स्वामी विवेकानंद ने कहा था- “योग ही आयु में वृद्धि करता है” यह कहीं न कहीं सच भी है। हमारे दादा या उनके पिताजी हमसे ज़्यादा उम्र के स्वस्थ और हमसे ज़्यादा मजबूत है। क्योंकि प्राचीन काल से ही योग पद्धति मनुष्य के जीवन में महत्वपूर्ण रही है। आपका शरीर स्वस्थ हैं तो आपसे ज्यादा भाग्यशाली इंसान दुनिया में और कोई नहीं है। अगर आपका स्वास्थ अच्छा होगा तो आपका माइंड सेट भी अच्छा होगा उसके लिए रोज सुबह योग करना आवश्यक है। अंतरराष्ट्रीय योग कब और क्यों मनाया जाता है इसके बारे में विस्तार से जानने के लिए यह ब्लॉग पूरा पढ़ें।
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हर साल 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है। पहला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 21 जून 2015 को पूरी दुनिया में मनाया गया था। इस साल अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का आठवां साल है। भारत के साथ-साथ योग की ताकत को अब पूरी दुनिया मान रही है। योग आपके शरीर के साथ-साथ आपके मानसिक स्वास्थ्य भी स्वस्थ रहता है।
कैसे हुई अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की शुरुआत?
भारत में योग का इतिहास पुराना है। लेकिन अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का इतिहास ज्यादा पुराना नहीं है। साल 2014 में पीएम नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में इसकी पेशकश की थी। 11 दिसंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इस प्रस्ताव को पूर्ण बहुमत से पारित किया था। 193 सदस्य देशों में से 177 सदस्यों ने, 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस बिल को पारित करते हुए कहा कि योग दिमाग और शरीर की एकता का प्रतीक है। हमारी बदलती जीवन- शैली में योग चेतना बनकर, हमें जलवायु परिवर्तन से निपटने में मदद कर सकता है। योग हमारे जीवन का अमूल्य उपहार है।
योग क्या है?
योग’ शब्द संस्कृत के ‘युज’ (Yuj) से लिया गया है। योग का मतलब है जोड़ना और समाधी। योग आत्मा को परमात्मा से मिलाता है , यह एक अत्याधमिक प्रक्रिया है। ‘योग’ शब्द तथा इसकी प्रक्रिया हिन्दू धर्म, जैन धर्म और बौद्ध धर्म में ध्यान प्रक्रिया से सम्बन्धित है। सबसे पहले ‘योग’ शब्द का उल्लेख ऋग्वेद में मिलता है। इसके बाद अनेक उपनिषदों में इसका उल्लेख आया है।
योग का इतिहास
योग की शुरआत आज नहीं हुई है, योग प्राचीन काल से चलता आ रहा है। जब से सभ्यता शुरू हुई है तभी से योग की शुरुआत मानी गई है। योग विद्या में शिव को “आदि योगी” तथा “आदि गुरू” माना जाता है। योग से सम्बन्धित सबसे प्राचीन ऐतिहासिक साक्ष्य सिन्धु घाटी सभ्यता से प्राप्त वस्तुएँ हैं जिनकी शारीरिक मुद्राएँ और आसन उस काल में योग के अस्तित्व के प्रत्यक्ष प्रमाण हैं। योग के शुरुआत के कोई सबूत नहीं है, लेकिन योग का वर्णन सर्वप्रथम वेदों में मिलता है और वेद सबसे प्राचीन साहित्य माने जाते है। योग की शुरुआत भारत में हुई थी और भारत से इसका अन्य देशों में विस्तार हुआ है। प्रति वर्ष हजारों विदेशी अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर भारत में सिर्फ योग के लिए आते हैं।
योग के आठ अंग
ऋषि महर्षि जिन्हे चरक सहिंता का रचनाकार माना जाता है। ऋषि महर्षि पतंजलि ने अपने योग सूत्रों के माध्यम से योग और उससे जुड़ी बातों को संहिताबद्ध किया। महर्षि के अनुसार – “योगश्चित्तवृत्तिनिरोध:” यानी मन की इच्छाओं को संतुलित बनाना योग कहलाता है।
इन्होंने योग को आठ भागों में बांटा है, जिसे अष्टांग योग कहते हैं।
- यम
- नियम
- आसन
- प्राणायाम
- प्रतिहार
- धारण
- ध्यान
- समाधि
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21 जून को ही क्यों मनाते हैं अंतरराष्ट्रीय योग दिवस?
21 जून साल का सबसे बड़ा दिन होता है, उत्तरी गोलार्ध पर सबसे ज्यादा सूर्य की रोशनी पड़ती है, जिसकी वजह से ये सबसे लंबा दिन होता है। इस वजह से इस दिन को योग दिवस के रूप में मनाया जाता है। 21 जून, 2015 को पहला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया था। संयुक्त राष्ट्र में भारत ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने का प्रस्ताव रख। सभी देशों ने भी इसका समर्थन किया था। इसके बाद से 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है। 11 दिसंबर, 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस या विश्व योग दिवस माने की घोषणा की थी।
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2022 की थीम
हर साल की तरह इस साल भी भारतीय आयुष मंत्रालय ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के लिए थीम चुनी है। मंत्रालय के अनुसार इस बार ‘योगा फॉर ह्यूमैनिटी’ (Yoga For Humanity) को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2022 की थीम चुना गया है। जिसका अर्थ मानवता के लिए योग होता है।
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2021 और पिछले वर्षो की थीम
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस वर्ष | थीम | THEME |
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस थीम 2021 | “कल्याण के लिए योग” | Yoga for well-being |
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस थीम 2020 | “स्वास्थ्य के लिए योग – घर पर योग” | Yoga at Home and Yoga with Family |
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस थीम 2019 | “क्लाइमेट एक्शन” | Yoga For Climate action |
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस थीम 2018 | “शांति के लिए योग” | Yoga for Peace |
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस थीम 2017 | “स्वास्थ्य के लिए योग” | Yoga for Health |
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस थीम 2016 | “युवाओं को जोड़ें” | Yoga for the achievement of the Sustainable Development Goals |
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस थीम 2015 | “सामंजस्य और शांति के लिये योग” | Yoga for Harmony and Peace |
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अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर कुछ योग आसन
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर कुछ योग आसन हैं जिनको आप आसानी से कर सकते हैं।
- त्रिकोण आसन: त्रिकोण आसन कमर दर्द को दूर करने के लिए अच्छा योग्याभ्यास है। यह मोटापा घटने में मदद करता है।
- उत्तानपादासन-इस आसन से पैर में होने वाली सनसनाहट और दर्द की शिकायत दूर होती है।
- सेतुबंधासन-ये आसान रीढ़की हड्डी को मजबूत बनाता है और पाचन प्रक्रिया में भी सुधर लाता है
- पश्चिमोतासना- पश्चिमोतासना आसन का नियमित अभ्यास करने से मन शांत और तनाव से छुटकारा मिलता है।
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर निबंध
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने का प्रस्ताव सितंबर 2014 में भारतीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा रखा गया था। संयुक्त राष्ट्र ने दिसंबर 2014 में 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में घोषित किया। पहला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को दुनिया भर में धूम-धाम से मनाया गया दिल्ली में यह राजपथ में इसका आयोजन किया गया । इस दिन को मनाने के लिए हजारों लोग इस जगह पर इक्कठा हुए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ-साथ दुनिया के कई नामचीन लोगों ने भी इस आयोजन में हिस्सा लिया और योग अभ्यास किया।
योग का उत्साह जारी रहा , दूसरे और तीसरे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस में भी लोगों ने बड़ी संख्या में अपनी उपस्तिथि दर्ज कराई। चंडीगढ़ में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की दूसरी वर्ष गाठ के अवसर पर एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया गया था। तीसरे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर लखनऊ में एक समान रूप से बड़ा आयोजन किया गया। हर वर्ष भारत के अलग- अलग हिस्सों के साथ-साथ दुनिया भर में कई आयोजन किए जाते हैं।
कई योग आसन हैं जो अलग स्तर पर काम करते हैं जो हमें एक शानदार जीवन जीने में मदद करते हैं। हमें इन सभी को उपयोग में लाना चाहिए और उन लोगों को चुनना चाहिए जो वास्तव में हमारे लिए सही हैं। स्वस्थ जीवन शैली को प्राथमिकता देने वाले लोगों को नियमित रूप से अभ्यास करना चाहिए। योग को एक दिन समर्पित करने के पीछे का पूरा विचार यह है कि दुनिया को उन अजूबों को पहचानने में मदद मिले जो वह नियमित रूप से कर सकते हैं।
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस : स्लोगन फॉर योगा
योगा मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक बीमारी का इलाज करने के लिए सही और सटीक है।
स्वास्थ सबसे बड़ा उपहार हैं,संतोष सबसे बड़ा धन हैं,यह दोनों योग से ही मिलते हैं.
स्वंय को बदलो, जग बदलेगा। योग से सुखमय हर दिन खिलेगा।।
खुद से जुड़ने के लिए योग करे, विश्व से जुड़ने के लिए अन्तराष्ट्रीय योग दिवस मनाये।
भारत और विश्व को रोगमुक्त बनाये, आओ इसी प्रतिज्ञा के साथ योग दिवस मनाये।
जो करता योग, उसको नहीं छूता रोग।योगी बनो पवित्री बनो, जीवन को सार्थक बनाओ।।
योग है स्वास्थ्य के लिए क्रांति। नियमित योग से जीवन मे हो सुख शांति।।
सभ्यता से घायल लोगों के लिए, योग सबसे बड़ा मरहम है।
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर निबंध (300 शब्द)
प्रस्तावना
योग, मन, शरीर और आत्मा की एकता को सक्षम बनाता है। योग के विभिन्न रूपों से हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को अलग-अलग तरीकों से लाभ मिलता है। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को इस अनूठी कला का आनंद लेने के लिए मनाया जाता है।
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस – एक पहल
योग की कला का जश्न मनाने के लिए एक विशेष दिन की स्थापना का विचार प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने प्रस्तावित किया था। इस पहल के माध्यम से भारतीय प्रधान मंत्री हमारे पूर्वजों द्वारा दिए गए इस अनोखे उपहार को प्रकाश में लाना चाहते थे। उन्होंने सितंबर 2014 में संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में अपने भाषण के दौरान इस सुझाव का प्रस्ताव दिया था। अपने संयुक्त राष्ट्र के संबोधन में उन्होंने यह भी सुझाव दिया था कि योग दिवस 21 जून को मनाया जाना चाहिए क्योंकि यह वर्ष का सबसे लंबा दिन है।
यूएनजीए के सदस्यों ने मोदी द्वारा दिए गए प्रस्ताव पर विचार-विमर्श किया और जल्द ही इसके लिए सकारात्मक मंजूरी दे दी। 21 जून 2015 का दिन पहले अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाया गया। इस दिन भारत में एक भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया था। भारत के प्रधान मंत्री श्री मोदी और कई अन्य राजनीतिक नेताओं ने राजपथ पर उत्साह के साथ यह दिन मनाया।
इस दिन देश के विभिन्न हिस्सों में कई बड़े और छोटे योग शिविर भी आयोजित किए गए थे। इस पवित्र कला का अभ्यास करने के लिए लोगों ने बड़ी संख्या में इन शिविरों में हिस्सा लिया। न सिर्फ भारत में बल्कि इस तरह के शिविरों का आयोजन दुनिया के अन्य हिस्सों में भी किया गया और लोगों ने बड़े उत्साह से इनमें भाग लिया। तब से अंतरराष्ट्रीय योग दिवस हर साल बहुत उत्साह से मनाया जाता है।
निष्कर्ष
21 जून को मनाया जाने वाला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस प्राचीन भारतीय कला के लिए एक अनुष्ठान है। हमारे दैनिक जीवन में योग को जन्म देने से हमारे जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आ सकता है। यह हमारे तनावपूर्ण जीवन के लिए एक बड़ी राहत प्रदान करता है।
FAQ
‘योगा फॉर ह्यूमैनिटी’ (Yoga For Humanity) को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2022 की थीम चुना गया है। जिसका अर्थ मानवता के लिए योग होता है।
21 जून 2015 को दुनिया भर में पहला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया था।
21 जून साल का सबसे बड़ा दिन होता है, उत्तरी गोलार्ध पर सबसे ज्यादा सूर्य की रोशनी पड़ती है, जिसकी वजह से ये सबसे लंबा दिन होता है। इस वजह से इस दिन को योग दिवस के रूप में मनाया जाता है।
योग के जन्मदाता देश भारत है?
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