स्वतंत्रता की लड़ाई में अपना सर्वस्व न्यौछावर करने वाले असंख्य स्वतंत्रता सेनानी रहे जिनमें से एक सरदार पटेल भी थे, जिन्होंने राष्ट्रहित हेतु अपना जीवन समर्पित किया। लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल के ही अथक प्रयासों का परिणाम था कि भारतीय संघ में, भारत की सभी रियासतों का सफलता पूर्वक विलय हुआ। इस विलय ने भारत को एक राष्ट्र के रूप में सशक्त और समृद्ध बनाया। इस ब्लॉग में आपको लोहपुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल का नारा पढ़ने का अवसर प्राप्त होगा, इन्हीं नारों और इन्हीं विचारों ने भारत के युवाओं को और स्वतंत्रता संग्राम को एक नई दिशा प्रदान की। सरदार वल्लभ भाई पटेल का नारा पढ़कर आप भारत को विकसित बनाने में अहम भूमिका निभा सकते हैं। सरदार पटेल के नारे पढ़कर ऐसी राष्ट्रवादी सोच से परिचित हो पाएंगे, जिसके लिए आपको इस ब्लॉग को अंत तक पढ़ना पड़ेगा।
सरदार वल्लभ भाई पटेल का नारा
सरदार वल्लभ भाई पटेल का नारा की इस पोस्ट में आपको लोहपुरुष सरदार पटेल जी के उन नारों के बारे में पता चलेगा, जो कि आपको प्रेरित करेंगे। ऐसे महान नारे निम्नलिखित हैं-
एक भारत, श्रेष्ठ भारत।
मान-सम्मान किसी के देने से नहीं मिलता, अपनी योग्यतानुसार मिलता है।
हमारे देश में अनेक धर्म, अनेक भाषाएं हैं लेकिन हमारी संस्कृति एक ही है।
कठिन समय में कायर बहाना ढूंढते हैं, तो वहीं बहादुर व्यक्ति रास्ता खोजते है।
हमें ऊंच-नीच, अमीर-गरीब और जातिप्रथा के भेदभावों को समाप्त कर देना चाहिए।
गरीबों की सेवा ही, ईश्वर की सेवा है।
बोलने में मर्यादा मत छोड़ना, गालियां देना तो कायर का काम है।
प्रजा का विश्वास, राज्य की निर्भयता की निशानी है।
अविश्वास, भय का प्रमुख कारण है।
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सरदार पटेल के 10 अनमोल विचार
सरदार पटेल के 10 अनमोल विचार कुछ इस प्रकार हैं, ये विचार आपको राष्ट्रहित में दृढ़संकल्पित रहने के लिए प्रेरित करेंगी;
लोहा भले ही गर्म हो जाए, हथौड़े को तो ठंडा ही रहना चाहिए अन्यथा वह स्वयं अपना हत्था जला डालेगा।
शक्ति के अभाव में विश्वास व्यर्थ है। विश्वास और शक्ति, दोनों किसी महान काम को करने के लिए आवश्यक हैं।
जीवन की डोर तो ईश्वर के हाथ में है, इसलिए चिंता की कोई बात हो ही नहीं सकती।
जात-पात के ऊंच-नीच के भेदभाव को भुलाकर सब एक हो जाइए।
काम करने में तो मजा ही तब आता है, जब उसमें मुसीबत होती है।
इस मिट्टी में कुछ अनूठा है, जो कई बाधाओं के बावजूद हमेशा महान आत्माओं का निवास रहा है।
जो काम प्रेम, शांति से होता है, वह वैर-भाव से नहीं होता।
हर भारतीय का भारत पर समान अधिकार है, जिसके साथ कुछ जिम्मेदारियां भी हैं।
संस्कृति समझ-बूझकर शांति पर रची गयी है, मरना होगा तो वे अपने पापों से मरेंगे।
जीवन की डोर तो ईश्वर के हाथ में है, इसलिए चिंता की कोई बात हो ही नहीं सकती।
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FAQs
सरदार पटेल को लौह पुरुष की उपाधि महात्मा गांधी ने नीतिगत दृढ़ता के लिए दी थी।
सरदार पटेल ने भारत की रियासतों को एकता के सूत्र में बांधकर, राष्ट्रवाद के लिए समाज को प्रेरित किया था। इसी कारण उन्हें ‘भारत का बिस्मार्क’ कहा जाता है।
राजस्थान के लौह पुरुष के नाम से ‘दामोदर लाल व्यास’ प्रसिद्ध हैं।
आशा है कि आपको ‘सरदार वल्लभ भाई पटेल का नारा’ पर आधारित यह ब्लाॅग जानकारी से भरपूर लगा होगा। इसी तरह के अन्य जनरल नॉलेज के ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।