Guru Purnima Poem : गुरु पूर्णिमा पर कविताएं, जिनके माध्यम से आप अपने जीवन में गुरु के महत्व को समझ पाएंगे

1 minute read
Guru Purnima Poem in Hindi

गुरु पूर्णिमा के अवसर पर आपको गुरु-शिष्य परंपरा का महत्व समझाने वाली गुरु पूर्णिमा पर कविताएं जरूर पढ़नी चाहिए, गुरु पूर्णिमा पर कविताएं एक ऐसा माध्यम बनेंगी जिनकी सहायता से आप अपने गुरुजनों का सम्मान कर पाएंगे। गुरु पूर्णिमा एक ऐसा पर्व है जो हमारे समाज को सभ्य बनाने वाले गुरुओं के ज्ञान की महिमा का महिमामंडन करता है। इस वर्ष 21 जुलाई को गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जाएगा, जिसका उद्देश्य गुरुओं को सम्मानित करना है। विद्यार्थी जीवन में विद्यार्थियों को गुरु पूर्णिमा पर कविताएं अवश्य पढ़नी चाहिए, ताकि वे साहित्य के माध्यम से अपने जीवन में गुरुओं के ज्ञान का महत्व जान सकें। गुरु पूर्णिमा पर कविताएं (Guru Purnima Poem in Hindi) पढ़ पाएंगे, जो आपके गुरु को सम्मानित करने का प्रयास करेंगी।

गुरु पूर्णिमा पर कविताएं – Guru Purnima Poem in Hindi

गुरु पूर्णिमा पर कविताएं पढ़कर आप अपने गुरु के सम्मान में निम्नलिखित कविताएं पढ़ सकते हैं। गुरु पूर्णिमा पर रचनाएं, कवियों के नाम के साथ नीचे दी गई सूची में सूचीबद्ध है-

कविता का नामकवि का नाम
गुरु को प्रणाम हैसुरेश कुमार शुक्ल ‘संदेश’
सात अलौकिक ऋषिसद्‌गुरु
दिव्य मदहोशीसद्‌गुरु
बिजली का वारसद्‌गुरु
एक गुरु के शिष्यश्रीनाथ सिंह
बच्चों मेरा प्रश्न बताओश्रीनाथ सिंह

यह भी पढ़ें : विष्णु प्रभाकर : हिंदी साहित्य के श्रेष्ठ लेखक एवं नाटककार का जीवन परिचय

गुरु को प्रणाम है

गुरु पूर्णिमा पर कविताएं एक ऐसा माध्यम हैं, जिनकी सहायता से आप अपने गुरु को सम्मानित कर पाएंगे। गुरु पूर्णिमा पर लिखित लोकप्रिय कविताओं में से एक कविता “गुरु को प्रणाम है” भी है, जो कुछ इस प्रकार है:

कण-कण में समान चेतन स्वरूप बसा,
एकमात्र सत्य रूप दिव्य अभिराम है।
जीवन का पथ जो दिखाता तम-तोम मध्य,
लक्ष्य की कराता पहचान शिवधाम है।
धर्म समझाता कर्म-प्रेरणा जगाता और
प्रेम का पढ़ाता पाठ नित्य अविराम है।
जग से वियोग योग ईश्वर से करवाता
ऐसे शिवरूप सन्त गुरु को प्रणाम है।

जड़ता मिटाता चित्त चेतन बनाता और
शान्ति की सुधा को बरसाता चला जाता है।
तमकूप से निकाल मन को सम्हाल गुरु
ज्ञान रश्मियों से नहलाता चला जाता है।
पग-पग पर करता है सावधान नित्य
पन्थ सत्य का ही दिखलाता चला जाता है।
आता है अचानक ही जीवन में घटना-सा
दिव्य ज्योति उर की जगाता चला जाता है।

भंग करता है अन्धकार का अनन्त रूप
ज्ञान गंग धार से सुपावन बनाता है।
स्वार्थ सिद्धियों से दूर परमार्थ का स्वरूप
लोकहित जीवन को अपने तपाता है।
दूर करता है ढूँढ़-ढूँढ के विकार सभी
पावन प्रदीप गुरु मन में जगाता है।
तत्व का महत्व समझाता अपनत्व सत्व
दिव्य आत्मतत्व से एकत्व करवाता है।

जिनके पदाम्बुजों के कृपा मकरन्द बिना
मंभ्रिंग मत्त हो न भव भूल पाता है।
काम क्रोध लोभ मोह छल छद्म द्वेष दम्भ
जगत प्रपंच नहीं रंच विसराता है।
पाता नहीं नेक सुख जग देख मन्दिर में,
दुःख पर दुःख स्वयं जाता उपजाता है।
गुरु बिना ज्ञान कहाँ, ज्ञान बिना राम कहाँ,
राम बिना जीवन सकाम रह जाता है।

अभिमान सैकताद्रि होता नहीं ध्वस्त और
मान अपमान सुख, दुख को मिटाता कौन?
युग-युग से भरा हुआ था द्वेष भाव पुष्ट
तन-मन से निकाल उसको भगाता कौन?
कागदेश में फँसा था मन हंस पन्थ भूल,
दिव्य मानसर तक उसे पहुँचाता कौन?
गुरुबिन कौन पुण्य पाप समझाता यहाँ
जीवन के बुझते प्रदीप को जगाता कौन?

-सुरेश कुमार शुक्ल 'संदेश'

सात अलौकिक ऋषि

गुरु पूर्णिमा पर कविताएं पढ़कर आप अपने जीवन में गुरु का महत्व जान पाएंगे। गुरु पूर्णिमा पर लिखित लोकप्रिय कविताओं में से एक कविता “सात अलौकिक ऋषि” भी है, जो कुछ इस प्रकार है:

पर्वत पर बैठे उस वैरागी
से दूर रहते थे तपस्वी भी

पर उन सातों ने किया सब कुछ सहन
और उनसे नहीं फेर सके शिव अपने नयन

उन सातों की प्रचंड तीव्रता
ने तोड़ दिया उनका हठ व धृष्टता

दिव्यलोक के वे सप्त-ऋषि
नहीं ढूंढ रहे थे स्वर्ग की आड़

तलाश रहे थे वे हर मानव के लिए एक राह
जो पहुंचा सके स्वर्ग और नर्क के पार

अपनी प्रजाति के लिए
न छोड़ी मेहनत में कोई कमी
शिव रोक न सके कृपा अपनी

शिव मुड़े दक्षिण की ओर
देखने लगे मानवता की ओर
न सिर्फ वे हुए दर्शन विभोर
उनकी कृपा की बारिश में
भीगा उनका पोर-पोर

अनादि देव के कृपा प्रवाह में
वो सातों उमडऩे लगे ज्ञान में

बनाया एक सेतु
विश्व को सख्त कैद से
मुक्त करने हेतु

बरस रहा है आज भी यह पावन ज्ञान
हम नहीं रुकेंगे तब तक
जब तक हर कीड़े तक
न पहुंच जाए यह विज्ञान

-सद्‌गुरु

यह भी पढ़ें : छात्रों के लिए अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर निबंध

दिव्य मदहोशी

गुरु पूर्णिमा पर कविताएं (Guru Purnima Poem in Hindi) पढ़कर आप अपने गुरु को विशेष ढंग से सम्मानित कर पाएंगे। गुरु पूर्णिमा पर लिखित लोकप्रिय कविताओं में से एक कविता “दिव्य मदहोशी” भी है, जो कुछ इस प्रकार है:

सत्य की खोज में
किया मैंने
कुछ अलौकिक
और कुछ अजीबोगरीब

एक दिन हुआ
पूज्य गुरु का आगमन
भेद डाला उन्होंने
मेरा सारा ज्ञान

छड़ी से अपनी
छुआ दिव्य चक्षु को
और कर दिया मुझ में
मदहोशी का आह्वान

इस मदहोशी का
नहीं था कोई उपचार
पर बेशक खुल गए
मुक्ति के द्वार

देखा मैंने
कि भयानक रोगों का भी
हो सकता है सहज संचार

फिर ले ली मैंने आजादी
इस मदहोशी को पूरी
इंसानियत में फैलाने की।

-सद्‌गुरु

यह भी पढ़ें : योग दिवस पर इन कोट्स से हों मोटीवेट

बिजली का वार

गुरु पूर्णिमा पर कविताएं के माध्यम से आप अपने गुरु का सम्मान कर पाएंगे, जिसके लिए सद्गुरु की यह कविता काफी प्रासंगिक है। गुरु पूर्णिमा पर लिखित लोकप्रिय कविताओं में से एक कविता “बिजली का वार” भी है, जो कुछ इस प्रकार है:

जीवन और मृत्यु दोनों ही से पराजित।
जीवन और मृत्यु
दोनों से ही गुज़र कर,
न हो पाई
मेरे भीतर हलचल कोई।
तब आया मेरे पास,
हाथों में छड़ी लिए
एक सक्षम शरीर वाला मनुष्य।
जन्म और मृत्यु
दोनों को ही देख लिया,
और देख ली वे सभी चीज़ें
जो दे सकता है जीवन।
पर था बैठा तब भी भौंचक्का,
कि तभी आया
हाथों में छड़ी लिए एक मनुष्य,
और कर दिया उस छड़ी से
बिजली का वार मुझ पर।

-सद्‌गुरु

यह भी पढ़ें : अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर ऐसे दें अपनों को शुभकामनाएं

एक गुरु के शिष्य

गुरु पूर्णिमा पर कविताएं (Guru Purnima Poem in Hindi) के माध्यम से आप अपने गुरु के साथ कुछ शानदार कविताएं साझा कर पाएंगे। गुरु पूर्णिमा पर लिखित लोकप्रिय कविताओं में से एक कविता “एक गुरु के शिष्य” भी है, जो कुछ इस प्रकार है:

शिष्य एक गुरु के हैं हम सब,
एक पाठ पढ़ने वाले।
एक फ़ौज के वीर सिपाही,
एक साथ बढ़ने वाले।
धनी निर्धनी ऊँच नीच का,
हममे कोई भेद नहीं।
एक साथ हम सदा रहे,
तो हो सकता कुछ खेद नहीं।
हर सहपाठी के दुःख को,
हम अपना ही दुःख जानेंगे।
हर सहपाठी को अपने से,
सदा अधिक प्रिय मानेंगे।
अगर एक पर पड़ी मुसीबत,
दे देंगे सब मिल कर जान।
सदा एक स्वर से सब भाई,
गायेंगे स्वदेश का गान।

-श्रीनाथ सिंह

यह भी पढ़ें : योग पर स्लोगन, जो समाज को योग के प्रति जागरूक करेंगें – “शरीर रहेगा निरोग, जो मानव करेगा योग”

बच्चों मेरा प्रश्न बताओ

Guru Purnima Poem in Hindi की श्रेणी में एक लोकप्रिय कविता “बच्चों मेरा प्रश्न बताओ” भी है। यह कविता आपको एक गुरु की जिम्मेदारी और उनके ज्ञान के महिमा के बारे में बताएगी, जो कुछ इस प्रकार है:

सोच रहा हूँ क्या बन जाऊं तो अति आदर पाऊं।
करूँ कौन सा काम कि जिससे बेहद नाम कमाऊं ।।
अगर बनूँगा गुरु मास्टर डर जायेंगे लड़के।
पड़ूँ रोज बीमार -मनायेंगे वे उठकर तड़के।।

कहता बनकर पुलिस-दरोगा -पत्ता एक न खड़के।
इस सूरत को,पर मनुष्य क्या ,देख भैंस भी भड़के।।
बाबू बन कुर्सी पर बैठूं तो मनहूस कहाऊं।
सोच रहा हूँ क्या बन जाऊँ तो अति आदर पाऊँ।।

करता बहस कचहरी में जा यदि वकील बन जाता।
मगर कहोगे झूठ बोलकर मैं हूँ माल उड़ाता।।
बन सकता हूँ बैद्द्य-डाक्टर पर यह सुन भय खाता।
लोग पड़ें बीमार यही हूँ मैं दिन रात मनाता।।

बनूँ राजदरबारी तो फिर चापलूस कहलाऊं।
सोच रहा हूँ क्या बन जाऊं तो अति आदर पाऊँ।।
नहीं चाहता ऊँची पदवी बन सकता हूँ ग्वाला।
मगर कहेंगे लोग दूध में कितना जल है डाला ।।

बनिया बन कर दूँ दुकान का चाहे काढ़ दिवाला।
लोग कहेंगे पर -कपटी कम चीज तौलने वाला।।
मुफ्तखोर कहलाऊँ साधू बन यदि हरिगुन गाऊँ।
सोच रहा हूँ क्या बन जाऊँ तो अति आदर पाऊँ।।

नेता खा लेता है चन्दा लगते हैं सब कहने।
धोबी पर शक है -यह कपड़े सदा और के पहने ||
मैं सुनार भी बन सकता हूँ गढ़ सकता हूँ गहने।
पर मुझको तब चोर कहेंगी आ मेरी ही बहनें।।

कुछ न करूँ तो माँ के मुख से भी काहिल कहलाऊँ।
सोच रहा हूँ क्या बन जाऊँ तो अति आदर पाऊँ।।
डाकू से तुम दूर रहोगे है बदनाम जुआरी।
लोग सभी निर्दयी कहेंगे जो मैं बनूँ शिकारी।।

बिना ऐब के एक न देखा ढूँढ़ा दुनिया सारी।
बच्चों ! मेरा प्रश्न बताओ काटो चिन्ता भारी।।
दोष ढूँढ़ना छोड़ कहो तो गुण का पता लागाऊँ।
सोच रहा हूँ क्या बन जाऊँ तो अति आदर पाऊँ।।

-श्रीनाथ सिंह

यह भी पढ़ें : निरोगी जीवन का राज़ योग

संबंधित आर्टिकल

Rabindranath Tagore PoemsHindi Kavita on Dr BR Ambedkar
Christmas Poems in HindiBhartendu Harishchandra Poems in Hindi
Atal Bihari Vajpayee ki KavitaPoem on Republic Day in Hindi
Arun Kamal Poems in HindiKunwar Narayan Poems in Hindi
Poem of Nagarjun in HindiBhawani Prasad Mishra Poems in Hindi
Agyeya Poems in HindiPoem on Diwali in Hindi
रामधारी सिंह दिनकर की वीर रस की कविताएंरामधारी सिंह दिनकर की प्रेम कविता
Ramdhari singh dinkar ki kavitayenMahadevi Verma ki Kavitayen
Lal Bahadur Shastri Poems in HindiNew Year Poems in Hindi
राष्ट्रीय युवा दिवस पर कविताविश्व हिंदी दिवस पर कविता
प्रेरणादायक प्रसिद्ध हिंदी कविताएँलोहड़ी पर कविताएं पढ़कर करें इस पर्व का भव्य स्वागत!

आशा है कि इस ब्लॉग के माध्यम से आप Guru Purnima Poem in Hindi (गुरु पूर्णिमा पर कविताएं) पढ़ पाए होंगे, गुरु पूर्णिमा पर कविताएं पढ़कर आप गुरु के ज्ञान का महत्व जान पाएंगे। इसी प्रकार की अन्य कविताएं पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

प्रातिक्रिया दे

Required fields are marked *

*

*