कारगिल युद्ध के दौरान भारत के राष्ट्रपति कौन थे?

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कारगिल युद्ध के दौरान भारत के राष्ट्रपति कौन थे

26 जुलाई 2023 को कारगिल विजय दिवस या कारगिल युद्ध में पाक के खिलाफ भारत की बड़ी जीत की 24वीं वर्षगांठ है। इस ब्लाॅग में हम जानेंगे कि कारगिल युद्ध के दौरान भारत के राष्ट्रपति कौन थे और कारगिल युद्ध का कोड क्या था, क्योंकि इस युद्ध में भारतीय सेना के जवानों ने तीन माह के युद्ध को खत्म करते हुए ‘ऑपरेशन विजय’ को सफलतापूर्वक पूरा किया था।

कारगिल युद्ध के दौरान भारत के राष्ट्रपति कौन थे?

पाकिस्तान ने इस युद्ध की शुरूआत 3 मई 1999 को की थी। इस युद्ध में कई जवान वीरगति को प्राप्त हो गए। इस दौरान भारत के राष्ट्रपति कोचेरिल रमण नारायणन थे। 26 जुलाई 1999 को भारत ने कारगिल युद्ध में शौर्यता का परचम लहराया था और तब से इस दिन को हर वर्ष विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है। भारत के दसवें राष्ट्रपति कोच्चेरी रामण नारायणन (के आर नारायण) केरल में जन्मे थे। के आर नारायण ने त्रावणकोर विश्वविद्यालय से अंग्रेज़ी में पीजी उपाधि प्राप्त करने के बाद लंदन स्कूल ऑफ इकोनोमिक्स में अर्थशास्त्र की पढ़ाई की थी। भारत में उनकी गणना कुशल राजनीतिज्ञों में की जाती है। 

क्या था कारगिल युद्ध का कोड नाम?

वर्ष 1999 में भारत-पाक के बीच कारगिल युद्ध में भारतीय जवानों के बीच एक कोड नाम था, जिसका नाम ऑपरेशन विजय रखा गया था।

26 जुलाई को कितनी ऊंचाई पर लहराया था तिरंगा?

कारगिल युद्ध में भारतीय जवानों ने 18 हजार फीट की ऊंचाई पर तिरंगा लहराकर ऑपरेशन विजय का इतिहास में अपना नाम दर्ज करा दिया था।

कारगिल युद्ध में कुल कितने सैनिक हुए थे शहीद?

जैसा की कारगिल युद्ध करीब दो महीने से अधिक समय तक चला था, जिसमें अनुमानित 527 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे, जबकि लगभग 1,300 से ज्यादा घायल हुए थे।

आशा करते हैं कि आपको इस ब्लाॅग में कारगिल युद्ध के दौरान भारत के राष्ट्रपति कौन थे? इसके बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। कारगिल दिवस के अन्य ब्लाॅग पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बनें रहें।

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