क्या आप जानते हैं विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की एक रिपोर्ट के मुताबिक पूरी दुनिया में हर साल लगभग 8 लाख लोग आत्महत्या कर लेते हैं? वहीं भारत में हर साल लगभग 1.34 लाख लोग आत्महत्या करते हैं। खुद को नुकसान पहुँचाना एक गंभीर समस्या बनती जा रही है। यह समस्या किसी भी उम्र के लोगों को प्रभावित कर सकती है। ऐसे में सेल्फ इंजरी यानी आत्म-चोट के बारे में लोगों को शिक्षित करने और इसके लक्षणों और संकेतों को समझने में मदद करने के लिए हर साल 1 मार्च को सेल्फ इंजरी अवेयरनेस डे मनाया जाता है। यह एक महत्वपूर्ण दिन है जब विभिन्न सार्वजनिक जागरूकता अभियान का आयोजन किया जाता है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को इसके बारे में जागरूक किया जा सके। इसी कड़ी में हम आपको इस ब्लाॅग के माध्यम से बताएंगे कि क्या है Self Injury Awareness Day in Hindi, इसका इतिहास और महत्व?
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सेल्फ इंजरी अवेयरनेस डे के बारे में
सेल्फ इंजरी अवेयरनेस डे (SIAD) को हिंदी में स्व-चोट जागरूकता दिवस के नाम से भी जाना जाता है। यह हर साल 1 मार्च को मनाया जाने वाला एक अंतर्राष्ट्रीय जागरूकता दिवस है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य लोगों को आत्म-चोट जिसे सेल्फ हार्म भी कहा जाता है, के बारे में शिक्षित करना और इसके बारे में जागरूकता बढ़ाना। इसी के साथ यह दिन उन लोगों के लिए सहायता प्रदान करने का अवसर देता है जो इस गंभीर समस्या से प्रभावित होते हैं।
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सेल्फ इंजरी अवेयरनेस डे क्यों मनाया जाता है?
सेल्फ-हार्म, एक गंभीर समस्या है जो दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रभावित करती है। सेल्फ इंजरी अवेयरनेस डे (SIAD) को मनाने का उद्देश्य है आत्म-चोट (Self Harm) के बारे में जागरूकता बढ़ाना। इस दिवस को मनाने के कुछ अन्य प्रमुख कारण निम्नलिखित है :
- यह दिवस लोगों को यह समझने में मदद करता है कि आत्म-चोट एक मानसिक समस्या है और इसके लिए मदद लेना ज़रूरी है।
- यह दिवस आत्म-चोट से पीड़ित लोगों को मदद लेने के प्रोत्साहित करता है।
- यह दिवस लोगों को यह महसूस कराता है कि वे अकेले नहीं हैं और उनके लिए मदद उपलब्ध है।
- यह दिवस आत्महत्या को रोकने में मदद कर सकता है।
सेल्फ इंजरी अवेयरनेस डे कैसे मनाया जाता है?
सेल्फ इंजरी अवेयरनेस डे दुनिया भर में मनाया जाता है, और इस दौरान कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जैसे कि:
- सम्मेलन और कार्यशालाएं: इन कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को आत्म-चोट के बारे में जानकारी प्रदान की जाती है।
- जागरूकता अभियान: इन अभियानों का उद्देश्य आत्म-चोट के बारे में जागरूकता बढ़ाना और लोगों को इस समस्या के बारे में शिक्षित करना है।
- सहायता समूह: ये समूह आत्म-चोट से जूझ रहे लोगों को समर्थन और प्रोत्साहन प्रदान करते हैं।
- सोशल मीडिया : सोशल मीडिया पर #SelfInjuryAwarenessDay हैशटैग का उपयोग कर आप जागरूकता फैला सकते हैं।
- अन्य गतिविधयां : आप नारंगी रिबन पहन कर भी जागरूकता फैला सकते हैं। बता दें कि नारंगी रंग आत्म-चोट जागरूकता का प्रतीक है।
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सेल्फ इंजरी अवेयरनेस डे का इतिहास
आत्म-चोट जागरूकता का इतिहास 1800 के दशक में तब शुरू होता है जब फ्रांसीसी मनोचिकित्सक फिलिप पिनेल ने पहली बार आत्म-चोट के कुछ मामलें दर्ज किये थे। वहीं 20वीं शताब्दी की शुरुआत में, सेल्फ हार्म मानसिक बीमारी के लक्षणों में से एक माना गया। इसके बाद इस बीमारी का विस्तार सेअध्ययन किया गया। इस दौरान 1995 में, स्व-विकृति पर पहला अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया। 1997 में, इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर द स्टडी ऑफ सेल्फ-इंजरी की स्थापना की गई। इसके बाद 2001 में पहला आत्म-चोट जागरूकता दिवस (SIAD) मनाया गया और 2003 में यह दिवस एक अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम के रूप में घोषित किया गया। तब से लेकर हर साल 1 मार्क को दुनियाभर में यह दिवस मनाया जाता है।
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सेल्फ इंजरी अवेयरनेस डे का महत्व
सेल्फ इंजरी अवेयरनेस डे एक महत्वपूर्ण दिन है क्योंकि यह दिन उन व्यक्तियों की सहायता करने का अवसर प्रदान करता है जो आत्म-चोट व्यवहार में शामिल हैं। इस दिन को आत्महत्या के रोकथाम को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भी मनाया जाता है। यह दिन आत्म-चोट से जुड़े कलंक को कम करने में भी मदद करता है। साथ ही यह दिवस आत्म-चोट से पीड़ित लोगों को यह महसूस कराता है कि वे अकेले नहीं हैं और उनके लिए मदद उपलब्ध है।
सेल्फ इंजरी अवेयरनेस डे पर 10 लाइन
सेल्फ इंजरी अवेयरनेस डे से जुड़े रोचक तथ्य निम्नलिखित है :
- सेल्फ इंजरी अवेयरनेस डे, एक अंतर्राष्ट्रीय जागरूकता दिवस है।
- पहली बार सेल्फ इंजरी अवेयरनेस डे 1 मार्च 2001 को मनाया गया था।
- यह दिवस International Society for Self Injury (ISSTD) द्वारा स्थापित किया गया था।
- इस दिन को मनाने का उद्देश्य है लोगों को आत्म-चोट की रोकथाम के लिए जागरूक करना।
- यह दिन उन लोगों को सहायता प्रदान करने के लिए समर्पित है जो जानबूझकर खुद को चोट पहुंचाते हैं।
- दुनियाभर में कई संगठन इस दिवस के दौरान जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करते हैं।
- इस दिन सम्मेलन, कार्यशालाएं, जागरूकता अभियान, सहायता समूह जैसे विभिन कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं।
- एक रिपोर्ट के मुताबिक, हर साल लाखों लोग आत्महत्या से मर जाते हैं।
- वहीं 10 में से 1 किशोर खुद को नुकसान पहुंचाते हैं।
- यह एक महत्वपूर्ण दिवस है जो आत्महत्या रोकने में मदद कर सकता है।
सेल्फ इंजरी अवेयरनेस डे पर मैसेज
सेल्फ इंजरी अवेयरनेस डे पर मैसेज इस प्रकार से है :
- आत्महत्या कभी भी समाधान नहीं है। यह केवल दर्द को स्थानांतरित करता है।” – महात्मा गांधी
- “आप अकेले नहीं हैं। मदद उपलब्ध है।” – राष्ट्रीय आत्महत्या रोकथाम लाइफलाइन
- “निष्क्रियता संदेह और भय को जन्म देती है। कार्रवाई से आत्मविश्वास और साहस पैदा होता है। यदि आप डर पर विजय पाना चाहते हैं तो घर पर बैठकर इसके बारे में न सोचें। बाहर जाओ और व्यस्त हो जाओ।” – डेल कार्नेगी
- “किसी भी विक्षिप्त व्यक्ति के मन में आत्महत्या के विचार नहीं आते हैं, जो दूसरों के प्रति स्वयं पर पुनर्निर्देशित जानलेवा आवेग नहीं हैं।” – सिगमंड फ्रायड
- “आत्म-दया आध्यात्मिक आत्महत्या है। यह आत्मा का एक अपरिहार्य आत्म-विकृति है।” – एंथोन सेंट मार्टेन
FAQs
खुद को नुकसान पहुंचाने के कुछ लक्षणों में शामिल हैं:
शरीर पर चोट के निशान
अकेले रहने की प्रवृत्ति
अवसाद या चिंता के लक्षण
पहली बार सेल्फ इंजरी अवेयरनेस डे 1 मार्च 2001 को मनाया गया था। यह दिवस “International Society for Self Injury” (ISSTD) द्वारा स्थापित किया गया था।
सेल्फ इंजरी अवेयरनेस डे को मनाने का उद्देश्य है खुद को नुकसान पहुंचाने के बारे में जागरूकता बढ़ाना और इस समस्या से जूझ रहे लोगों को सहायता प्रदान करना।
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