International Everest Day 2025: हर वर्ष 29 मई को अंतर्राष्ट्रीय एवरेस्ट दिवस (International Everest Day) मनाया जाता है। यह दिवस न्यूजीलैंड के सर एडमंड हिलेरी और नेपाल के तेनजिंग नोर्गे शेरपा द्वारा सन 1953 में माउंट एवरेस्ट पर पहली चढ़ाई की स्मृति में मनाया जाता है। यह उपलब्धि मानव साहस और दृढ़ संकल्प की प्रतीक बन गई, जिसने आने वाली पीढ़ियों के पर्वतारोहियों को प्रेरणा दी। इस लेख में अंतर्राष्ट्रीय एवरेस्ट दिवस (International Everest Day in Hindi) की विस्तृत जानकारी दी गई है।
This Blog Includes:
- अंतर्राष्ट्रीय एवरेस्ट दिवस का इतिहास
- अंतर्राष्ट्रीय एवरेस्ट दिवस का महत्व
- अंतर्राष्ट्रीय एवरेस्ट दिवस कैसे मनाया जाता है?
- आप अंतर्राष्ट्रीय एवरेस्ट दिवस कैसे मना सकते हैं?
- एवरेस्ट का संक्षिप्त विवरण
- एवरेस्ट से जुड़े कुछ अद्भुत तथ्य
- माउंट एवरेस्ट के रिकॉर्ड
- माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली भारत की पहली महिला पर्वतारोही
- FAQs
अंतर्राष्ट्रीय एवरेस्ट दिवस का इतिहास
अंतर्राष्ट्रीय एवरेस्ट दिवस, दुनिया की सबसे ऊँची चोटी माउंट एवरेस्ट (Mount Everest) की पहली सफल चढ़ाई की स्मृति में मनाया जाता है। बताना चाहेंगे 29 मई, 1953 को न्यूजीलैंड के सर एडमंड हिलेरी (Sir Edmund Hillary) और नेपाल के तेनजिंग नोर्गे शेरपा (Tenzing Norgay Sherpa) ने पहली बार माउंट एवरेस्ट की चोटी पर सफलतापूर्वक कदम रखा था। वहीं साल 2008 में, सर एडमंड हिलेरी के निधन के बाद, नेपाल सरकार ने 29 मई को “अंतर्राष्ट्रीय एवरेस्ट दिवस” के रूप में मनाने की घोषणा की।
यह दिवस पर्वतारोहण के इतिहास की सबसे बड़ी उपलब्धि को याद करता है। दुनिया भर के पर्वतारोही, साहसिक खेल प्रेमी और पर्यावरण कार्यकर्ता इस दिन को मनाते हैं। नेपाल और न्यूजीलैंड में इस दिन विशेष आयोजन, रैलियाँ, व्याख्यान और श्रद्धांजलि समारोह होते हैं।
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अंतर्राष्ट्रीय एवरेस्ट दिवस का महत्व
अंतराष्ट्रीय एवरेस्ट दिवस (International Everest Day in Hindi) का महत्व निम्नलिखित हैं:-
- सर एडमंड हिलेरी और तेनजिंग नोर्गे शेरपा की सफलता, मानव साहस की चरम सीमा का उदाहरण है।
- यह पर्वतारोहण प्रेमियों और साहसिक खेलों में रुचि रखने वालों के लिए एक प्रेरणास्रोत है। पर्वतारोहण में रुचि रखने वाले लोग इस दिन प्रशिक्षण शिविर, सम्मेलन और मैराथन जैसी गतिविधियों में भाग लेते हैं।
- एवरेस्ट क्षेत्र में बढ़ते कचरे और जलवायु परिवर्तन की समस्याओं को उजागर करने के लिए यह दिवस पर्यावरण संरक्षण और जागरूकता को बढ़ावा देता है। यह याद दिलाता है कि हिमालय जैसे संवेदनशील क्षेत्रों की संरक्षा हमारी जिम्मेदारी है।
- माउंट एवरेस्ट, नेपाल की राष्ट्रीय पहचान का हिस्सा है। यह दिन नेपाल के पर्यटन उद्योग को भी बढ़ावा देता है।
अंतर्राष्ट्रीय एवरेस्ट दिवस कैसे मनाया जाता है?
अंतर्राष्ट्रीय एवरेस्ट दिवस (International Everest Day in Hindi) निम्नलिखित प्रकार से मनाया जाता हैं:-
- इस दिन नेपाल और चीन के एवरेस्ट बेस कैम्प में समारोह आयोजित किए जाते हैं। इस दौरान ध्वजारोहण किया जाता है और एवरेस्ट की चोटी पर चढ़ने की कोशिश में अपने प्राणों का बलिदान देने वाले लोगों को श्रद्धांजली देने के लिए मौन रखा जाता है।
- इस दिन हिमालय क्षेत्र में हो रहे जलवायु परिवर्तन के सन्दर्भ में भी लोगों को जागरूक करने का काम किया जाता है।
- इस दिन स्कूलों और कॉलेजों में एवरेस्ट की ऊंचाई, पर्वतारोहियों की चुनौतियों और हिमालय की जलवायु तंत्र को समझाने के संबंध में कक्षाएं आयोजित की जाती हैं।
- सोशल मीडिया पर हैशटैग्स, फोटो और स्टोरीज़ को साझा करके भी इस दिन को मनाया जाता है।
आप अंतर्राष्ट्रीय एवरेस्ट दिवस कैसे मना सकते हैं?
आप निम्नलिखित तरीकों से अंतर्राष्ट्रीय एवरेस्ट दिवस (International Everest Day in Hindi) मना सकते हैं:-
- एवरेस्ट के बारे में जानें।
- उन पर्वतारोहियों के बारे में जानकारी लें, जो एवरेस्ट पर चढ़ने में सफल रहे हैं।
- एवरेस्ट की चढ़ाई के समय आने वाले खतरों के बारे में सोशल मीडिया के द्वारा जागरूकता फैलाएं।
- अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स से अंतराष्ट्रीय एवरेस्ट दिवस के बारे में स्टोरीज़ और फोटो साझा कर लोगों को इस बारे में बताएं।
एवरेस्ट का संक्षिप्त विवरण
यहाँ एवरेस्ट की चोटी का संक्षिप्त विवरण देने के लिए कुछ बिंदु दिए जा रहे हैं:-
- एवरेस्ट की चोटी दुनिया का सबसे ऊंचा पर्वत शिखर है।
- इस पर्वत का नाम जॉर्ज एवरेस्ट के नाम पर रखा गया है, जो 1830 से 1843 तक भारत के महासर्वेक्षक थे।
- एवरेस्ट की चोटी हर साल 4 किलोमीटर बढ़ जाती है। इसका कारण इंडियन प्लेट का यूरेशियन प्लेट के नीचे खिसकना है।
- यह महालंगूर हिमालय उप श्रेणी में स्थित है, जो हिमालय पर्वत श्रृंखला का हिस्सा है।
- एवरेस्ट की चोटी नेपाल और चीन (तिब्बत) की सीमा पर स्थित है।
एवरेस्ट से जुड़े कुछ अद्भुत तथ्य
यहाँ एवरेस्ट की चोटी से जुड़े कुछ अद्भुत तथ्य बताए जा रहे हैं:-
- माउंट एवरेस्ट की खोज सबसे पहले एक भारतीय सर्वेक्षक और गणितज्ञ राधानाथ सिकदर ने की थी।
- माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने के लिए सबसे लोकप्रिय समय वसंत और शरद ऋतु को माना जाता है।
- माउंट एवरेस्ट पर न्यूनतम तापमान माइनस 40 डिग्री तक पहुँच जाता है।
- हर साल 800 लोग हिमालय पर चढ़ने का प्रयास करते हैं।
- हिमालय पर चढ़ने के प्रयास में अब तक लगभग 300 लोगों की जान जा चुकी है।
- जुंको तानबे हिमालय पर चढ़ने वाली पहली महिला हैं।
माउंट एवरेस्ट के रिकॉर्ड
यहाँ माउंट एवरेस्ट के संबंध में पर्वतारोहियों के द्वारा बनाए गए कुछ रिकॉर्ड्स के बारे में बताया जा रहा है :
- माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने के का रिकॉर्ड कई लोग बना चुके हैं। नेपाल के अप्पा शेरपा ने 21 बार माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने का रिकॉर्ड बना चुके हैं।
- हरियाणा के विकास कौशिक और उनकी पत्नी सुषमा कौशिक एवरेस्ट पर चढ़ने वाले सबसे युवा दम्पति हैं।
- 45 वर्ष की प्रेमलता अग्रवाल एवरेस्ट की चोटी को फतह करने वाली सबसे अधिक उम्र की महिला बनी हैं।
माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली भारत की पहली महिला पर्वतारोही
भारत की पहली महिला पर्वतारोही बछेंद्री पाल ने वर्ष 1984 में एवरेस्ट की चोटी पर चढ़ने में सफलता प्राप्त की थी। वर्ष 1984 में भारत ने एवरेस्ट पर चढ़ने के लिए एक टीम बनाई थी। इस टीम में 16 लोग थे। इसमें 11 पुरुष पर्वतारोही और 5 महिला पर्वतारोही थीं। कठिन चढ़ाई और तूफ़ान को हराकर बिछेंद्री पाल माउंट एवरेस्ट पर पहुँचने वाली पहली महिला बनीं। बिछेंद्री पाल को उनके साहसिक कारनामे के लिए अर्जुन अवार्ड, पद्मश्री पुरस्कार, पर्वतारोहण फाउंडेशन की ओर से स्वर्ण पदक और उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से स्वर्ण पदक प्रदान किया जा चुका है।
FAQs
अंतर्राष्ट्रीय एवरेस्ट डे, माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाले पर्वतारोहियों की स्मृति को समर्पित है। यह दिन उन पर्वतारोहियों को श्रद्धांजलि देता है जो एवरेस्ट की चोटी पर चढ़कर नए रिकॉर्ड बनाते हैं।
एवरेस्ट की चोटी पर भारतीय झंडा फहराने वाले प्रथम व्यक्ति भारतीय सेना के अधिकारी कैप्टन एमएस कोहली थे।
माउंट एवरेस्ट दो देशों नेपाल और चीन में स्थित है।
अंतर्राष्ट्रीय एवरेस्ट दिवस प्रतिवर्ष 29 मई को मनाया जाता है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार रेनहोल्ड मेसनर और पीटर हेबेलर बिना ऑक्सीजन के माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाले पहले व्यक्ति थे। उन्होंने 8 मई 1978 को यह उपलब्धि हासिल की थी।
विश्व का सबसे ऊंचा पर्वत माउंट एवरेस्ट है, जो नेपाल के हिमालय में 8,848 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है।
भारतीय पर्वतारोही संतोष यादव दुनिया की पहली ऐसी महिला हैं, जिन्होंने माउंट एवरेस्ट पर दो बार चढ़ाई की थी।
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आशा है कि आपको इस लेख में माउंट एवरेस्ट दिवस या अंतर्राष्ट्रीय एवरेस्ट दिवस (International Everest Day in Hindi) की संपूर्ण जानकारी मिल गई होगी। ऐसे ही ट्रेंडिंग आर्टिकल्स और सामान्य ज्ञान से संबंधित अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।