Uttarakhand Ke Rashtriya Udyan: उत्तराखंड के राष्ट्रीय उद्यान और वन्यजीव अभयारण्य

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Uttarakhand Ke Rashtriya Udyan

Uttarakhand Ke Rashtriya Udyan: उत्तराखंड, जिसे प्यार से “देवभूमि” कहा जाता है, केवल अपनी आध्यात्मिकता और ऊँचे पहाड़ों के लिए ही मशहूर नहीं है, बल्कि यह अपनी अद्भुत प्राकृतिक सुंदरता, हरी-भरी घाटियों और दुर्लभ वन्यजीवों का भी घर है। इस राज्य के हृदय में स्थित राष्ट्रीय उद्यान प्रकृति प्रेमियों, ट्रैकिंग के शौकीनों और फोटोग्राफरों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं हैं। 

यदि आप यात्रा और प्रकृति के सौंदर्य को करीब से अनुभव करने के इच्छुक हैं, तो उत्तराखंड के ये नेशनल पार्क आपके लिए आदर्श गंतव्य हैं। यहाँ आपको बर्फ से ढकी चोटियाँ, हिम तेंदुआ और कस्तूरी मृग जैसे दुर्लभ जानवर, और ऐसे शांत जंगल मिलेंगे जो आपको प्रकृति की गोद में शांति का अनुभव कराएंगे। इस ब्लॉग में आपके लिए उत्तराखंड के राष्ट्रीय उद्यान और वन्यजीव अभयारण्य (Uttarakhand Ke Rashtriya Udyan) की संपूर्ण जानकारी दी गई है। 

उत्तराखंड के राष्ट्रीय उद्यान – Uttarakhand Ke Rashtriya Udyan

उत्तराखंड में छह ऐसे जंगल हैं जो बहुत ही खास हैं, इन्हें राष्ट्रीय उद्यान कहा जाता है। ये ऐसी शांत और सुंदर जगहें हैं जहाँ अनगिनत तरह के प्यारे पेड़-पौधे और अनोखे जानवर बिना किसी डर के रहते हैं। ये ऊँचे-ऊँचे बर्फीले पहाड़ों से लेकर हरी-भरी मुलायम घाटियों तक फैले हुए हैं, और हर एक जंगल की अपनी अलग ही जादू भरी सुंदरता है। यहाँ बर्फ से सजे पहाड़ दिखते हैं, गहरे और शांत जंगल हैं, और ऐसे रंगीन फूल खिलते हैं जो मन को मोह लेते हैं। 

इसके साथ ही, यहाँ बाघ, हाथी, बर्फ में रहने वाले तेंदुए और बहुत सारे रंगीन पक्षी अपनी मस्ती में घूमते हुए मिल जाएँगे। ये उद्यान सिर्फ जानवरों को बचाने के लिए नहीं बनाए गए हैं, बल्कि ये उन लोगों के लिए भी एक सपने जैसी जगह हैं जिन्हें प्रकृति से प्यार है और जो शांत व सुंदर जगहों पर घूमना पसंद करते हैं। 

उत्तराखंड के छह मुख्य राष्ट्रीय उद्यान 

उत्तराखंड के छह मुख्य राष्ट्रीय उद्यान (National Parks of Uttarakhand in Hindi) इस प्रकार हैं:-

  • जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान (Jim Corbett National Park)
  • नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान (Nanda Devi National Park)
  • फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान (Valley of Flowers National Park)
  • राजाजी राष्ट्रीय उद्यान (Rajaji National Park)
  • गोविंद राष्ट्रीय उद्यान (Govind National Park)
  • गंगोत्री राष्ट्रीय उद्यान (Gangotri National Park)

जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान (Jim Corbett National Park)

जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान (Jim Corbett National Park)

उत्तराखंड की हरी-भरी वादियों में बसा जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान न केवल भारत का, बल्कि पूरे एशिया का पहला राष्ट्रीय पार्क है। इसकी स्थापना 1936 में हुई थी और तब इसे हेली नेशनल पार्क के नाम से जाना जाता था, जो तत्कालीन गवर्नर सर हेली के सम्मान में रखा गया था। इस उद्यान को बनाने का मुख्य उद्देश्य बंगाल के शानदार बाघों की रक्षा करना था।

यह उद्यान दो जिलों, पौढ़ी गढ़वाल (लगभग 312.76 वर्ग किमी) और नैनीताल (लगभग 208.8 वर्ग किमी) में फैला हुआ है, जिसका कुल क्षेत्रफल 520.82 वर्ग किमी है। इसका मुख्यालय खूबसूरत कालाढुंगी शहर में स्थित है। 

यह उद्यान वन्यजीव प्रेमियों के लिए एक स्वर्ग है, और यही कारण है कि उत्तराखंड के सभी राष्ट्रीय उद्यानों में सबसे अधिक पर्यटक यहीं आते हैं। कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान का मुख्य प्रवेश द्वार रामनगर में ढिकाला नामक स्थान पर स्थित है। वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में इस उद्यान का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। 1 नवंबर 1973 को, विश्व वन्य जंतु कोष (W.W.F.) ने इसे भारत का पहला बाघ संरक्षण क्षेत्र घोषित किया, और यहीं से भारत की महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट टाइगर योजना की शुरुआत हुई।

बाघों के साथ-साथ, इस उद्यान में घड़ियालों के संरक्षण पर भी विशेष ध्यान दिया जाता है। उद्यान के मध्य में खूबसूरत पाटलीदून घाटी स्थित है, और इसके बीच से पश्चिमी रामगंगा नदी बहती है, जो इसकी प्राकृतिक सुंदरता को और भी बढ़ा देती है। पर्यावरण संरक्षण के प्रति संवेदनशीलता दिखाते हुए, अप्रैल 2012 में पार्क के चारों ओर 500 मीटर के क्षेत्र को साइलेंस जोन घोषित किया गया है। बाघों की सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए, 2013 में केंद्र सरकार की सहायता से 118 सदस्यीय स्पेशल टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स (एसटीपीएफ) का गठन किया गया है। 

जिम कार्बेट के जीवन और कार्यों को समर्पित एक संग्रहालय जिम कार्बेट म्युजियम कालाढुंगी में स्थित है, जिसे पर्यटक अवश्य देखते हैं। वर्तमान में, इस उद्यान में लगभग 250 बाघ हैं, जो इसकी संरक्षण प्रयासों की सफलता को दर्शाते हैं।

बताना चाहेंगे प्रशासनिक रूप से, यह विशाल राष्ट्रीय उद्यान चार मुख्य क्षेत्रों (जोन्स) में विभाजित है:- 

  • बिजरानी रेंज
  • ढिकाला रेंज
  • झिरना रेंज 
  • दुर्गादेवी रेंज

जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान न केवल एक ऐतिहासिक वन्यजीव संरक्षण क्षेत्र है, बल्कि यह प्रकृति की अद्भुत सुंदरता और वन्यजीवों की विविधता का एक जीता-जागता उदाहरण भी है, जो हर साल लाखों पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है।

नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान (Nanda Devi National Park)

नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान (Nanda Devi National Park)

उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान एक ऐसा अद्भुत प्राकृतिक खजाना है, जहाँ ऊँची चोटियाँ आकाश को छूती हैं और शांति हर कोने में बसती है। इसकी स्थापना 1982 ईस्वी में हुई थी और यह लगभग 624 वर्ग किलोमीटर के विशाल क्षेत्र में फैला हुआ है। इस उद्यान का मुख्यालय खूबसूरत शहर जोशीमठ में स्थित है। 

यह उद्यान अपनी एक खास विशेषता के लिए जाना जाता है, यह सर्वाधिक ऊंचाई पर स्थित राष्ट्रीय उद्यानों में से एक है, जिसकी ऊँचाई 5431 मीटर तक जाती है। इसकी भौगोलिक संरचना भी अनूठी है, जो इसे दो मुख्य भागों में विभाजित करती है – भीतरी और बाहरी। भीतरी भाग में शक्तिशाली नंदा देवी पर्वत विराजमान है, जिसके साथ रमणीय रमनी ग्लेशियर और रहस्यमयी ऋषि ग्लेशियर भी इसी क्षेत्र का हिस्सा हैं। यहाँ से पवित्र ऋषिगंगा नदी का उद्गम होता है, जो इस क्षेत्र की सुंदरता और महत्व को और भी बढ़ा देती है।

नंदा देवी के इस दुर्गम और खूबसूरत क्षेत्र तक पहुँचने का पहला श्रेय साहसी खोजकर्ताओं एरिक शिपटन और टिलमैन को जाता है। उन्होंने 1936 में न केवल नंदा देवी तक सफलतापूर्वक आरोहण किया, बल्कि इस अद्भुत क्षेत्र को दुनिया के सामने भी रखा। इस उद्यान की प्राकृतिक और सांस्कृतिक महत्ता को देखते हुए, 1988 ईस्वी में यूनेस्को ने इसे विश्व विरासत स्थल के रूप में मान्यता दी है, जो इसे वैश्विक स्तर पर एक महत्वपूर्ण संरक्षण क्षेत्र बनाता है।

नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान उत्तराखंड का एक ऐसा अनमोल रत्न है जो अपनी ऊँचाई, अद्भुत प्राकृतिक दृश्यों, महत्वपूर्ण ग्लेशियरों और ऋषिगंगा नदी के उद्गम के साथ-साथ अपनी ऐतिहासिक खोज और यूनेस्को की विश्व विरासत स्थल की मान्यता के कारण भी विशेष महत्व रखता है। 

फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान (Valley of Flowers National Park)

Uttarakhand Ke Rashtriya Udyan: फूलों की घाटी उत्तराखंड के चमोली जिले में है। यह सन 1982 में बना और उत्तराखंड का सबसे छोटा नेशनल पार्क है। इसकी खोज सन 1931 में फ्रैंक स्माइथ ने की थी। यह घाटी हिमालय में 3600 मीटर ऊँचाई पर दो पहाड़ों के बीच में है। यहाँ पुष्पावती नाम की एक नदी बहती है। इस जगह पर बहुत सारे अलग-अलग तरह के पेड़-पौधे और जानवर मिलते हैं, खासकर लगभग 500 तरह के सुंदर फूल खिलते हैं। 

यहाँ कस्तूरी हिरण भी खूब पाए जाते हैं। फूलों को देखने का सबसे अच्छा समय जुलाई से अक्टूबर तक है। पुराने समय में इसे इंद्र का बगीचा भी कहते थे। बताना चाहेंगे वर्ष 2005 में यूनेस्को ने इस उद्यान को दुनिया की खास जगहों में शामिल किया था। 

राजाजी राष्ट्रीय उद्यान (Rajaji National Park)

उत्तराखंड के देहरादून, हरिद्वार और पौढ़ी जिलों में फैला राजाजी राष्ट्रीय उद्यान एक विशाल और विविध वन्यजीव क्षेत्र है। इसकी स्थापना सन 1983 में तीन पुराने वन्यजीव क्षेत्रों: मोतीचूर (1935 ईस्वी), राजाजी वन विहार (1948 ईस्वी) और चीला (1977 ईस्वी) को मिलाकर की गई थी। यह लगभग 820 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में विस्तृत है और इसका मुख्यालय देहरादून में स्थित है।

राजाजी राष्ट्रीय उद्यान, हाथियों और बारहसिंगा की सबसे अधिक संख्या के लिए जाना जाता है। यहाँ इन शानदार जीवों को उनके प्राकृतिक आवास में देखना एक अद्भुत अनुभव होता है। 

वर्ष 2015 में, इस उद्यान को उत्तराखंड का दूसरा बाघ संरक्षण केंद्र घोषित किया गया। क्या आप जानते हैं कि इस उद्यान का नाम भारत के पहले गवर्नर-जनरल चक्रवर्ती राजगोपालाचारी के सम्मान में रखा गया है।

राजाजी राष्ट्रीय उद्यान के मध्य से पवित्र गंगा नदी लगभग 24 किलोमीटर तक बहती है, जो इसकी प्राकृतिक सुंदरता को और भी बढ़ा देती है और वन्यजीवों के लिए जीवनदायिनी का कार्य करती है। यह उद्यान पर्यटकों के लिए साल के कुछ निश्चित महीनों में ही खुलता है। आमतौर पर, पर्यटक यहाँ 15 नवंबर से 15 जून तक वन्यजीवों और प्राकृतिक दृश्यों का आनंद ले सकते हैं।

गोविंद राष्ट्रीय उद्यान (Govind National Park)

उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित गोविंद राष्ट्रीय उद्यान एक महत्वपूर्ण वन्यजीव संरक्षण क्षेत्र है। इसकी स्थापना 1980 ईस्वी में हुई थी और यह लगभग 472 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है। इस उद्यान का मुख्यालय खूबसूरत शहर देहरादून में स्थित है। इस राष्ट्रीय उद्यान का नाम भारत के एक प्रमुख स्वतंत्रता संग्राम सेनानी गोविंद बल्लभ पंत के सम्मान में रखा गया है।

गोविंद राष्ट्रीय उद्यान के मध्य से टौंस नदी बहती है, जो इस क्षेत्र की जीवन रेखा है। इसके अलावा, उद्यान के भीतर खूबसूरत हर की दून घाटी स्थित है, जो ट्रैकिंग के शौकीनों के लिए एक स्वर्ग है। शांत रूइसियारा झील भी इसी पार्क के मध्य में स्थित है, जो पर्यटकों को अपनी सुंदरता से आकर्षित करती है।

यह राष्ट्रीय उद्यान विशेष रूप से दुर्लभ हिम तेंदुओं के संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण है। ऊँचे हिमालयी क्षेत्रों में पाया जाने वाला यह शानदार जीव इस उद्यान में सुरक्षित महसूस करता है। इसके अलावा, यह नेशनल पार्क दाढ़ी वाले गिद्धों के बचे हुए हिमालयी गढ़ों में से एक है, जो इस क्षेत्र की पारिस्थितिकी के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।

गंगोत्री राष्ट्रीय उद्यान (Gangotri National Park)

उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित गंगोत्री राष्ट्रीय उद्यान राज्य का सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यान है, जो वर्ष 1989 में स्थापित किया गया था और लगभग 2390 वर्ग किलोमीटर के विशाल क्षेत्र में फैला हुआ है। इस महत्वपूर्ण उद्यान का मुख्यालय देहरादून में स्थित है।

गंगोत्री राष्ट्रीय उद्यान के हृदय से पवित्र भागीरथी नदी बहती है, जो इस क्षेत्र की प्राकृतिक सुंदरता और आध्यात्मिक महत्व को बढ़ाती है। यह उद्यान विशेष रूप से दो दुर्लभ और महत्वपूर्ण वन्यजीवों के लिए जाना जाता है: हिमालयन भालू और कस्तूरी मृग। इन जीवों को उनके प्राकृतिक आवास में देखने के लिए यह एक महत्वपूर्ण स्थान है।

अपनी विशालता और विविध पारिस्थितिकी के कारण, गंगोत्री राष्ट्रीय उद्यान हिमालयी वनस्पतियों और जीवों की एक विस्तृत श्रृंखला का घर है। ऊँचे पर्वत शिखर, घने जंगल और हरी-भरी अल्पाइन घास के मैदान इस उद्यान की शोभा बढ़ाते हैं। 

FAQs

उत्तराखंड में कुल कितने राष्ट्रीय उद्यान हैं?

उत्तराखंड में कुल 6 राष्ट्रीय उद्यान हैं। 

उत्तराखंड का सबसे पुराना राष्ट्रीय उद्यान कौन सा है?

उत्तराखंड का सबसे पुराना राष्ट्रीय उद्यान जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान है।

उत्तराखंड में कुल कितने वन्यजीव अभयारण्य हैं?

उत्तराखंड में सात वन्यजीव अभयारण्य हैं। 

उत्तराखंड का सबसे छोटा राष्ट्रीय उद्यान कौन सा है?

उत्तराखंड का सबसे छोटा राष्ट्रीय उद्यान फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान है। इसका क्षेत्रफल लगभग 87.5 वर्ग किलोमीटर है और यह चमोली जिले में स्थित है।

उत्तराखंड में कितने टाइगर रिजर्व हैं?

उत्तराखंड में 3 सक्रिय टाइगर रिजर्व हैं। 

आशा है कि आपको इस लेख में उत्तराखंड के राष्ट्रीय उद्यान (Uttarakhand Ke Rashtriya Udyan, National Parks of Uttarakhand in Hindi) से संबंधित संपूर्ण जानकारी मिल गई होगी। ऐसे ही UPSC और सामान्य ज्ञान से जुड़े अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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