या है?
- 2025 राष्ट्रीय भौगोलिक दिवस की थीम क्या है? (Theme of National Geographic Day 2025)
- राष्ट्रीय भौगोलिक दिवस कैसे मनाया जाता है?
- राष्ट्रीय भौगोलिक दिवस के पुरस्कार क्या हैं?
- राष्ट्रीय भौगोलिक दिवस से जुड़े रोचक तथ्य (Interesting Facts Related to National Geographic Day in Hindi)
- राष्ट्रीय भौगोलिक दिवस पर 10 लाइन (10 Lines on National Geographic Day in Hindi)
- FAQs
राष्ट्रीय भौगोलिक दिवस (National Geographic Day in Hindi)
राष्ट्रीय भौगोलिक दिवस (National Geographic Day in Hindi) एक ऐसा दिन है जिस दिन नेशनल ज्योग्राफिक मैगजीन को श्रद्धांजलि दी जाती है जो 1888 में शुरू हुई थी। इसका उद्देश्य छात्रों और लोगों को विज्ञान, भूगोल, इतिहास, प्रकृति और सांस्कृतिक विविधता के प्रति जागरूक करना है। विज्ञान, भूगोल, इतिहास और विश्व संस्कृति से संबंधित विषयों की एक बहुत बड़ी श्रृंखला को कवर करते हुए, नेशनल ज्योग्राफिक ने प्रत्येक दर्शक सदस्य की जरूरतों को पूरा किया है।
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राष्ट्रीय भौगोलिक दिवस का इतिहास क्या है?
साल 1888 में नेशनल ज्योग्राफिक सोसाइटी की स्थापना ज्योग्राफिकल ज्ञान को आगे बढ़ाने और प्रसारित करने के माध्यम से की गई थी और उसी वर्ष नेशनल ज्योग्राफिक सोसाइटी ने अपना आधिकारिक मासिक प्रकाशन नेशनल ज्योग्राफिक मैगजीन लॉन्च किया। नेशनल ज्योग्राफिक मैगजीन को प्रकशित करने का उद्देश्य अपने अमेरिकी पाठकों को मानवविज्ञान, इतिहास और प्राकृतिक दुनिया सहित विभिन्न विषयों के बारे में सूचित करना था। इसके बाद लोगों में इसकी लोकप्रियता बढ़ने लगी और देखते ही देखते कुछ ही समय में ये पूरी दुनिया में फैल गई।
नेशनल जियोग्राफ़िक मैगज़ीन ने बच्चों, वयस्कों, शिक्षकों, इतिहास के शौकीनों, भूगोल के शौकीनों, और लगभग हर एक रुचि रखने वाले सभी लोगों को जानकारी प्रदान की है। बीते कई वर्षो में नेशनल ज्योग्राफिक ने अपना नाम बनाया और खुद को सूचना के एक विश्वसनीय सोर्स के रूप में लोगों के बीच स्थापित किया है। एक स्कॉलरली जनरल (विद्वतापूर्ण पत्रिका) के रूप में शुरू हुई इस पत्रिका के वर्तमान पाठकों की संख्या 40 मिलियन से अधिक मानी जाती है।
नेशनल ज्योग्राफ़िक को जिसने प्रासंगिक बनाए रखा है और वह है समय के साथ विकसित होने का इसका प्रयास। जबकि प्रकाशन का उद्देश्य और आधार वही रहा है। नेशनल ज्योग्राफिक डिजिटल युग के साथ विकसित हुआ है और कई प्रकार के ऑनलाइन सोर्स भी पेश किए हैं। एक वेबसाइट और न्यूज़लेटर्स से लेकर डोक्युमेंट्रीज़ तक नेशनल जियोग्राफ़िक दर्शकों तक पहुंचता है और उन लोगों को भी शिक्षित करता है जो उत्सुक पाठक नहीं हो सकते हैं।
राष्ट्रीय भौगोलिक दिवस कब मनाया जाता है?
प्रतिवर्ष 27 जनवरी को नेशनल जियोग्राफ़िक डे (National Geographic Day in Hindi) मनाया जाता है। यह दिन नेशनल ज्योग्राफिक मैगजीन को श्रद्धांजलि देता है और इसकी पत्रिका का पहला अंक 1888 में प्रकाशित हुआ था और तब से नेशनल ज्योग्राफिक पत्रिकाएँ नियमित रूप से, प्रति माह एक बार प्रकाशित होती रही हैं।
नेशनल ज्योग्राफिक मैगजीन की स्थापना के बाद इस मैगजीन ने हजारों विषयों को कवर किया है, जिनमें हर एक छोटी बड़ी चीज से लेकर विवादास्पद विषय शामिल हैं। लगभग 130 वर्षों से, नेशनल ज्योग्राफिक पत्रिका दूर-दराज के, अज्ञात देशों, उनके भोजन और रीति-रिवाजों और सबसे ऊपर, वहां रहने वाले लोगों तथा जानवरों के प्रति लोगों की रुचि जगा रही है।
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राष्ट्रीय भौगोलिक दिवस क्यों मनाया जाता है?
27 जनवरी को मनाया जाने वाला नेशनल जियोग्राफ़िक दिवस (National Geographic Day in Hindi) नेशनल जियोग्राफ़िक सोसाइटी और इसकी पत्रिका के योगदान का सम्मान करता है जिसकी शुरुआत 1888 में हुई थी। इस दिन का उद्देश्य विज्ञान, भूगोल, इतिहास, प्रकृति और सांस्कृतिक विविधता के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। यह पर्यावरण संरक्षण और शिक्षा के महत्व पर प्रकाश डालता है। छात्रों के लिए यह दुनिया के बारे में जानने, नए विचारों का पता लगाने और वैश्विक मुद्दों को समझने का एक प्रेरक अवसर है।
राष्ट्रीय भौगोलिक दिवस का महत्व क्या है?
राष्ट्रीय भौगोलिक दिवस (National Geographic Day in Hindi) नेशनल ज्योग्राफिक पत्रिका द्वारा किए गए योगदान को पहचानने और जश्न मनाने के लिए समर्पित है। राष्ट्रीय भौगोलिक दिवस का महत्व इस प्रकार है-
- यह दिन दुनिया भर के लोगों से इसे एजुकेशनल संसाधन के रूप में पहचानने का आग्रह करता है और हमारे जीवन को समृद्ध बनाने में इसके महत्व को भी पहचानने का आग्रह करता है।
- नेशनल ज्योग्राफिक दुनिया की गहराई और ऊंचाइयों की खोज में हमेशा सबसे आगे रहा है।
- 1888 से, नेशनल ज्योग्राफिक पत्रिका लगातार प्रति माह प्रकाशित हो रही है और पाठकों को बहुमूल्य जानकारी प्रदान करती है।
- दुनिया के सबसे चिंताजनक मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाकर, नेशनल ज्योग्राफिक पत्रिका अपने पाठकों से पर्यावरण को नुकसान न पहुचाने वाले निर्णय लेने और हर दिन सकारात्मक बदलाव करने का आग्रह करती है।
- नेशनल जियोग्राफ़िक पत्रिका जिसे हम पढ़ते हैं या उनके द्वारा दिखाए जाने वाले सूचनात्मक डॉक्यूमेंट्रीज पाठकों और दर्शकों को विविध संस्कृतियों और उनकी परंपराओं का पता लगाने में मदद करते है।
2025 राष्ट्रीय भौगोलिक दिवस की थीम क्या है? (Theme of National Geographic Day 2025)
अभी तक नेशनल ज्योग्राफिक दिवस 2025 के लिए कोई आधिकारिक रूप से थीम घोषित नहीं की गई है। परंपरागत रूप से यह दिन विज्ञान और शिक्षा में नेशनल ज्योग्राफिक सोसाइटी के योगदान का सम्मान करता है। हालांकि इस आयोजन के लिए विशिष्ट थीम आमतौर पर निर्धारित नहीं की जाती हैं, लेकिन नेशनल ज्योग्राफिक ने 2025 के लिए उल्लेखनीय विषयों को हाइलाइट किया है। जैसे- उनकी बेस्ट ऑफ़ द वर्ल्ड 2025 सूची और इसमें शीर्ष यात्रा गंतव्य शामिल हैं। इसके अलावा नेशनल ज्योग्राफिक समिट 2025 कनेक्शन की शक्ति पर केंद्रित है।
राष्ट्रीय भौगोलिक दिवस कैसे मनाया जाता है?
नेशनल ज्योग्राफिक डे (National Geographic Day in Hindi) मनाने के ये तरीके हैं:
- नेशनल ज्योग्राफिक सामग्री पढ़ना: लोग विज्ञान, इतिहास और भूगोल के बारे में जानने के लिए नेशनल ज्योग्राफिक पत्रिका या वेबसाइट देखते हैं।
- वृत्तचित्र देखना: प्रकृति, वन्यजीव और वैश्विक संस्कृतियों पर शैक्षिक और प्रेरक वृत्तचित्र देखे जाते हैं।
- स्कूल की गतिविधियाँ: स्कूल विज्ञान, अन्वेषण और संरक्षण से संबंधित प्रश्नोत्तरी, चर्चाएँ और परियोजनाएँ आयोजित करते हैं।
- अन्वेषण गतिविधियाँ (Exploration Activities): लंबी पैदल यात्रा, तारों को देखना या प्रकृति के भंडारों में जाना जैसी बाहरी गतिविधियों को प्रोत्साहित किया जाता है।
- सोशल मीडिया जागरूकता: भूगोल, प्रकृति और पर्यावरण संरक्षण के बारे में पोस्ट, तथ्य और तस्वीरें साझा करना।
- पर्यावरण पहल: वृक्षारोपण, सफाई अभियान में भाग लेना या संरक्षण परियोजनाओं का समर्थन करना।
- शैक्षिक कार्यक्रम: वैश्विक मुद्दों और सांस्कृतिक विविधता के बारे में व्याख्यान, वेबिनार या कार्यशालाओं में भाग लेना।
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राष्ट्रीय भौगोलिक दिवस के पुरस्कार क्या हैं?
नेशनल ज्योग्राफिक सोसाइटी विज्ञान, शिक्षा और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में असाधारण व्यक्तियों को कई पुरस्कार देकर सम्मानित करती है जिनकी लिस्ट इस प्रकार है-
- हबर्ड पदक
- रोलेक्स नेशनल ज्योग्राफिक एक्सप्लोरर ऑफ द ईयर
- उत्कृष्ट विज्ञान मीडिया के लिए एलिज़ा स्किडमोर पुरस्कार
- गिल्बर्ट एम. ग्रोसवेनर एजुकेटर ऑफ द ईयर
- ग्रहीय नेतृत्व पुरस्कार
- संरक्षण में नेतृत्व के लिए नेशनल ज्योग्राफिक सोसायटी/बफेट पुरस्कार।
राष्ट्रीय भौगोलिक दिवस से जुड़े रोचक तथ्य (Interesting Facts Related to National Geographic Day in Hindi)
राष्ट्रीय भौगोलिक दिवस से जुड़े रोचक तथ्य (Interesting Facts Related to National Geographic Day in Hindi) इस प्रकार हैं-
- नेशनल ज्योग्राफिक हमारे ग्रह की गहराई और ऊंचाइयों की खोज में हमेशा सबसे आगे रहा है।
- यूएस ज्योग्राफिक दिवस हर साल 27 जनवरी को मनाया जाता है। इस दिन, नागरिक पिछले 100 वर्षों से चल रही नेशनल ज्योग्राफिक पत्रिका का सम्मान करते हैं।
- नेशनल ज्योग्राफिक सोसाइटी विज्ञान, शिक्षा और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में असाधारण व्यक्तियों को गिल्बर्ट एम. ग्रोसवेनर एजुकेटर ऑफ द ईयर, ग्रहीय नेतृत्व पुरस्कार, संरक्षण में नेतृत्व के लिए नेशनल ज्योग्राफिक सोसायटी/बफेट पुरस्कार, हबर्ड पदक, रोलेक्स नेशनल ज्योग्राफिक एक्सप्लोरर ऑफ द ईयर आदि कई पुरस्कार देकर सम्मानित करती है।
- जब आप नेट जियो पत्रिका के पन्ने पलट रहे होते हैं तो अगर कोई एक चीज है जो तुरंत प्रभावित करती है, वह है ‘वैश्विक जुड़ाव’ की भावना।
- नेट जियो को गैर-लाभकारी संगठनों (non-profit organisations) द्वारा फंडेड किया जाता है।
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राष्ट्रीय भौगोलिक दिवस पर 10 लाइन (10 Lines on National Geographic Day in Hindi)
राष्ट्रीय भौगोलिक दिवस पर 10 लाइन (10 Lines on National Geographic Day in Hindi) इस प्रकार हैं-
- राष्ट्रीय भौगोलिक दिवस हर साल 27 जनवरी को मनाया जाता है।
- राष्ट्रीय भौगोलिक दिवस नेशनल ज्योग्राफिक पत्रिका को श्रद्धांजलि देने के लिए मनाया जाता है।
- नेशनल ज्योग्राफिक मैगजीन का पहला अंक 1888 में प्रकाशित हुआ था।
- नेशनल जियोग्राफ़िक एक यूनिक एजुकेशनल सोर्स है।
- नेशनल ज्योग्राफिक सोसाइटी विज्ञान, शिक्षा और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में असाधारण व्यक्तियों को कई पुरस्कार देकर सम्मानित करती है।
- नेशनल ज्योग्राफिक पत्रिका की स्थापना एक विद्वान पत्रिका (स्कॉलरली जर्नल) के रूप में की गई थी।
- नेशनल जियोग्राफ़िक पत्रिका आज हमारी दुनिया के सभी मुद्दों को प्रदर्शित करने का एक शानदार काम करती है।
- नेशनल ज्योग्राफिक पत्रिका का कभी-कभी NAT GEO के रूप में भी प्रचार किया जाता है।
- नेशनल ज्योग्राफिक पत्रिका आम तौर पर भूगोल, इतिहास, प्रकृति, विज्ञान और विश्व संस्कृति से संबंधित हैं।
- 1905 में नेशनल ज्योग्राफिक पत्रिका में चित्रों को शामिल करना शुरू हुआ और इस पत्रिका की पहली रंगीन तस्वीरें 1910 में सामने आईं।
FAQs
“नेशनल ज्योग्राफिक मैगज़ीन” को श्रद्धांजलि देने के लिए।
सबसे पहले 14 जनवरी 1988 को भारत ने भूगोल दिवस मनाया।
27 जनवरी को।
1888 में।
नेशनल ज्योग्राफिक दिवस 27 जनवरी, 1888 को नेशनल ज्योग्राफिक सोसाइटी की स्थापना का जश्न मनाता है, विज्ञान, अन्वेषण और पर्यावरण जागरूकता में इसके योगदान का सम्मान करता है।
यह ग्रह के बारे में ज्ञान को आगे बढ़ाने, संरक्षण को बढ़ावा देने और अपने प्रकाशनों, वृत्तचित्रों और अन्वेषणों के माध्यम से जिज्ञासा को प्रेरित करने में नेशनल ज्योग्राफिक की भूमिका पर प्रकाश डालता है।
लोग नेशनल ज्योग्राफिक वृत्तचित्र देखकर, इसके लेख पढ़कर या शैक्षिक और पर्यावरण गतिविधियों में भाग लेकर इसे मनाते हैं।
इसकी स्थापना गार्डिनर ग्रीन हबर्ड और अलेक्जेंडर ग्राहम बेल सहित खोजकर्ताओं, वैज्ञानिकों और विद्वानों के एक समूह द्वारा की गई थी।
नेशनल ज्योग्राफिक ने संस्कृतियों, वन्यजीवों और भूगोल का दस्तावेजीकरण करके, पर्यावरण संरक्षण के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देकर, दुनिया भर में लाखों लोगों को शिक्षित किया है।
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