आपदा प्रबंधन पर निबंध जानिए Disaster Management Essay in Hindi 500 शब्दों में

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आपदा प्रबंधन पर निबंध

“आपदाएँ बताकर नहीं आतीं” भूकंप, सुनामी, भूस्खलन और चक्रवात आदि आपदाएँ अचानक से ही आ जाती हैं। इन आपदाओं को रोका तो नहीं जा सकता लेकिन इसके इंजाम पहले से करके रखें जाएँ तो हम इससे होने वाले जान और माल के नुकसान को काफी हद तक कम ज़रूर कर सकते हैं। इस ब्लॉग में आपदा प्रबंधन में आपदा प्रबंधन से जुड़े कुछ निबंध सैंपल और आपदा प्रबंधन से जुड़ी जानकारियाँ दी जा रही हैं। पूरी जानकारी प्राप्त करने के लिए ब्लॉग को अंत तक पढ़ें। 

आपदा प्रबंधन क्या है?

आपदा के समय प्रभावित लोगों को राहत सामग्री पहुंचाने, आपदा प्रभावित क्षेत्र से लोगों को बचाकर  सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने जैसे  कार्यों को पूर्व नियोजित तरीके से करना ही आपदा प्रबंधन कहलाता है। 

आपदा प्रबंधन क्यों ज़रूरी है? 

आपदा प्रबंधन हमारे लिए निम्नलिखित रूप से ज़रूरी है : 

  • आपदा प्रबंधन ज़रूरी है क्योंकि यह मानव जीवन के सुरक्षित रखने और उसकी संपत्ति को बचाने का एक तरीका है। 
  • आपदाएं अकस्मात घटित होती हैं और उनसे बचना मुश्किल होता है, लेकिन आपदा प्रबंधन योजनाओं और उनके अनुपालन से संभव होता है। इससे हम अपनी संपत्ति को खोने से रोक सकते हैं, लोगों की जान बचा सकते हैं और जानवरों और पर्यावरण की सुरक्षा भी सुनिश्चित कर सकते हैं।
  • आपदा प्रबंधन इसलिए भी ज़रूरी है क्योंकि यह देश और समुदाय की रक्षा के लिए आवश्यक है। अच्छी आपदा प्रबंधन की योजनाओं के साथ, लोगों को आपदाओं से निपटने के लिए संचार करना चाहिए, उपयोगी संसाधनों के लिए तैयार होना चाहिए, सामूहिक जनता के साथ काम करना चाहिए और आपदा प्रबंधन प्रणाली के अनुभव से सीखना चाहिए। इससे देश और समुदाय अपनी सुरक्षा में मजबूत होते हैं। 

आपदा प्रबंधन के तत्व कौनसे हैं? 

आपदा प्रबंधन के तत्व निम्नलिखित हैं : 

  • रोकथाम
  •  जोखिम कम करना
  •  प्रत्‍युत्‍तर
  •  बहाली

आपदा प्रबंधन पर सैंपल निबंध (100 शब्दों में)

आपदा प्रबंधन एक व्यवस्था है जो भूकंप, बाढ़, तूफान, आग जैसी प्राकृतिक या मानव द्वारा उत्पन्न आपदाओं से निपटने के लिए बनाई गई है। इसका उद्देश्य आपदा के समय तुरंत उत्तर करना होता है ताकि सामाजिक, आर्थिक और व्यक्तिगत नुकसान कम हों। आपदा प्रबंधन का एक महत्वपूर्ण अंग संचेतना और जागरूकता है। लोगों को अपने आसपास की स्थिति का अवलोकन करना और आपदा के समय तुरंत कार्रवाई करना आना चाहिए। सरकारों को भी आपदा प्रबंधन योजनाओं को बनाना, संचालित करना और आपदा के समय में उचित कार्रवाई करना आना चाहिए। यह भी आपदा प्रबंधन का ही एक हिस्सा ही है। 

आपदा प्रबंधन पर सैंपल निबंध (250 शब्दों में)

आपदा प्रबंधन एक प्रक्रिया है जिसमें हम अचानक होने वाली आपदाओं जैसे कि भूकंप, बाढ़, तूफान आदि के सामने संगठित होते हैं। इसका उद्देश्य लोगों की सुरक्षा, संपत्ति का संरक्षण, जीवन धारणा का सम्मान एवं अन्य सामाजिक और आर्थिक संरचनाओं का संरक्षण करना होता है।

आपदा प्रबंधन में संगठित होने से पहले, एक योजना तैयार की जाती है जिसमें आपदा से पूर्व और आपदा के दौरान के कार्यों की विस्तृत जानकारी होती है। इस योजना के अंतर्गत, संबंधित लोगों को अलर्ट किया जाता है, सुरक्षा उपकरणों की व्यवस्था की जाती है, सहायता सेवाएं तैयार की जाती हैं और संचार का विकास किया जाता है।

आपदा प्रबंधन की एक और महत्वपूर्ण चुनौती आपदा के दौरान संगठित होने वाली मुश्किलों का सामना करना होता है। इसमें अनुभव, दक्षता और विस्तृत ज्ञान का होना बहुत महत्वपूर्ण होता है। इस लिए, सभी लोगों को नियमित रूप से प्रशिक्षित करना आवश्यक है। 

आपदा प्रबंधन की अवधारणा पहले भारत में नहीं थी। लेकिन 2001 में गुजरात में आए भीषण भूकंप और उसके बाद 2004 के तटीय क्षेत्रों में आए सुनामी तूफान ने भारत सरकार को इस बारे में सोचने के लिए मजबूर कर दिया। भविष्य में ऐसी ही आपदाओं से बचने के लिए भारत सरकार ने न सिर्फ अलग से एक आपदा प्रबंधन विभाग बनाया बल्कि स्कूल और कॉलेज में इससे जुड़े विषयों को पाठ्यक्रम में भी शामिल किया गया। भारत सरकार द्वारा आपदा प्रबंधन के संबंध में उठाए गए इस महत्वपूर्ण कदम से ही हम जीवन में आपदा प्रबंधन का महत्व अच्छे से समझ सकते हैं। 

आपदा प्रबंधन पर सैंपल निबंध (500 शब्दों में)

आपदा प्रबंधन एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जो संभवतः हर साल दुनिया भर में कई प्रकार की आपदाओं से जुड़ी समस्याओं को दूर करने में मदद करती है। आपदा कुछ ऐसा होता है जिसमें आपके पास संकट का सामना करने के लिए पर्याप्त समय नहीं होता है और इससे जीवन और संपत्ति का नुकसान होता है। इसलिए, आपदा प्रबंधन आवश्यक है ताकि आपको आपदाओं से निपटने के लिए अच्छी तैयारी और उचित सुविधाएं मिल सकें।

आपदा प्रबंधन के लक्ष्यों में से एक है कि वह लोगों को एक सुरक्षित और सुरक्षित स्थान प्रदान कर सके जहां उन्हें आपदाओं से बचने के लिए संभव होता है। इसके लिए, सरकार और अन्य संगठन आपदा प्रबंधन योजनाएं तैयार करते हैं जो लोगों को आपदा से संबंधित संकटों से बचाने में मदद करती हैं।

आपदा प्रबंधन में अन्य लक्ष्यों में से एक है कि इससे आपदाओं के प्रभाव को कम किया जा सके। इसके लिए, लोगों को उचित जागरूकता दी जाती है ताकि आने वाले समय में या भविष्य में कभी किसी प्रकार की आपदा की स्थिति में होने वाले संभावित जान और माल के नुकसान को कम से कम किया जा सके और राहत कार्यों में  तेज़ी लाई जा सके। 

आपदा प्रबंधन मुख्य रूप से एक तरीका है जिससे हम होने वाले खतरों को रोक तो नहीं सकते लेकिन इसकी वजह से होने वाले जान और माल के नुकसान को कम से कम ज़रूर कर सकते हैं। 

ज़रूरी नहीं कि आपदाएँ केवल प्राकृतिक ही हों, कुछ आपदाएँ मानव निर्मित भी होती हैं। जैसे बम विस्फोट,आतंकी हमला, किसी फैक्ट्री से कोई ज़हरीली गैस का लीक हो जाना। दिल्ली बम विस्फोट, मुंबई आतंकी हमला, भोपाल गैस कांड आदि ये सब मानव निर्मित आपदाओं के ही उदाहरण हैं। आपदा प्रबंधन न केवल प्राकृतिक आपदाओं के समय काम आता है बल्कि ऐसी मानव निर्मित आपदाओं के समय भी काम आता है। बम विस्फोट या किसी आतंकी हमले की स्थिति में आपदा प्रबंधन की मदद से घायलों तक जल्द से जल्द मदद पहुंचाई जा सकती है और उन्हें समय पर हॉस्पिटल पहुंचाया जा सकता है। 

आपदा प्रबंधन के तीन महत्वपूर्ण तत्व होते हैं : 

  • रोकथाम
  •  जोखिम कम करना
  •  प्रत्‍युत्‍तर
  •  बहाली

भारत में पहले आपदा प्रबंधन को गंभीर रूप से नहीं लिया जाता था। परंतु लगातार आने वाली आपदाओं ने भारत सरकार का ध्यान इस ओर खींचा। इसके बाद भारत सरकार ने एक विशेष बल एनडीआरएफ़ का गठन किया । इस फोर्स का काम आपदा के समय घायलों तक राहत पहुंचाना है। यह फोर्स न सिर्फ भारत में आपदा के समय काम करती है बल्कि भारत मानवता के नाते विदेशों में भी एनडीआरएफ के कर्मचारियों को आपदा के समय मदद करने के लिए भेजता है। अभी हाल ही में टर्की में आए भीषण भूकंप में राहत पहुंचाने के लिए भारत सरकार ने एनडीआरएफ़ को टर्की मदद के लिए भेजा था। इस मिशन का नाम ऑपरेशन दोस्त रखा गया था। टर्की में एनडीआरएफ़ के बचाव कार्यों की तारीफ टर्की के साथ साथ सारा विश्व कर रहा है। यह भारत में आपदा प्रबंधन के कार्यक्रम को बढ़ावा देने के कारण ही संभव हो पाया है। 

आपदा से बचने के लिए आपदा प्रबंधन के उपाय 

आपदा प्रबंधन उन सभी कार्यों को संबोधित करता है जो आपदा या अपदाओं से प्रभावित होने की संभावना वाले क्षेत्र में नियोजित किए गए होते हैं। आपदा प्रबंधन चार मुख्य उपायों के माध्यम से कार्य करता है:

  • प्रतिक्रिया: इस उपाय के अंतर्गत, आपदा के विविध पहलुओं के लिए तत्काल और समय पर जवाब दिया जाता है। इसमें आपदा से प्रभावित लोगों की आवश्यकताओं को पूरा किया जाता है। इस उपाय में सेवा आपदा के बाद उपलब्ध होती है।
  • प्रतिबंध: इस उपाय में, आपदा से पहले ही उचित नीतियों, प्रक्रियाओं और सामग्रियों के माध्यम से आपदा के प्रभाव को कम करने के लिए कार्य किया जाता है। यह अपदाओं को रोकने और उनसे बचाव के उपायों का विकास करता है। इसमें उपयोगी तकनीकियों और सामग्री का भी उपयोग किया जाता है।
  • प्रतिस्थापन: इस उपाय में, आपदा के बाद क्षतिग्रस्त संपत्ति, संरचनाएं और सामग्री को पुनर्स्थापित किया जाता है। इसके लिए विभिन्न सामाग्री को एक स्थान से उठाकर दूसरे स्थान पर भेजा जाता है। 

आपदा प्रबंधन पर 10 ज़रूरी बातें 

  • सुरक्षा पहली प्राथमिकता है।  
  • अपने साथियों को संगठित रखें। 
  • संयम बनाएँ रखें।  
  • जागरूक रहें। 
  • अगर आपके इलाके में आपदा आती है तो उस स्थान को छोडने से पहले ज़रूरी सामान साथ में ले लें 
  • फ़र्स्ट एड बॉक्स अपने साथ रखें। 
  • अपने आस पास की स्थिति को जानें और अपनी सुरक्षा के लिए तैयार रहें।  
  • आपदा योजना का अभ्यास करते रहें। 
  • आपदा के समय यदि आप घायल नहीं है तो दूसरे लोगों की मदद करने का प्रयास करें। 

FAQs 

आपदा प्रबंधन का क्या अर्थ है? 

आपदा के समय प्रभावित लोगों को राहत सामग्री पहुंचाने, आपदा प्रभावित क्षेत्र से लोगों को बचाकर  सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने जैसे  कार्यों को पूर्व नियोजित तरीके से करना ही आपदा प्रबंधन कहलाता है।

आपदा प्रबंधन के चार प्रकार कौनसे हैं? 

आपदा प्रबंधन के चार प्रकार हैं : शमन, तैयारी, प्रतिक्रिया और पुन :प्राप्ति। 

आपदा से क्या हानी होती है? 

आपदा से जान और माल की हानि होती है। 

आपदाएँ कितने प्रकार की होती हैं? 

आपदाएँ दो प्रकार की होती हैं : प्राकृतिक आपदाएँ और मानव निर्मित आपदाएँ 

आपदा से कैसे बचा जा सकता है? 

आपदा प्रबंधन के द्वारा आपदा से बचा जा सकता है। 

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