वर्नियर कैलिपर क्या है?

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Vernier Caliper in Hindi

प्रचलित पाठ्य पुस्तकों में वर्नियर का सिद्धांत नहीं समझाया जाता है, केवल वर्नियर के अल्पतम माप का सूत्र व पाठ्यांक लेने की विधि का वर्णन भर कर दिया जाता है। वर्नियर की सहायता से सूक्ष्म पाठ्यांक आसानी से लेना किस प्रकार संभव हो पाता है यह जानना दो वजह मे ज़रूरी है। यही नहीं, वर्नियर की तरह का पैमाना और भी कई जगह इस्तेमाल किया जाता है। इसलिए हमें मालूम तो हो कि यह आखिर काम कैसे करता है। तो चलिए जानते हैं Vernier Caliper in Hindi का काम क्या होता है।

वर्नियर कैलिपर क्या होता है?

यह एक प्रकार का मिक्रोमीटर है जिसका उपयोग हम ऐसे जगहों पर करते हैं जहां पर किसी बड़े नापने वाले औजार का प्रयोग नहीं किया जा सकता इस कारण इसे माइक्रोमीटर के नाम से भी जाना जाता है और यह इसी श्रेणी में भी आता है। जैसे की हमें किसी ऐसे चीज की माप लेनी है जिसके घिसने की मात्रा बहुत ही कम है लगभग मिमी में तो हम इस प्रकार के माइक्रोमीटर का प्रयोग करते हैं।

वर्नियर कैलिपर का आविष्कार किसने किया था? 

वर्नियर कैलिपर का आविष्कार एक फ्रांस के वैज्ञानिक पेरी वर्नियर्स ने किया था और इन्ही के नाम पर इसका नाम वर्नियर कैलिपर्स रखा गया था। 

वर्नियर कैलिपर का नामांकित चित्र

Vernier Caliper in Hindi
Source : Wonkee Donkee Tools

बाजार में किस प्रकार के वर्नियर कैलिपर हमें मिलेंगे 

वर्नियर कैलिपर्स के बाजार में मांग तो वैसे ज्यादा नहीं होती है क्योकि इसका सबसे ज्यादा उपयोग मैकेनिक लोग किया करते हैं और यह आम लोगों के लिये उतना ज्यादा काम का नहीं होता है तो बाजार में यह विभिन्न परिशुद्धता के साथ हमारे लिए उपलब्ध होता है। जो की। 0.01 mm .005 mm 0.05 mm 0.02 mm मीट्रिक प्रणाली में तथा 0.001” ब्रिटिश प्रणाली में उपलब्ध होते हैं।

  • बाजार में वर्नियर कैलिपर्स के मांग की बात करें तो यह 6 इंच से 7 इंच 1 फुट तथा 2 फुट तक की लम्बाई में बाजार में उपलब्ध हैं।
  • वर्नियर कैलिपर्स किस पदार्थ का बना होता है – यह सधारणतः निकिल क्रोमियम स्टील या वेनेडियम स्टील के बने होते हैं।
  • वर्नियर कैलिपर्स के द्धारा किन-किन जगहों की माप लिए जा सकते हैं – इसकी मदद से हम बाहरी, गहरी तथा आंतरिक माप ले सकते हैं।

वर्नियर कैलिपर के माप   

वर्नियर कैलिपर में मेन स्केल के एक भाग का मान 1mm  होता है। तथा वर्नियर स्केल का एक भाग का मान 0.90 mm होता है इस प्रकार दोनों की अंतर 0.01 mm इस वर्नियर स्केल का अल्पतमांक होता है।

वर्नियर कैलिपर के प्रकार 

वर्नियर कैलिपर के प्रकार निम्नलिखित हैं :-

  1. फ़्लैट ऐज वर्नियर कैलिपर 
  2. नाईप ऐज वर्नियर कैलिपर 
  3. डेफ्थ वर्नियर कैलिपर 
  4. गियर टूथ वतवरणीयर कैलिपर।

वर्नियर कैलिपर की संरचना

Vernier Caliper in Hindi में वर्नियर पैमाना मुख्य पैमाने से जुड़ा हुआ एक छोटा पैमाना होता है, जिस पर समान दूरियों पर कुछ चिन्ह लगे होते हैं। इन चिन्हों की संख्या व इनके बीच की दूरी इस बात से निर्धारित होती है कि मुख्य पैमाने का अल्पतम माप, प्रभावी रूप से कितना कम करना है। वर्नियर पैमाना, मुख्य पैमाने पर आगे-पीछे सरकाया जा सकता है। वर्नियर का सर्वाधिक अधिक प्रचलित रूप वर्नियर कैलिपर्स है। चित्र-1 में इसी तरह का एक पैमाना दिखाया गया है। इसमें मुख्य पैमाने का अल्पतम माप 1 मिलीमीटर है। अब अगर हम 1 मिलीमीटर के दसवें हिस्से तक पाठ्यांक लेना चाहते हैं, तो वर्नियर पैमाने पर समान दूरियों पर 10 भाग इस प्रकार बनाए जाते हैं कि वे मुख्य पैमाने के 9 भागों यानी 9 मिलीमीटर के बराबर हों।

अर्थात वर्नियर के 10 भाग =  मुख्य पैमाने के 9 भाग यानी 9 मिमी
अतः वर्नियर के 1 भाग का मान = 0.9 मिलीमीटर

वर्नियर कैलिपर की कार्यविधि

अब इस Vernier Caliper in Hindi में वर्नियर की कार्यविधि समझते हैं। जब वर्नियर कैलिपर के जबड़ों के बीच कोई वस्तु न रखी हो तब मुख्य पैमाने का शून्य वर्नियर के शून्य के एकदम सामने होता है। शून्य त्रुटि न होने पर वर्नियर का दसवां चिन्ह मुख्य पैमाने के 9वें चिन्ह के सामने आ जाता है। इस अवस्था में मुख्य पैमाने के 1 भाग व वर्नियर पैमाने के 1 भाग के मान का अंतर इतना होगाः1 मिमी-0.9 मिमी = 0.1 मिमी

  • अतः यह स्पष्ट है कि वर्नियर का पहला चिन्ह मुख्य पैमाने के पहले चिन्ह मे 0.1 मिमी पहले आता है। वर्नियर का दूसरा चिन्ह मुख्य पैमाने के दूसरे चिन्ह से 0.2 मिमी पहले आता है।
  • वर्नियर का दसवां चिन्ह मुख्य पैमाने के दसवें चिन्ह से 1 मिमी पहले आता है अर्थात यह मुख्य पैमाने के 9 मिमी के निशान के सामने आता है। इस तथ्य को चित्र-1 में दर्शाया गया है।
  • उपरोक्त विवरण एवं चित्र-1 से स्पष्ट है कि यदि जबड़ों के मध्य रखी। वस्तु का आकार 0.1 मिलीमीटर हो तो – वर्नियर 0.1 मिमी आगे सरकेगा व उसका पहला चिन्ह मुख्य पैमाने के पहले चिन्ह से संपाती होगा यानी सामने आएगा।
  • वस्तु का आकार 0.2 मिमी हो तो-वर्नियर का दूसरा चिन्ह मुख्य पैमाने के दूसरे चिन्ह से संपाती होगा।
  • वस्तु का आकार 0.9 मिमी हो तो वर्नियर का नौवां चिन्ह मुख्य पैमाने उदाहरणार्थ यदि किसी वस्तु का के नवे चिन्ह से संपाती होगा।

वर्नियर कैलिपर के मुख्य भाग

वर्नियर कैलिपर क्या है जानने के साथ-साथ इसके मुख्य भाग भी जान लेता हैं, जो नीचे मौजूद हैं :

1) भीतरी जबड़े :- किसी वस्तु का अन्दर का व्यास या डाया नापने के लिए।
(2) बाहरी जबड़े :- किसी वस्तु का बाहर का व्यास या मोटाई नापने के लिए।
(3) गहराई माप :- किसी वस्तु या Dia या Bor का गहराई  (Depth) नापने के लिए।
(4) मुख्य पैमाना :- इस पर  मिमि (mm)  के निशान बने होते हैं।
(5) मुख्य पैमाना :- इस पर इंच और उसके छोटे भाग के निशान बने होते हैं।
(6) वर्नियर पैमाना :- यह मुख्य पैमाने से 1/10mm का साईज बताता है।
(7) वर्नियर पैमाना :- यह ऊपर बताए गए को इंच में पढ़ता है।
(8) रिटेनर :- इसे कस देने पर वर्नियर कैलिपर के जबड़े लाॅक हो जातें हैं। मापने के बाद भी हिलने जुलने पर भी माप नहीं बदलता है।

वर्नियर कैलिपर के उपयोग

वर्नियर कैलिपर के उपयोगों की सूचि नीचे दी गई है :-

  • एक आयत की लंबाई, चौड़ाई व ऊंचाई मापने में।
  • एक छोटी गोलीय या बेलनाकार आकृति का व्यास मापने में।
  • बीकर या कैलोरीमीटर की आंतरिक व्यास तथा गहराई मापने में।
  • फिटिंग करते समय आवश्यक पार्ट का साइज चैक करने में।
  • किसी शाफ्ट का बाहरी व्यास चैक करने में।
  • खोखली शाफ्ट या बियरिंग का अंदरूनी व्यास चैक करने में।

वर्नियर का अल्पतम माप  

Vernier Caliper in Hindi में वर्नियर का आविष्कार सन् 1930 में वैज्ञानिक पियरे वर्नियर ने किया था। इसकी सहायता से किसी भी पैमाने का अल्पतम माप प्रभावी रूप से कम किया जा सकता है। सामान्यतः किसी पैमाने का अल्पतम माप उस पर खींचे दो पास-पास के किन्हीं चिन्हों के बीच का माप होता है। इन चिन्हों को और पास-पास लाकर अल्पतम माप कम किया जा सकता है यानी मापन की बारीकी बढ़ाई जा सकती है। लेकिन ऐसा एक निश्चित सीमा तक ही संभव है। उसके पश्चात पास-पास के चिन्हों में अंतर कर पाना कठिन होता जाता है। वर्नियर पैमाना इस कठिनाई को कुछ हद तक दूर करता है।

अल्पतम माप का सूत्र

अगर गणित में आपकी रुचि हो तो आप सूत्र से भी पता कर सकते हैं कि दिए गए Vernier Caliper in Hindi में वर्नियर पैमाने का अल्पतम नाप क्या है; या फिर सूत्र से ही खोज सकते हैं कि किसी विशेष अल्पतम नाप का वर्नियर स्केल कैसा बनेगा। मुख्य पैमाने के अल्पतम माप (मानो s) को जितने गुना कम करना हो, (मानो n गुना कम करना है) उतने भाग वर्नियर पर समान दूरियों पर हों तथा ये भाग मुख्य पैमाने के (n-1) भाग के बराबर हों, तो वर्नियर की सहायता से (S/n) तक नाप ली जा सकती है।

इस प्रकार वर्नियर के n भाग = मुख्य पैमाने के (n-1) भाग
अतः वर्नियर के 1 भाग का मान = [(n-1)/n] x S
=(n-1) s/n
वर्नियर का अल्पतम माप = मुख्य पैमाने के 1 भाग का मान – वर्नियर के 1 भाग का मान
= s – (n-1)s/n
= s – ns/n + s/n = s/n 
= (मुख्य पैमाने के 1 भाग का मान )/(वर्नियर पर अंकित कुल भाग )
वर्नियर का अल्पतम माप = (मुख्य पैमाने पर अल्पतम माप )/(वर्नियर पर अंकित कुल भाग )
इस तरह यह बात साफ हो जाती है कि इन दोनों तरीकों से वर्नियर के अल्पतम माप का सिद्धांत समझा जा सकता है।
इस प्रकार 1 मिली के दसवें हिस्से का पाठ आसानी से लिया जा सकता है

अल्पतम माप कैसे निकालें?

उदाहरणार्थ यदि किसी वस्तु का आकार 4.55 सेंटीमीटर है और उसे वर्नियर कैलिपर्स के जबड़ों के बीच फंसाया जाता है तो वर्नियर का शून्य मुख्य पैमाने के 4.5 व 4.6 सेमी के बीच आएगा; और वर्नियर का 5वां चिन्ह मुख्य पैमाने के किसी निशान की सीध में मिलेगा। (इस स्थिति में वह 5 सेमी के चिन्ह से संपाती होगा)। यहां ध्यान देने योग्य तथ्य यह है कि वर्नियर का कौन-सा चिन्ह मुख्य पैमाने के किसी भी निशान की एकदम सीध में आता है, यही महत्वपूर्ण है। यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है कि वह मुख्य पैमाने के कौन-से चिन्ह की सीध में है।इस प्रकार वर्नियर पैमाना लगाने पर पैमाने का प्रभावी अल्पतम माप = मुख्य पैमाने के 1 भाग का मान – वर्नियर के 1 भाग का मान   
 = .1मिमी-0.9 मिमी.= 0.1 मिमी.

इसी तरह अगर हमें एक ऐसा वर्नियर पैमाना बनाना हो जिससे (0.05 मिलीमीटर तक की दूरी नापी जा सके तो वर्नियर पैमाने को इस तरह बनाना होगा कि उसका प्रत्येक खंड मुख्य पैमाने के एक खंड से 0.05 मिलीमीटर कम हो। ऐसा तभी संभव है जब वर्नियर पैमाने के 20 खंड मुख्य पैमाने के 19 खंड के एकदम बराबर हों क्योंकि अगर वर्नियर पैमाने का प्रत्येक खंड 0.05 मिलीमीटर छोटा है तो वर्नियर पैमाने के 20 खंड मुख्य पैमाने से 0.05 x 20 = 1 मिलीमीटर कम होंगे।

Source: Info Trade – Technical Classes

FAQs

वर्नियर कैलिपर का अल्पतमांक क्या है?

0.10 mm

डायल कैलिपर का अल्पतमांक कितना होता है?

0.01 मिमी

लिस्ट काउंट को हिंदी में क्या कहते हैं?

अल्पतमांक

स्क्रूगेज का अल्पतमांक कितना होता है?

0.001 सेमी.

वर्नियर कैलिपर का आविष्कार कब हुआ?

वर्ष 1631

माइक्रोमीटर का अल्पतमांक कितना होता है?

0.09 मिमी 

वर्नियर कैलिपर और माइक्रोमीटर में क्या अंतर है?

एक माइक्रोमीटर सामान्य मामलों में 0.01 मिमी तक के अंतर को मापने में सक्षम है। वर्नियर कैलिपर में केवल चरम मामलों में 0.05 के रूप में छोटे अंतर को मापने की क्षमता है।

वर्नियर कैलिपर्स द्वारा बाहरी व्यास कैसे ज्ञात करें?

मुख्य स्केल के एक भाग का मान है तो वर्नियर का अल्पतमांक मिमी तथा वर्नियर स्केल के कुल खानों की संख्या मिमी = 0.1 मिमी = 0.01 सेमी होगा। करते हैं अर्थात् 4 x 0.01 = 0.04 सेमी यह वर्नियर स्केल पाठ है। = 2.3 + 0.04 = 2.34 सेमी इस प्रकार दी गई वस्तु को व्यास 2.34 सेमी है।

Source – My e classes

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