हर साल 26 जुलाई को पूरा देश में कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है। वर्ष 1999 में 26 जुलाई के दिन भारतीय सेनाओं ने लदाख के कारगिल जिले के उत्तरी हिस्से में पाकिस्तान की सेना को हराकर विजय प्राप्त की थी। भारत-पाकिस्तान के बीच लगभग 2 महीनों तक चलने वाले इस युद्ध के लिए भारतीय सेनाओं द्वारा चलाए गए ‘ऑपरेशन विजय’ से सफल होने की घोषणा 14 जुलाई को की गई थी और 26 जुलाई को यह युद्ध पूरी तरह से समाप्त हो गया था। इसके बाद से हर साल 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है, जिसके बारे में कई बार स्टूडेंट्स से प्रतियोगी परीक्षाओं में भी पूछ लिया जाता है। इसलिए आज के इस ब्लॉग में हम कारगिल विजय दिवस कब मनाया जाता है? के बारे में जानेंगे।
कारगिल विजय दिवस का इतिहास
कारगिल विजय दिवस का इतिहास यहाँ बताया गया है :
- कारगिल युद्ध भारत के जम्मू और कश्मीर के कारगिल जिले में मई और जुलाई 1999 के बीच हुआ था।
- यह युद्ध कारगिल के भारतीय-नियंत्रित क्षेत्र में पाकिस्तानी सैनिकों और कश्मीरी आतंकवादियों की घुसपैठ का परिणाम था।
- मई 1999 में पाकिस्तानी फ़ौज ने कश्मीर और लद्दाख के बीच कनेक्शन को काटने के लिए लाइन ऑफ़ कंट्रोल को पार कर के भारतीय सीमा में प्रवेश कर लिया था और जम्मू और कश्मीर के कारगिल जिले में हिमालय पर्वत की चोटियों पर कब्ज़ा कर लिया था।
- इसकी खबर लगते ही भारतीय फ़ौज ने तुरंत युद्ध की तैयारियां शुरू कर दीं और ऑपरेशन विजय लॉन्च किया गया।
- कारगिल युद्ध में दोनों पक्षों को भारी क्षति हुई और इसे भारत-पाकिस्तान संबंधों के इतिहास में एक महत्वपूर्ण घटना माना जाता है।
- 26 जुलाई 1999 में भारतीय सेना के वीर जवानों ने पकिस्तान को युद्द में हराकर पाकिस्तानी सेना को भारतीय सीमा से बाहर खदेड़ दिया और कारगिल की चोटियों पर तिरंगा लहरा दिया।
- कारगिल युद्ध में लड़ने और शहीद होने वाले भारतीय सैनिकों के बलिदान का सम्मान करने के लिए, भारत सरकार ने 1999 में 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस के रूप में घोषित किया।
- युद्ध ने देश की सीमाओं की रक्षा में अधिक सतर्कता और तैयारियों की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।
- कारगिल विजय दिवस पूरे देश में परेड, पुष्पांजलि समारोह और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ मनाया जाता है, जो देश की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा में भारतीय सशस्त्र बलों की बहादुरी और समर्पण की याद दिलाता है।
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526 जवानों ने अपने प्राणों का बलिदान दिया
भारतीय सेना ने कारगिल युद्ध को तो जीत लिया लेकिन भारत की फ़ौज को इस युद्ध के लिए अपने 526 जवानों की शहादत देनी पड़ी। इन्हीं वीर शहीदों में से एक कैप्टन विक्रम बत्रा भी थे। उन्हें उनके अविश्वसनीय शौर्य के लिए भारतीय सेना के सर्वोच्च सम्मान परम वीर चक्र से सम्मनित किया गया था। उनकी बहादुरी का लोहा पाकिस्तानी फ़ौज भी मानती थी। साथ ही उन्हें उनकी बहादुरी के लिए ‘शेरशाह’ उपनाम दिया गया था और इस टाइटल को लेकर बाद में कैप्टन विक्रम बत्रा के जीवन पर एक फिल्म भी बनाई गई थी।
कारगिल विजय दिवस का भारतीयों के लिए महत्व
कारगिल विजय दिवस का भारत के इतिहास में बहुत महत्व है। यह भारत के वीर जवानों की शहादत को याद रखने और उनके बलिदान के प्रति आभार प्रकट करने का दिन है। यह भारत की आने वाली पीढ़ियों को भारतीय सेना के शौर्य और बलिदान के बारे में बताता है। इस दिन भारत के प्रधानमंत्री इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति पर जाकर भारतीय सेना के शहीद जवानों को श्रद्धांजली अर्पित करते हैं। शहीदों के परिवारों का भी स्मारक स्थान पर स्वागत किया जाता है। कारगिल विजय दिवस भारतीय युवाओं को देश प्रेम और भारतीय सेना में भर्ती होने के लिए प्रेरित करता है।
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FAQs
साल 1999 में भारत और पाकिस्तान के बीच कारगिल युद्ध हुआ था।
कारगिल युद्ध के दौरान अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे।
26 जुलाई 1999 को कारगिल का युद्ध समाप्त हुआ।
परमवीर चक्र और महावीर चक्र वीरता के क्षेत्र में दिये जाने वाले पुरस्कार हैं।
आशा है कि इस ब्लाॅग में आपको कारगिल विजय दिवस कब मनाया जाता है? से जुड़ी पूरी जानकारी मिल गई होगी। इसी तरह के अन्य ट्रेंडिंग आर्टिकल्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।