स्वतंत्रता की लड़ाई में अपना सर्वस्व न्यौछावर करने वाले असंख्य स्वतंत्रता सेनानी रहे जिनमें से एक सरदार पटेल भी थे, जिन्होंने राष्ट्रहित हेतु अपना जीवन समर्पित किया। लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल के ही अथक प्रयासों का परिणाम था कि भारतीय संघ में, भारत की सभी रियासतों का सफलता पूर्वक विलय हुआ। इस विलय ने भारत को एक राष्ट्र के रूप में सशक्त और समृद्ध बनाया। इस पोस्ट में लोहपुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल का नारा, आपको उनके राष्ट्रवादी सोच से परिचित कराएगा, जिसके लिए आपको यह पोस्ट अंत तक पढ़नी पड़ेगी।
सरदार वल्लभ भाई पटेल का नारा
सरदार वल्लभ भाई पटेल का नारा की इस पोस्ट में आपको लोहपुरुष सरदार पटेल जी के उन नारों के बारे में पता चलेगा, जो कि आपको प्रेरित करेंगे। ऐसे महान नारे निम्नलिखित हैं-
- मान-सम्मान किसी के देने से नहीं मिलता, अपनी योग्यतानुसार मिलता है।
- हमारे देश में अनेक धर्म, अनेक भाषाएं हैं लेकिन हमारी संस्कृति एक ही है।
- कठिन समय में कायर बहाना ढूंढते हैं, तो वहीं बहादुर व्यक्ति रास्ता खोजते है।
- हमें ऊंच-नीच, अमीर-गरीब और जातिप्रथा के भेदभावों को समाप्त कर देना चाहिए।
- बोलने में मर्यादा मत छोड़ना, गालियां देना तो कायर का काम है।
- प्रजा का विश्वास, राज्य की निर्भयता की निशानी है।
- गरीबों की सेवा ही, ईश्वर की सेवा है।
- अविश्वास, भय का प्रमुख कारण है।
FAQs
सरदार पटेल को लौह पुरुष की उपाधि महात्मा गांधी ने नीतिगत दृढ़ता के लिए दी थी।
सरदार पटेल ने भारत की रियासतों को एकता के सूत्र में बांधकर, राष्ट्रवाद के लिए समाज को प्रेरित किया था। इसी कारण उन्हें ‘भारत का बिस्मार्क’ कहा जाता है।
राजस्थान के लौह पुरुष के नाम से ‘दामोदर लाल व्यास’ प्रसिद्ध हैं।
आशा है कि आपको ‘सरदार वल्लभ भाई पटेल का नारा’ पर आधारित यह ब्लाॅग जानकारी से भरपूर लगा होगा। इसी तरह के अन्य जनरल नॉलेज के ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।