भारत में गणतंत्र दिवस परेड देश की सांस्कृतिक विविधता और विरासत को प्रदर्शित करने वाला एक भव्य उत्सव है। इस कार्यक्रम का एक मुख्य आकर्षण विभिन्न राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और केंद्रीय मंत्रालयों द्वारा प्रस्तुत की जाने वाली जीवंत झांकियां हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इन रचनात्मक प्रदर्शनों का चयन कौन करता है? रक्षा मंत्रालय एक समर्पित विशेषज्ञ समिति के माध्यम से चयन प्रक्रिया का संचालन करता है। छात्रों के लिए इस सावधानीपूर्वक प्रक्रिया को समझना इस प्रतिष्ठित राष्ट्रीय कार्यक्रम के पीछे के प्रयास की एक झलक प्रदान करता है जो भारत की एकता और रचनात्मकता पर गर्व को बढ़ावा देता है। इसलिए इस ब्लाॅग में गणतंत्र दिवस परेड की झांकी के लिए चयन प्रक्रिया का संचालन कौन करता है? के बारे में विस्तार से जानेंगे।
गणतंत्र दिवस परेड की झांकी के लिए चयन प्रक्रिया का संचालन कौन करता है?
26 जनवरी के दिन सुंदर सुंदर झांकियां निकाली जाती हैं। गणतंत्र दिवस के अवसर पर भारत के विभिन्न राज्य अपनी तरफ से झांकी प्रस्तुत करते हैं। इन झांकियों को चुनने का कार्य सरकार के द्वारा नहीं किया जाता है। इसके लिए विशेषज्ञों की एक समिति का गठन किया जाता है। यह समिति कई विषयों के आधार पर झांकी के प्रस्तावों का मूल्यांकन करती है। यही समिति यह निर्णय लेती है कि 26 जनवरी पर कौन सा प्रदेश अपनी झांकी प्रस्तुत करेगा।
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झांकियों का चयन कैसे किया जाता है?
रक्षा मंत्रालय की एक समिति 26 जनवरी के समय प्रस्तुत की जाने वाली झांकियों की समीक्षा करने के लिए सभी राज्यों से सुझाव मांगती है। फिर उन सुझावों पर कला और संस्कृति के आधार पर विचार विमर्श किया जाता है। समिति के सदस्यों द्वारा फ़ाइनल आकर दिए जाने के बाद झांकी को 26 जनवरी के दिन गणतंत्र दिवस के अवसर पर प्रस्तुति के लिए चुन लिया जाता है।
झांकियों के 3D मॉडल मंगाती हैं समितियां
गणतंत्र दिवस पर प्रस्तुत की जाने वाली झांकियों का मूल्यांकन करने वाली समिति सभी राज्यों से गणतंत्र दिवस पर प्रस्तुत की जाने वाली झांकियों का 3D मॉडल मंगवाती है। गणतंत्र दिवस पर प्रस्तुत की जाने वाली झांकियों का मूल्यांकन करने वाली समिति में कल्चर, पेंटिंग, संगीत, कृषि, कोरियोग्राफी, कला, साहित्य व अन्य क्षेत्रों के एक्सपर्ट शामिल किए जाते हैं। उन सभी की अनुमति के बाद ही झांकियों का चयन किया जाता है।
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FAQs
26 जनवरी 2025 के गणतंत्र दिवस परेड के मुख्य अतिथि इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबिआंतो होंगे। अक्टूबर 2024 में राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद यह उनकी पहली भारत यात्रा होगी।
गणतंत्र दिवस परेड का उद्देश्य भारतीय संविधान की अहमियत को याद करना, देश की सैन्य और सांस्कृतिक ताकत का प्रदर्शन करना और भारतीय नागरिकों में राष्ट्रीय गर्व और एकता की भावना को बढ़ावा देना है। यह दिन भारतीय लोकतंत्र की शक्ति और अखंडता का प्रतीक है।
गणतंत्र दिवस परेड भारत की सैन्य शक्ति, सांस्कृतिक विविधता और विकास का प्रदर्शन करती है। यह परेड भारतीय सेना, नौसेना, वायुसेना, और अन्य बलों के अनुशासन, शक्ति, और समर्पण को प्रदर्शित करती है। इसके अलावा, विभिन्न राज्यों की सांस्कृतिक झांकियाँ भारत की विविधता और समृद्धि को दर्शाती हैं।
समूह परेड का महत्व यह है कि यह भारतीय सैनिकों के बीच सामूहिक अनुशासन, समर्पण और टीमवर्क की भावना को दर्शाता है। यह देश की सुरक्षा बलों की ताकत और उनकी एकजुटता को प्रदर्शित करता है, जो राष्ट्र की रक्षा में अपनी जिम्मेदारी निभाते हैं।
गणतंत्र दिवस 2025 की थीम ‘स्वर्णिम भारत : विरासत और विकास’ है।
26 जनवरी के दिन सुंदर सुंदर झांकियां निकाली जाती हैं। गणतंत्र दिवस के अवसर पर भारत के विभिन्न राज्य अपनी तरफ से झांकी प्रस्तुत करते हैं। इन झांकियों को चुनने का कार्य सरकार के द्वारा नहीं किया जाता है। इसके लिए विशेषज्ञों की एक समिति का गठन किया जाता है।
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