Speech on Yoga Day : अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस पर ऐसे दें भाषण

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Speech on Yoga Day

योग का मानव जीवन में बहुत महत्व है क्योंकि इसका संबंध मनुष्य के शरीर और मन को स्वस्थ रखने से संबंधित हैं। योग के नियमित अभ्यास से बेहतर एकाग्रता और फोकस से में ध्यान दिया जा सकता है। योग एक ऐसा व्यायाम है जो फुर्तीलेपन, शक्ति और संतुलन में सुधार करता है। विद्यार्थियों को कई बार इससे अवगत करने के लिए योग पर निबंध तैयार करने को दिया जाता है। वैसे तो प्राचीन काल से ही शरीर और मन को स्वस्थ रखने के लिए योग किया जा रहा हैं। लेकिन योग को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर मनाने की शुरुआत सबसे पहले वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने की थी। ऐसे में अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर भारत में कई प्रकार के योग कार्यकर्मों का आयोजन किया जाता है। स्कूल और कॉलेज में अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस उपलक्ष्य में स्टूडेंट्स योग के बारे में अपनी स्पीच देते हैं। आइए जानते हैं Speech on Yoga Day in Hindi के बारे में सभी महत्वपूर्ण बिंदु। 

अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के बारे में

भारत में योग प्राचीन काल से ही किया जा रहा है जिसका मुख्य उद्देश्य मानव शरीर और मानसिक स्वास्थ्य को हेल्थी रखना हैं। योग न केवल शरीर को रोगमुक्त करने में सहायक होता है बल्कि इसके निरंतर अभ्यास करने से मन को शांति भी प्राप्त होती है। भारत को पूरी दुनिया में योग गुरु के नाम से जाना जाता है जहा ऋषि मुनियों द्वारा सदियों से योग का अभ्यास किया जा रहा है। वह भी अपने आप को स्वस्थ रखने के लिए योग का सहारा लेते थे। 

‘अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस’ मनाने की शुरुआत भारत देश की ओर से की गई थी। जिसे अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर मनाने की शुरुआत सबसे पहले वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने की थी। जब संयुक्त राष्ट्र -UN की बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने योग दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा था, इसके बाद महासभा ने 11 दिसंबर 2014 को इस प्रस्ताव को स्वीकार किया जिसे UN में शामिल सभी 193 देशों के सदस्यों ने स्वीकार कर लिया। इसके बाद ही अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर हर साल 21 जून के दिन ‘अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस’ मनाए जाने की घोषणा कर दी गई। तब से वर्ष 2015 से हर साल पूरी दुनिया में अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है। अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाएं जाने का मुख्य उद्देश्य दुनियाभर में योग के प्रति जागरूकता बढ़ाना है।

100 शब्दों में ऐसे दें अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस पर भाषण

आप 100 शब्दों में अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस पर भाषण (Speech on Yoga Day in Hindi) इस प्रकार दे सकते है : 

नमस्कार मित्रों, आशा करता हूं कि आप सब स्वस्थ होंगे। 

आज, हम यहां अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने के लिए एकत्रित हुए हैं। जिसका भारत में प्राचीन काल से अभ्यास किया जा रहा हैं। योग मानव के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक माना जाता है। भारत से ही योग की शुरुआत मानी जाती है जहां सदियों से ऋषि मुनि अपने आप को स्वस्थ रखने के लिए निरंतर योग का अभ्यास करते थे। वहीं परंपरा कलांतर में भारत से शुरू होकर दुनिया के अन्य स्थानों पर शुरू की गई। आपको बता दें की इस दिवस को मनाने की शुरुआत सबसे पहले वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने की थी। वर्ष 2015 से हर साल पूरी दुनिया में अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है। योग न केवल मानव मन और शरीर को स्वस्थ बनाता है, बल्कि योग एक ऐसी पद्धति भी है जिसके विभिन्न रूपों से हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को अलग-अलग तरीकों से लाभ मिलता है। 

धन्यवाद !

यह भी पढ़ें : आख़िर 21 जून के दिन ही क्यों मनाया जाता है योग दिवस?

200 शब्दों में ऐसे दें अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस पर भाषण

आप 200 शब्दों में अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस पर भाषण (Speech on Yoga Day in Hindi) इस प्रकार दे सकते है : 

नमस्कार मित्रों, 

भारत को पूरी दुनिया में ‘योग साधना’ के लिए ‘विश्व गुरु’ के रूप में जाना जाता है। हर वर्ष 21 जून को भारत में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन विश्व स्तर पर किया जाता है। योग साधना व्यायाम का ऐसा प्रभावशाली प्रकार है, जिसके माध्याम से न केवल मानव शरीर के अंगों बल्कि मन और मस्तिष्क में आसानी से संतुलन बनाया जाता है। यह एक ऐसी प्राचीन पद्धति है जिसका अभ्यास ऋषि मुनि भी अपने आपको स्वस्थ रखने के लिए करते है। योग न केवल शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बनाएं रखने के लिए लाभदायक है बल्कि योग के निरंतर प्रयास से कई शारीरिक बीमारियों से भी आसानी से बचा जा सकता है। 

वर्तमान समय में योग न केवल भारत में अधिक संख्या में किया जाने वाला व्यायाम है बल्कि इसे दुनिया के दूसरे देशों में भी अधिक संख्या में किया जा रहा हैं। आज योग पूरी दुनिया में इतना प्रसिद्ध हो गया है कि यह लोगों के बीच सद्भाव और कल्याण लाने में भी सबसे सहायक माना जाता हैं। योग ने दुनिया भर के व्यक्तियों और समुदायों पर अपना गहरा प्रभाव डाला है। आज योग केवल एक संस्कृति या धार्मिक सीमाओं में बंध कर नहीं रह गया है। योग अब सभी सीमाओं को पार करके सभी लोगों के बीच पहुँच चुका हैं। जिससे योग की ख्याति दिन पर दिन बढ़ती जा रही हैं।  

धन्यवाद 

500 शब्दों में ऐसे दें अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस पर भाषण

आप 500 शब्दों में अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस पर भाषण (Speech on Yoga Day in Hindi) इस प्रकार दे सकते है : 

नमस्कार मित्रों, 

योग शब्द की उत्पत्त‍ि संस्कृति के ‘युज’ से हुई है, जिसका अर्थ होता है “आत्मा का सार्वभौमिक चेतना से मिलन”। योग की उत्पति भी भारत देश से ही मानी जाती है। जहां हजारों साल से योग का विभिन्न आसनों के माध्यम से अभ्यास किया जा रहा है। भारत में आधुनिक योग के जनक “महर्षि पतंजलि” को माना जाता है। उसी योग साधना का आज भी पूरी दुनिया भर में लाखों-करोड़ो लोगों द्वारा अभ्यास किया जा रहा है जिसकी जनसंख्या में निरंतर वृद्धि देखने को मिली हैं। 

भारत में भी योग सदियों से किया जा रहा है लेकिन इसे अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर मनाने की शुरुआत सबसे पहले वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने की थी। परंतु 21 जून को योग दिवस मनाये जाने का सबसे बड़ा कारण यह था कि इस दिन पृथ्वी के उत्तरी उत्तरी गोलार्द्ध का सबसे लंबा दिन होता है। जिसे भारत के कुछ स्थानों पर “ग्रीष्म संक्रांति” का दिन कहकर भी बुलाया जाता हैं। भारतीय परंपरा के अनुसार “ग्रीष्म संक्रांति” के बाद सूर्य का स्थान दक्षिणायन हो जाता है। इसलिए ऐसा माना जाता है कि सूर्य के दक्षिणायन का समय आध्यात्मिक सिद्धियां प्राप्त करने में बहुत लाभकारी होता है 

योग के निरंतर अभ्यास करने से मनुष्य को कई दूरगामी परिणाम मिलते हैं। जिसके माध्यम से शारीरिक शक्ति और शरीर में लचीलापन आता है। साथ ही समग्र स्वास्थ्य को भी बढ़ावा मिलता है। योग के माध्यम से मनुष्य ध्यान साधना में भी लीन रह सकता है जिसके माध्यम से मानसिक शांति का भी आभास होता है। योग मनुष्य के मानसिक तनाव को दूर करने में भी सबसे उपयुक्त माना जाता है, इसके साथ ही यह मनुष्य को जीवन में सकारत्मक दृष्टिकोण प्रदान करने भी मददगार हैं।  

योग साधना का महत्व भारत के इतिहास का अभिन्न अंग हैं। जिसका प्रचार प्रसार भारत के ऋषि-मुनि और संत समय समय पर देश के कई स्थानों से लेकर विदेशों में भी समय समय पर करते आये हैं। जिसमें से एक नाम स्वामी विवेकानंद का भी है। योग आज केवल एक व्यायाम नहीं रह गया बल्कि इसमें वह आध्यत्मिक शक्ति भी हैं जो विश्व के सभी मनुष्यों को एक सूत्र में बांध कर सद्भावना और शांति स्थापित कर सकती हैं। 

धन्यवाद मयंक 

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अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस का दिन क्यों है खास?

अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस को इसे 21 जून को मनाये जाने के पीछे सबसे बड़ी खास वजह ये है कि 21 जून का दिन पृथ्वी के उत्तरी उत्तरी गोलार्द्ध का सबसे लंबा दिन होता है। जिसे भारत के कुछ स्थानों पर “ग्रीष्म संक्रांति” का दिन कहकर भी बुलाया जाता हैं। भारतीय परंपरा के अनुसार “ग्रीष्म संक्रांति” के बाद सूर्य का स्थान दक्षिणायन हो जाता है। इसलिए ऐसा माना जाता है कि सूर्य के दक्षिणायन का समय आध्यात्मिक सिद्धियां प्राप्त करने में बहुत लाभकारी होता है इसी कारण की वजह से 21 जून को ‘अंतरराष्ट्रीय योग दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। 

अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस का महत्व 

यहां योग के महत्व को कुछ प्रमुख बिंदुओं में बताया जा रहा है:-

  1. योग मनुष्य के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। 
  2. योग के निरंतर अभ्यास से शा‍रीरिक बीमारियों के अलावा मानसिक समस्याओं से भी निजात पाई जा सकती है। 
  3. मन को शांत रखने और शरीर को दुरुस्त रखने में योग करना सबसे उपयुक्त माना जाता है। 
  4. योग किसी भी खुले स्थान पर आसानी से किया जा सकता है। 
  5. योग मनुष्य के स्वास्थ्य को चुनौती देने वाली बीमारियों को कम करने में भी सहायक होता है। 
  6. योग के माध्यम से ध्यान लगाना आसान होता है। 
  7. योग स्वास्थ्य की सुरक्षा और सतत स्वास्थ्य विकास के बीच एक कड़ी प्रदान करता है। 
  8. रोजाना योग का अभ्यास तनाव और डिप्रेशन को कम करने में मदद करता है। 

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FAQs 

अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस कब मनाया जाता है?

इस वर्ष अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून यानी बुधवार को मनाया जाएगा। 

अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस की शुरुआत किस देश से हुई थी?

अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने की शुरुआत भारत देश की ओर से की गई थी। 

21 जून को ही क्यों अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है?

भारतीय परंपरा के अनुसार ग्रीष्म संक्रांति के बाद सूर्य दक्षिणायन होता है। सूर्य दक्षिणायन का समय आध्यात्मिक सिद्धियों को प्राप्त करने के लिए असरदार है। इस कारण प्रतिवर्ष 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है। 

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