लोहपुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल के अविस्मरणीय योगदान का ही परिणाम है कि आज भारत अखंड है। सरदार पटेल उन स्वतंत्रता सेनानियों में से एक हैं, जिन्होंने आधुनिक भारत के लिए आचार्य चाणक्य की भांति अपनी भूमिका को निभाया है। भारत को अखंड और स्वतंत्र बनाने के लिए यूँ तो कई स्वतंत्रता सेनानियों ने अपने प्राणों की आहुति दी, लेकिन आज हम जिनकी बात करने जा रहे हैं उन्हें ‘भारत का ‘सरदार’, ‘लोहपुरुष’ आदि नामों से जाना जाता है। उन महान स्वतंत्रता सेनानी का पूरा नाम लोहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल था, जिनके अथक प्रयासों से भारतीय संघ में, भारत की सभी रियासतों का सफलता पूर्वक विलय हुआ था। इस विलय ने भारत को एक राष्ट्र के रूप में सशक्त और समृद्ध बनाया, सरदार पटेल जी ने अपनी अंतिम सांस तक राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखा। “सरदार वल्लभ भाई पटेल पर 8 वाक्य लिखिए” के शीर्षक के साथ हम सरदार पटेल के जीवन के बारे में संक्षिप्त में जान पाएंगे, साथ ही उनके प्रति अपनी सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित कर पाएंगे।
सरदार वल्लभ भाई पटेल पर 8 वाक्य लिखिए
भारत को अखंड बनाए रखने के लिए सरदार वल्लभभाई पटेल जी ने, स्वतंत्रत भारत की हर छोटी-बड़ी रियासत को एकता सूत्र में बांधने का काम किया। सरदार पटेल जी के व्यक्तित्व को आप निम्नलिखित पंक्तियों के माध्यम से समझ सकते हैं;
- लोहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल का जन्म 31 अक्टूबर, 1875 नडियाद, गुजरात में हुआ था।
- सरदार पटेल ने वर्ष 1897 में मैट्रिक पास की, जिसके बाद उन्होंने लंदन से बैरिस्टर की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद पटेल जी ने स्वदेश लौटकर अहमदाबाद में वकालत शुरू की।
- वर्ष 1917 में भारत में प्लेग और 1918 में अकाल जैसी आपदाएँ भी आईं, जिसमें दोनों ही मौकों पर सरदार पटेल ने संकट निवारण के लिए महत्वपूर्ण कार्य किए।
- वर्ष 1917 में उन्हें ‘गुजरात सभा’ का सचिव चुना गया, जो एक राजनीतिक संस्था थी। इसी सभा ने गांधीजी को उनके अभियानों में बहुत मदद की थी।
- स्वतंत्रत भारत को खंडित करने के अंग्रेजों के सपने को चकनाचूर करते हुए, सरदार पटेल जी ने लगभग 562 रियासतों का भारत में विलय कराया।
- सरदार वल्लभ भाई पटेल राष्ट्रवाद की अलख को युवाओं में जगाने के लिए अग्रणी भूमिका निभाते थे, जिनके एक आदेश में लाखों युवा तत्पर रहते थे।
- 15 दिसंबर 1950, को मुंबई में दिल का दौरा पड़ने से सरदार पटेल ने अपने जीवन की अंतिम सांस ली। वर्ष 1991 में सरदार पटेल को मरणोपरांत ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया गया।
- सरदार पटेल जी के योगदान को सम्मानित करते हुए, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा 31 अक्टूबर 2018 को सरदार वल्लभभाई पटेल जी की सबसे बड़ी मूर्ति का उद्घाटन किया गया।
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FAQs
सरदार पटेल की मृत्यु 15 दिसंबर 1950 को मुंबई में हुई थी।
सरदार पटेल को लौह पुरुष की उपाधि महात्मा गांधी ने नीतिगत दृढ़ता के लिए दी थी।
सरदार वल्लभ भाई पटेल की शादी वर्ष 1893 में हुई थी।
सरदार वल्लभ भाई पटेल का नारा “एक भारत-श्रेष्ठ भारत” था, जो आज भी हमारे राष्ट्र के युवाओं और नीति निर्माताओं का मार्गदर्शन करने के साथ-साथ उन्हें प्रेरित करने का काम करता है।
पटेल का असली नाम वल्लभभाई झावेरभाई पटेल था।
लौह पुरुष का उपनाम सरदार पटेल था।
पटेल जी की मृत्यु दिल का दौरा पड़ने से हुई थी।
आशा है कि आपको ‘सरदार वल्लभ भाई पटेल पर 8 वाक्य लिखिए’ पर आधारित यह ब्लाॅग जानकारी से भरपूर लगा होगा। इसी तरह के अन्य जनरल नॉलेज के ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।