“जब मनुष्य ने साइकिल का आविष्कार किया तो वह अपनी उपलब्धियों के शिखर पर पहुंच गया।” – एलिजाबेथ वेस्ट, अमेरिकी लेखक। हर साल 3 जून को विश्व साइकिल दिवस मनाया जाता है। आइए जानते हैं कि हम विश्व साइकिल दिवस क्यों मनाते हैं, विश्व साइकिल दिवस का महत्व और यह कैसे मनाया जाता है।
विश्व साइकिल दिवस क्यों मनाया जाता है?
साइकिल वातावरण को प्रदूषण मुक्त रखने का एक बेहतर साधन है। इससे वायु प्रदूषण को कम करने में मदद मिलती है क्योंकि इसे चलाने के लिए पेट्रोल या सीएनजी जैसे किसी ईंधन की जरूरत नहीं पड़ती। साथ ही इसे चलाने से शरीर की अच्छी खासी एक्सरसाइज हो जाती है। लोगों को साइकिल की उपयोगिता बताने और रोजाना के काम में साइकिल का इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से इस दिन को मनाने की शुरुआत की गई।
विश्व साइकिल दिवस का उद्देय साइकिल के महत्व समझाते हुए स्वास्थ्य और पर्यावरण को होने वाले फायदों को लेकर आम जनता को जागरूक करना है।
यूनाइटेड नेशंस के अनुसार, विश्व साइकिल दिवस को मनाने का एक उद्देश्य दुनियाभर के देशों को विभिन्न डेवलपमेंट स्ट्रेटेजीज़ पर ध्यान केंद्रित करने और इंटरनेशनल, नेशनल, रीजनल डेवलपमेंट पॉलिसीज़ और कार्यक्रमों में साइकिल को शामिल करने के लिए प्रोत्साहित करना है। इसके साथ ही विश्व साइकिल दिवस पैदल यात्री सुरक्षा और साइकिल चालन की सुरक्षा को भी बढ़ावा देता है। लोगों के बीच साइकिल चलाने के प्रचलन को बढ़ावा देना इसका उद्देश्य है।
विश्व साइकिल दिवस की शुरुआत कैसे हुई?
विश्व साइकिल दिवस की शुरुआत अप्रैल 2018 में शुरू हुई। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 3 जून को बतौर विश्व साइकिल दिवस मनाने के लिए ऑफिशियल दिवस घोषित करने का प्रस्ताव अपनाया था। विश्व साइकिल दिवस की स्थापना की पहल तुर्कमेनिस्तान द्वारा की गई थी, जिसके बाद से विश्वभर में साइकिल दिवस 3 जून को सेलिब्रेट किया जाता रहा है।
कैसे मनाया जाता है विश्व साइकिल दिवस?
विश्व साइकिल दिवस मनाने के सभी के अलग- अलग तरीके हो सकते हैं। नीचे विश्व साइकिल दिवस को क्रिएटिव तरीके से मानाने के कुछ आइडियाज़ दिए जा रहे हैं-
साइकिल पार्टी का आयोजन करें: बाइक-थीम वाली पार्टी के लिए अपने दोस्तों और परिवार को आमंत्रित करें। आप साइकिल के इतिहास के बारे में साइकिल का एक लंबा और आकर्षक इतिहास जान सकते हैं और अपने दोस्तों के साथ साझा कर सकते हैं। उन लोगों के बारे में जानें जिन्होंने साइकिल का आविष्कार किया, विभिन्न प्रकार की साइकिलें जो वर्षों से विकसित हुई हैं, और साइकिल ने समाज में जो भूमिका निभाई है। अपनी साइकिल के साथ रचनात्मक बनें, उसे स्प्रे पेंट/ रीपेयर, कुछ स्टिकर लगा सकते हैं।
साइकिल चलाने के अपने प्यार को दूसरों के साथ साझा करें: अपने दोस्तों और परिवार को साइकिल चलाने के लाभों के बारे में बताएं और उन्हें इसे आजमाने के लिए प्रोत्साहित करें।
प्रचार प्रसार करें: आप एक ब्लॉग पोस्ट भी लिख सकते हैं, एक वीडियो बना सकते हैं, या ट्वीट कर सकते हैं और इऔर इसे सोशल मीडिया पर साझा कर सकते हैं।
साइकिल से जुड़े कुछ रोचक तथ्य
- साइकिल का अविष्कार साल 1817 में जर्मनी में एक मैनुअल मशीन ड्रेजिन ‘draisine’ के जरिए हुआ। दरअसल, जर्मनी के एक सरकारी कर्मचारी Karl von Drais ने इसका इजाद किया था।
- साइकिल का यह नाम 1860 में फ्रांस में पड़ा. इसके पहले 1840 तक साइकिल ऐसे ही पैर से धक्के मारकर चलती रही।
- वैसे यूरोपीय देशों में बाइसिकिल के प्रयोग का विचार लोगों के दिमाग में 18वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में ही आ चुका था। हालांकि इसके एक बार अविष्काार के बाद साइकिल में कई तरह के बदलाव आते रहे।
- माना जाता है कि 1817 में जर्मनी के बैरन फ़ॉन ड्रेविस ने साइकिल की रूपरेखा तैयार की। यह लकड़ी की बनी सायकिल थी और इसका नाम ड्रेसियेन रखा गया था। सायकिल की स्पीड उस समय 15 किलो मीटर प्रति घंटा थी।
- साइकिल का पहला मॉडल स्कॉटलैंड के एक लोहार कर्कपैट्रिक मैकमिलेन ने बनाया था।
- भारत में भी साइकिल के पहियों ने आर्थिक तरक्की में अहम भूमिका निभाई। 1947 में आजादी के बाद अगले कई दशक तक देश में साइकिल यातायात व्यवस्था का अनिवार्य हिस्सा रही।
- अनुमान के मुताबिक चाइन ऐसा देश है जहां लोग दुनिया में सबसे ज्यादा साइकिल का इस्तेमाल करते हैं। बताया जाता है कि हर घर में एक साइकिल है और देश में तकरीबन 50 करोंड से ज्यादा साइकिलें हैं।
- खबरों की मानें तो दुनिया जापान पहला देश है, जिसने केवल साइकिल पार्किंग के लिए अंडरग्राउंड मल्टीस्टोरी ऑटोमेटिक पार्किंग सिस्टम लगाया हुआ है।
- भारत में अब बाइक शौक ज्यादा है, लेकिन एक समय था जब देश में साइकिल का इस्तेमाल सबसे ज्यादा होता था। अनुमान के मुताबिक 1960 से लेकर 1990 तक भारत में ज्यादातर परिवारों के पास साइकिल थी।
- पहली निर्मित बाइक लगभग पूरी तरह से लकड़ी से बनी थी, और कई हजार का निर्माण और उपयोग किया गया था। जैसा कि आप कल्पना कर सकते हैं, जब दुर्घटनाओं की संख्या बढ़ गई तो इसकी लोकप्रियता नाटकीय रूप से फीकी पड़ गई – यह पुलिस द्वारा निषिद्ध थी!
- दुनिया की सबसे लंबी बाइक 135 फीट और 10.7 इंच लंबी थी – सैंटोस कंपनी और दक्षिण ऑस्ट्रेलिया विश्वविद्यालय ने 2015 में इस बाइक का निर्माण किया था। गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के निर्माणकर्ताओं को यह साबित करने की आवश्यकता थी कि बाइक कम से कम 100 मीटर की दूरी तय कर सकती है, बिना सवारों के जमीन को छूए – जो कि यह कर सकती है!
- साइकिल चलाने वाले शांत होते हैं – 2014 के एक मनोवैज्ञानिक अध्ययन में पाया गया कि साइकिल चालक बुद्धिमत्ता, उदारता और “कूल” कारक का एक अनूठा मिश्रण प्रदर्शित करते हैं। अब आपकी बाइक पर आने का एक कारण है!
- डेमियन हेयरस्ट ने दुनिया की सबसे महंगी बाइक डिजाइन की है
- अब तक की सबसे महंगी बाइक, डेमियन हेयरस्ट की ट्रेक मैडोन या बटरफ्लाई बाइक, को सोदरबी में $500,000 में नीलाम किया गया।
- सबसे बड़ी सवारी करने योग्य साइकिल का पहिया व्यास 3.3 मीटर (10 फीट 9.92 इंच) है और जर्मनी से दीदी सेनफ्ट द्वारा बनाया गया था।
यह था विश्व साइकिल दिवस ओर हमारा आर्टिकल। ऐसी ही रोचक जानकरी के लिए बने रहिये हमारी वेबसाइट के साथ।