Speech on Gandhi Jayanti in Hindi : हम सबके प्यारे बापू…यानि महात्मा गांधी की जयंती हर साल 2 अक्टूबर को मनाई जाती है। गांधी जयंती पर छात्र और बच्चे विभिन्न मंच कार्यक्रमों में भाग लेते हैं और गांधीजी को सम्मानित करते हुए भाषण देते हैं। गांधी जयंती पर भाषण मोहनदास करमचंद गांधी की जयंती के अवसर पर छात्रों द्वारा दिया जाता है, जिन्हें महात्मा गांधी के नाम से भी जाना जाता है। इस ब्लाॅग में गांधी जयंती पर भाषण (Speech on Gandhi Jayanti in Hindi) या 2 अक्टूबर पर भाषण देने के लिए कुछ सैंपल दिए गए हैं।
This Blog Includes:
- महात्मा गांधी के बारे में
- गांधी जयंती पर भाषण 100 शब्दों में
- गांधी जयंती पर भाषण 200 शब्दों में
- गांधी जयंती पर भाषण 500 शब्दों में
- गांधी जयंती पर भाषण तैयार करने के टिप्स
- महात्मा गांधी से जुड़े रोचक तथ्य
- FAQs
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महात्मा गांधी के बारे में
मोहनदास करमचंद गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 गुजरात के पोरबंदर गांव में हुआ था। गांधीजी हमेशा अहिंसा के रास्ते पर चलते थे। उन्होंने 1930 में दांडी यात्रा करके नमक सत्याग्रह किया था। इसके अलावा गांधीजी ने वकालत की पढ़ाई लंदन से पूरी की थी। लोग प्यार से उन्हें बापू कहते हैं और बापू हिंसा के खिलाफ थे। बापू हमेशा साधारण सा जीवन जीते थे। उनके विचारों और कार्यों ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को एक नई ऊर्जा दी।
देश में आंदोलनों की जब भी बात होती है तो महात्मा गांधी को सबसे ऊपर रखा गया है। 2 अक्टूबर को हम सब इसलिए एकत्र होते हैं कि उन्हें उनकी जयंती पर नमन करें और उनके योगदान को जानें। महात्मा गांधी के बारे में हर भारतवासी को जानना चाहिए। जलियांवाला बाग नरसंहार से गांधी जी को यह ज्ञात हो गया था कि ब्रिटिश सरकार से न्याय की अपेक्षा करना व्यर्थ है, इसीलिए उन्होंने सितंबर 1920 से फरवरी 1922 के मध्य भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेतृत्व में असहयोग आंदोलन चलाया।
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गांधी जयंती पर भाषण 100 शब्दों में
100 शब्दों में गांधी जयंती पर भाषण (Speech on Gandhi Jayanti in Hindi) इस प्रकार है:
सभी आदरणीय अध्यापक गण और प्यारे मित्रों, आप सबको मेरा प्रणाम। आज गांधी जयंती के शुभ अवसर पर मैं उनके संघर्षमय और प्रेरणादायी जीवन पर आधारित भाषण प्रस्तुत कर रहा हूं। गांधी जयंती 2 अक्टूबर को है लेकिन बापू को हम हमेशा ही याद करते हैं। महात्मा गांधी जिन्हें मोहनदास करमचंद गांधी और बापू के नाम से भी जाना जाता है, का जन्म 2 अक्टूबर, 1869, पोरबंदर गुजरात में हुआ था। महात्मा गांधी के जन्मदिन के उपलक्ष्य में हर साल 2 अक्टूबर को हम सब एकत्र होते हैं। इसे मनाने का मुख्य उद्देश्य गांधीजी के जीवन, विचारों और उनके अहिंसात्मक संघर्ष को याद करना और सम्मान देना है। महात्मा गांधी ने स्वतंत्रता संग्राम में अहिंसा और सत्याग्रह के सिद्धांतों का पालन करते हुए भारत को ब्रिटिश शासन से आजादी दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनका जीवन सादगी, सत्य, और नैतिकता का प्रतीक है।
गांधी जयंती पर भाषण 200 शब्दों में
200 शब्दों में गांधी जयंती पर भाषण (Speech on Gandhi Jayanti in Hindi) इस प्रकार है:
नमस्कार, आज मैं…गांधी जयंती के अवसर पर आपके समक्ष खड़ा हूं। महात्मा गांधी के जन्मदिन के उपलक्ष्य में हर साल 2 अक्टूबर को उनकी जयंती मनाई जाती है। इसे मनाने का मुख्य उद्देश्य गांधीजी के जीवन, विचारों और उनके अहिंसात्मक संघर्ष को याद करना और सम्मान देना है। देश में आंदोलनों की जब भी बात होती है तो महात्मा गांधी को सबसे ऊपर रखा गया है। 2 अक्टूबर को हम सब इसलिए एकत्र होते हैं कि उन्हें उनकी जयंती पर नमन करें और उनके योगदान को जानें। महात्मा गांधी के बारे में हर भारतवासी को जानना चाहिए।
गांधी ने सितंबर 1920 से फरवरी 1922 के मध्य भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेतृत्व में असहयोग आंदोलन चलाया। यह आंदोलन काफी सफल रहा और इससे ब्रिटिश सरकार को भारी झटका लगा। संयुक्त राष्ट्र ने 2007 में गांधी के जन्मदिन 2 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में घोषित किया। बता दें कि गांधीजी को 5 बार नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया था लेकिन उन्हें कभी पुरस्कार नहीं मिला। टाइम मैगजीन ने 1930 में महात्मा गांधी को पर्सन ऑफ द ईयर नामित किया था।
गांधी जयंती पर भाषण 500 शब्दों में
200 शब्दों में गांधी जयंती पर भाषण (Speech on Gandhi Jayanti in Hindi) इस प्रकार है:
गांधी जयंती या फिर महात्मा गांधी के ऊपर भाषण की शुरुआत में सबसे पहले जहां भाषण दे रहे हैं वहां के वरिष्ठ लोगों का संबोधन करना है..जैसे नमस्कार वरिष्ठजनों और साथियों। फिर महात्मा गांधी और गांधी जयंती के बारे में थोड़ा बताना है। जैसे- भारत की आजादी से पहले और बाद तक महात्मा गांधी का योगदान या फिर उनके आंदोलन आदि। गांधी जी के परिवार के बारे में और उपलब्धियों के बारे में भी बता सकते हैं।
गांधी जयंती के अवसर पर यहां एकत्रित सभी लोगों को शुभकामनाएं। मैं (आपका नाम) इस महत्वपूर्ण दिन को हमारे साथ मनाने के लिए आपका हार्दिक स्वागत करता हूं। हर साल 2 अक्टूबर को भारत मोहनदास करमचंद गांधी के जन्म की याद और सम्मान में गांधी जयंती के रूप में राष्ट्रीय अवकाश मनाता है। मोहनदास करमचंद गांधी, जिन्हें महात्मा गांधी के नाम से भी जाना जाता है, को हमारी स्वतंत्रता के लिए उनके अथक संघर्षों के लिए नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने राष्ट्रपिता की उपाधि दी थी। नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर ने उन्हें ‘महात्मा’ की उपाधि दी, जिसका अर्थ है ‘सबसे महान आत्मा वाला’।
हम यहां उन सिद्धांतों पर फिर से विचार करने के लिए हैं जिनके साथ उन्होंने अपना जीवन जिया और स्वतंत्रता के लिए लड़ाई लड़ी। गांधीजी के दो मुख्य सिद्धांत शांति और अहिंसा (अहिंसा) थे। वे हमेशा सत्य, ईमानदारी और अहिंसा के अनुयायी रहे थे।
महात्मा गांधी की जीवनी पर गौर करें तो उनका जन्म 2 अक्टूबर, 1869 को ब्रिटिश भारत में गुजरात के पोरबंदर में एक व्यापारी वर्ग के परिवार में हुआ था। उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई ब्रिटिश शासित भारत में पूरी की और बाद में कानून की पढ़ाई करने के लिए इंग्लैंड चले गए। अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद, उन्होंने भारत में कानून का अभ्यास करने की कोशिश की। 24 साल की उम्र में वे अपनी पत्नी कस्तूरबा गांधी के साथ दक्षिण अफ्रीका में कानून का अभ्यास करने के लिए भारत से चले गए। दक्षिण अफ्रीका में, उन्हें पहली बार अपनी जाति और रंग के कारण असमानता का सामना करना पड़ा।
जब वे कानून का अभ्यास करने के लिए भारत लौटे, तो वे अपने आस-पास के अन्याय को देखकर स्तब्ध रह गए, जिससे उनके अंदर न्याय करने की गहरी भावना पैदा हुई। जल्द ही वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हो गए और 1917 में चंपारण सत्याग्रह के साथ भारत की स्वतंत्रता के लिए काम करना शुरू कर दिया।
अहिंसा के अपने हथियार से उन्होंने दुनिया को बदलाव की दिशा में एक नई रोशनी दिखाई। उन्होंने हमेशा सही के लिए लड़ाई लड़ी, कई अहिंसक नागरिक अधिकार आंदोलनों में भाग लिया और ब्रिटिश शासन के विरोध में दांडी मार्च जैसे कई अभियानों का नेतृत्व किया। महात्मा गांधी ने स्वतंत्रता संग्राम में अहिंसा और सत्याग्रह के सिद्धांतों का पालन करते हुए भारत को ब्रिटिश शासन से आजादी दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनका जीवन सादगी, सत्य, और नैतिकता का प्रतीक है। गांधी जयंती के माध्यम से हम उनके आदर्शों को याद करते हैं और समाज में शांति, समानता, और न्याय की भावना को बढ़ावा देने का प्रयास करते हैं।
गांधी जयंती पर हम समझते हैं कि महात्मा गांधी ने अपनी छाप वैश्विक पटल पर छोड़ी है और इसीलिए प्यार से लोग उन्हें बापू बुलाते हैं। यह दिन बताता है कि गांधीजी ने भारत की आजादी के आंदोलन में अहिंसा और सत्याग्रह के माध्यम से महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनका जीवन और उनके सिद्धांत आज भी हमें शांति, सच्चाई और न्याय की दिशा में चलने की प्रेरणा देते हैं। इन शब्दों के साथ मैं अपने भाषण को विराम देता हूं। धन्यवाद।
गांधी जयंती पर भाषण तैयार करने के टिप्स
गांधी जयंती पर भाषण तैयार (Speech on Gandhi Jayanti in Hindi) करने के लिए कुछ टिप्स यहां दी गई है:
- स्पीच की शुरुआत में आपको अपने सामने बैठे सभी लोगों का अभिवादन करना चाहिए।
- अब आपको गांधी जयंती का परिचय देना चाहिए कि यह क्या है और क्यों मनाई जाई है।
- महात्मा गांधी की उपलब्धियों या फिर उनके योगदान के बारे में बता सकते हैं।
- महात्मा गांधी की जयंती पर भाषण को रोचक बनाने के लिए आप अपना व्यक्तिगत अनुभव भी स्पीच में जोड़ सकते हैं।
- महत्वपूर्ण बिंदुओं को संक्षेप और स्पष्ट रूप से व्यक्त करें।
- स्पीच पूरी तैयार हो जाने के बाद उसका अभ्यास करें।
- स्पीच देते वक्त आप अपना आत्मविश्वास बनाए रखें। आप अपनी आवाज़ को स्पष्ट और तेज रखें ताकि सभी लोग सुन सकें।
- स्पीच के अंत में आप सुनने वाले सभी लोगों को धन्यवाद करें।
महात्मा गांधी से जुड़े रोचक तथ्य
महात्मा गांधी से जुड़े रोचक तथ्य इस प्रकार हैं :
- संयुक्त राष्ट्र ने 2007 में गांधी के जन्मदिन 2 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में घोषित किया।
- गांधीजी को 5 बार नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया था लेकिन उन्हें कभी पुरस्कार नहीं मिला।
- टाइम मैगजीन ने 1930 में महात्मा गांधी को पर्सन ऑफ द ईयर नामित किया था।
- इतिहास की किताबों के अनुसार गांधीजी को ‘महात्मा की उपाधि’ रवीन्द्रनाथ टैगोर ने दी थी।
- ब्रह्मचर्य का व्रत लेने से पहले, महात्मा गांधी के चार बेटे थे।
- मोहनदास करमचंद गांधी की हत्या पूर्व बिड़ला हाउस के बगीचे में की गई थी।
- गांधी जी और प्रसिद्ध लेखक लियो टॉल्स्टॉय पत्रों के माध्यम से एक-दूसरे से बातचीत करते थे।
- महात्मा गांधी की मातृभाषा गुजराती थी।
FAQs
महात्मा गांधी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी है।
महात्मा गांधी का मुख्य नारा भारत छोड़ो, करो या मरो है।
हम 2 अक्टूबर को गांधी जयंती गांधी जी को श्रद्धांजलि देने के लिए मानते हैं।
महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता 4 जून 1944 को घोषित किया गया।
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