छात्र सरल शब्दों में ऐसे लिख सकते हैं विश्व आदिवासी दिवस पर भाषण

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विश्व आदिवासी दिवस पर भाषण

भारत ही नहीं, दुनियाभर के कई देशों में आदिवासी समुदाय के लोग निवास करते हैं जिनकी जीवनशैली, खानपान और रीति-रिवाज आम जनजीवन से काफी अलग होती है। अपनी अनूठी संस्कृति, रीति-रिवाजों के कारण इन समुदायों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। यह समस्यांए सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक रूप से काफी गहरी होती है। ऐसे में भारत समेत तमाम देशों में इनके बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए और इनके अधिकारों की ओर ध्‍यान आकर्षित करने के लिए दुनियाभर में हर साल विश्व आदिवासी दिवस मनाया जाता है। विश्व आदिवासी दिवस, एक ऐसा अवसर है जो पूरी दुनिया के आदिवासी लोगों के योगदान, संस्कृति और अधिकारों को मान्यता देती है। वहीं इस दिवस के बारे में और जागरूकता बढ़ाने के लिए कई बार स्कूल में बच्चों को विश्व आदिवासी दिवस पर भाषण तैयार करने के लिए कहा जाता है। यहाँ विश्व आदिवासी दिवस पर भाषण 100, 200 और 500 शब्दों में दिए गए हैं।

विश्व आदिवासी दिवस कब और क्यों मनाया जाता है? 

विश्व आदिवासी दिवस हर साल 9 अगस्त को दुनियाभर में मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य आदिवासी समुदायों के अधिकारों की रक्षा करना और उनके सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करना है। विश्व आदिवासी दिवस का मुख्य उद्देश्य आदिवासी समुदायों की समस्याओं, उनकी संस्कृति, परंपराओं और उनके अधिकारों के प्रति जागरूकता फैलाना है।  इसके अलावा यह दिन लोगों को यह समझने में मदद करती है कि आदिवासी लोग हमारे समाज का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। उनकी परम्पराएं, उनकी भाषा, उनकी जीवनशैली हमें यह सिखाती है कि प्रकृति हमारे जीवन का आधार है, हमें प्रकृति के नियमों का हमेशा पालन करना चाहिए और हमें अपने मूल्यों को कभी नहीं भूलना चाहिए। वहीं बता दें कि विश्व आदिवासी दिवस को संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 1994 में घोषित किया गया था और तब से इसे हर साल वैश्विक स्तर पर मनाया जाता है।

100 शब्दों में ऐसे दें विश्व आदिवासी दिवस पर भाषण

विश्व आदिवासी दिवस पर 100 शब्दों में भाषण आप इस प्रकार दे सकते हैं : 

नमस्कार दोस्तों!

आज हम सब यहाँ विश्व आदिवासी दिवस के विशेष अवसर पर एकत्रित हुए हैं। हर साल दुनियाभर में 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस मनाया जाता है। यह दिवस आदिवासी समुदायों की रक्षा करने और उनकी सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित रखने के लिए समर्पित है। आदिवासी समुदाय हमारे समाज का अभिन्न हिस्सा है लेकिन शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक न्याय की कमी का सामना करना पड़ता है। ऐसे में विश्व आदिवासी दिवस, आदिवासियों की समस्याओं पर ध्यान केंद्रित करने और उनके अधिकारों के लिए संघर्ष करने का अवसर देता है। आइए हम सब आदिवासी समुदायों के विकास के लिए मिलकर काम करने का संकल्प लें।

धन्यवाद!

200 शब्दों में ऐसे दें विश्व आदिवासी दिवस पर भाषण

विश्व आदिवासी दिवस पर 200 शब्दों में भाषण आप इस प्रकार दे सकते हैं : 

नमस्कार दोस्तों!

आज हम सब यहाँ विश्व आदिवासी दिवस के विशेष अवसर पर एकत्रित हुए हैं। हर साल दुनियाभर में 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस मनाया जाता है। यह दिन हमारे लिए एक विशेष अवसर है जब हम आदिवासी समुदायों के योगदान और समृद्ध विरासत को याद करते हैं। यह दिन आदिवासी समुदायों के अधिकारों की रक्षा और उनकी सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण का प्रतीक है। इस दिन दुनियाभर में आदिवासी लोगों का जश्न मनाया जाता है और उनकी मदद के लिए काम किया जाता है। दुनिया भर में 90 से अधिक देशों में लगभग 476 मिलियन से अधिक आदिवासी जनता निवास करती हैं। 

आदिवासी समुदायों की अपनी विशिष्ट भाषा, संस्कृति, त्योहार और रीति-रिवाज हैं जो उन्हें आम लोगों से अलग बनाती है। यही कारण है वे समाज की मुख्यधारा में सम्मिलित नहीं हो पाए हैं और इसी कारण उन्हें अक्सर भेदभाव, गरीबी, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की कमी और पर्यावरणीय संकट जैसी अनेक चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इन समस्याओं को देखते हुए 9 अगस्त 1994 को संयुक्त राष्ट्र द्वारा विश्व आदिवासी दिवस मनाये जाने का फैसला लिया गया ताकि आदिवासियों के सामने आने वाली चुनौतियों को दुनियाभर में उजागर किया जा सके और आदिवासियों के प्रति सम्मान और एकता का भाव पैदा किया जा सके। ऐसे में हम सभी को मिलकर आज के इस विशेष अवसर पर आदिवासी समुदायों के अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिज्ञा लेनी चाहिए। 

धन्यवाद! 

यह भी पढ़े : विश्व आदिवासी दिवस : विश्व के स्वदेशी लोगों का अंतरराष्ट्रीय दिवस क्यों मनाया जाता है?

500 शब्दों में ऐसे दें विश्व आदिवासी दिवस पर भाषण

500 शब्दों में विश्व आदिवासी दिवस पर भाषण आप इस प्रकार दे सकते हैं : 

स्पीच की शुरुआत में

माननीय अतिथिगण, शिक्षक वर्ग और मेरे सहपाठियों

सबसे पहले आप सभी को विश्व आदिवासी दिवस की हार्दिक शुभकामनायें। मेरा नाम …….. है और मैं कक्षा ….. का/की छात्र/छात्रा हूँ। आज विश्व आदिवासी दिवस के उपलक्ष्य में आप सभी को इस दिन के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें बताना चाहता/चाहती हूँ। हम सभी को आज के दिन के बारे में जानकारी होनी आवश्यक है।

स्पीच में क्या बोलें?

हर साल 9 अगस्त को दुनियाभर में विश्व आदिवासी दिवस मनाया जाता है। यह दिवस विश्व के आदिवासी समुदाय की विविधता और समृद्धि का जश्न मनाने का अवसर है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि आदिवासी समुदायों ने सदियों से पर्यावरण संरक्षण और सांस्कृतिक विरासत को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आज भी आदिवासी समुदाय का मुख्य आहार पेड़-पौधों पर निर्भर है। यहाँ तक कि उनके धर्म और त्योहार भी प्रकृति से जुड़े हुए हैं। 

दुनिया के 22 प्रतिशत भूमि पर लगभग 500 मिलियन आदिवासी रहते हैं जो 7000 भाषाएं बोलते हैं और 5000 से अधिक संस्कृतियों का प्रतिनिधित्व करते हैं। संयुक्त राष्ट्र ने इन भाषाओं और इस समाज के लोगों को समझने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 23 दिसंबर 1994 को एक प्रस्ताव पारित किया जिसके अनुसार हर साल 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस मनाये जाने का फैसला लिया गया। तब से यह दिवस हर साल मनाया जा रहा है। इस दिवस को दुनियाभर में विभिन्न तरीकों से मनाया जाता है। उनके अधिकारों की रक्षा के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम, जागरूकता अभियान, सेमिनार और कार्यशालाएं आदि आयोजित की जाती हैं। 

स्पीच के अंत में

आज के इस महत्वपूर्ण दिन, विश्व आदिवासी दिवस हमें आदिवासी समुदायों के अधिकारों, उनकी संस्कृति और उनकी समस्याओं पर ध्यान देने का अवसर मिला है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि हमारे समाज का महत्वपूर्ण हिस्सा है और उनकी रक्षा करना हमारा कर्त्तव्य है। आईये हम सब मिलकर उनके विकास के लिए काम करें। 

धन्यववाद! 

विश्व आदिवासी दिवस पर स्पीच तैयार करने के टिप्स

विश्व आदिवासी दिवस पर स्पीच तैयार करने के टिप्स निम्नलिखित है :

  • सबसे पहले विश्व आदिवासी दिवस से जुड़े सभी फैक्ट और जानकारी इकट्ठा कर लें। 
  • फिर उन्हें अच्छी तरह से फ्रेम करें और स्पीच को लिखित रूप में तैयार करें।
  • अपने भाषण की शुरुआत में, विश्व आदिवासी दिवस के बारे में, विश्व आदिवासी दिवस का इतिहास, महत्व के बारे में संक्षिप्त जानकारी दें।
  • स्पीच देते समय शब्दों का सही चयन करें।
  • समय का ध्यान रखें और अपने भाषण को निर्धारित समय सीमा के अंदर पूरा करें।
  • स्पीच देने से पहले लेखन को अच्छी तरह पढ़ लें। 
  • अपनी स्पीच के अंत में श्रोताओं का शुक्रिया अदा करना न भूलें। 

FAQs

9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस क्यों मनाया जाता है?

हर साल 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस मनाने का उद्देश्य दुनियाभर में आदिवासी समुदाय के अधिकारों और उनके अस्तित्व की रक्षा करना। इसके अलावा यह दिन हमें यह भी याद दिलाता है कि हमें आदिवासी समुदायों के सांस्कृतिक धरोहर, परंपराओं और योगदान को सम्मान देना चाहिए। 

आदिवासी दिवस की स्थापना कब हुई थी?

आदिवासी दिवस को पहली बार संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा दिसंबर 1994 में घोषित किया गया था। 

भारत में आदिवासियों की संख्या कितनी है?

भारत में समय समय-पर जनगणना के अनुसार आदिवासियों की संख्या बदलती रहती है। वर्तमान में आदिवासियों की जनसंख्या का अनुमान 250 मिलियन से 600 मिलियन तक है।

विश्व आदिवासी दिवस का इतिहास क्या है?

विश्व आदिवासी दिवस की शुरुआत 1994 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा की गई थी। इसे मनाने का उद्देश्य आदिवासी लोगों के अधिकारों को पहचानना और उन्हें उनके सांस्कृतिक और सामाजिक अधिकारों के लिए सम्मान प्रदान करना है।

आदिवासी समुदायों की संस्कृति और परंपराओं का क्या महत्व है?

आदिवासी समुदायों की संस्कृति और परंपराएँ न केवल उनके सामाजिक ढांचे को बनाने में मदद करती हैं, बल्कि यह प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण और पारंपरिक ज्ञान के प्रसार में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

आदिवासी समाज के सामने क्या चुनौतियाँ हैं?

आदिवासी समाज को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जैसे भूमि अधिकारों की कमी, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की कमी, और विकास परियोजनाओं के कारण उनका विस्थापन। इसके अलावा, उनका पारंपरिक जीवन शैली भी धीरे-धीरे खतरे में है।

विश्व आदिवासी दिवस पर भाषण कैसे तैयार करें?

विश्व आदिवासी दिवस पर भाषण तैयार करते समय, आपको आदिवासी समुदायों के योगदान, उनकी संस्कृति और उनके अधिकारों के बारे में बात करनी चाहिए। साथ ही, आपको आदिवासी समाज की वर्तमान स्थिति और उनके सामने आने वाली समस्याओं पर भी ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

विश्व आदिवासी दिवस पर भाषण में कौन-कौन से बिंदु शामिल किए जा सकते हैं?

आदिवासी समुदायों का इतिहास और संस्कृति
उनके अधिकारों की रक्षा और सम्मान
आदिवासी समुदायों के समक्ष वर्तमान चुनौतियाँ
आदिवासी समाज के योगदान को मान्यता देना
सामाजिक न्याय और समावेशिता की आवश्यकता

इस दिन को मनाने का उद्देश्य क्या है?

इस दिन का उद्देश्य आदिवासी समुदायों के संघर्ष, उनकी संस्कृति और उनके अधिकारों को उजागर करना है, ताकि समाज में समानता और सम्मान की भावना बढ़े। साथ ही, यह दिन उनके अधिकारों को संरक्षित करने के लिए वैश्विक जागरूकता फैलाने का भी काम करता है।

भारत में विश्व आदिवासी दिवस का क्या महत्व है?

भारत में आदिवासी समुदाय एक महत्वपूर्ण हिस्से के रूप में रहते हैं। विश्व आदिवासी दिवस भारत में उनके अधिकारों और संस्कृति को सम्मान देने का एक मौका है, जिससे सरकार और समाज आदिवासी समाज के लिए बेहतर नीतियाँ और योजनाएँ लागू कर सकें।

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