भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) गगनयान मिशन (Gaganyaan Mission in Hindi) के लिए एक और महत्वपूर्ण मानव अंतरिक्ष उड़ान की तैयारी कर रहा है। वहीं, पहला इंटीग्रेटेड एयर ड्रॉप टेस्ट (आईएडीटी) 30 अप्रैल तक होने की संभावना है। हालांकि इस संबंध में अभी तक ऑफिशियल अनाउंसमेंट नहीं किया गया है।
गगनयान मिशन में पहले इंटीग्रेटेड एयर ड्रॉप परीक्षण के लिए क्रू मॉड्यूल को भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टर से जमीनी स्तर से 4-5 किमी की ऊंचाई से गिराया जाएगा। यह परीक्षण क्रू मॉड्यूल की सुरक्षित लैंडिंग और क्रू मॉड्यूल की रिकवरी की पुष्टि करेंगे।
एल्यूमीनियम और स्टील जैसी मजबूत सामग्रियों से बना क्रू कैप्सूल को चिनूक हेलीकॉप्टर पर लटकाया जाएगा। उसके बाद इसे तय की गयी ऊंचाई पर पहुंच कर समुद्र के ऊपर छोड़ दिया जाएगा।
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यह परीक्षण गगनयान मिशन की पहली मानव रहित कक्षीय उड़ान से पहले अंतिम प्रमुख तैयारी चरणों में से एक है। तीन दिवसीय गगनयान मिशन के हिस्से के रूप में 2024 – 2025 में उड़ान भरने की उम्मीद है। तीन नामित अंतरिक्ष यात्री को 400 किमी के लिए पृथ्वी की कक्षा में लॉन्च किया जाएगा और सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाया जाएगा।
इसरो के अधिकारियों द्वारा यह कहा गया कि ये परीक्षण क्रू मॉड्यूल की सुरक्षित रिकवरी की पुष्टि करेंगे, जहां अंतरिक्ष यात्रियों को रखा जाएगा और पृथ्वी पर लौटने पर अंतरिक्ष यात्रियों के लिए सुरक्षित लैंडिंग सुनिश्चित करेंगे।
ड्रॉप के दौरान पहले स्टेबलाइजर पैराशूट अलग हो जाएगा और उसके बाद मॉड्यूल का शीर्ष कवर अलग हो जाएगा। फिर ड्रग च्यूट को प्राथमिक शूट के बाद तैनात किया जाएगा, जो क्रू मॉड्यूल को नियंत्रित टचडाउन बनाने में मदद करेगा। ये शूट विभिन्न स्तरों पर क्रू मॉड्यूल की गति को नियंत्रित करेंगे और इसे स्थिर करने में मदद करेंगे।
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गगनयान मिशन का उद्देश्य क्या है?
गगनयान मिशन पहला स्वदेशी मिशन है जो भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजेगा। गगनयान मिशन का उद्देश्य LEO को मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन शुरू करने के लिए स्वदेशी क्षमता को दिखाना है। सौर प्रणाली और उससे आगे का पता लगाने के लिए रोबोट मिशन की दिशा में प्रगति करना है।
गगनयान मिशन में महिला रोबोट को भेजा जाएगा। रोबोट हिंदी और इंग्लिश दोनों लैंग्वेज बोल सकता है। बूस्टर इंजन जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल MkIII (GSLV Mk III) रॉकेट का हिस्सा है। इस मिशन के प्रक्षेपण में स्वदेशी हेल्थ रिसर्च मॉड्यूल सहित कई अनुसंधान मॉड्यूल के साथ 500 से अधिक उद्योग शामिल हैं। इस मिशन की लाॅन्चिग के बाद भारत एलीट क्लब ऑफ नेशंस (अमेरिका, चीन और रूस) में शामिल हो जाएगा।
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