अगर आप जल्द ही अपनी ज़िन्दगी में कॉलेज का चैप्टर शुरू करने वाले हैं, तो आपको अभी से बहुत बधाई। सही कॉलेज का चयन हमेशा से कन्फ्यूजन भरा रहता है। स्कॉलैस्टिक्स, फील्ड ऑफ स्टडी और कैंपस साइज कि कुछ बाते हैं, जिनका ध्यान छात्रों को यूनिवर्सिटी का चयन करते समय रखना चाहिए। इसके साथ ही यूनिवर्सिटी को भी स्टूडेंट्स को उनके च्वाइस के सबजेक्ट में स्पेशलाइजेशन देना चाहिए और उनके स्कॉलरली और वोकेशनल लक्ष्यों तक पहुंचने में उनकी मदद करनी चाहिए। Public vs Private University की डिबेट काफी पुरानी है और नए शिक्षा संस्थानों के आने से इसे खास अहमियत मिल रही है। इस ब्लॉग में पब्लिक वर्सेस प्राइवेट यूनिवर्सिटीज को लेकर सभी सवालों के जवाब दिए गए हैं, जिससे इन दो अलग तरह के संस्थानों के बीच का अंतर समझा जा सके।
This Blog Includes:
- पब्लिक (सरकारी) यूनिवर्सिटीज
- प्राइवेट यूनिवर्सिटी
- पब्लिक और प्राइवेट यूनिवर्सिटी में अंतर
- फंडिंग सोर्सेज
- पब्लिक और प्राइवेट यूनिवर्सिटीज के बीच समानताएं
- पब्लिक वर्सेस प्राइवेट यूनिवर्सिटीज़ के लाभ और नुकसान
- पब्लिक वर्सेस प्राइवेट यूनिवर्सिटीज में कैसे करें चयन
- भारत की प्राइवेट यूनिवर्सिटीज
- भारत की पब्लिक यूनिवर्सिटीज
- FAQs
पब्लिक (सरकारी) यूनिवर्सिटीज
पब्लिक यूनिवर्सिटीज को सरकार चलाती है, इसे सरकारी यूनिवर्सिटी भी कहते हैं। पब्लिक यूनिवर्सिटीज की अहम बात यह है कि यह स्टेट-फाइनेन्स्ड होती हैं। सरकार से मिलने वाला फंड यूनिवर्सिटी के इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास करने, बेहतर शिक्षण संभावनाएं देने और एनरोल हुए स्टूडेंट्स को बेहतर एक्सपोजर देने के लिए होता है। नीचे विश्व की कुछ सबसे अच्छी पब्लिक यूनिवर्सिटीज की लिस्ट दी गई है जो आधुनिक प्रोफेशनल दुनिया के हिसाब से टॉप क्लास एजुकेशन देती हैं।
- कैलिफ़ोर्निया यूनिवर्सिटी, लोस एंजेलिस (अमेरिका)
- मिशिगन यूनिवर्सिटी (अमेरिका)
- वाशिंगटन यूनिवर्सिटी (अमेरिका)
- म्युनिक टेक्निकल यूनिवर्सिटी (जर्मनी)
- इम्पीरियल कॉलेज लंदन (इंग्लैंड)
- ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी (इंग्लैंड)
- आल्टो यूनिवर्सिटी (फ़िनलैंड)
- यूनिवर्सिटी ऑफ़ वर्जिनिया (अमेरिका)
- यूनिवर्सिटी ऑफ़ फ्लोरिडा (अमेरिका)
प्राइवेट यूनिवर्सिटी
प्राइवेट यूनिवर्सिटी वो शैक्षणिक संस्थान होते हैं जिनकी फाइनेंसिंग स्टूडेंट्स की एजुकेशनल कॉस्ट, वेंचर्स, डोनर्स और प्राइवेट हेल्पर्स से होती है। विश्व के कई जाने माने शैक्षणिक संस्थान प्राइवेट कॉलेज हैं इनमें प्रतिष्ठित आईवी लीग स्कूल भी शामिल हैं। नीचे विश्व भर की कुछ प्रसिद्ध प्राइवेट यूनिवर्सिटीज की लिस्ट दी गई है जिनमें आप दाखिला ले सकते हैं :
- हार्वर्ड यूनिवर्सिटी (अमेरिका)
- प्रिंसटन यूनिवर्सिटी (अमेरिका)
- स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी (अमेरिका)
- एमोरी यूनिवर्सिटी (अमेरिका)
- नार्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी (अमेरिका)
- शिकागो यूनिवर्सिटी (अमेरिका)
- वेंडरबिल्ट यूनिवर्सिटी (अमेरिका)
- कोलंबिया यूनिवर्सिटी (अमेरिका)
- ड्यूक यूनिवर्सिटी (अमेरिका)
- कॉर्नेल यूनिवर्सिटी (अमेरिका)
पब्लिक और प्राइवेट यूनिवर्सिटी में अंतर
पब्लिक वर्सेस प्राइवेट यूनिवर्सिटीज की बात करते वक्त ऐसे बहुत से बिंदु हैं जिन पर दोनों में अंतर देखा जा सकता है। नीचे टेबल में पब्लिक वर्सेस प्राइवेट यूनिवर्सिटीज में कुछ प्रमुख अंतर बताए गए हैं :
अंतर के बिंदु | पब्लिक यूनिवर्सिटी | प्राइवेट यूनिवर्सिटी |
फंडिंग सोर्सेज | पब्लिक यूनिवर्सिटी को राज्य सरकार और उसकी सब्सिडीज से फंड मिलता है | प्राइवेट यूनिवर्सिटी को प्राइवेट वेंचर्स, इन्वेस्टर्स और ट्यूशन फीस से फंड मिलता है |
ट्यूशन फीस | सरकारी फंडिंग के कारण इनकी ट्यूशन फीस कम होती है। लगभग हर राज्य में पब्लिक यूनिवर्सिटी होती हैं जहां बहुत कम फीस लगती है। | प्राइवेट यूनिवर्सिटीज में ज्यादा ट्यूशन फीस होती है जिससे कॉलेज की तमाम जरूरतों को पूरा किया जाता है। |
स्कॉलरशिप | फाइनेंशियल एड मिलती है पर प्राइवेट यूनिवर्सिटी से कम | प्राइवेट यूनिवर्सिटीज में पब्लिक यूनिवर्सिटीज के मुकाबले लुभावनी स्कॉलरशिप दी जाती हैं जिससे स्टूडेंट्स को ज्यादा ट्यूशन फीस को भरने में मदद मिले |
मान्यता | पब्लिक यूनिवर्सिटीज को राज्य या केंद्र सरकार से मान्यता मिलती है | प्राइवेट यूनिवर्सिटीज को केंद्र से मान्यता लेनी पड़ती है। |
एडमिशन | पब्लिक यूनिवर्सिटीज में आमतौर पर ज्यादा सीट उपलब्ध होती हैं। इनमें चयन प्रक्रिया बहुत कठिन नहीं होती। | प्राइवेट यूनिवर्सिटीज सीमित संख्या में स्टूडेंट्स को एनरोल करती हैं। जिन्हें वो बेहतर मूल्यांकन और सख्त चयन प्रक्रिया से चुनती हैं। |
शिक्षकों का चयन | प्रोफेसर्स का मूल्यांकन उनके टीचिंग स्किल के आधार पर होता है। | प्रोफेसर्स का मूल्यांकन चयन से पहले उनकी रिसर्च एक्टिविटी के आधार पर होता है। |
उपलब्ध पाठ्यक्रम | स्टूडेंट्स के पास विषय चुनने के लिए ज्यादा विकल्प होते हैं। | पाठ्यक्रमों की संख्या सीमित होती है। |
फंडिंग सोर्सेज
पब्लिक वर्सेस प्राइवेट यूनिवर्सिटीज में एक मुख्य अंतर यह है कि पब्लिक यूनिवर्सिटी को आमतौर पर राज्य सरकार से फंडिंग मिलती है जबकि प्राइवेट यूनिवर्सिटीज को प्राइवेट वेंचर्स, इन्वेस्टर्स और ट्यूशन फीस से फंडिंग मिलती है।
क्या आप जानते हैं : जब बात कनाडा में पब्लिक वर्सेस प्राइवेट यूनिवर्सिटीज की होती है तो वहां ज्यादातर पब्लिक यूनिवर्सिटीज गवर्नमेंट सब्सिडाइज्ड होती हैं जबकि कनाडा में प्राइवेट कॉलेज और यूनिवर्सिटीज अपनी ऑपरेशन कॉस्ट ट्यूशन फीस, इनडाउमेंट और प्राइवेट डोनेशन के जरिए पूरा करती हैं।
ट्यूशन फीस और खर्च
Public vs Private University में ट्यूशन फीस और उनके अकादमिक कार्यक्रमों पर भी खर्च में भी अंतर देखा जा सकता है। एक तरफ जहां पब्लिक यूनिवर्सिटीज को राज्य से फंडिंग मिलती है, वो कम ट्यूशन फीस पर सस्ते कोर्स उपलब्ध कराती हैं और पढ़ाई की पूरी लागत भी प्राइवेट यूनिवर्सिटीज से कम होती है। वहीं, प्राइवेट यूनिवर्सिटीज में उनके कार्यक्रमों के लिए ट्यूशन फीस बहुत ज्यादा होती है और इसलिए ये स्टूडेंट के बजट पर भारी पड़ती है।
स्कॉलरशिप
यह बिंदु पिछले बिंदु पर आधारित है जिसमें पब्लिक वर्सेस प्राइवेट यूनिवर्सिटीज में फीस का अंतर बताया गया था। चूंकि पब्लिक यूनिवर्सिटीज कम खर्च में पाठ्यक्रम और कार्यक्रम उपलब्ध कराती हैं आपको यहां सरकारी स्कॉलरशिप और फाइनेंशियल एड स्कीम मिल सकती है। वहीं, प्राइवेट यूनिवर्सिटीज लुभावनी स्कॉलरशिप और फाइनेंशियल एड देकर के स्टूडेंट्स को ज्यादा ट्यूशन फीस भरने में मदद करती हैं। इसलिए यहां पर पब्लिक यूनिवर्सिटीज के मुकाबले ज्यादा स्कॉलरशिप और स्कीम उपलब्ध होती हैं।
मान्यता
पब्लिक यूनिवर्सिटीज को आमतौर पर राज्य या केंद्र सरकार से मान्यता मिलती है और इनको क्षेत्रीय स्तर पर भी मान्यता मिल सकती है। प्राइवेट यूनिवर्सिटीज को केंद्र सरकार से मान्यता लेनी पड़ती है यानि केंद्र सरकार के अंतर्गत आने वाले यूनिवर्सिटी कमशीन या विभाग से मान्यता मिलती है। अगर यह मान्यता नहीं ली जाए तो यूनिवर्सिटी को शिक्षण और डिग्री देने का अधिकार नहीं मिलता। इसलिए पब्लिक वर्सेस प्राइवेट यूनिवर्सिटीज में चुनाव करते वक्त यह जांच लेना जरूरी होता है कि यूनिवर्सिटी को नेशनल अथोरिटी से मान्यता मिली है या नहीं।
क्या आप जानते हैं : यूके में पब्लिक और प्राइवेट यूनिवर्सिटीज के बीच यह अंतर है कि पब्लिक यूनिवर्सिटीज को पढ़ाने और अनुसंधान के लिए गर्वनमेंट फंडिंग काउंसिल से फंड मिलता है वहीं, प्राइवेट यूनिवर्सिटीज को केवल उनकी ट्यूशन फीस से फंड मिलता है।
उपलब्ध कोर्सेज
Public vs Private University में अगला अंतर यह है कि पब्लिक यूनिवर्सिटीज में तमाम प्रकार के ढेर सारे कोर्स उपलब्ध होते हैं वहीं, प्राइवेट यूनिवर्सिटीज स्पेशलाइज्ड इंस्टीट्यूट हो सकती हैं या छोटे संस्थान हो सकते हैं जहां पर स्पेशलाइज्ड स्टडी या सीमित पाठ्यक्रम मौजूद होते हैं।
एडमिशन
Public vs Private University में एडमिशन प्रक्रिया में भी बड़ा अंतर देखा जा सकता है। पब्लिक यूनिवर्सिटीज में सीटों की संख्या अधिक होती है और इनकी चयन प्रक्रिया भी आसान होती है वहीं प्राइवेट यूनिविर्सीज में सीटों की संख्या कम होती है और इनकी चयन प्रक्रिया भी कठिन होती है।
क्या आप जानते हैं : पब्लिक वर्सेस प्राइवेट यूनिवर्सिटीज का मुख्य अंतर यह है कि प्राइवेट यूनिवर्सिटीज की तुलना में गवर्नमेंट यूनिवर्सिटीज अपनी कम ट्यूशन फीस के लिए जानी जाती हैं। गवर्नमेंट यूनिवर्सिटीज में आप फीस कम कराने के लिए भी आवेदन कर सकते हैं क्योंकि वे कई तरह की स्कॉलरशिप, कोटा आधारित रिजर्वेशन एससी, एसटी, ओबीसी, स्पोर्ट्स कोटा आदि के लिए खास रियायत भी देती हैं।
पब्लिक और प्राइवेट यूनिवर्सिटीज के बीच समानताएं
अब जब आप Public vs Private University के बीच बड़े अंतर को जान चुके हैं तो चलिए उनके बीच की कुछ समानताएं भी जान लीजिए। जितना आप सोचते हैं, पब्लिक और प्राइवेट यूनिवर्सिटीज के बीच उससे कहीं ज्यादा समानताएं हैं। सामान्य पक्ष देखें तो पब्लिक और प्राइवेट यूनिवर्सिटीज के बीच मुख्य समानता यह है कि ये दोनों ही तमाम क्षेत्रों में कई तरह के कोर्स उपलब्ध कराते हैं, इनकी एडमिशन प्रक्रिया एक समान होती है फिर चाहे वो एंट्रेंस एग्जाम हो या फिर मेरिट लिस्ट से चुनाव किया जाए। साथ ही, दोनों को प्रमुख एजूकेशनल बोर्ड से मान्यता प्राप्त होना जरूरी होता है। कॉलेजों और संस्थानों के विस्तार की बात हो या चयन प्रक्रिया और स्कॉलरशिप की, बहुत सी प्राइवेट यूनिवर्सिटीज हैं जो पब्लिक यूनिवर्सिटीज के समान ही होती हैं।
पब्लिक वर्सेस प्राइवेट यूनिवर्सिटीज़ के लाभ और नुकसान
बहुत सारे स्टूडेंट्स प्राइवेट यूनिवर्सिटीज की तुलना में पब्लिक यूनिवर्सिटीज के लाभ जानना चाहते हैं। तो, जब आप पब्लिक वर्सेस प्राइवेट यूनिवर्सिटीज को गूगल करेंगे, तो अंतर का सबसे सामान्य क्राइटेरिया फंडिंग मिलेगा। पब्लिक कॉलेज और यूनिवर्सिटीज को सरकार से फंडिंग मिलती है फिर चाहे वो राज्य सरकार हो या केंद्र सरकार वहीं, प्राइवेट यूनिवर्सिटीज को ट्यूशन फीस, व्यापारिक घरानों, प्राइवेट इन्वेस्टर्स, संस्थापकों आदि से फंडिंग मिलती है। अगर आप पब्लिक वर्सेस प्राइवेट यूनिवर्सिटीज/ कॉलेजों के गुण और दोष जानना चाहते हैं तो इसका कोई सीधा जवाब नहीं है। एक स्टूडेंट के तौर पर, आपको ये गुण-दोष जानने के लिए कुछ प्रमुख मानकों पर ध्यान देना चाहिए :
- सबसे पहले अपनी प्राथमिकता के हिसाब से प्राइवेट और पब्लिक कॉलेज/यूनिवर्सिटीज और उनके प्रोग्राम जिनमें आपकी रुचि है की लिस्ट तैयार करें।
- इसके बाद सभी यूनिवर्सिटीज को उनके पाठ्यक्रम, इंडस्ट्री विजिट, ट्रेनिंग के अवसर, इन्फ्रास्ट्रक्चर, इंडस्ट्री एक्सपोजर, फैकल्टी व अन्य मानकों पर आकलन करें।
- कई पब्लिक यूनिवर्सिटीज लुभावनी स्कॉलरशिप देती हैं, जबकि प्राइवेट यूनिवर्सिटीज के पास सीमित वित्तीय संसाधन होते हैं।
- आपके द्वारा चुनी गई पब्लिक या प्राइवेट यूनिवर्सिटीज/कॉलेज के पूर्व छात्र के संपर्क में रहें और उनसे आपके द्वारा चुने गए कॉलेज या यूनिवर्सिटी की अच्छाइयों और खामियों की जानकारी लें।
क्या आप जानते हैं : जब बात Public vs Private University के आंकड़ों की आती है तो यूएस में सेकेंड्री एजूकेशन के बाद कॉलेज डिग्री अच्छा विकल्प बने हैं। 2008 के बड़े रिसेशन के बाद अमेरिका में पब्लिक यूनिवर्सिटीज में एनरोलमेंट 8 प्रतिशत बढ़कर 15 मिलियन हो गए हैं जबकि प्राइवेट यूनिवर्सिटीज में 5.5 प्रतिशत बढ़कर 5.4 मिलियन तक पहुंच गए हैं।
पब्लिक वर्सेस प्राइवेट यूनिवर्सिटीज में कैसे करें चयन
Public vs Private University का चयन करने और निर्णय लेने से पहले कई मानकों को ध्यान में रखना होता है। नीचे कई मानकों को अलग-अलग दिया गया है जो दोनों तरह की यूनिवर्सिटीज में बड़े अंतर को साफ दर्शाते हैं। इनसे स्टूडेंट की सभी जरूरतों को पूरी करने वाली यूनिवर्सिटी का चयन करने में बहुत मदद मिलेगी।
एजुकेशनल कॉस्ट
पब्लिक यूनिवर्सिटीज में कम ट्यूशन फीस होती है लेकिन यहां की चयन प्रक्रिया कठिन हो सकती है क्योंकि यहां कंपटीशन ज्यादा होता है। वहीं, प्राइवेट यूनिवर्सिटीज ज्यादा ट्यूशन फीस लेती हैं लेकिन इनकी चयन प्रक्रिया ज्यादा लचीली होती है। भले ही, सरकार से फंड प्राप्त स्कूलों को राज्य और ब्यूरोक्रेटिक प्रोजेक्ट्स से सहयोग मिलता है, वो कभी कभी ज्यादा फीस ले सकते हैं वहीं, कुछ प्राइवेट स्कूल स्टूडेंट की क्षमता और उनकी योग्यता को देखते हुए वाजिब फीस लेते हैं।
कैंपस साइज और कल्चर
कुछ लोग घनी आबादी और शोरगुल में रहते हैं वहीं, कुछ लोग शांतिपूर्ण और सुकून भरे वातावरण में रहना पसंद करते हैं जहां ज्यादा शोर न हो। ऐसे में कैंपस का साइज संस्थान का चयन करते वक्त बड़ी भूमिका निभा सकता है। Public vs Private University के लिहाज से देखें तो बहुत सारी पब्लिक यूनिवर्सिटीज के बड़े परिसर होते हैं जहां पर बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स समा सकते हैं। प्राइवेट स्कूल अपनी डाइवर्सिटी पर गर्व करते हैं जबकि उनके परिसर छोटे होते हैं। यह स्टूडेंट की पसंद पर निर्भर करता है कि वो किस तरह के माहौल में पढ़ना ज्यादा पसंद करते हैं और कहां उनकी क्षमताएं बढ़ सकती हैं।
शैक्षिक और स्वीकृति दर
बहुत सारे प्राइवेट स्कूलों खासतौर पर आईवी लीग संस्थानों में शैक्षिक और एक्सेप्टेंस गाइडलाइन काफी मुश्किल होते हैं। एक संभावित स्टूडेंट को इन सभी शर्तों को पूरा करना जरूरी होता है और एक बार स्कूल में दाखिला हो जाने के बाद उसके लिए इन सिद्धांतों को बनाए रखना भी जरूरी होता है। पब्लिक यूनिवर्सिटीज में बहुत कम नियम होते हैं और इनकी प्रवेश प्रक्रिया फ्लेक्सिबल होती है।
भारत की प्राइवेट यूनिवर्सिटीज
भारत की प्राइवेट यूनिवर्सिटीज नीचे दी गई हैं-
- एमिटी यूनिवर्सिटी
- मणिपाल उच्च शिक्षा अकादमी
- अमृता विश्व विद्यापीठम
- NMIMS (नरसी मोनजी इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज)
- शिव नादर विश्वविद्यालय
- उच्च शिक्षा के लिए आईसीएफएआई फाउंडेशन (डीम्ड विश्वविद्यालय)
- क्रिया विश्वविद्यालय
- सिम्बायोसिस इंटरनेशनल डीम्ड यूनिवर्सिटी
- क्राइस्ट डीम्ड यूनिवर्सिटी
- एलएनएम इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट
- चितकारा यूनिवर्सिटी
भारत की पब्लिक यूनिवर्सिटीज
भारत की पब्लिक यूनिवर्सिटीज के नाम नीचे दिए गए हैं-
- इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी
- सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय
- दिल्ली विश्वविद्यालय
- इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ साइंस
- टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च
- जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय
- मुंबई विश्वविद्यालय
- बनारस हिंदू विश्वविद्यालय
- गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय
- अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय
FAQs
सार्वजनिक विश्वविद्यालय दुनिया भर के निजी विश्वविद्यालयों की तुलना में कम शुल्क लेते हैं जो पूर्व को बेहतर विकल्प बनाता है। हालांकि, किसी प्रस्ताव को स्वीकार करने से पहले हर कॉलेज को कई मानकों पर आंकना और सभी तथ्यों को ध्यान में रखना सबसे अच्छा है।
सार्वजनिक विश्वविद्यालय कम ट्यूशन फीस की पेशकश करते हैं, लेकिन बेहद प्रतिस्पर्धी भी हैं और उनकी स्वीकृति दर कम है।
निजी विश्वविद्यालय उच्च शिक्षा के लिए एक उत्कृष्ट विकल्प हैं, हालांकि, ट्यूशन अधिक है, वे जरूरत-आधारित छात्रों को वित्तीय सहायता प्रदान करते हैं। कुछ बेहतरीन विश्वविद्यालय जैसे हार्वर्ड, प्रिंसटन, स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय निजी संचालित उच्च शिक्षा संस्थान हैं।
संयुक्त राज्य अमेरिका में 4000 से अधिक विश्वविद्यालय हैं और इसके कुछ सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालय जैसे हार्वर्ड,
येल, यूसीबी, जॉन्स हॉपकिन्स निजी और सार्वजनिक दोनों विश्वविद्यालयों का मिश्रण हैं। व्यक्तिगत पसंद, ट्यूशन लागत, कोर्स विवरण और भविष्य की संभावनाओं के आधार पर कोई भी अपना कॉलेज तय करता है।
आशा है कि इस ब्लॉग से आपको Public vs Private University के बारे में अहम जानकारी मिली होगी। अन्य प्रकार के ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu पर बने रहें।