देश में हर साल 10 फरवरी को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस (National Deworming Day) मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य है बच्चों में बढ़ रही कृमि संक्रमण को रोकना और इससे बचाव के प्रति जागरूकता फैलाना। इस दिन विभिन्न सार्वजनिक जागरूकता अभियान का आयोजन किया जाता है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को इसके बारे में जागरूक किया जा सके। गौरतलब है कि आज के समय में लाखों बच्चे इस बीमारी से जूझ रहे हैं। ऐसे में आइये इस ब्लाॅग के माध्यम से विस्तार से जानते हैं क्या है National Deworming Day in Hindi और क्या है भारत में इसकी स्थिति।
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नेशनल डीवॉर्मिंग डे के बारे में
देश में हर साल 10 फरवरी को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस मनाया जाता है। नेशनल डीवॉर्मिंग डे (राष्ट्रीय कृमि दिवस) को मनाने की शुरुआत भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा की गयी थी जिसका उद्देश्य था 1 साल से लेकर 14 साल के बच्चों में बढ़ रही मृदा-संचारित हेल्मिन्थ्स जैसी बिमारियों को रोकना और लोगों को इस रोग के प्रति जागरूक करना। आपको बता दें कि आंतों में कीड़े होने की स्थिति को मृदा-संचारित हेल्मिन्थ्स यानी कि सॉइल ट्रांसमिटेड हेल्मिन्थ्स (STH) कहा जाता है। गौरतलब है कि आज के समय में भारत में लाखों बच्चे इस परेशानी से जूझ रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में नवजात बच्चों से लेकर 14 साल के बच्चों में आंतों में कीड़े होने का खतरा रहता है। ऐसे में इसकी रोकथाम के लिए स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा इस दिन को मनाने की पहल की गई है। चलिए आपको बताते हैं इस दिन इतिहास और महत्व।
नेशनल डीवॉर्मिंग डे क्यों मनाया जाता है?
बता दें कि कृमि संक्रमण एक आम समस्या है जो अनुमानित रूप से 1 से 19 वर्ष की आयु के बच्चों को प्रभावित करती है। कृमि संक्रमण की वजह से व्यक्ति को एनीमिय, दस्त, पेट दर्द, कुपोषण और मानसिक विकास संबंधी दिक्कतें होने की संभावनाएं हैं। ऐसे में नेशनल डीवॉर्मिंग डे बच्चों के स्वास्थ्य के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है। इस दिन बच्चों को कृमिनाशक दवा देने का अभियान चलाया जाता है जिससे उन्हें कृमि संक्रमण से बचाने में मदद मिलती है।
नेशनल डीवॉर्मिंग डे कैसे मनाया जाता है?
इस दिन कई ऐसे अभियान चलाये जाते हैं जिसमें परिवार को बच्चों के लिए कृमिनाशक दवा लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। इसी के साथ कृमि संक्रमण के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए सोशल मीडिया पर पोस्ट किया जाता है और इस दिन स्वास्थ्य विभाग द्वारा बच्चों को एल्बेंडाजोल नामक एक सुरक्षित और प्रभावी कृमिनाशक दवा दी जाती है।
नेशनल डीवॉर्मिंग डे का इतिहास और महत्व
आपको बता दें कि इस दिन को मनाने की शुरुआत स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा साल 2015 में की गई थी। इस दिवस को मनाने का का उद्देश्य है देश को कृमि मुक्त बनाना। कृमि रोग बच्चों की आंतों को प्रभावित करता है जिसकी वजह से बच्चों में मानसिक विकार की स्थिति पैदा हो सकती है। यह रोग इंसानों और जानवरों दोनों के लिए किसी बड़े खतरे से कम नहीं है। इसको ध्यान में रखते हुए 2015 से हर साल इस दिन देश के सभी आंगनवाड़ी और स्कूलों में बच्चों को दवाई दी जाती है। राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जाता है ताकि लोग इस रोग की गंभीरता को समझ सकें और बच्चों की ओवरऑल हेल्थ में सुधार लाया जा सकें।
नेशनल डीवॉर्मिंग डे थीम 2024
नेशनल डीवॉर्मिंग डे (National Deworming Day in Hindi), कृमि रोग के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल एक खास थीम के साथ मनाया जाता है। आपको बता दें कि नेशनल डीवॉर्मिंग डे थीम 2024 की थीम है “एसटीएच हटाएं: बच्चों के स्वस्थ भविष्य में निवेश करें”। यह थीम लोगों को यह समझने में मदद करने के लिए डिज़ाइन की गई है कि देश को कृमि मुक्त करें। यह एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है जो बच्चो को कई स्वास्थ्य समस्याओं से ग्रस्त कर सकता है।
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FAQs
राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस की शुरुआत भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा की गयी थी।
राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस की शुरुआत फरवरी 2015 में, की गयी थी।
राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस पहली बार 10 फरवरी 2015 को मनाया गया था।
आशा है कि आपको National Deworming Day in Hindi की जानकारी मिली होगी जो आपके सामान्य ज्ञान को बढ़ाने का काम करेगी। इसी प्रकार के अन्य ट्रेंडिंग इवेंट्स पर ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बनें रहें।