National Deworming Day in Hindi 2025: देश में हर साल दो बार राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस मनाया जाता है। पहला 10 फरवरी को और दूसरा नेशनल डीवॉर्मिंग डे 10 अगस्त को मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य है बच्चों में बढ़ रही कृमि संक्रमण को रोकना और इससे बचाव के प्रति जागरूकता फैलाना। इस दिन विभिन्न सार्वजनिक जागरूकता अभियान का आयोजन किया जाता है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को इसके बारे में जागरूक किया जा सके। गौरतलब है कि आज के समय में लाखों बच्चे इस बीमारी से जूझ रहे हैं, इसलिए इसके बारे में समझना बहुत जरूरी है। इस ब्लाॅग में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस (National Deworming Day in Hindi) का इतिहास, थीम और महत्व बताया जा रहा है।
This Blog Includes:
- नेशनल डीवॉर्मिंग डे (National Deworming Day in Hindi)
- राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस का इतिहास क्या है?
- राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस क्यों मनाया जाता है?
- राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कब मनाया जाता है?
- 2025 राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस की थीम क्या है?
- राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस का महत्व क्या है? (National Deworming Day in Hindi)
- राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कैसे मनाया जाता है?
- राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस पर 10 लाइन (10 lines on National Deworming Day in Hindi)
- राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस से जुड़े रोचक तथ्य (Interesting Facts Related to National Deworming Day in Hindi)
- FAQs
नेशनल डीवॉर्मिंग डे (National Deworming Day in Hindi)
देश में हर साल 10 फरवरी को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस मनाया जाता है। नेशनल डीवॉर्मिंग डे (राष्ट्रीय कृमि दिवस) को मनाने की शुरुआत भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा की गयी थी और इसका उद्देश्य था 1 साल से लेकर 14 साल के बच्चों में बढ़ रही मृदा-संचारित हेल्मिन्थ्स जैसी बिमारियों को रोकना और लोगों को इस रोग के प्रति जागरूक करना। आपको बता दें कि आंतों में कीड़े होने की स्थिति को मृदा-संचारित हेल्मिन्थ्स यानी कि सॉइल ट्रांसमिटेड हेल्मिन्थ्स (STH) कहा जाता है।
गौरतलब है कि आज के समय में भारत में लाखों बच्चे इस परेशानी से जूझ रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में नवजात बच्चों से लेकर 14 साल के बच्चों में आंतों में कीड़े होने का खतरा रहता है। ऐसे में इसकी रोकथाम के लिए स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा इस दिन को मनाने की पहल की गई है।
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राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस का इतिहास क्या है?
आपको बता दें कि इस दिन (National Deworming Day in Hindi) को मनाने की शुरुआत स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा साल 2015 में की गई थी। इस दिवस को मनाने का का उद्देश्य है देश को कृमि मुक्त बनाना। कृमि रोग बच्चों की आंतों को प्रभावित करता है जिसकी वजह से बच्चों में मानसिक विकार की स्थिति पैदा हो सकती है। यह रोग इंसानों और जानवरों दोनों के लिए किसी बड़े खतरे से कम नहीं है। इसको ध्यान में रखते हुए 2015 से हर साल इस दिन देश के सभी आंगनवाड़ी और स्कूलों में बच्चों को दवाई दी जाती है। राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जाता है ताकि लोग इस रोग की गंभीरता को समझ सकें और बच्चों की ओवरऑल हेल्थ में सुधार लाया जा सकें।
राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस क्यों मनाया जाता है?
कृमि संक्रमण एक आम समस्या है जो अनुमानित रूप से 1 से 19 वर्ष की आयु के बच्चों को प्रभावित करती है। कृमि संक्रमण की वजह से व्यक्ति को एनीमिय, दस्त, पेट दर्द, कुपोषण और मानसिक विकास संबंधी दिक्कतें होने की संभावनाएं हैं। ऐसे में नेशनल डीवॉर्मिंग डे बच्चों के स्वास्थ्य के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है। इस दिन बच्चों को कृमिनाशक दवा देने का अभियान चलाया जाता है जिससे उन्हें कृमि संक्रमण से बचाने में मदद मिलती है।
राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कब मनाया जाता है?
भारत में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस वर्ष में दो बार 10 फरवरी और 10 अगस्त को मनाया जाता है। इसका उद्देश्य 1 से 19 वर्ष की आयु के बच्चों और किशोरों को परजीवी कृमि संक्रमण से बचाने के लिए कृमि मुक्त करना है। सरकार बच्चों के स्वास्थ्य, पोषण और समग्र कल्याण में सुधार के लिए स्कूलों और आंगनवाड़ी केंद्रों के माध्यम से एल्बेंडाजोल की गोलियाँ प्रदान करती है।
2025 राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस की थीम क्या है?
वर्तमान में, 2025 के राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस की थीम की आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। जैसे ही नई थीम की घोषणा होगी, इसे सार्वजनिक रूप से उपलब्ध कराया जाएगा। आपको बता दें कि नेशनल डीवॉर्मिंग डे 2024 की थीम एसटीएच हटाएं: बच्चों के स्वस्थ भविष्य में निवेश करें निर्धारित की गई थी।
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राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस का महत्व क्या है? (National Deworming Day in Hindi)
भारत में 10 फरवरी को मनाया जाने वाला राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस बच्चों और किशोरों में परजीवी कृमि संक्रमण से निपटने के उद्देश्य से मनाया जाता है। यह जागरूकता को बढ़ावा देता है और स्वास्थ्य, पोषण और संज्ञानात्मक विकास को बेहतर बनाने के लिए कृमि मुक्ति दवा देता है और इससे बेहतर शैक्षणिक प्रदर्शन और समग्र कल्याण सुनिश्चित होता है।
राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कैसे मनाया जाता है?
राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस (National Deworming Day in Hindi) पर कई ऐसे अभियान चलाए जाते हैं जिसमें परिवार को बच्चों के लिए कृमिनाशक दवा लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। इसी के साथ कृमि संक्रमण के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए सोशल मीडिया पर पोस्ट किया जाता है और इस दिन स्वास्थ्य विभाग द्वारा बच्चों को एल्बेंडाजोल नामक एक सुरक्षित और प्रभावी कृमिनाशक दवा दी जाती है।
राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस पर 10 लाइन (10 lines on National Deworming Day in Hindi)
राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस पर 10 लाइन (10 lines on National Deworming Day in Hindi) इस प्रकार हैं-
- भारत में हर साल 10 फरवरी और 10 अगस्त को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस मनाया जाता है।
- इसका उद्देश्य 1 से 19 वर्ष की आयु के बच्चों और किशोरों में परजीवी कृमि संक्रमण को खत्म करना है।
- सरकार स्कूलों और आंगनवाड़ी केंद्रों में एल्बेंडाजोल की गोलियां निःशुल्क उपलब्ध कराती है।
- इस पहल का नेतृत्व स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय कर रहा है।
- कृमि संक्रमण से कुपोषण, एनीमिया और संज्ञानात्मक विकास में कमी हो सकती है।
- यह अभियान बच्चों के स्वास्थ्य, स्कूल में उपस्थिति और सीखने की क्षमता को बेहतर बनाने में मदद करता है।
- इस दिन जागरूकता कार्यक्रम हाथ धोने और उचित स्वच्छता जैसी स्वच्छता प्रथाओं को बढ़ावा देते हैं।
- इस दिन शिक्षक, स्वास्थ्य कार्यकर्ता और आंगनवाड़ी कर्मचारी कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
- कार्यक्रम अधिकतम प्रभावशीलता के लिए अर्धवार्षिक कृमि मुक्ति रणनीति का पालन करता है।
- एक स्वस्थ, कृमि मुक्त बचपन एक मजबूत और अधिक उत्पादक भविष्य सुनिश्चित करता है।
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राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस से जुड़े रोचक तथ्य (Interesting Facts Related to National Deworming Day in Hindi)
राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस से जुड़े रोचक तथ्य (Interesting Facts Related to National Deworming Day in Hindi) इस प्रकार हैं-
- सबसे बड़ा कृमि मुक्ति कार्यक्रम- भारत दुनिया के सबसे बड़े कृमि मुक्ति कार्यक्रमों में से एक चलाता है और इसका लक्ष्य सालाना 27 करोड़ से ज़्यादा बच्चों को कृमि मुक्त करना है।
- 2015 में शुरू किया गया- यह अभियान परजीवी कृमि संक्रमण से निपटने के लिए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा शुरू किया गया था।
- एल्बेंडाजोल टेबलेट- कृमियों को खत्म करने के लिए बच्चों और किशोरों को एक ही चबाने वाली एल्बेंडाजोल टेबलेट दी जाती है।
- अर्धवार्षिक पालन- प्रभावी कृमि मुक्ति कवरेज सुनिश्चित करने के लिए इसे साल में दो बार 10 फरवरी और 10 अगस्त को मनाया जाता है।
- स्कूल और आंगनवाड़ी आधारित कार्यक्रम- इस दिन स्कूलों और आंगनवाड़ी केंद्रों में कृमि मुक्ति दवा मुफ़्त में वितरित की जाती है।
- शैक्षणिक प्रदर्शन में सुधार- यह दिन हमें बताता है कि स्वस्थ, कृमि मुक्त बच्चों की स्कूल में उपस्थिति, एकाग्रता और संज्ञानात्मक क्षमता बेहतर होती है।
- सामुदायिक भागीदारी- अधिकतम पहुँच और प्रभाव सुनिश्चित करने के लिए माता-पिता, शिक्षक और स्वास्थ्य कार्यकर्ता सक्रिय रूप से भाग लेते हैं।
- कृमि मुक्ति के बाद के प्रभाव– कुछ बच्चों को मतली या चक्कर आना जैसे हल्के दुष्प्रभाव हो सकते हैं, जो आमतौर पर जल्दी ही ठीक हो जाते हैं।
- स्वच्छता जागरूकता- कार्यक्रम पुनः संक्रमण को रोकने के लिए हाथ धोने, स्वच्छ पेयजल और स्वच्छता को बढ़ावा देता है।
FAQs
राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस की शुरुआत भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा की गयी थी।
राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस की शुरुआत फरवरी 2015 में, की गयी थी।
राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस पहली बार 10 फरवरी 2015 को मनाया गया था।
राष्ट्रीय कृमि मुक्ति अभियान एक सरकारी पहल है, जिसका उद्देश्य 1 से 19 वर्ष के बच्चों को कृमि संक्रमण से बचाना और उनके स्वास्थ्य, पोषण व शारीरिक विकास में सुधार करना है।
भारत में कृमि संक्रमण से बचाने के लिए Albendazole (एल्बेंडाजोल) दवा दी जाती है, जो आंतों में मौजूद हानिकारक कीड़ों को नष्ट कर बच्चों को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करती है।
बच्चों को कृमि संक्रमण से बचाने के लिए Albendazole (एल्बेंडाजोल) टेबलेट दी जाती है जो राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस पर स्कूलों और आंगनवाड़ियों में मुफ्त उपलब्ध कराई जाती है।
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आशा है कि आपको राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस (National Deworming Day in Hindi) की जानकारी मिली होगी जो आपके सामान्य ज्ञान को बढ़ाने का काम करेगी। इसी प्रकार के अन्य ट्रेंडिंग इवेंट्स पर ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बनें रहें।