साइंटिस्ट बनना एक सम्मानजनक और चुनौतीपूर्ण पेशा है, जो रिसर्च, इनोवेशन और समाज की उन्नति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। विज्ञान के क्षेत्र में करियर चुनने से न केवल ज्ञान का विस्तार होता है, बल्कि यह तकनीकी और सामाजिक समस्याओं के समाधान का मार्ग भी प्रशस्त करता है। यह ब्लॉग उन छात्रों के लिए उपयोगी है जो 12वीं के बाद साइंटिस्ट बनने का सपना देख रहे हैं और जानना चाहते हैं कि इसके लिए क्या योग्यताएं, कोर्स और करियर विकल्प होते हैं।
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साइंटिस्ट कौन होता है?
साइंटिस्ट वे व्यक्ति होते हैं जो वैज्ञानिक अध्ययन, अनुसंधान और प्रयोगों के माध्यम से नए ज्ञान की खोज करते हैं। वे समाज के हित में तकनीकी समाधान, नई अवधारणाएं और उत्पाद विकसित करते हैं। वैज्ञानिक विभिन्न क्षेत्रों जैसे भौतिकी, जीवविज्ञान, रसायन, गणित, स्पेस, और चिकित्सा आदि में कार्य करते हैं।
उनका काम डेटा एकत्र करना, विश्लेषण करना, नए सिद्धांत विकसित करना और उन्हें व्यावहारिक जीवन में लागू करना होता है। वैज्ञानिक अपने शोध द्वारा पर्यावरण संरक्षण, स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार और सामाजिक समस्याओं के समाधान में योगदान देते हैं। उनके कार्य समाज के वैज्ञानिक, सामरिक और आर्थिक विकास को दिशा देते हैं।
साइंटिस्ट बनने के लिए आवश्यक योग्यता
यहाँ साइंटिस्ट बनने के लिए आवश्यक योग्यता को निम्नलिखित बिंदुओं के माध्यम से आसानी से समझा जा सकता है –
- साइंटिस्ट बनने के लिए एक मजबूत शैक्षणिक पृष्ठभूमि और शोध के प्रति रुचि आवश्यक होती है। कक्षा 10वीं के बाद छात्रों को साइंस स्ट्रीम का चुनाव करना चाहिए, जिसमें भौतिकी, रसायन विज्ञान, गणित या जीवविज्ञान जैसे विषय शामिल हों। 12वीं के बाद साइंस स्ट्रीम ज़रूरी है क्योंकि वैज्ञानिक अध्ययन, प्रयोग और शोध का आधार इन्हीं विषयों पर आधारित होता है।
- छात्र ग्रेजुएशन के दौरान छात्र B.Sc. (फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी, मैथमेटिक्स) या B.Tech (जैसे बायोटेक्नोलॉजी, कंप्यूटर साइंस, पर्यावरण विज्ञान, आदि) में से किसी एक विषय को चुन सकते हैं, जो उनकी रुचि और करियर के अनुरूप हो।
- इसके बाद पोस्ट-ग्रेजुएशन (M.Sc./M.Tech) और फिर Ph.D. करना वैज्ञानिक अनुसंधान में विशेषज्ञता पाने के लिए महत्वपूर्ण है।
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साइंटिस्ट बनने के माध्यम
साइंटिस्ट बनने के कई माध्यम हैं, जिनमें प्रमुख है – अकादमिक रिसर्च और प्रतिष्ठित अनुसंधान संस्थानों में चयन। सबसे पहले, छात्र Ph.D., नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट (NET) या जूनियर रिसर्च फेलोशिप (JRF) जैसी परीक्षाओं के माध्यम से उच्च स्तरीय शोध कार्य से जुड़ सकते हैं। ये योग्यताएं विश्वविद्यालयों और शोध संस्थानों में रिसर्च करने और वैज्ञानिक के रूप में करियर शुरू करने का शानदार अवसर हैं।
इसके अलावा, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO), रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO), वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR), भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) जैसे भारत के शीर्ष अनुसंधान संस्थानों में वैज्ञानिक पदों के लिए चयन भी वैज्ञानिक के रूप में करियर शुरू करने का एक शानदार अवसर होता है। इन संस्थानों में भर्ती आमतौर पर प्रतियोगी परीक्षाओं, इंटरव्यू और शैक्षणिक योग्यता के आधार पर होती है।
इसके अलावा, प्राइवेट सेक्टर की कई R&D कंपनियां भी वैज्ञानिकों को अवसर प्रदान करती हैं, जहां इनोवेशन, प्रोडक्ट डेवलपमेंट और टेक्निकल रिसर्च का काम होता है। जिन छात्रों में अनुसंधान की रुचि है, वे इन माध्यमों से वैज्ञानिक बनने का सपना साकार कर सकते हैं।
साइंटिस्ट बनने के लिए प्रमुख कोर्स
नीचे दिए गए कोर्सेज के माध्यम से आप भारत में ISRO, DRDO, CSIR, ICAR, ICMR, BARC और अन्य वैज्ञानिक संस्थानों के अलावा विदेश में भी शानदार करियर बना सकते हैं। भारत और विदेश में साइंटिस्ट बनने के लिए प्रमुख कोर्स निम्नलिखित हैं:-
- B.Sc. / M.Sc. (Physics, Chemistry, Biology, Mathematics)
- B.Tech / M.Tech (इंजीनियरिंग क्षेत्र)
- B.Sc. Agriculture / M.Sc. Agriculture
- MBBS / MD / Ph.D. (चिकित्सा अनुसंधान)
- B.Sc. / M.Sc. (Environmental Science / Earth Science / Meteorology)
- M.Sc. in Environmental or Climate Science
- M.Sc. in Artificial Intelligence
- M.Sc. in Biotechnology
- M.Sc. in Space Science
- Ph.D. / Research-based Programs
- International Fellowships (NASA, DAAD, Fulbright आदि
साइंटिस्ट बनने के लिए आवश्यक स्किल्स
वैज्ञानिक करियर में सफल होने के लिए तकनीकी और सॉफ्ट स्किल्स दोनों ज़रूरी होती हैं:-
तकनीकी कौशल
- गणित और आंकड़ों की अच्छी समझ
- डेटा विश्लेषण और वैज्ञानिक सॉफ्टवेयर का ज्ञान
- प्रयोगशाला में काम करने की तकनीक और सुरक्षा नियम
- शोध की प्रक्रिया और प्रयोग करने की विधि
- तकनीकी रिपोर्ट और लेखन की क्षमता
- डाटा साइंटिस्ट के लिए प्रोग्रामिंग भाषाओं जैसे Python, R और MATLAB का ज्ञान
सॉफ्ट स्किल्स
- सोचने और समस्याओं को हल करने की क्षमता
- सटीकता और बारीकियों पर ध्यान
- धैर्य और निरंतरता
- बोलने और समझाने की कला
- टीम के साथ मिलकर काम करने की योग्यता
- समय और प्रोजेक्ट का प्रबंधन
- नई चीज़ें सीखने की जिज्ञासा
साइंटिस्ट बनने के लिए प्रमुख संस्थान
भारत और विदेश में साइंटिस्ट बनने के लिए कई प्रतिष्ठित संस्थान हैं जो उच्च गुणवत्ता की शिक्षा, अनुसंधान सुविधाएं और करियर अवसर प्रदान करते हैं। नीचे भारत तथा विदेश के प्रमुख वैज्ञानिक संस्थानों की सूची दी गई है:-
भारत के शीर्ष संस्थान
- भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO)
- भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (BARC)
- भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc), बैंगलोर
- रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO)
- भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IITs)
- वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR)
- टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (TIFR)
- अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS)
- भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR)
- भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (IISERs)
नोट – इन संस्थानों में एडमिशन लेने के लिए आपको संबंधित प्रवेश परीक्षाएं (जैसे JEE, JAM, GATE, NET, NEET आदि) पास करनी अनिवार्य होती हैं।
विदेश के प्रमुख संस्थान
- नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA), अमेरिका
- यूरोपीय परमाणु अनुसंधान संगठन (CERN), स्विट्ज़रलैंड
- यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA)
- कनाडाई अंतरिक्ष एजेंसी (CSA)
- ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय, यूनाइटेड किंगडम
- मैसाचुसेट्स प्रौद्योगिकी संस्थान (MIT), अमेरिका
- स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय, अमेरिका
- हावर्ड विश्वविद्यालय, अमेरिका
- कैलिफोर्निया प्रौद्योगिकी संस्थान, कैलटेक, अमेरिका
- कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय, यूनाइटेड किंगडम
- सिंघुआ विश्वविद्यालय, चीन
- टोक्यो विश्वविद्यालय, जापान
- ज्यूरिख का स्विस संघीय प्रौद्योगिकी संस्थान, स्विट्ज़रलैंड
- मैक्स प्लैंक अनुसंधान संस्थान, जर्मनी
विदेश में स्टडी के लिए एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया
विदेश में साइंटिस्ट बनने के लिए पढ़ाई करने हेतु छात्रों के लिए कुछ आवश्यक योग्यताएं होती हैं। इसमें पासपोर्ट, TOEFL या IELTS जैसी अंग्रेजी भाषा परीक्षा अनिवार्य होती है। वहीं रिसर्च इंटरेस्ट के साथ एक प्रभावी स्टेटमेंट ऑफ पर्पज़ (SOP) प्रस्तुत करना आवश्यक होता है। कई रिसर्च-आधारित प्रोग्राम्स में GRE की भी मांग की जाती है। साथ ही, 2–3 प्रोफेसरों से रेफरेंस लेटर (LORs), डिग्री और ट्रांसक्रिप्ट्स व यदि हो तो पब्लिकेशन या प्रोजेक्ट्स का अनुभव लाभकारी होता है। रिसर्च प्रपोजल और एक अच्छा रेज़्यूमे-सीवी आपकी प्रोफाइल को मजबूत बनाते हैं, जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रिसर्च अवसरों की संभावना बढ़ जाती है।
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साइंटिस्ट की सैलरी और करियर ग्रोथ
भारत में वैज्ञानिक की सैलरी और करियर ग्रोथ संगठन, अनुभव और विशेषज्ञता पर निर्भर करता है। ISRO, DRDO, CSIR जैसे सरकारी अनुसंधान संस्थानों में एक नए वैज्ञानिक का मासिक वेतन लगभग INR 50,000 से INR 70,000 के बीच होता है, जिसमें आवास भत्ता, चिकित्सा सुविधा और सेवानिवृत्ति लाभ जैसे अतिरिक्त लाभ मिलते हैं।
हालांकि प्राइवेट सेक्टर और अंतरराष्ट्रीय कंपनियों में सैलरी अपेक्षाकृत अधिक होती है, खासकर फार्मा, तकनीकी और एयरोस्पेस रिसर्च क्षेत्रों में। वहीं रिसर्च फेलोशिप्स जैसे JRF, SRF और अंतरराष्ट्रीय ग्रांट्स से वैज्ञानिकों को आर्थिक सहायता मिलती है, जिससे वे स्वतंत्र रूप से अनुसंधान कर सकते हैं।
वहीं विदेश में साइंटिस्ट बनने पर शुरुआती सैलरी देश और क्षेत्र के अनुसार बदलती है। हालांकि अनुभव बढ़ने पर पोजीशन और सैलरी बढ़ती रहती है। रिसर्च ग्रांट, पेटेंट और पब्लिकेशंस करियर ग्रोथ में अहम भूमिका निभाते हैं। इसमें अकादमिक, इंडस्ट्री और गवर्नमेंट रिसर्च में भरपूर अवसर होते हैं। अमेरिका, जर्मनी, यूके और कनाडा वैज्ञानिकों के लिए प्रमुख देश हैं।
FAQs
साइंटिस्ट बनने में आमतौर पर 6 से 10 साल लगते हैं, जिसमें ग्रेजुएशन, पोस्ट-ग्रेजुएशन और पीएच.डी. शामिल होती है।
भारत में एक साइंटिस्ट की सालाना सैलरी लगभग INR 6 लाख से INR 36 लाख तक हो सकती है, जो अनुभव और संस्था पर निर्भर करती है। वहीं विदेश में साइंटिस्ट बनने पर शुरुआती सैलरी देश और क्षेत्र के अनुसार भिन्न होती है पर औसतन $60,000–$100,000 सालाना होती है।
साइंटिस्ट मुख्यतः भौतिक, रसायन, जीवविज्ञान, अंतरिक्ष, पर्यावरण, चिकित्सा, कृषि, और कंप्यूटर विज्ञान जैसे विभिन्न क्षेत्रों में विशेषज्ञ होते हैं।
12वीं के बाद साइंटिस्ट बनने के लिए साइंस स्ट्रीम में ग्रेजुएशन (B.Sc./B.Tech) फिर पोस्ट-ग्रेजुएशन और रिसर्च (M.Sc./Ph.D.) करना अनिवार्य होता है।
साइंटिस्ट बनने में कुल खर्च कोर्स, संस्थान और विशेषता पर निर्भर करता है, जो INR 2 लाख से INR 20 लाख तक हो सकता है।
हमें उम्मीद है कि इस लेख में आपको साइंटिस्ट बनने की पूरी जानकारी मिली होगी। अन्य करियर से संबंधित लेख पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।
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वैज्ञानिकों बना ना हैं पुरे कोर्स का वंशवली चाहिए।
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Kya karna hota hai inter baad vaigyanik banane ke liye
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बारहवीं कक्षा के बाद आप कॉलेज में प्रवेश करते हैं, तब तक क्षेत्र के बारे में knowledge हो जाता है कि आपको कौन से क्षेत्र में रिसर्च करना है। आप Mathematics Biology ,Social Science, Physics ,Geology ,Astronomy या अन्य विषयों का चयन करके स्नातक डिग्री हासिल कर सकते हैं। फिर अपने interest के हिसाब से बीएससी BSc, बीटेक B Tech, बी फार्मा B.Pharma या आदि जैसे विषयों का अनुसरण कर सकते हैं।
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14 comments
mere bhi mind me ek esa vayuyan banane ka tarika aya hai jo aam logo ki tamnna puri kar sakega aam log bhi hawa me is yantr per baith kar udh sakenge abhi tak aam logo ke liye koi bhi yantr nhi bana hai jo hawa me udh sake aur ye ho sakta hai meri bsoch per jarur dhyan dena .
क्या पर्सेंटेंज भी मायने रखेगा 12th क्लास की
मनीष जी, आपका धन्यवाद। साइंटिस्ट बनने के लिए आपके 12वीं के मार्क्स मान्य रखते हैं।
Mujhe syntist banane ki echa hai.mai syntist kaisea banu
साइंटिस्ट बनने के लिए आप https://leverageedu.com/blog/hi/scientist-kaise-bane/ इस ब्लॉग से रिफरेन्स ले सकते हैं।
Nice
इस लेख को सराहने के लिए आपका बहुत-बहुत आभार।
So nice information
धन्यवाद, ऐसे ही आप हमारी https://leverageedu.com/ वेबसाइट पर बने रहिये।
Scientist ki kitni shakhaye hoti hai.
आभार, आपको हमारी https://leverageedu.com/ वेबसाइट पर आपके प्रश्न से संबंधित ब्लॉग मिल जाएंगे।
वैज्ञानिकों बना ना हैं पुरे कोर्स का वंशवली चाहिए।
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बारहवीं कक्षा के बाद आप कॉलेज में प्रवेश करते हैं, तब तक क्षेत्र के बारे में knowledge हो जाता है कि आपको कौन से क्षेत्र में रिसर्च करना है। आप Mathematics Biology ,Social Science, Physics ,Geology ,Astronomy या अन्य विषयों का चयन करके स्नातक डिग्री हासिल कर सकते हैं। फिर अपने interest के हिसाब से बीएससी BSc, बीटेक B Tech, बी फार्मा B.Pharma या आदि जैसे विषयों का अनुसरण कर सकते हैं।