International Day of Innocent Children Victims of Aggression : जानें क्या है आक्रामकता का शिकार हुए मासूम बच्चों का अंतरराष्ट्रीय दिवस, कैसे हुई इसकी शुरुआत?

1 minute read
International Day of Innocent Children Victims of Aggression in Hindi

सालभर में अनेकों दिवस मनाये जाते हैं जो विभिन्न सामाजिक, स्वास्थ्य, पर्यावरण आदि से संबंधित होते हैं। इन दिवसों का आयोजन महत्वपूर्ण विषयों पर लोगों का ध्यान आकर्षित करने के लिए किया जाता है। इन्हीं दिवस में से कुछ दिवस बच्चों से संबंधित होते है। आक्रामकता का शिकार हुए मासूम बच्चों का अंतरराष्ट्रीय दिवस, उनमें से एक है। दुनियाभर में हर साल जून के पहले सप्ताह में आक्रामकता का शिकार हुए मासूम बच्चों का अंतरराष्ट्रीय दिवस (International Day of Innocent Children Victims of Aggression in Hindi) मनाया जाता है। यह एक ऐसा दिन है जो हमें उन मासूम बच्चों के बारे में सोचने का मौके देते हैं जो युद्ध, हिंसा और आक्रामकता का शिकार हो जाते हैं। बच्चों को समर्पित इस दिवस (International Day of Innocent Children Victims of Aggression in Hindi) को मनाने की शुरुआत कैसे और कहाँ से हुई, इसे जानने के लिए इस लेख को पूरा पढ़ें।

आक्रामकता का शिकार हुए मासूम बच्चों का अंतरराष्ट्रीय दिवस क्या है?

हर साल 4 जून को दुनियाभर में आक्रामकता का शिकार हुए मासूम बच्चों का अंतरराष्ट्रीय दिवस (International Day of Innocent Children Victims of Aggression in Hindi) मनाया जाता है। यह दिवस युद्ध, हिंसा और आक्रमता से पीड़ित बच्चों की पीड़ा को याद करने और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए उचित कार्रवाई करने के लिए मनाया जाता है। यह दिवस हमें दुनिया भर में शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक शोषण के शिकार बच्चों के बारे में जागरूकता बढ़ाने का अवसर देता है। 

यह भी पढ़ें : यहाँ देखिए जून 2024 के महत्वपूर्ण दिनों की पूरी लिस्ट

आक्रामकता का शिकार हुए मासूम बच्चों का अंतरराष्ट्रीय दिवस का इतिहास

आक्रामकता के शिकार मासूम बच्चों के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस की स्थापना 19 अगस्त, 1982 को संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा की गई थी। यह दिवस 1982 में लेबनान और इजरायल के बीच हुए युद्ध में पीड़ित बच्चों की याद में मनाया जाता है। बता दें कि इस घटना के बाद 19 अगस्त, 1982 को यूएन की एक आपातकालीन बैठक हुई जिसमें लेबनान की स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए हर साल 4 जून को दुनियाभर के मासूम बच्चों के लिए तय किया गया। 

4 जून ही क्यों मनाया जाता है यह दिवस?

4 जून साल 1982 को इजराइल ने दक्षिणी लेबनान पर हमला किया, जिसके परिणामस्वरूप बड़ी संख्या में निर्दोष लेबनानी और फिलिस्तीनी मारे गए, जिसमें कई मासूम बच्चे भी शामिल थे। उस युद्ध के बाद कई बच्चे या तो मारे गए या घायल हो गए या फिर वे बेघर हो गए थे। ऐसे में इस दर्नाक घटना को याद रखने के लिए और युद्ध में बच्चों पर पड़ने वाले विनाशकारी प्रभावों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए हर साल 4 जून को आक्रामकता का शिकार हुए मासूम बच्चों का अंतरराष्ट्रीय दिवस मनाने का निर्णय लिया गया।

क्या है इस दिवस को मनाए जाने का उद्देश्य

इस दिवस को मनाने का उद्देश्य है बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए लोगों को प्रेरित करना, दुनियाभर मने हो रहे युद्ध और हिंसा को रोकने के प्रयासों को मजबूत करना,  शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक शोषण से पीड़ित बच्चों को श्रद्धांजलि देना, युद्ध और संघर्षों में बच्चों पर पड़ने वाले प्रभावों के बारे में जागरूकता फैलाना और बच्चों के लिए बेहतर दुनिया बनाने के लिए लोगों को प्रेरित करना। 

यह भी पढ़ें : हर साल 1 जून को मनाया जाता है अंतर्राष्ट्रीय बाल रक्षा दिवस, जानें क्या है इसका इतिहास

कैसे मनाया जाता है यह दिवस?

आक्रामकता का शिकार हुए मासूम बच्चों का अंतरराष्ट्रीय दिवस (International Day of Innocent Children Victims of Aggression in Hindi) दुनियाभर में विभिन्न तरीकों से मनाया जाता है। यहाँ कुछ सामान्य गतिविधियों के बारे में बताया गया है : 

  1. शिक्षा और जागरूकता कार्यक्रम : इस दिन आप खुद को और दूसरों को शिक्षित कर सकते हैं। आप जागरूकता बढ़ाने के लिए सोशल मीडिया, ब्लॉग पोस्ट या फिर किसी अन्य प्लेटफार्म का उपप्योग कर सकते हैं। वैश्विक स्तर पर बच्चों द्वारा सामना किये जान वाले आक्रामकता के विभिन्न रूपों के बारे में अपने आस पास के लोगों को जागरूक किया जाता है। इसके अलावा समुदाय, कार्यस्थलों और स्कूल- कॉलेजों में बच्चों पर होने प्रभावों के बारे में शिक्षित करने के लिए जागरूकता अभियान का आयोजन किया जाता है। 
  2. स्मारक कार्यक्रम : इस दिन पीड़ित बच्चों को श्रद्धांजलि देने और उनकी यादों को सम्मानित करने के लिए स्मारक कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। 
  3. बच्चों के लिए काम करने वाले संगठनों का समर्थन करें : आक्रामकता से प्रभावित बच्चों को सहायता और समर्थन प्रदान करने वाले संगठनों को दान करें। 
  4. सम्मलेन आयोजित करें : बच्चों पर हो रहे हिंसा को रोकने के लिए और बच्चों के अधिकारों पर चर्चा करने के लिए  सम्मेलन, कार्यशालाएं आदि आयोजित करें।

बच्चों के खिलाफ हिंसा का रिपोर्ट 

बच्चों के खिलाफ हिंसा का रिपोर्ट इस प्रकार है : 

  • हर साल दुनियाभर के लगभग 50% बच्चों को हिंसा का अनुभव करना पड़ता है। 
  • हर 5 मिनट में, दुनिया में कहीं न कहीं एक बच्चे की मौत हिंसा से होती है। 
  • एक रिपोर्ट के अनुसार 18 वर्ष की आयु से पहले 10 में से एक बच्चा यौन शोषण का शिकार होता है।
  • रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया भर में हर साल 246 मिलियन बच्चे स्कूल-संबंधित हिंसा का शिकार होते हैं।

FAQs

आक्रामकता के शिकार मासूम बच्चों का अंतर्राष्ट्रीय दिवस कब स्थापित किया गया था?

आक्रामकता के शिकार मासूम बच्चों के अंतर्राष्ट्रीय दिवस 19 अगस्त 1982 को संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा स्थापित किया गया था।

4 जून कौन सा अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाया जाता है?

दुनियाभर में हर साल 4 जून को आक्रामकता के शिकार मासूम बच्चों का अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाया जाता है। 

आक्रामकता के शिकार मासूम बच्चों का अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाने का क्या कारण है?

यह दिवस वैश्विक स्तर पर शारीरिक, मानसिक या हिंसा का सामना करने वाले बच्चों की पीड़ा को पहचानने के लिए स्थापित किया गया था।

संबंधित आर्टिकल्स

राष्ट्रीय उच्च शिक्षा दिवसतेलंगाना स्थापना दिवस
विश्व दुग्ध दिवसविश्व साइकिल दिवस
राष्ट्रीय मतदाता दिवसराष्ट्रीय युवा दिवस
राष्ट्रीय पक्षी दिवस राष्ट्रीय समुद्री दिवस 
ओडिशा दिवसवर्ल्ड इंट्रोवर्ट डे
अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा दिवसनेशनल स्टार्टअप डे 
अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस स्थापना दिवसनेशनल वॉकिंग डे

आशा है कि इस ब्लाॅग में आपको International Day of Innocent Children Victims of Aggression in Hindi से जुड़ी पूरी जानकारी मिल गई होगी। इसी तरह के अन्य ट्रेंडिंग आर्टिकल्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

Leave a Reply

Required fields are marked *

*

*