IPR की फुल फॉर्म ‘बौद्धिक संपदा अधिकार’ (Intellectual Property Right) होती है। बौद्धिक संपदा अधिकार एक ऐसा अधिकार है जो किसी वस्तु तथा विचार के निर्माता को पूर्ण रूप से उस वस्तु एवं विचार के निर्माण का संपूर्ण श्रेय प्रदान करता है। वहीं बौद्धिक संपदा काल्पनिक रचनाओं को संदर्भित करती है। इसमें सभी प्रकार के आविष्कार जैसे साहित्यिक, वैज्ञानिक, कलात्मक कार्य, औद्योगिक डिज़ाइन, ट्रेड मार्क, व्यापार चिन्ह, सेवा चिन्ह एवं कई अन्य प्रकार की चीजें शामिल होती हैं। आपको बता दें कि बौद्धिक संपदा अधिकार कानूनी संरक्षण का एक रूप है जो व्यक्तियों, संस्थानों या कंपनियों को उनके रचनात्मक एवं अभिनव कार्यों के लिए प्रदान किया जाता है। IPR Full Form in Hindi के बारे में अधिक जानने के लिए लेख को अंत तक जरूर पढ़ें।
IPR Full Form in Hindi | ‘बौद्धिक संपदा अधिकार’ (Intellectual Property Right) |
बौद्धिक संपदा अधिकार (IPR) क्या है?
विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (World Intellectual Property Organisation), वस्तु तथा विचार के आविष्कारकों या निर्माताओं को कुछ विशेष अधिकार प्रदान करने के लिए नियम निर्धारित करता है ताकि वे अपने रचनात्मक प्रयासों या प्रतिष्ठा से व्यावसायिक लाभ प्राप्त कर सकें। बता दें कि विश्व बौद्धिक संपदा संगठन, संयुक्त राष्ट्र (United Nations) की एक ऐसी विशिष्ट संस्था है जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बौद्धिक संपदा के क्षेत्र में कार्य कर रही है। इस संस्था की स्थापना हेतु वर्ष 1967 में संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों द्वारा स्टॉकहोम में हस्ताक्षर किए गए थे। जिसे बाद में वर्ष 1970 में लागू किया गया था।
फिर वर्ष 2000 में विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (WIPO) ने 26 अप्रैल को ‘विश्व बौद्धिक संपदा दिवस’ (World Intellectual Property Day) के रूप में नामित किया जिसका उद्देश्य बौद्धिक संपदा के बारे में सामान्य जागरूकता एवं समझ को बढ़ाना था।
IP अधिकार की श्रेणियाँ
बौद्धिक संपदा के अधिकार में निम्नलिखित बिंदुओं से संबंधित अधिकारों को समाहित किया गया है :-
- साहित्यिक, वैज्ञानिक, कलात्मक कार्य
- एक कलाकार का प्रदर्शन
- वैज्ञानिक खोज
- औद्योगिक डिज़ाइन
- ट्रेड मार्क, व्यापार चिन्ह व सेवा चिन्ह
भारत में बौद्धिक संपदा के अधिकार का इतिहास
भारत, विश्व बौद्धिक संपदा संगठन का सदस्य है। भारत में बौद्धिक संपदा का पहला मामला तब आया जब वर्ष 1856 में जॉर्ज अल्फ्रेड डे पेनिंग ने अपना पेटेंट हेतु प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया। इसे ही भारत में बौद्धिक संपदा के अधिकार के अंर्तगत प्रदत्त प्रथम पेटेंट के रूप में जाना गया। कालांतर में वर्ष 1914 में भारतीय संसद ने नया ‘कॉपीराइट एक्ट’ पारित किया। इसके पश्चात स्वतंत्र भारत में वर्ष 1958 में नया कॉपीराइट एक्ट लागू किया गया था।
IPR की अन्य फुल फॉर्म
IPR की अन्य फुल फॉर्म यहां दी गई हैं:-
IPR Full Form in Medical | इंट्राथोरेसिक प्रेशर रेगुलेशन | Intrathoracic Pressure Regulation |
FAQs
आईपीआर का पूरा नाम ‘बौद्धिक संपदा अधिकार’ (Intellectual Property Right) होता है।
प्रतिवर्ष 26 अप्रैल को दुनियाभर में ‘विश्व बौद्धिक संपदा दिवस’ (World Intellectual Property Day) मनाया जाता है।
IPR का उद्देश्य कानूनी संरक्षण का एक रूप है जो व्यक्तियों, संस्थानों या कंपनियों को उनके रचनात्मक एवं अभिनव कार्यों के लिए प्रदान किया जाता है।
संबंधित लेख
आशा है कि आपको IPR Full Form in Hindi से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी मिल गई होगी। फुल फॉर्म के अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।