Chaudhary Charan Singh Biography in Hindi: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान “भारत रत्न” (Bharat Ratna) से सम्मानित किया जाएगा। वह देश के सबसे बड़े किसान नेताओं में से एक थे। बता दें कि उत्तर प्रदेश में भूमि सुधार के लिए उन्होंने अभूतपूर्व कार्य किया था। वहीं ग्रामीण देनदारों को राहत प्रदान करने वाला विभागीय ‘ऋणमुक्ति विधेयक’ को वर्ष 1939 में तैयार करने एवं इसे अंतिम रूप देने में चौधरी चरण सिंह ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। आइए अब हम भारत में किसानों के मसीहा कहे जाने वाले व भारत के पांचवे प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह का जीवन परिचय (Chaudhary Charan Singh Biography in Hindi) और उनके कार्यों के बारे में विस्तार से जानते हैं।
नाम | चौधरी चरण सिंह (Chaudhary Charan Singh) |
जन्म | वर्ष 1902 |
जन्म स्थान | नूरपुर गाँव, मेरठ जिला, उत्तर प्रदेश |
शिक्षा | स्नातकोत्तर (आगरा विश्वविद्यालय), लॉ (मेरठ विश्वविद्यालय) |
पिता का नाम | चौधरी मीर सिंह |
माता का नाम | नेत्रा कौर |
पत्नी का नाम | गायत्री देवी |
संतान | 6 |
पेशा | राजनीतिज्ञ, वकालत, लेखक |
राजनीतिक पार्टी | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, जनता पार्टी |
धारित पद | उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री (वर्ष 1970), भारत के पांचवे प्रधानमंत्री |
सम्मान | “भारत रत्न” (2024) |
निधन | 29 मई, 1987 नई दिल्ली |
This Blog Includes:
- उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में हुआ था जन्म – Chaudhary Charan Singh Ka Jivan Parichay
- 1937 में बने पहली बार विधायक
- कुछ दिन ही रहे प्रधानमंत्री
- कड़क नेता के रूप में जाने गए
- किसान नेता के रूप में मिली पहचान
- कई पुस्तकें भी लिखी
- चौधरी चरण सिंह का निधन
- पढ़िए भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय
- FAQs
उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में हुआ था जन्म – Chaudhary Charan Singh Ka Jivan Parichay
किसानों के मसीहा कहे जाने वाले चौधरी चरण सिंह का जन्म वर्ष 1902 में उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के नूरपुर गाँव में मध्यवर्गीय किसान परिवार हुआ था। उन्होंने वर्ष 1923 में विज्ञान से स्नातक की और वर्ष 1925 में ‘आगरा विश्वविद्यालय’ से इतिहास में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की। इसके बाद वर्ष 1926 में ‘मेरठ कॉलेज’ से लॉ की डिग्री हासिल करने के बाद गाजियाबाद से वकालत की शुरुआत की।
1937 में बने पहली बार विधायक
वर्ष 1929 में कांग्रेस में शामिल होने के बाद चौधरी चरण सिंह ने वर्ष 1937 में छपरौली से उत्तर प्रदेश विधानसभा के लिए चुने गए। इसके बाद उन्होंने वर्ष 1946 से 1967 तक विधानसभा में अपने निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया। वर्ष 1946 में ‘पंडित गोविंद बल्लभ पंत’ की सरकार में उन्होंने संसदीय सचिव, राजस्व, चिकित्सा एवं लोक स्वास्थ्य, न्याय, सूचना इत्यादि विभिन्न विभागों में कार्य किया। वर्ष 1952 में वे ‘डॉ. सम्पूर्णानन्द’ के मंत्रिमंडल में राजस्व एवं कृषि मंत्री बने व ‘सी.बी. गुप्ता’ के मंत्रालय में गृह एवं कृषि मंत्री बने। इसके बाद 1962 से 63 में ‘सुचेता कृपलानी’ के मंत्रालय में वे कृषि एवं वन मंत्री रहे।
कुछ दिन ही रहे प्रधानमंत्री
चौधरी चरण सिंह कुछ समय तक कांग्रेस पार्टी से अलग होने के बाद जनता पार्टी में भी रहे किंतु जल्द ही उन्होंने इस्तीफ़ा दे दिया। वर्ष 1979 में उन्होंने ‘इंदिरा गांधी’ के समर्थन से नई सरकार का गठन किया और देश के पांचवे प्रधानमंत्री बने। किंतु उनकी सरकार संसद में अपना बहुमत सिद्ध कर पाती इससे पहले ही इंदिरा गांधी ने अपना समर्थन वापस ले लिया और उन्हें अपने पद से त्यागपत्र देना पड़ा।
कड़क नेता के रूप में जाने गए
चौधरी चरण सिंह एक कद्दावर एव कड़क नेता के रूप में जाने जाते थे। उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार में विभिन्न पदों पर रहते हुए जनकल्याण के लिए अभूतपूर्व कार्य किया। इसके साथ ही उन्होंने प्रशासन में अक्षमता, भाई -भतीजावाद एवं भ्रष्टाचार का खुलकर विरोध किया।
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किसान नेता के रूप में मिली पहचान
चौधरी चरण सिंह ने उत्तर प्रदेश में भूमि सुधार के लिए सराहनीय कार्य किया था। वहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में जोत अधिनियम, 1960 को लाने में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका थी। इसके अलावा उन्होंने ‘जमींदारी उन्मूलन अधिनियम’, ‘पटवारी राज से मुक्ति’ और चकबंदी अधिनियम में भी अपना अहम योगदान दिया था।
कई पुस्तकें भी लिखी
चौधरी चरण सिंह का जीवन परिचय (Chaudhary Charan Singh Biography in Hindi) के साथ ही यहाँ उनके द्वारा लिखी गई पुस्तकों के बारे में भी बताया गया है, जो कि इस प्रकार हैं:-
- ज़मींदारी उन्मूलन
- भारत की गरीबी और उसका समाधान
- किसानों की भूसंपत्ति या किसानों के लिए भूमि
- प्रिवेंशन ऑफ़ डिवीज़न ऑफ़ होल्डिंग्स बिलो ए सर्टेन मिनिमम
- को-ऑपरेटिव फार्मिंग एक्स-रयेद्
चौधरी चरण सिंह का निधन
चौधरी चरण सिंह का संपूर्ण जीवन जन कल्याण और किसानों के उत्थान के लिए समर्पित रहा। वहीं 29 मई, 1987 को हृदयगति रुक जाने के कारण उनका निधन हो गया। किंतु अपने सराहनीय कार्यों के लिए वे आज भी जाने जाते हैं। किसानों की उन्नति के लिए उनके अभियान के कारण ही नई दिल्ली में उनके स्मारक को ‘किसान घाट’ नाम दिया गया है। भारत सरकार द्वारा उनके सम्मान में एक ‘डाक टिकट’ भी जारी किया गया है।
पढ़िए भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय
यहाँ महान किसान नेता और भारत के पांचवे प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह का जीवन परिचय (Chaudhary Charan Singh Biography in Hindi) के साथ ही भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय की जानकारी भी दी जा रही हैं। जिसे आप नीचे दी गई टेबल में देख सकते हैं:-
FAQs
चौधरी चरण सिंह का जन्म वर्ष 1902 में उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के नूरपुर गाँव में हुआ था।
बता दें कि चौधरी चरण सिंह को वर्ष 2024 में देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया जाएगा।
वह वर्ष 1970 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे।
चौधरी चरण सिंह भारत के पांचवे प्रधानमंत्री थे।
उनका निधन 29 मई 1987को हुआ था।
आशा है कि आपको किसान नेता और भारत के पांचवे प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह का जीवन परिचय (Chaudhary Charan Singh Biography in Hindi) पर हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा। ऐसे ही अन्य प्रसिद्ध कवियों और महान व्यक्तियों के जीवन परिचय को पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।