भारत एक ऐसा लोकतांत्रिक राष्ट्र है, जिसके ज्ञान और धन को लूटने की बदनीयत से अनेकों विदेशी आक्रमणकारियों ने इस पर हमला किया। विदेशी आक्रमणकारियों की क्रूरता और अमानवीय व्यवहार से तंग आकर, भारत ने लंबे संघर्ष के बाद गुलामी की हर जंजीर को तोड़कर खुद के लिए स्वतंत्रता का सूरज उगाया। इस स्वतंत्रता ने भारत को लोकतांत्रिक मूल्यों और जन-जन के मूल अधिकारों की रक्षा करने के लिए संविधान दिया। जिस दिन भारत की पहचान संविधान हुई, उसी दिन को गणतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। Poem on Republic Day in Hindi द्वारा विद्यार्थियों को गणतंत्रता दिवस का महत्व जानने को मिलेगा, जिसके बाद वह देशहित में खुद को समर्पित कर पाएंगे और विश्वगुरु भारत का खोया गौरव पुनः हासिल कर पाएंगे।
This Blog Includes:
26 January Kavita in Hindi
26 January Kavita in Hindi को पढ़ने से पहले आपको गणतंत्रता दिवस के इतिहास के बारे में जान लेना चाहिए। आजाद भारत के इतिहास में नज़र डाली जाए तो आप जानेंगे कि जिस दिन भारत में जनता के अधिकारों की रक्षा करने के लिए संविधान को लागू किया गया था। उसी दिन को गणतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता है। 26 जनवरी, 1950 को ही भारत एक पूर्ण गणराज्य बन गया था, जिसके अनुसार देश की सरकार जनता के प्रतिनिधियों द्वारा चुनी जाती है। Poem on Republic Day in Hindi में आपको देशभक्ति पर आधारित कविताओं को पढ़ने का मौका मिल जायेगा।
मेरा भारत
Poem on Republic Day in Hindi आपको देशभक्ति के रंग में रंगने का काम करेंगी। भारत राष्ट्र के स्वरुप को बेहद सुंदर रूप से चित्रित करती यह कविता कुछ इस प्रकार है:
मेरा भारत, मेरी मातृभूमि, तू है अद्भुत और सुंदर। तेरी धरती, तेरा आकाश, तेरी नदियाँ, तेरे पर्वत, सब ही अविस्मरणीय हैं। तेरे लोग, तेरे संस्कृति, तेरी विरासत, तेरा इतिहास, सब ही गौरवशाली हैं। तू है सत्य, तू है धर्म, तू है शांति, तू है अहिंसा। तू है ज्ञान, तू है दर्शन, तू है प्रकाश, तू है जीवन। मेरा भारत, मेरी मातृभूमि, तू है मेरे हृदय में बसता। मैं तेरा सदैव ऋणी रहूँगा।
-खुशवंत सिंह
आजादी
Poem on Republic Day in Hindi के माध्यम से आपको आज़ादी के उस महान दिन की एक झलक देखने को मिल जाएगी। यह कविता कुछ इस प्रकार है:
लाखों लोगों की कुर्बानी के बाद, आखिरकार भारत को आजादी मिल गई। 15 अगस्त 1947 का दिन, भारत के इतिहास का एक स्वर्णिम दिन है। इस दिन भारत को गुलामी की जंजीरों से मुक्त किया गया, और वह एक स्वतंत्र देश बना। इस दिन भारत के लोगों ने नए भारत के सपने देखे, और उन्होंने एक बेहतर भविष्य की कामना की। आजादी एक ऐसा उपहार है, जिसे हमें कभी नहीं भुलाना चाहिए। हमें इस उपहार की रक्षा करनी चाहिए, और इसे आने वाली पीढ़ियों तक पहुँचाना चाहिए।
-खुशवंत सिंह
चंदन है भारत की माटी
Poem on Republic Day in Hindi आपको मातृभूमि के प्रति समर्पण का भाव जगाने वाली कविता “चंदन है भारत की माटी” को भी पढ़ने का अवसर मिलेगा, जो कि कुछ इस प्रकार है:
“भारत का स्वर्णिम इतिहास है हर युग में भारत का होना जयगान है चंदन है भारत की माटी जिसका संकल्प बड़ा महान है तूफानों से उलझकर प्रखरता से हवाओं के रुख को बदलकर अखंड ज्योति में जलती बाती करती जग में प्रकाश है गुलामी की जंज़ीरों को तोड़कर आशाओं से नाता जोड़कर वीरों की जननी है जागी करती अन्याय का नाश हैं जीतने को दिलों को फिर से वीरता नसों में बहती फिर से संघर्षों में टिके रहना बाकी वीरगाथाओं का होना विस्तार है भारत के कण-कण में फिर से अमरत्व झूलता है अब फिर से चंदन है भारत की माटी जिसकी वंदना करता संसार है..”
-मयंक विश्नोई
आओ तिरंगा फहराये
Poem on Republic Day in Hindi आपको गणतंत्रता दिवस मानाने के लिए एक अच्छा तरीका बताएगा, जो एक कविता “आओ तिरंगा फहराये” के माध्यम से पढ़ने का अवसर मिलेगा। यह कविता कुछ प्रकार है:
आओ तिरंगा लहराये, आओ तिरंगा फहराये, अपना गणतंत्र दिवस है आया, झूमे, नाचे, खुशी मनाये। अपना 73वां गणतंत्र दिवस खुशी से मनायेंगे, देश पर कुर्बान हुए शहीदों पर श्रद्धा सुमन चढ़ायेंगे। 26 जनवरी 1950 को अपना गणतंत्र लागू हुआ था, भारत के पहले राष्ट्रपति, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने झंडा फहराया था, मुख्य अतिथि के रुप में सुकारनो को बुलाया था, थे जो इंडोनेशियन राष्ट्रपति, भारत के भी थे हितैषी, था वो ऐतिहासिक पल हमारा, जिससे गौरवान्वित था भारत सारा। विश्व के सबसे बड़े संविधान का खिताब हमने पाया है, पूरे विश्व में लोकतंत्र का डंका हमने बजाया है। इसमें बताये नियमों को अपने जीवन में अपनाये, थाम एक दूसरे का हाथ आगे-आगे कदम बढ़ाये, आओ तिरंगा लहराये, आओ तिरंगा फहराये, अपना गणतंत्र दिवस है आया, झूमे, नाचे, खुशी मनाएं।। होठों पे सच्चाई रहती है, जहां दिल में सफाई रहती है हम उस देश के वासी हैं, हम उस देश के वासी हैं जिस देश में गंगा बहती है मेहमां जो हमारा होता है, वो जान से प्यारा होता है ज्यादा की नहीं लालच हमको, थोड़े मे गुजारा होता है बच्चों के लिये जो धरती मां, सदियों से सभी कुछ सहती है हम उस देश के वासी हैं, हम उस देश के वासी हैं जिस देश में गंगा बहती है कुछ लोग जो ज्यादा जानते हैं, इंसान को कम पहचानते हैं ये पूरब है पूरबवाले, हर जान की कीमत जानते हैं मिल जुल के रहो और प्यार करो, एक चीज यही जो रहती है हम उस देश के वासी हैं, हम उस देश के वासी हैं जिस देश में गंगा बहती है जो जिससे मिला सिखा हमने, गैरों को भी अपनाया हमने मतलब के लिये अन्धे होकर, रोटी को नही पूजा हमने अब हम तो क्या सारी दुनिया, सारी दुनिया से कहती है हम उस देश के वासी हैं, हम उस देश के वासी हैं जिस देश में गंगा बहती है..
– शैलेन्द्र
मेरे देश की आंखें
Poem on Republic Day in Hindi के माध्यम से आपको कवि अज्ञेय के द्वारा देशभक्ति पर आधारित कविता पढ़ने को मिल जायेगा, जिसका नाम “मेरे देश की आंखें” है। यह कविता कुछ इस प्रकार है:
नहीं, ये मेरे देश की आंखें नहीं हैं पुते गालों के ऊपर नकली भवों के नीचे छाया प्यार के छलावे बिछाती मुकुर से उठाई हुई मुस्कान मुस्कुराती ये आंखें नहीं, ये मेरे देश की नहीं हैं... तनाव से झुर्रियां पड़ी कोरों की दरार से शरारे छोड़ती घृणा से सिकुड़ी पुतलियां नहीं, ये मेरे देश की आंखें नहीं हैं... वन डालियों के बीच से चौंकी अनपहचानी कभी झांकती हैं वे आंखें, मेरे देश की आंखें, खेतों के पार मेड़ की लीक धारे क्षिति-रेखा को खोजती सूनी कभी ताकती हैं वे आंखें... उसने झुकी कमर सीधी की माथे से पसीना पोछा डलिया हाथ से छोड़ी और उड़ी धूल के बादल के बीच में से झलमलाते जाड़ों की अमावस में से मैले चांद-चेहरे सुकचाते में टंकी थकी पलकें उठाईं और कितने काल-सागरों के पार तैर आईं मेरे देश की आंखें...
-अज्ञेय
आशा है कि Poem on Republic Day in Hindi के माध्यम से आप गणतंत्रता दिवस और देशभक्ति पर आधारित कविताएं पढ़ पाएं होंगे। साथ ही यह ब्लॉग आपको इंट्रस्टिंग और इंफॉर्मेटिव भी लगा होगा, इसी प्रकार की अन्य कविताएं पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट Leverage Edu के साथ बने रहें।