ढोल पीटना मुहावरे का अर्थ (Dhol Peetna Muhavare Ka Arth) होता है, किसी चीज का बहुत प्रचार करना। जब कोई व्यक्ति किसी बात को जोर-जोर से बोलकर लोगों तक फैलाता है तो उसके लिए इस मुहावरे का प्रयोग किया जाता है। इस ब्लॉग के माध्यम से आप ढोल पीटना मुहावरे का अर्थ, इसका वाक्यों में प्रयोग और इसकी व्याख्या के बारे में जानेगें।
मुहावरे किसे कहते हैं?
मुहावरे और उनके अर्थ – किसी विशेष शब्द के अर्थ को आम जन की भाषा में समझाने के लिए जिस वाक्यांश का प्रयोग किया जाता है उसे मुहावरा कहते हैं। इसमें वाक्यांश का सीधा सीधा अर्थ न लेकर बात को घुमा फिराकर कहा जाता है। इसमें भाषा को थोड़ा मजाकिया, प्रभावशाली और संक्षिप्त रूप में कहा जाता है।
ढोल पीटना मुहावरे का अर्थ क्या है?
ढोल पीटना मुहावरे का अर्थ (Dhol Peetna Muhavare Ka Arth) होता है- किसी चीज का बहुत प्रचार करना। आसान शब्दों में समझें तो जब कोई व्यक्ति किसी बात को अपने पूरे सामर्थ्य के साथ जोर-शोर से बोलकर सब में फैलाता है, तो उसे ही ढोल पीटना कहते हैं।
ढोल पीटना पर व्याख्या
“ढोल पीटना” हिंदी भाषा का एक बेहद लोकप्रिय मुहावरा है जिसका अर्थ होता है- किसी चीज का बहुत प्रचार करना। इस मुहावरे का उद्देश्य उस अवस्था को दर्शाना है, जहाँ किसी बात को किसी व्यक्ति द्वारा जोरो-शोरों से प्रचारित किया जाता है।
ढोल पीटना मुहावरे का वाक्य प्रयोग
ढोल पीटना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग निम्नलिखित है;
- देवांग ने हिमानी की तारीफों में “ढोल पीटना” शुरू कर दिया।
- काम ऐसा करो कि ज़माना आपके कामों के परिणामों के ढोल पीटे।
- मतदान से पहले हर उम्मीदवार अपने पक्ष में ढोल पीटता नज़र आता है।
- नीरज के स्वर्ण पदक जीतते ही, विश्व ने उसके रिकार्ड्स का ढोल पीटना शुरू किया।
- भारत सरकार ने भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कानून का ढोल पिटवाना शुरू कर दिया।
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आशा है कि आपको ढोल पीटना मुहावरे का अर्थ (Dhol Peetna Muhavare Ka Arth) आपको समझ आया होगा। हिंदी मुहावरे के अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बनें रहें।