Diwali Par Nibandh 2025: दिवाली पर निबंध

1 minute read
Diwali par Nibandh

Essay on Diwali in Hindi 2025: भारत में दिवाली केवल एक त्योहार नहीं, बल्कि खुशियों, उजाले और नई उम्मीदों का उत्सव है। हर साल, यह पर्व लोगों के जीवन में सकारात्मकता और समृद्धि की रोशनी लेकर आता है। इस बार दिवाली का मुख्य पर्व लक्ष्मी पूजन 20 अक्टूबर 2025 को मनाया जाएगा। यह दिन विशेष रूप से माता लक्ष्मी के स्वागत, घर-आंगन को दीपों से सजाने और परिवार के साथ उल्लासपूर्वक त्योहार मनाने के लिए जाना जाता है। विद्यालयों में दिवाली पर निबंध (Diwali Par Nibandh) लिखने को इसलिए दिया जाता है क्योंकि यह छात्रों को अपनी संस्कृति और परंपराओं को समझने तथा उन्हें शब्दों में व्यक्त करने का अवसर प्रदान करता है। यह न केवल लेखन कौशल को सुधारने में मदद करता है, बल्कि त्योहारों के पीछे छिपे गहरे अर्थ को जानने का भी मौका देता है। इस ब्लॉग में दीपावली पर निबंध (Diwali Essay in Hindi) के कई सैंपल दिए गए हैं।

दिवाली पर निबंध 100 शब्दों में

दिवाली पर निबंध (Diwali Par Nibandh) 100 शब्दों में इस प्रकार है:

दिवाली हिंदू धर्म का सबसे महत्वपूर्ण त्योहार है, जिसे भारत में बड़े उत्साह और भव्यता के साथ मनाया जाता है। यह पर्व इस बात का प्रतीक है कि अच्छाई हमेशा बुराई पर विजय प्राप्त करती है। इस वर्ष 2025 में, दिवाली का मुख्य पर्व लक्ष्मी पूजन 20 अक्टूबर 2025 को मनाया जाएगा। दिवाली की तैयारियां कई हफ्ते पहले से शुरू हो जाती हैं। लोग अपने घरों और कार्यस्थलों की सफाई करते हैं और फिर दीपों, लाइट्स, फूलों और रंगोलियों से सजाते हैं। इस त्योहार पर नए कपड़े, मिठाइयाँ और उपहार खरीदे जाते हैं, जिससे बाजारों में रौनक बढ़ जाती है। दिवाली केवल रोशनी और खुशियों का पर्व नहीं, बल्कि यह अपने प्रियजनों के साथ संबंधों को मजबूत करने और समृद्धि का स्वागत करने का भी अवसर है।

दिवाली पर निबंध

दिवाली पर निबंध 150 शब्दों में

दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi) 150 शब्दों में इस प्रकार है:

दिवाली सिर्फ एक पर्व नहीं, बल्कि उम्मीद, उजाला और नई शुरुआत का प्रतीक है। यह त्योहार हमें सिखाता है कि चाहे अंधकार कितना भी गहरा हो, ज्ञान और अच्छाई की रोशनी उसे दूर कर सकती है। इस वर्ष, लक्ष्मी पूजन 20 अक्टूबर 2025 को मनाया जाएगा, और हर घर दीपों की जगमगाहट से रोशन होगा। इस पर्व की तैयारियाँ हफ्तों पहले से शुरू हो जाती हैं। लोग घरों की सफाई करते हैं, रंगोली बनाते हैं, दीप जलाते हैं और मिठाइयों का आनंद लेते हैं। दिवाली के दिन माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है ताकि घर में सुख-समृद्धि बनी रहे। लेकिन दिवाली का असली अर्थ सिर्फ रोशनी तक सीमित नहीं है। यह त्योहार हमें नकारात्मकता को छोड़कर, प्रेम और सद्भावना को अपनाने की सीख देता है। सच्ची दिवाली तब होती है जब हम दूसरों की जिंदगी में भी खुशियाँ भरते हैं। इसलिए, हमें इस पर्व को पर्यावरण के प्रति जागरूक रहते हुए मनाना चाहिए और जरूरतमंदों की मदद कर अपनी दिवाली को और भी खास बनाना चाहिए।

यह भी पढ़ें : दिवाली पर स्पीच

दिवाली पर निबंध 200 शब्दों में

दिवाली पर निबंध (Diwali par Nibandh) 200 शब्दों में इस प्रकार है:

दिवाली भारत में सबसे लोकप्रिय उत्सव है जिसे “रोशनी का त्योहार” भी कहा जाता है। यह त्योहार अंधकार पर प्रकाश की शक्ति और अज्ञानता पर ज्ञान की शक्ति के आध्यात्मिक संदेश का प्रतिनिधित्व करता है। दिवाली हर साल कार्तिक मास की अमावस्या को मनाई जाती है। वहीं इस दौरान धन की देवी लक्ष्मी और बुद्धि के देवता गणेश की पूजा की जाती है। पूरे देश में इस त्योहार का अलग-अलग धार्मिक महत्व है। कहीं-कहीं राम, सीता और लक्ष्मण के 14 साल के लंबे वनवास (हिंदू महाकाव्य रामायण के अनुसार) के बाद घर आने के सम्मान में मनाया जाता है।

वहीं कुछ लोग इसे हिंदू महाकाव्य महाभारत में वर्णित 12 साल के वनवास और 1 साल के अज्ञातवास के बाद पांडवों की अपने राज्य में वापसी की याद में मनाते हैं। ऐसा भी माना जाता है कि इसकी शुरुआत तब हुई जब देवताओं और राक्षसों के समुद्र मंथन के बाद देवी लक्ष्मी का जन्म हुआ। भारत के पश्चिमी और कुछ उत्तरी क्षेत्र नए हिंदू वर्ष की शुरुआत को चिह्नित करने के लिए दिवाली मनाते हैं। दिवाली मनाने के लिए पांच दिन समर्पित हैं। ये पांच दिन हैं धनतेरस, नरक चतुर्दशी, लक्ष्मी पूजा, गोवर्धन पूजा और भाई दूज। इस दौरान लोग अपने घरों को दीपकों, रंग-बिरंगी लाइटों और रंगोली से सजाते हैं।

यह भी पढ़ें : दिवाली फेस्टिवल पर पैराग्राफ

दिवाली पर निबंध 300 शब्दों में

दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi) 300 शब्दों में इस प्रकार है:

दिवाली भारत में सबसे खास त्योहारों में से एक है, जिसे पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन का खास महत्व है क्योंकि इसे बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है। घरों में दीये जलाने से लेकर मिठाइयाँ बाँटने तक, हर कोई इस त्योहार का आनंद लेता है। बच्चे इस दिन का सबसे ज्यादा इंतजार करते हैं, क्योंकि उन्हें नए कपड़े, उपहार और स्वादिष्ट मिठाइयाँ मिलती हैं।

त्योहार की तैयारियाँ कई दिनों पहले ही शुरू हो जाती हैं। लोग अपने घरों की साफ-सफाई करते हैं, बाजारों में खूब चहल-पहल होती है, और चारों तरफ रोशनी की चमक बिखर जाती है। माना जाता है कि इस दिन माता लक्ष्मी घर में आती हैं, इसलिए सभी अपने घरों को दीयों, लाइटों और रंगोली से सजाते हैं। पूजा के दौरान भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की आराधना की जाती है, जिससे घर में सुख-समृद्धि बनी रहे।

बच्चों की दिवाली भी काफी खास होती है। वे रंगोली बनाने में बड़ों की मदद करते हैं, पूजा में शामिल होते हैं और दोस्तों के साथ खूब मस्ती करते हैं। मिठाइयाँ खाने और उपहार मिलने की खुशी उनके चेहरे पर झलकती है। हालांकि, पटाखों को लेकर उनकी उत्सुकता सबसे ज्यादा होती है, लेकिन अब पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए अधिकतर परिवार दीयों और सजावट से दिवाली मनाने पर जोर देने लगे हैं।

इस दिन घरों में तरह-तरह के पकवान बनाए जाते हैं, जिनमें गुझिया, लड्डू, चकली और नमकीन खास होते हैं। रिश्तेदारों और दोस्तों को मिठाइयाँ और तोहफे देकर लोग अपने संबंधों को और मजबूत करते हैं। दिवाली सिर्फ रोशनी और खुशियों का ही नहीं, बल्कि एक-दूसरे के साथ प्यार और अपनापन बाँटने का भी पर्व है। इसका असली आनंद तब आता है जब हम जरूरतमंदों की मदद करें, उनके चेहरे पर भी मुस्कान लाएँ और मिल-जुलकर इस खुशी के त्योहार को मनाएँ। यही दिवाली का असली संदेश है—प्रेम, भाईचारा और सकारात्मकता से जीवन को रोशन करना।

यह भी पढ़ें : क्यों मनाई जाती है दिवाली?

दिवाली पर निबंध 500 शब्दों में

दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi) 500 शब्दों में इस प्रकार है:

प्रस्तावना

दिवाली भारत के सबसे प्रमुख और लोकप्रिय त्योहारों में से एक है, जिसे पूरे देश में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इसे ‘दीपावली’ भी कहा जाता है, जिसका अर्थ है ‘दीपों की पंक्ति’। इस दिन घरों, मंदिरों, और गलियों को दीपों और रंग-बिरंगी रोशनी से सजाया जाता है। दिवाली अच्छाई की बुराई पर विजय का प्रतीक है, जो हमें सकारात्मकता, प्रेम और सौहार्द्र का संदेश देती है। यह पर्व मुख्य रूप से हिंदू धर्म से जुड़ा हुआ है, लेकिन इसे अन्य धर्मों के लोग भी पूरे जोश और उत्साह के साथ मनाते हैं। यह सिर्फ एक धार्मिक त्योहार नहीं, बल्कि सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक रूप से भी महत्वपूर्ण है। यह त्योहार न केवल हमारे घरों को रोशन करता है, बल्कि हमारे दिलों में भी नई ऊर्जा और उमंग का संचार करता है।

दिवाली का महत्व

दिवाली का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व बहुत गहरा है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, यह पर्व भगवान श्रीराम की अयोध्या वापसी की याद में मनाया जाता है, जब उन्होंने 14 वर्षों का वनवास पूरा कर लंका के राजा रावण का वध किया था। उनके स्वागत में अयोध्यावासियों ने दीप जलाए थे, जो आज भी इस परंपरा के रूप में प्रचलित है। इसके अलावा, दिवाली को माँ लक्ष्मी के स्वागत के रूप में भी देखा जाता है। इस दिन धन की देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है, जिससे घर में सुख-समृद्धि बनी रहे। जैन धर्म के अनुयायी इसे भगवान महावीर के निर्वाण दिवस के रूप में मनाते हैं, जबकि सिख धर्म में इसे बंदी छोड़ दिवस के रूप में माना जाता है, जब गुरु हरगोबिंद सिंह जी को ग्वालियर के किले से रिहा किया गया था।

दिवाली कैसे मनाई जाती है?

दिवाली की तैयारियाँ कई दिनों पहले से शुरू हो जाती हैं। घरों की साफ-सफाई, पेंटिंग और सजावट की जाती है। बाजारों में चहल-पहल बढ़ जाती है। लोग अपने घरों को रंगोली, फूलों और दीपों से सजाते हैं। इस दिन विशेष पकवान जैसे गुझिया, लड्डू, चकली और नमकीन बनाए जाते हैं, जिससे त्योहार की मिठास और बढ़ जाती है। बच्चों के लिए यह त्योहार बेहद खास होता है। वे नए कपड़े पहनते हैं, मिठाइयाँ खाते हैं और पटाखे जलाकर खुशियाँ मनाते हैं। हालांकि, आज के समय में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए, पर्यावरण संरक्षण के लिए कई लोग ‘ग्रीन दिवाली’ मनाने पर जोर दे रहे हैं, जिसमें दीयों और सजावट पर अधिक ध्यान दिया जाता है और पटाखों का कम उपयोग किया जाता है। इस दिन विशेष रूप से लक्ष्मी पूजा की जाती है, जिसमें परिवार के सभी सदस्य मिलकर देवी लक्ष्मी, भगवान गणेश और कुबेर देव की पूजा करते हैं। यह माना जाता है कि स्वच्छता और श्रद्धा से की गई पूजा से घर में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है।

निष्कर्ष

दिवाली सिर्फ रोशनी और उत्सव का पर्व नहीं है, बल्कि यह आध्यात्मिकता, आत्मशुद्धि और नए संकल्पों का भी अवसर है। यह पर्व हमें सिखाता है कि हमें अपने अंदर की बुराइयों को दूर करके अच्छाई की ओर बढ़ना चाहिए। दिवाली प्रेम, सौहार्द्र और भाईचारे को बढ़ावा देती है।

Essay on Diwali in Hindi

यह भी पढ़ें : दीपावली पर दिल को छू जाने वाले अनमोल विचार

दिवाली पर 10 लाइन

दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi) 10 लाइन में इस प्रकार हैं:

  1. दिवाली, जिसे दीपावली भी कहा जाता है, हिंदुओं का सबसे बड़ा और रोशनी से भरपूर पर्व है।
  2. यह पर्व भगवान राम के 14 वर्षों के वनवास के बाद अयोध्या लौटने की खुशी में मनाया जाता है।
  3. दिवाली पर घरों की सफाई, रंगोली और दीपों से सजावट की जाती है, जिससे सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
  4. इस दिन लक्ष्मी, गणेश और कुबेर देव की पूजा की जाती है ताकि घर में समृद्धि और खुशहाली बनी रहे।
  5. दिवाली के अवसर पर मिठाइयाँ बाँटी जाती हैं और रिश्तेदारों व दोस्तों को उपहार दिए जाते हैं।
  6. धनतेरस, नरक चतुर्दशी, दिवाली, गोवर्धन पूजा और भैया दूज—इन पाँच दिनों का यह पर्व अत्यंत शुभ माना जाता है।
  7. दिवाली व्यापार और अर्थव्यवस्था के लिए भी महत्वपूर्ण होती है, क्योंकि इस दौरान भारी खरीदारी की जाती है।
  8. आधुनिक समय में लोग पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए ‘ग्रीन दिवाली’ मनाने की ओर अग्रसर हो रहे हैं।
  9. दिवाली हमें सिखाती है कि बुराई पर अच्छाई और अंधकार पर प्रकाश की जीत हमेशा होती है।
  10. यह त्योहार न केवल हमारे घरों को रोशन करता है, बल्कि हमारे रिश्तों में भी प्रेम और खुशहाली लाता है।

यह भी पढ़ें : इस दीपावली पर अपनों को भेजें ये विशेष शुभकामना संदेश

दिवाली पर 20 लाइन

दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi) 20 लाइन में इस प्रकार हैं:

  1. दिवाली भारत में मनाए जाने वाले सबसे प्रमुख और रोशनी से भरे त्योहारों में से एक है।
  2. इसे ‘दीपों की पंक्ति’ कहा जाता है, क्योंकि इस दिन घर, मंदिर और गलियाँ दीपों से सजाई जाती हैं।
  3. यह पर्व मुख्य रूप से भगवान राम के अयोध्या आगमन की याद में मनाया जाता है, जब उन्होंने रावण का वध कर विजय प्राप्त की थी।
  4. दिवाली का धार्मिक महत्व विभिन्न समुदायों के लिए भिन्न हो सकता है, जैसे जैन धर्म में यह भगवान महावीर के निर्वाण दिवस के रूप में मनाई जाती है।
  5. सिख धर्म में इसे ‘बंदी छोड़ दिवस’ के रूप में मनाया जाता है, जब गुरु हरगोबिंद सिंह जी को ग्वालियर के किले से रिहा किया गया था।
  6. दिवाली से पहले लोग अपने घरों की साफ-सफाई और सजावट करते हैं, जिससे सकारात्मकता और शुभता का संचार होता है।
  7. इस दिन देवी लक्ष्मी, भगवान गणेश और कुबेर देव की पूजा की जाती है ताकि घर में सुख-समृद्धि बनी रहे।
  8. दिवाली पर लोग नए कपड़े पहनते हैं, स्वादिष्ट मिठाइयाँ और पकवान खाते हैं तथा एक-दूसरे को शुभकामनाएँ देते हैं।
  9. इस त्योहार पर बाजारों में विशेष चहल-पहल रहती है, जिससे व्यापारियों और दुकानदारों को अच्छा लाभ होता है।
  10. धनतेरस से लेकर भैया दूज तक, यह पर्व पाँच दिनों तक चलता है, जिसमें हर दिन का विशेष धार्मिक महत्व होता है।
  11. इस दिन लोग अपने घरों में रंगोली बनाते हैं और दीप जलाकर वातावरण को प्रकाशमय बनाते हैं।
  12. दिवाली का एक बड़ा आकर्षण पटाखे और आतिशबाजी होती है, हालांकि इससे प्रदूषण भी बढ़ता है।
  13. आजकल लोग ‘इको-फ्रेंडली दिवाली’ मनाने के लिए अधिक जागरूक हो रहे हैं और कम प्रदूषण करने वाले विकल्प अपना रहे हैं।
  14. कई लोग इस अवसर पर जरूरतमंदों की मदद करके और दान-पुण्य करके सच्चे अर्थों में दिवाली का आनंद उठाते हैं।
  15. दिवाली सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि यह एक सामाजिक और सांस्कृतिक उत्सव भी है जो लोगों को जोड़ता है।
  16. यह पर्व हमें सिखाता है कि जीवन में अंधकार चाहे कितना भी हो, ज्ञान और सद्भावना का प्रकाश हमेशा उसे दूर कर सकता है।
  17. भारतीय अर्थव्यवस्था पर दिवाली का सकारात्मक प्रभाव पड़ता है, क्योंकि इस समय खरीदारी और व्यापार चरम पर होता है।
  18. इस दिन हम अपने पुराने गिले-शिकवे भुलाकर आपसी प्रेम और सद्भावना को बढ़ाने का संकल्प लेते हैं।
  19. बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, सभी के लिए दिवाली एक हर्षोल्लास और आनंद का अवसर होता है।
  20. यह त्योहार हमें जीवन में प्रकाश, सत्य, धर्म और आत्म-सुधार का संदेश देता है, जिससे हम बेहतर इंसान बन सकें।

यह भी पढ़ें : भारत के अलावा इन देशों में भी मशहूर है दिवाली, इस तरह मनाया जाता है दीपों का पर्व

दिवाली पर निबंध कैसे लिखें? 

दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi) लिखने के लिए निम्नलिखित टिप्स अपनाएं:

  • आकर्षक शीर्षक चुनें – निबंध के लिए सरल, रोचक और विषय को दर्शाने वाला शीर्षक रखें।
  • प्रभावी परिचय दें – दिवाली के महत्व, इसका अर्थ और सामाजिक-सांस्कृतिक प्रभाव का उल्लेख करें।
  • पौराणिक और ऐतिहासिक संदर्भ जोड़ें – भगवान राम की अयोध्या वापसी, महावीर निर्वाण और सिख परंपराओं से संबंधित पहलुओं को शामिल करें।
  • त्योहार की परंपराओं का वर्णन करें – दीप जलाना, लक्ष्मी पूजा, रंगोली बनाना, मिठाइयाँ बाँटना और उपहार देना जैसी गतिविधियाँ शामिल करें।
  • पर्यावरणीय जिम्मेदारी पर चर्चा करें – पटाखों से होने वाले प्रदूषण के प्रभाव और ग्रीन दिवाली को अपनाने की जरूरत पर विचार करें।
  • सरल और स्पष्ट भाषा का उपयोग करें – निबंध ऐसा हो जिसे सभी पाठक आसानी से समझ सकें।
  • संरचना संतुलित रखें – भूमिका, मुख्य विषय, तर्क और निष्कर्ष को व्यवस्थित रूप से प्रस्तुत करें।
  • निजी अनुभव और उत्साह जोड़ें – दिवाली से जुड़ी अपनी तैयारियों, यादगार पलों और उत्सव के आनंद को साझा करें।
  • सकारात्मक और प्रेरणादायक निष्कर्ष लिखें – दिवाली के संदेश, आपसी प्रेम, एकता और खुशियों पर जोर दें।
  • व्याकरण और प्रवाह पर ध्यान दें – सही वाक्य संरचना और सुगठित लेखन से निबंध को प्रभावी बनाएं।

FAQs

दिवाली के 5 दिन कौन से हैं?

दिवाली के पांच दिन हैं धनतेरस, नरक चतुर्दशी, लक्ष्मी पूजा, गोवर्धन पूजा और भाई दूज।

दीया का मुंह किस दिशा में होना चाहिए?

आप दीयों को पूर्व या उत्तर दिशा में भी रख सकते हैं। माना जाता है कि इन्हें पूर्व दिशा में रखने से परिवार को स्वास्थ्य लाभ होता है, जबकि उत्तर दिशा में रखने से धन की प्राप्ति होती है। टिप: मंदिर के दीये और दीपक दक्षिण दिशा में रखने से बचें।

छोटी दिवाली को क्यों कहते हैं नरक चतुर्दशी?

हिंदू मान्यता के मुताबिक, इस दिन भगवान विष्णु के अवतार श्रीकृष्ण ने राक्षस नरकासुर का वध किया था। नरकासुर के बंदी गृह में 16 हजार से ज्यादा महिलाएं कैद थीं, जिन्हें भगवान कृष्ण ने आजाद कराया था। तब से छोटी दिवाली को नरक चतुर्दशी के तौर पर मनाया जाता है।

संबंधित ब्लाॅग्स

प्रकृति पर निबंधजीएसटी पर निबंध
प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंधबाल दिवस पर निबंध
संयुक्त परिवार पर निबंधजल संरक्षण पर निबंध
गरीबी पर निबंधपिकनिक पर निबंध
समय के सदुपयोग पर निबंधस्वामी विवेकानंद पर निबंध
मेरे जीवन के लक्ष्य पर निबंधपेड़ों के महत्व पर निबंध
बंकिम चंद्र चटर्जी पर निबंधरानी दुर्गावती पर निबंध
अच्छी आदतों पर निबंधदुर्गा पूजा पर निबंध
विश्व जनसंख्या दिवस पर निबंधव्यायाम पर निबंध
राष्ट्रीय एकता पर निबंधबरसात के दिन पर निबंध
आपदा प्रबंधन पर निबंधमेरे भाई पर निबंध
‘स्वयं’ पर निबंधयोग पर निबंध
कबीर दास पर निबंधलाल किला पर निबंध
उत्तर प्रदेश पर निबंधक़ुतुब मीनार पर निबंध
भारतीय संस्कृति पर निबंधसुभाष चंद्र बोस पर निबंध
जलवायु परिवर्तन पर निबंधहरित ऊर्जा पर निबंध

उम्मीद है, आपको दिवाली पर निबंध (Diwali Par Nibandh, Essay on Diwali in Hindi) के विषय पर हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा। निबंध लेखन के अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

Leave a Reply

Required fields are marked *

*

*