योग केवल एक चिकित्सीय विधि नहीं है बल्कि यह अपने आप में पूरा एक विज्ञान है। यह शरीर आत्मा और परमात्मा का अद्भुत मिलन है, इस प्रकार से यह एक आध्यात्मिक क्रिया भी है। योग का मतलब होता है जोड़ यानि आत्मा को परमात्मा से जोड़ना। योग संस्कृत का शब्द है लेकिन जैसे-जैसे यह अन्य देशों में फैलता गया इसके नाम में भी बदलाव होते गए जैसे पश्चिम में जाने से योग बन गया योगा। योग का जनक भारत जरूर है लेकिन 21 जून 2015 को यूनाइटेड नेशंस द्वारा 21 जून को विश्व योग दिवस के रूप में घोषित किया गया। अब पूरा विश्व इस दिन को विश्व योग दिवस के रूप में मनाता है। यहाँ योगासन के प्रकार के बारे में विस्तार से बताया गया है
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योगासन के प्रकार कितने होते हैं?
योगासन के प्रकार मुख्य रूप से दो होते हैं- गतिशील आसन और स्थिर आसन। गतिशील आसन- वे आसन जिनमे शरीर शक्ति के साथ गतिशील रहता है। स्थिर आसन- वे आसन जिनके अभ्यास में शरीर में बहुत ही कम या बिना गति के किया जाता है।
योगासन के 5 प्रमुख प्रकार
यहाँ 5 प्रमुख योगासन प्रकारों के बारे में बतया जा रहा है, जिनको कर के आप अपने आप को स्वस्थ रख सकते हैं:
पद्मासन
योगासन के प्रकार में पहला आता है पद्मासन। पद्म का अर्थ होता कमल। पद्मासन का अर्थ हुआ कमल के जैसा आसन। इसमें शरीर का आकार कमल के सामान हो जाता है।
विधि
यहाँ पद्मासन को करने की विधि दी जा रही है :
- दण्डासन में बैठ जाएं
- हाथों को ज़मीन से दबाते हुए लम्बी साँस लें और रीढ़ की हड्डी को सीधा कर लें।
- बाएं पैर को दाएं पैर के ऊपर रख लें।
- साँस लें और छोड़ें
- बार बार साँस लें और छोड़ें
- इस क्रिया को लगभग एक मिनट तक दोहराएं
लाभ
पद्मासन से होने वाले लाभ इस प्रकार हैं :
- घुटनों का लचीलापन बढ़ता है।
- पीठ मजबूत होती है।
- रक्त संचार अच्छा होता है।
भद्रासन
भद्र का अर्थ होता है अनुकूल। इस शासन में लम्बे समय तक आसानी से बैठा जा सकता है इसलिए इसे भद्रासन कहते हैं।
विधि
यहाँ भद्रासन को करने की विधि दी जा रही है :
- वज्रासन में बैठ जाएं और पैरों को जितना हो सके दूर ले जाएं।
- पैरों की उँगलियों को ज़मीन से सटाकर रखें।
- अब पंजों को इतना दूर कर लें कि नितम्ब और मूलाधार उनके बीच धरती पर टिका रहे।
- हाथों को घुटनों पर रख लें।
- अब दोनों आँखों से नाक के बीच में देखें।
- इस प्रक्रिया को बार बार दोहराएं।
भद्रासन के लाभ
भद्रासन के लाभ इस प्रकार हैं :
- एकाग्रता बढ़ती है।
- दिमाग तेज़ होता है।
- पाचन शक्ति अच्छी होती है।
- पांव के स्नायु मजबूत होते हैं।
- प्रजनन शक्ति बढ़ती है।
भुजंगासन
भुजंग का अर्थ होता है सांप। इस आसान में शरीर सांप के आकार का हो जाता है इसलिए इसे भुजंगासन कहते हैं।
विधि
यहाँ भुजंगासन को करने की विधि दी जा रही है :
- ज़मीन पर पेट के बल लेट जाएं
- पैर बिलकुल सीधे रखें और पैर एवं एड़ियां एक साथ रखें।
- दोनों हाथों को कन्धों के स्तर पर नीचे रखें।
- कोहनियों को शरीर के पास समान्तर मुद्रा में रखें।
- लम्बी साँस लें और माथा छाती और पेट धीरे धीरे ऊपर उठाएं। नाभि को धरती पर ही रखें।
- अब दोनों हाथों का सहारा लेते हुए शरीर को ऊपर ले जाते हुए कमर को पीछे की और खींचें
- इस क्रिया को दो बार करें।
लाभ
भुजंगासन से होने वाले लाभ इस प्रकार हैं :
- कंधे और गर्दन का दर्द दूर करने में सहायक
- पेट के स्नायु मजबूत बनाता है।
- पीठ और कन्धों को मजबूत बनाता है।
- थकन और तनाव को कम करता है।
- अस्थमा और सांस के रोगियों के लिए बहुत ही लाभदायक होता है।
चक्रासन
चक्र का अर्थ होता है पहिया या टायर। चक्रासन को करते समय शरीर का आकार चक्र के समान हो जाता है इसलिए इसे चक्रासन कहते हैं।
विधि
यहाँ चक्रासन को करने की विधि दी जा रही है :
- जमीन पर पीठ करके सोने की मुद्रा में लेट जाएं
- अब दोनों पैरों के बीच गैप बना लें और एड़ियों को ज़मीन से लगाएं।
- अब दोनों हाथों की कोहनियों को मोड़कर कान के पास इस तरह से लेकर आएं कि उंगलियां कन्धों की तरफ ज़मीन पर टिक जाएं।
- अब शरीर को हल्का ढीला छोड़ें और एक गहरी सांस लें।
- अब शरीर को ऊपर की तरफ ले जाएं और साँस को रोककर रखें।
- अब शरीर को पहिए का आकार देने का प्रयास करें।
- इस स्थिति में 15 सेकण्ड तक रहें।
लाभ
चक्रासन से होने वाले लाभ इस प्रकार हैं :
- इससे शरीर में रक्त का संचार तेज़ होता है।
- मांसपेशियाँ मजबूत होती हैं।
- पाचन शक्ति बढ़ती है।
- कमर दर्द में लाभ मिलता है।
- शरीर लचीला और फुर्तीला बनता है।
हलासन
इस आसान में शरीर का आकार हल के समान हो जाता है इसलिए इसे हलासन कहते हैं।
विधि
यहाँ हलासन को करने की विधि दी जा रही है :
- पीठ के बल सीधा लेट जाएं और बाजुओं को पीठ के बगल में टिकाकर रखें।
- सांस लेते हुए दोनों टांगों को ऊपर की तरफ ले जाएं
- अब टांगों को बिलकुल पीछे ले जाएं। नज़र नाक पर जमाए रखें।
- यदि संभव हो सके तो हाथों को पीछे लेजाकर जोड़ लें।
- इस आसान को आधे से एक मिनट तक करें।
- इस आसान को दो बार दोहराएं
लाभ
हलासन से होने वाले लाभ इस प्रकार हैं :
- रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है।
- रीढ़ के हड्डी लचीली बनती है।
- कब्ज में फायदा देता है।
- रीढ़ की हड्डी सीधी होती है।
- नाड़ी तंत्र को मजबूत बनाता है।
आशा है कि आपको योगासन के प्रकार पर आधारित यह लेख पसंद आया होगा। इसी तरह के अन्य ट्रेंडिंग इवेंट्स आर्टिकल्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बनें रहें।