वोकेशनल एजुकेशन क्या है?

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वोकेशनल एजुकेशन

वोकेशनल एजुकेशन किताबी पढ़ाई अर्थात् थ्योरी पर कम प्रैक्टिकल ज्ञान पर अधिक फोकस करता है। छात्र किसी खास विषय के तकनीक या प्रौद्योगिकी पर महारत हासिल करते हैं। जैसे-जैसे दुनिया बढ़ रही है ठीक वैसे ही पढ़ाई करने के तरीके भी बदल रहे हैं। पहले माँ-बाप अपने बच्चों को डॉक्टर, इंजीनियर ही बनाना ही पसंद करते थे क्योकिं केवल इसी क्षेत्र में रोजगार के अवसर सुनिश्चित हुआ करते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं है। प्रशिक्षण और कुशलता हमारे करियर रूपी ट्रेन का इंजन है, जिसके बिना हमारी जिन्दगी की गाड़ी चल ही नहीं सकती इसलिए यदि जीवन में आगे बढ़ना है, सफल होना है, तो हमारे अंदर स्किल्स का होना बहुत ज़रूरी है, किसी खास उद्यम के लिए लोगों को तैयार करना ही व्यवसायिक शिक्षा का परम उद्देश्य है। आइए इस ब्लॉग के जरिए जानते हैं कि वोकेशनल एजुकेशन क्या होता है।

This Blog Includes:
  1. वोकेशनल एजुकेशन क्या होती है?
  2. वोकेशनल एजुकेशन क्यों चुनें?
  3. वोकेशनल कोर्स ट्रेडिशनल कोर्स से कुछ इस तरह है अलग
  4. वोकेशनल एजुकेशन कोर्सेज
  5. 10वीं के बाद वोकेशनल कोर्स कौन कौन से हैं?
    1. फॉरेंसिक साइंटिस्ट 
    2. टेलीकम्युनिकेशन
    3. ऑडियो इंजीनियरिंग
    4. फोटोग्राफी 
    5. फॉरेन लैंग्वेजेस
    6. गेम डिजाइनर 
    7. इवेंट मैनेजमेंट 
  6. वोकेशनल एजुकेशन के लिए विदेश की यूनिवर्सिटीज
  7. वोकेशनल एजुकेशन के लिए प्रसिद्ध भारतीय विश्वविद्यालय
  8. वोकेशनल कोर्सेज के लिए योग्यता
  9. वोकेशनल कोर्सेज के लिए आवेदन प्रक्रिया
  10. वोकेशनल कोर्सेज के लिए भारत की यूनिवर्सिटी की आवेदन प्रक्रिया
  11. वोकेशनल कोर्सेज की आवेदन प्रक्रिया के लिए आवश्यक दस्तावेज़
  12. भारत में वोकेशनल एजुकेशन की स्थिति
  13. वोकेशनल कोर्स करने के बाद करियर स्कोप
    1. वोकेशनल कोर्स करने के बाद नौकरी देंगें ये टॉप रिक्रूटर्स
  14. FAQs

वोकेशनल एजुकेशन क्या होती है?

सामान्यतः शिक्षा को व्यवसाय के साथ जोड़ना ही वोकेशनल एजुकेशन कहलाती है, परन्तु वास्तव में इसका अर्थ इससे अधिक बड़ा (कम्प्रेहैन्सिव) है। वोकेशनल एजुकेशन छात्रों को व्यवसाय चुनने एवं व्यवसाय संबंधित योग्यता प्राप्त कराने का अवसर प्रदान करती हैं। वोकेशनल एजुकेशन की शुरुआत राष्ट्रीय शिक्षा आयोग 1964-66 के सुझावों द्वारा हुई। जिस आधार पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 ने अपनी मंजूरी प्रदान की और यह शिक्षा का एक माध्यम बन गयी। इसके आधार पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 ने 1995 तक 10+2 कक्षा के 25% छात्रों को वोकेशनल एजुकेशन से जोड़ने का लक्ष्य निर्धारित किया। वोकेशनल एजुकेशन का विस्तार करने हेतु इसे डिस्टेंस एजुकेशन में भी शामिल किया गया हैं।

वोकेशनल एजुकेशन और ट्रेनिंग एक जॉब ओरिएंटेड टेक्निकल ट्रेनिंग कोर्स है, जिसके जरिए स्टूडेंट्स स्पेसिफिक करियर अपॉर्च्युनिटी को चुन सकते हैं। इसका मतलब ये हुआ कि आप किसी पर्टिकुलर फील्ड में इंटरेस्टेड हो आपकी दिलचस्पी है और उससे जुड़ी स्किल्स सीख कर आप उस फील्ड में अपना करियर बनाना चाहें, तो आप उस फील्ड से रिलेटेड वोकेशनल कोर्स कर सकते हैं। इस तरह के कोर्स में ट्रेनिंग, इंस्ट्रक्शन और क्लासेज शामिल होती है। इस कोर्स को करने के बाद आपको सर्टिफिकेट और डिप्लोमा मिलता है। वोकेशनल कोर्सेज को ऑक्यूपेशनल और टेक्निकल कोर्स भी कहते हैं।

वोकेशनल एजुकेशन क्यों चुनें?

वोकेशनल एजुकेशन करियर की दृष्टि से काफ़ी अच्छा विकल्प है वोकेशनल एजुकेशन क्यों चुनें इसके लिए कुछ पॉइंट्स नीचे दिए गए हैं:

  1. वोकेशनल एजुकेशन के द्वारा व्यक्ति विभिन्न प्रशिक्षण माध्यम से अपना आवश्यकता को पूरा कर सकते हैं।
  2. कल्चरल इंटरेस्ट की पूर्ति के लिए यह शिक्षा आवश्यक है।
  3. इसी प्रकार संगीत साहित्य कला के माध्यम से व्यक्ति कल्चर्ड और सभ्य बनता है। उनका क्रिएटिव प्रभाव मानवीय आचार-विचार पर पड़ता है।
  4. इस शिक्षा का महत्व इसलिए भी है कि यह व्यक्ति की उन्नति का साधन मात्र न होकर समाज एवं राष्ट्र की उन्नति, राष्ट्रीय एकता, अंतरराष्ट्रीय फ्रटर्निटी जैसे कार्यों में भी योगदान देती है।
  5. इस कोर्स कर कंप्लीट करते ही स्टूडेंट जॉब के लिए तैयार हो जाता है।
  6. ये कोर्स आपको ट्रेडिशनल नॉलेज के साथ वोकेशनल स्किल्स भी प्रोवाइड करवाता है।
  7. इस कोर्स का मेन फोकस स्पेशलाइज्ड नॉलेज पर ही होता है।
  8. इस कोर्स में दी जाने वाली ट्रेनिंग उस इंडस्ट्री के रियल्टी से मैच करती है।
  9. ये कोर्स स्टूडेंट्स को ग्लोबल मार्केट में चलने वाले ट्रेंड्स के प्रति जागरूक बनाता है।
  10. इन कोर्स की ड्यूरेशन कम होने के साथ-साथ इसकी फीस भी कम होती है।
  11. इससे आपको किसी स्पेशल फील्ड में जानकारी होती है। जिससे कि आपको जाॅब मिलने के अवसर काफी बढ़ जाते हैं। इस कोर्स के दौरान दी जाने वाली ट्रेनिंग उस इंडस्ट्री की वास्तविकता से मैच करती है। 
  12. वोकेशनल कोर्स की ड्यूरेशन यानी कि इसको करने का समय कम होता है। इसके साथ-साथ इसकी फीस भी बहुत कम होती है। 
  13. यह कोर्स इंडस्ट्री की डिमांड के आधार पर बनाए जाते हैं और इसके साथ इस कोर्स को ऑनलाइन भी किया जा सकता है।

वोकेशनल कोर्स ट्रेडिशनल कोर्स से कुछ इस तरह है अलग

वोकेशनल एजुकेशन बाकि कोर्सेज से कैसे अलग है, इसके कारण नीचे दिए गए हैं-

  1. बीए, बीकॉम, बीएससी और इंजीनियरिंग जैसे कोर्सेज ट्रेडिशनल कोर्सेज की कैटेगरी में आते हैं ऐसे स्कोर्स में से ज्यादातर क्लासरूम टीचिंग मॉडल को ज्यादा फॉलो करते हैं।
  2. इस तरह के कोर्स में स्टूडेंट्स को सब्जेक्ट नॉलेज थ्योरी और केस स्टडीज के रूप में दी जाती है।
  3. प्रैक्टिकल नॉलेज उन्हें केवल इंटर्नशिप के दौरान ही मिल पाते हैं। 
  4. इंटर्नशिप में मिले प्रैक्टिकल नॉलेज कई बार स्टूडेंट्स को कंफ्यूज भी कर देती है क्योंकि वह उनकी थ्योरीटिकल नॉलेज से मैच नहीं करते।
  5. इसके विपरीत वोकेशनल कोर्स में स्पेसिफिक फील्ड की ट्रेनिंग दी जाती है। ताकि उसमें प्रैक्टिकल स्किल्स को डेवलप कर सकें।
  6. इस तरह के कोर्स में स्टूडेंट्स को ऑनसाइड एक्सपीरियंस मिलता है और क्लास रूम लेक्चर कम होते हैं।
  7. ये कोर्सेज इस तरह से डिजाइन किए गए होते हैं कि जब स्टूडेंट्स ग्रेजुएट हो जाए तो वह जॉब के लिए पूरी तरीके से तैयार रहे। जिससे जॉब मिलने की संभावना बहुत ज्यादा हो जाती है ट्रेडिशनल कोर्स की ड्यूरेशन ज्यादा होती है। जबकि वोकेशनल कोर्सेज की ड्यूरेशन कम होती है । 
  8. इस तरह के ज्यादातर कोर्स में हाईस्कूल उत्तीर्ण करना जरूरी होता है। 

वोकेशनल एजुकेशन कोर्सेज

वोकेशनल एजुकेशन को हम विभिन्न स्तर पर कर सकते हैं। अलग-अलग स्तर पर वोकेशनल कोर्स के लिए योग्यता भी अलग होती है, जैसे-

  1. वोकेशनल कोर्स में अंडर ग्रेजुएट कोर्स: अंडर ग्रेजुएशन के लिए वोकेशनल कोर्स में मेरिट और एंट्रेंस एग्जाम के आधार पर एडमिशन होता है। छात्र बारहवीं कक्षा कम से कम 50 परसेंट मार्क्स से उत्तीर्ण होना चाहिए।
  2. वोकेशनल कोर्स में पोस्ट ग्रेजुएशन: वोकेशनल कोर्स में पोस्ट ग्रेजुएशन मे एडमिशन के लिए छात्र के ग्रेजुएट मे कम से कम 60% परसेंट मार्क्स होने चाहिए। एडमिशन यूनिवर्सिटी के द्वारा कराए गए एंट्रेंस एग्जाम के जरिए होता है।
  3. वोकेशनल डिप्लोमा कोर्स: वोकेशनल डिप्लोमा कोर्स 1 से 2 वर्ष का हो सकता है। डिप्लोमा कोर्स छात्र में किसी विशेष फील्ड के बारे में बेहतर नॉलेज प्रदान करता है। छात्र अपने इंटरेस्ट अनुसार ट्रेड में स्किल डेवलप करते हैं। यह स्किल्स मार्केट में एक अलग पहचान बनाने में सहायक होती हैं। वोकेशनल डिप्लोमा कोर्स की फीस लगभग ₹10-25,000 होती है। वोकेशनल डिप्लोमा के बाद कैंडिडेट की सैलरी ₹15-25,000 प्रति महीने शुरू होती है। अलग-अलग ट्रेड में सैलरी भिन्न होती है।
  4. वोकेशनल कोर्स में सर्टिफिकेट कोर्स: सर्टिफिकेट कोर्स करने के लिए 10+2 उत्तीर्ण होना ज़रूरी है। 12वीं में कम से कम 45% से 50% मार्क्स होने चाहिए। वोकेशनल सर्टिफिकेट कोर्स को ऑनलाइन व ऑफलाइन के माध्यम से किया जा सकता है। वोकेशनल सर्टिफिकेट कोर्स 6 महीने में पूरा हो जाता है जिसके बाद छात्र को वोकेशनल सर्टिफिकेट डिग्री भी प्रदान की जाती है। IGNOU से वोकेशनल कोर्स ऑनलाइन व डिस्टेंस एजुकेशन के जरिए कर सकते हैं। वोकेशनल सर्टिफिकेट कोर्स की फीस ₹15-20,000 होती है।

आप AI Course Finder की मदद से अपने पसंद के कोर्सेज और उससे सम्बंधित टॉप यूनिवर्सिटी का चयन कर सकते हैं।

10वीं के बाद वोकेशनल कोर्स कौन कौन से हैं?

ऐसे बहुत से वोकेशनल कोर्स उपलब्ध हैं जिन्हें 10वीं के बाद कर सकते हैं। वोकेशनल कोर्स करने के बाद आप जॉब ओरिएंटेड हो जाते हैं। हालांकि यहां पर कुछ सीमित कोर्स ही दिए गए हैं। जबकि वोकेशनल कोर्सेज की संख्या बहुत ज्यादा हैं। यहां पर कुछ कोर्सेज की लिस्ट दी गई है:

  1. फोटोग्राफी
  2. वेब डिजाइनिंग
  3. फैशन डिजाइनिंग
  4. सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन
  5. एनीमेशन
  6. डिजिटल मार्केटिंग
  7. सिनेमेटोग्राफी
  8. मल्टीमीडिया
  9. कंप्यूटर एप्लीकेशन
  10. इंटीरियर डेकोरेशन
  11. मीडिया प्रोग्रामिंग
  12. फूड टेक्नोलॉजी
  13. काउंसलिंग साइकोलॉजी
  14. जर्नलिज्म
  15. बेकरी
  16. पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन

फॉरेंसिक साइंटिस्ट 

किसी अपराधी को पकड़ने के लिए जांच में विज्ञान का उपयोग ही फॉरेंसिक साइंस कहलाता है और इस कोर्स को करने के बाद आपको गवर्नमेंट और प्राइवेट सेक्टर में फॉरेंसिक लैब में जाॅब मिल जाएगी।

टेलीकम्युनिकेशन

टेलीकम्युनिकेशन एक बहुत अच्छा करियर विकल्प है। इस कोर्स को करने के बाद टेस्टिंग इंजीनियर, सॉफ्टवेयर इंजीनियर, डिजाइन एंड डेवलपमेंट, मार्केटिंग, रिसर्च जैसी बहुत सारी फील्ड में जॉब मिल सकती है क्योंकि टेलीकम्युनिकेशन बहुत सारे बड़े सेक्टर्स में अपनी मौजूदगी रखता है।

ऑडियो इंजीनियरिंग

इस कोर्स में आप उपकरण को ऑपरेट करना और म्यूजिक और ऑडियो को रिकॉर्ड करना सीखते हैं। जिसके बाद आपको रिकॉर्डिंग स्टूडियोज और मीडिया हाउसेस में जॉब मिल सकती है।

फोटोग्राफी 

फोटोग्राफी एक पॉपुलर कोर्स है। जिसमें आपको बहुत सारे ऑप्शन मिल जाते हैं जैसे : वाइल्डलाइफ फोटोग्राफी,  प्रोडक्ट फोटोग्राफी ।

फॉरेन लैंग्वेजेस

विदेशी व्यक्ति के साथ बातचीत करने के लिए और बिजनेस को अच्छे से चलाने के लिए आजकल लैंग्वेज एक्सपर्ट की डिमांड काफी ज्यादा बढ़ गई है। ऐसे में यह कोर्स करके आप लैंग्वेज ट्रांसलेटर जैसी जॉब पा सकते हैं।

गेम डिजाइनर 

गेम डिजाइनर की बात करें तो यह कोर्स करके आप वीडियो गेम्स डिजाइन कर सकते हैं और इसको करने के बाद आप  आसानी से जॉब पा सकते हैं।

इवेंट मैनेजमेंट 

इवेंट मैनेजमेंट की बात करें तो प्रजेंट टाइम की मोस्ट प्रॉमिस इन इंडस्ट्रीज में से एक है और उसको उसको करके आपको स्पीड में बहुत से जॉब ऑप्शन आसानी से मिल जाएंगे।

वोकेशनल एजुकेशन के लिए विदेश की यूनिवर्सिटीज

कई शैक्षणिक संस्थान हैं जो दुनिया भर के छात्रों को प्रोफेशनल कोर्सेज प्रदान करते हैं। टॉप यूनिवर्सिटीज की लिस्ट नीचे दी गई है, जिन पर आप विशेषज्ञता के ढेरों में शॉर्ट टर्म और प्रोफेशनल प्रोग्राम्स को आगे बढ़ाने के लिए विचार कर सकते हैं।

वोकेशनल एजुकेशन के लिए प्रसिद्ध भारतीय विश्वविद्यालय

वोकेशनल एजुकेशन के लिए प्रसिद्ध भारतीय विश्वविद्यालय के नाम इस प्रकार हैं:

  • अब्दुल कलाम इंस्टिट्यूट ऑफ टैक्नोलॉजी साइंस (एकेआईटीएस) कोठानगुडेम
  • आगाशे सेन्ट्रल आईआईटी रायपुर
  • इंस्टिट्यूट ऑफ़ टैक्नोलॉजी एंड मेनेजमेंट (आईटीएम) देहरादून
  • डाक्टर भीम राव अम्बेडकर कॉलेज (बीआरएसी) दिल्ली
  • जगन्नाथ यूनिवर्सिटी झज्जर
  • के11 स्कूल ऑफ फ़िटनेस साइंस मुंबई
  • केएमपीएम वोकेशनल कॉलेज जमशेदपुर
  • रुस्तोमजी अकादमी फॉर ग्लोबल करियर (आरएजीसी) बैंगलोर
  • श्री वाल्मीकि इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (एसवीआईटीआई) तुमकुर
  • द आईसीएफएआई यूनिवर्सिटी देहरादून

वोकेशनल कोर्सेज के लिए योग्यता

वोकेशनल एजुकेशन प्राप्त करने के लिए नीचे कोर्सेज के अनुसार योग्यता दी गई है-

  • सर्टिफिकेट कोर्सेज के लिए कैंडिडेट का किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 12वीं उत्तीर्ण करना अनिवार्य है।
  • डिप्लोमा कोर्सेज करने के लिए कैंडिडेट का किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 12वीं उत्तीर्ण करना अनिवार्य है।
  • बैचलर्स करने के लिए कैंडिडेट का किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 12वीं उत्तीर्ण करना आवश्यक है।
  • मास्टर्स करने के लिए कैंडिडेट का किसी भी मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी से बैचलर्स उत्तीर्ण करना आवश्यक है।
  • विदेश में पढ़ने के लिए इंग्लिश लैंग्वेज टेस्ट IELTS, TOEFL के अंक भी आवश्यक हैं।
  • मास्टर्स करने के लिए GRE अंक भी ज़रूरी होते हैं।

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वोकेशनल कोर्सेज के लिए आवेदन प्रक्रिया

वोकेशनल कोर्सेज के लिए विश्वविद्यालय की आवेदन प्रक्रिया के बारे में नीचे बताया गया है:

  • रिसर्च करें और अपनी रुचि के अनुसार सही कोर्स खोजें। इसके लिए आप हमारे Leverage Edu विशेषज्ञों की मदद लें सकते है।
  • कॉलेज के यूजर आईडी से साइन इन करें और कोर्स चुनें जिसे आप चुनना चाहते हैं। 
  • अगली स्टेप में अपनी शैक्षणिक जानकारी भरें।  
  • रजिस्ट्रेशन फीस का भुगतान करें।
  • अंत में आवेदन पत्र जमा करें।

वोकेशनल कोर्सेज के लिए भारत की यूनिवर्सिटी की आवेदन प्रक्रिया

भारतीय यूनिवर्सिटीज द्वारा आवेदन प्रक्रिया नीचे मौजूद है-

  • सबसे पहले अपनी चुनी हुई यूनिवर्सिटी की ऑफिशियल वेबसाइट में जाकर रजिस्ट्रेशन करें।
  • यूनिवर्सिटी की वेबसाइट में रजिस्ट्रेशन के बाद आपको एक यूजर नेम और पासवर्ड प्राप्त होगा।
  • फिर वेबसाइट में साइन इन के बाद अपने चुने हुए कोर्स का चयन करें जिसे आप करना चाहते हैं।
  • अब शैक्षिक योग्यता, वर्ग आदि के साथ आवेदन फॉर्म भरें।
  • इसके बाद आवेदन फॉर्म जमा करें और आवश्यक आवेदन शुल्क का भुगतान करें। 
  • यदि एडमिशन, प्रवेश परीक्षा पर आधारित है तो पहले प्रवेश परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन करें और फिर रिजल्ट के बाद काउंसलिंग की प्रतीक्षा करें। प्रवेश परीक्षा के अंको के आधार पर आपका चयन किया जाएगा और लिस्ट जारी की जाएगी।

आवदेन प्रक्रिया से सम्बन्धित जानकारी और मदद के लिए Leverage Edu के एक्सपर्ट्स से 1800572000 पर संपर्क करें।

वोकेशनल कोर्सेज की आवेदन प्रक्रिया के लिए आवश्यक दस्तावेज़

वोकेशनल प्रोग्राम्स में ऑनलाइन प्रवेश के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू करने से पहले, आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि एक मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी की आवश्यकता होगी। अगर आपके पास वैलिड ईमेल आईडी नहीं है तो ईमेल आईडी बनाएं। प्रमाणीकरण के लिए प्रवेश प्रक्रिया में इनकी आवश्यकता होगी।

शिक्षार्थी को मूल दस्तावेजों की स्कैन कॉपी (JPG, JPEG फाइल) के साथ तैयार रहना होगा, जिसे वोकेशनल  कोर्सेज में प्रवेश के लिए पंजीकरण करते समय अपलोड करना होगा-

  •  हाल का पासपोर्ट आकार का रंगीन फोटोग्राफ
  •  श्वेत पत्र पर हस्ताक्षर (प्रेफ़ेरबली काली स्याही में)
  •  वैध पहचान प्रमाण (जैसे आधार कार्ड या पासपोर्ट या राशन कार्ड आदि)
  •  जन्म तिथि का वैध प्रमाण
  •  निवास का एक वैध प्रमाण (जैसे आधार कार्ड जिस पर पूरा पता छपा हो, वैध पासपोर्ट/पानी का बिल/बिजली बिल/वोटर ID/राशन कार्ड//ऑपरेशनल बैंक अकाउंट का स्टेटमेंट/प्रिंटेड लेटर हेड पर नियोक्ता से नियुक्ति पत्र, यदि  किराए के आवास में रह रहे हैं, वर्तमान किराए के समझौते के साथ स्थायी पते के किसी भी प्रमाण की प्रति)
  •  उच्चतम योग्यता अंक पत्र (यानी कक्षा 5, कक्षा 8, कक्षा 10 या कक्षा 12 वीं) या स्व प्रमाण पत्र (साक्षर के मामले में)।
  • SOP और LOR

छात्र वीजा पाने के लिए भी Leverage Edu विशेषज्ञ आपकी हर सम्भव मदद करेंगे।

भारत में वोकेशनल एजुकेशन की स्थिति

हमारा देश युवाओं का देश है। आज का परिदृश्य उठा के देखें तो बढ़ती हुई बेरोजगारी सर्वाधिक चिन्ता का विषय है। इसका सॉल्यूशन करना केवल सरकार की ही नहीं लेकिन आम नागरिक का भी है, और केवल तभी संभव है आम आदमी स्कील्ड होकर रोजगार के अवसर खड़े करे। बेरोजगारी का अंत तभी संभव है जब आम आदमी अपना उद्यम स्वयम् सृजित करे और यह तभी हो सकता है हर हाथ हुनरमंद हो।

केवल 25% ग्रेजुएट्स को ही जॉब मिल पाती है, क्योकि बाकि के 75% प्रशिक्षित होते ही नहीं। देश में रोजगार के बढ़ाने के लिए बहुत जरूरी है कि सभी को रोजगारोन्मुख कौशल प्रदान करना। आज हमारे देश में स्किलफुल और विशेषज्ञ लोगो की माँग बढ़ रही है। वोकेशनल शिक्षा नौकरी पाने में जॉब सीकर्स की मदद करती है, साथ ही उन्हें उपयुक्त ट्रेनिंग और कौशल प्रदान करती है। भारत का IT सेक्टर अपने स्किल के कारण ही विश्व पटल के आकाश का ध्रुव तारा है।

वोकेशनल कोर्स करने के बाद करियर स्कोप

वोकेशनल एजुकेशन करने के बाद क्या करियर स्कोप मौजूद हैं, उनके नाम नीचे दिए गए हैं-

  1. फॉरेंसिक साइंटिस्ट मेनली क्रिमिनल डिस्प्यूट्स को सॉल्व करते हैं। इस कोर्स को करने के बाद आपको गवर्नमेंट और प्राइवेट सेक्टर फॉरेंसिक लैब्स में जॉब मिल जाती है।
  2. आज-कल क्वालिफाइड और स्किल्ड टेक्निशियन की बहुत ज्यादा डिमांड रहती है। इस कोर्स को करने के बाद आप टेस्टिंग इंजीनियरिंग, सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग, डिज़ाइन डेवलपमेंट, मार्केटिंग और रिसर्च जैसे बहुत सारे क्षेत्रों में जॉब पा सकते हैं क्योंकि टेलीकम्युनिकेशन बहुत से मेजर सेक्टर्स में अपनी पहुंच रखता है।
  3. ऑडियो इंजीनियरिंग की बात करें तो इस कोर्स में आप इक्विपमेंट को ऑपरेट करना, म्यूजिक और ऑडियो ट्रैक को रिकॉर्ड करना सीख जाएंगे। जिसके बाद आपको रिकॉडिंग स्टूडियोज और मीडिया हाउसेस में जॉब मिल सकती है।
  4. फोटोग्राफी एक बहुत ही पॉपुलर कोर्स है। जिसके बहुत सारे ऑप्शंस आपको मिल सकते हैं जैसे –फोटोग्राफी, प्रोडक्ट इवेंट, पोर्ट्रेट और भी बहुत सारे फॉर्म्स। अपनी रूचि के अनुसार स्पेशलाइज्ड कोर्स करने के बाद आप प्रोफेशनल फोटोग्राफर के तौर पर मीडिया इंडस्ट्री में भी जॉब पा सकते हैं और फ्रीलान्स प्रोजेक्ट पर भी काम कर सकते हैं।
  5. विदेशी क्लाइंट के साथ संवाद करने और कारोबार को सुगमता से चलाने के लिए आजकल लैंग्वेज एक्सपर्ट की डिमांड काफी बढ़ गई है। ऐसे में आप ये कोर्स करके, लैंग्वेज ट्रांसलेटर इंटरप्रेटर जैसी फॉरेन लैंग्वेजेज रिलेटेड जॉब पा सकते हैं।
  6. वीडियो गेम कोर्स की बात की जाए तो ये कोर्स करके आप वीडियो गेम डिजाइन कर सकते हैं और इस एरिया में आसानी से जॉब पा सकते हैं।
  7. इस कोर्स की बात करें तो ये प्रजेंट टाइम की मोस्ट प्रॉमिसिंग इंडस्ट्रीज में से एक है। इस कोर्स को करने के बाद आपको इस फील्ड में बहुत सारे जॉब ऑप्शंस आसानी से मिल जाएंगे।

वोकेशनल कोर्स करने के बाद नौकरी देंगें ये टॉप रिक्रूटर्स

  • Deloitte
  • TCS
  • EY
  • Wipro
  • Infosys
  • Cognizant आदि।

FAQs

क्या ऑनलाइन वोकेशनल एजुकेशन आमने-सामने की शिक्षा जितनी प्रभावी है?

ऑनलाइन शिक्षा अपेक्षाकृत नई लग सकती है, लेकिन वर्षों के रिसर्च से पता चलता है कि यह ट्रेडिशनल रिसर्च की तरह ही प्रभावी हो सकता है, और अक्सर ऐसा ही होता है। 1,000 से अधिक शिक्षण अध्ययनों के अमेरिकी शिक्षा विभाग के विश्लेषण के अनुसार, ऑनलाइन छात्र अधिकांश विषयों और जनसांख्यिकी में कक्षा-आधारित छात्रों से बेहतर प्रदर्शन करते हैं।

क्या नियोक्ता ऑनलाइन डिग्री स्वीकार करते हैं?

सभी नए सीखने के नवाचारों को कुछ हद तक जांच के साथ पूरा किया जाता है, लेकिन संदेह कम हो जाता है क्योंकि विधियां अधिक मुख्यधारा बन जाती हैं। यही हाल ऑनलाइन पढ़ाई का है। अध्ययनों से संकेत मिलता है कि नियोक्ता जो ऑनलाइन डिग्री से परिचित हैं, वे उन्हें अधिक अनुकूल रूप से देखते हैं, और पहले से कहीं अधिक नियोक्ता उनसे परिचित हैं।

मुझे कैसे पता चलेगा वोकेशनल एजुकेशन मेरे लिए सही है?

सही डिग्री प्रोग्राम का चयन करने में समय लगता है और सावधानीपूर्वक शोध होता है चाहे कोई भी अध्ययन करने का इरादा रखता हो। सीखने की शैली, लक्ष्य और कार्यक्रम हमेशा भिन्न होते हैं, लेकिन वोकेशनल एजुकेशन के लिए कॉलेजों पर विचार करने वाले छात्रों को तकनीकी कौशल, आत्म-प्रेरित करने की क्षमता और माध्यम के लिए विशिष्ट अन्य कारकों पर विचार करना चाहिए। कई कॉलेजों और विश्वविद्यालयों ने संभावित छात्रों को यह निर्धारित करने में मदद करने के लिए मूल्यांकन विकसित किया है कि वे ऑनलाइन सीखने के लिए तैयार हैं या नहीं।

वोकेशनल एजुकेशन कॉलेज में भाग लेने के कुछ फायदे क्या हैं?

वोकेशनल एजुकेशन अपने लचीलेपन के लिए जानी जाती है, लेकिन अध्ययनों ने कक्षा में भाग लेने के कई अतिरिक्त लाभों की पहचान की है, जैसे- संचार, एक्सेसिबिलिटी, दक्षता, जुड़ाव।

हम आशा करते हैं कि अब आप जान गए होंगे कि वोकेशनल एजुकेशन क्या है और इससे संबंधी सारी जानकारी आपको इस ब्लॉग में मिल गई होंगी। अगर आप विदेश में वोकेशनल एजुकेशन करना चाहते हैं और साथ ही एक उचित मार्गदर्शन चाहते हैं तो आज ही 1800572000 पर कॉल करके हमारे Leverage Edu के एक्सपर्ट्स के साथ 30 मिनट का फ्री सेशन बुक कीजिए।

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