Food Processing UPSC in Hindi: भारत में खाद्य प्रसंस्करण का महत्व, अवसर और चुनौतियाँ

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Food Processing UPSC in Hindi

Food Processing UPSC in Hindi: यूनियन सर्विस पब्लिक कमीशन (UPSC) की तैयारी करने वाले कैंडिडेट्स को ‘खाद्य प्रसंस्करण’ (Food Processing) विषय की पूरी जानकारी होनी चाहिए, क्योंकि ये परीक्षा के लिहाज से एक महत्वपूर्ण विषय है। बता दें कि सिविल सेवा परीक्षा के दृष्टिकोण से इस विषय को काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। इसलिए इस ब्लॉग में आप फूड प्रोसेसिंग (Food Processing UPSC in Hindi) के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त कर पाएंगे। 

खाद्य प्रसंस्करण क्या है?

खाद्य प्रसंस्करण (Food Processing) में कच्चे (Raw) पादप एवं पशु पदार्थों को खाद्य उत्पादों में परिणत करने के लिए उपयोग की जाने वाली विधियाँ और तकनीकें शामिल हैं। ध्यान दें कि इसमें सरल परिरक्षण से लेकर जटिल औद्योगिक विधियों तक की विस्तृत शृंखला शामिल है। खाद्य प्रसंस्करण में खाने को सुरक्षित, स्वादिष्ट और लंबे समय तक इस्तेमाल किए जाने लायक बनाने के लिए अलग-अलग विधियाँ अपनाई जाती हैं। इस प्रक्रिया का मुख्य उद्देश्य खाने की गुणवत्ता को बनाए रखना, उसे ज्यादा समय तक खराब होने से बचाना और लोगों के लिए इसे आसानी से उपलब्ध कराना होता है।

आसान भाषा में कहें तो यह खाने को सुरक्षित रखने के साथ-साथ इसे खरीदने और इस्तेमाल करने में भी आसान बनाता है। इसमें फलों, सब्जियों, अनाज, मांस और दूध जैसे उत्पादों को साफ करना, सुरक्षित रखना, पकाना, सुखाना, ठंडा करना और पैक करना शामिल होता है।

खाद्य प्रसंस्करण के प्रकार

खाद्य प्रसंस्करण (Food Processing UPSC in Hindi) के मुख्य रूप से तीन प्रकार हैं:-

  • प्राथमिक खाद्य प्रसंस्करण
  • द्वितीयक खाद्य प्रसंस्करण
  • तृतीयक खाद्य प्रसंस्करण

प्राथमिक खाद्य प्रसंस्करण

इस प्रक्रिया का उद्देश्य कच्चे खाद्य पदार्थों को उनके मूल स्वरूप में संरक्षित और तैयार करना होता है। आसान भाषा में समझें तो इसमें खाद्य सामग्री को शुद्ध, सुरक्षित और उपयोग के योग्य बनाया जाता है। जैसे – गेहूं को पीसकर आटा बनाना, चावल से भूसी निकालना, सब्जियों और फलों की सफाई करना इत्यादि।

द्वितीयक खाद्य प्रसंस्करण

इसमें खाद्य पदार्थों को तैयार उत्पादों में परिवर्तित किया जाता है। यह प्रक्रिया खाद्य सामग्री को पकाने, मिलाने या विशेष तकनीकों के माध्यम से तैयार करने पर आधारित होती है। जैसे – फलों से जैम, जैली और मुरब्बा तैयार करना, दूध से पनीर, दही और मक्खन बनाना इत्यादि।

तृतीयक खाद्य प्रसंस्करण

इस प्रक्रिया में तैयार खाद्य उत्पादों को सुविधाजनक और तुरंत उपयोग योग्य बनाया जाता है। इसमें खाद्य पदार्थों को तैयार-से-खाने वाले उत्पादों में बदला जाता है। जैसे – फ्रोज़न पिज्जा, बर्गर, स्नैक्स, पैकेटबंद जूस और एनर्जी बार आदि।

खाद्य प्रसंस्करण का महत्व

खाद्य प्रसंस्करण का महत्व निम्नलिखित बिंदुओं के माध्यम से आसानी से समझा जा सकता है:-

  • खाद्य प्रसंस्करण विधियों के माध्यम से कच्चे खाद्य पदार्थों को सुरक्षित, पोषक तत्वों से भरपूर और लंबे समय तक उपयोग के योग्य बनाया जा सकता है।
  • खाद्य प्रसंस्करण तकनीक के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जाता है कि खाद्य सामग्री जैसे फल, सब्जियां, मांस, और डेयरी उत्पाद जल्दी खराब न हों।
  • खाद्य प्रसंस्करण उत्पादों की शेल्फ लाइफ बढ़ाता है, जिससे उनका भंडारण और परिवहन आसान हो जाता है।
  • खाद्य प्रसंस्करण प्रक्रिया से खाद्य उत्पादों को लंबे समय तक सुरक्षित और फ्रेश रखा जा सकता है, जिससे उपभोक्ताओं को अधिक समय तक गुणवत्ता युक्त खाद्य सामग्री मिलती है।
  • खाद्य प्रसंस्करण के माध्यम से ही वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में सहायता प्रदान करके खाद्य संकट को कम किया जा सकता है।
  • खाद्य प्रसंस्करण किसानों के लिए लाभकारी साबित होता है, जिससे कृषि उत्पादों के मूल्य में वृद्धि होती है।
  • खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में रोजगार के अनेक अवसर उत्पन्न होते हैं, जिससे स्थानीय और राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलता हैं।
  • खाद्य प्रसंस्करण के माध्यम से कच्चे माल की आपूर्ति, प्रसंस्करण कार्य, पैकेजिंग और वितरण के क्षेत्र में रोजगार के अवसर पैदा होते हैं। इसके साथ-साथ, यह उन छोटे उद्योगों को भी बढ़ावा देता है, जिनका ग्रामीण क्षेत्रों की उन्नति में महत्वपूर्ण योगदान होता है।
  • खाद्य प्रसंस्करण ने उपभोक्ताओं के लिए खाद्य विकल्पों की विविधता और सुविधा बढ़ाई है।
  • खाद्य प्रसंस्करण से खाद्य उत्पादन में होने वाली बर्बादी को कम किया जा सकता है।
  • खाद्य प्रसंस्करण के द्वारा कृषि उत्पादों में आई गुणवत्ता की गिरावट को भी सुधारा जा सकता है, साथ ही उन्हें नई और उपयोगी वस्तुओं में बदला जा सकता है।

भारत में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग की स्थिति

भारत में फूड प्रोसेसिंग उद्योग, कृषि उत्पादों के मूल्यवर्धन में एक पुल का कार्य कर रहा है, जो न केवल किसानों को लाभ पहुंचाता है, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था में भी योगदान करता है। भारत में फूड प्रोसेसिंग उद्योग की स्थिति को नीचे दिए गए बिंदुओं के माध्यम से आसानी से जाना जा सकता है:-

  • दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा खाद्य उत्पादक देश होने से भारत में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग वैश्विक स्तर पर महत्वपूर्ण स्थान रखता है।
  • खाद्य प्रसंस्करण उद्योग ही भारत की GDP में लगभग 10% का योगदान करता है और राष्ट्रीय रोजगार में भी बड़ी भूमिका निभाता है।
  • भारतीय फूड प्रोसेसिंग उद्योग का आकार वर्ष 2023 तक लगभग $540 बिलियन (₹40 लाख करोड़) था और इसकी वृद्धि दर 10-15% के बीच है।
  • खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को कृषि उत्पादों की विविधता, बढ़ते शहरीकरण और उपभोक्ता मांग, वैश्विक व्यापार के साथ-साथ सरकारी नीतियों और योजनाओं के कारण कई नए अवसर मिले हैं।
  • स्वस्थ और जैविक खाद्य पदार्थों की बढ़ती मांग के कारण खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को भविष्य में नए उत्पाद विकसित करने का अवसर मिलेगा।
  • नवाचार और तकनीकी उन्नति के माध्यम से फूड प्रोसेसिंग उद्योग की विकास दर को तेज़ किया जा रहा है।
  • वैश्विक स्तर पर भारतीय खाद्य उत्पादों की मांग में होने वाली लगातार वृद्धि के कारण इस क्षेत्र में निर्यात के अवसरों का और अधिक विस्तार हो रहा है।

खाद्य प्रसंस्करण को बढ़ावा देने के लिए सरकारी पहल

खाद्य प्रसंस्करण (Food Processing UPSC in Hindi) को बढ़ावा देने के लिए सरकारी पहल को नीचे दिए बिंदुओं के माध्यम से आसानी से समझा जा सकता हैं:-

  • फूड प्रोसेसिंग को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा कई कदम उठाए गए हैं, जिनमें कई योजनाओं को शुरू किया गया है।
  • फूड प्रोसेसिंग को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना (PMKSY) का शुभारंभ किया है, जिसका उद्देश्य कृषि उत्पादों को सहेजना, प्रसंस्करण और उत्पादन में सुधार करना है।
  • मेगा फूड पार्क योजना को शुरू करके फूड प्रोसेसिंग के लिए बुनियादी ढांचे का निर्माण किया गया है।
  • ऑपरेशन ग्रीन्स के माध्यम से टमाटर, प्याज और आलू (TOP) जैसी फसलों पर सरकार ने अपना ध्यान केंद्रित किया है।
  • कोल्ड चेन इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास करके सरकार ने फूड प्रोसेसिंग को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
  • खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय (Ministry of Food Processing Industries) की नीतियों के माध्यम से उद्योगों को कर में छूट और वित्तीय सहायता प्रदान की गई है, जिसकी सहायता से फूड प्रोसेसिंग को बढ़ावा दिया गया है।
  • भारत सरकार द्वारा आत्मनिर्भर भारत और PLI स्कीम के तहत फूड प्रोसेसिंग को बढ़ावा दिया गया है।

खाद्य प्रसंस्करण की चुनौतियाँ

खाद्य प्रसंस्करण (Food Processing UPSC in Hindi) की चुनौतियाँ कुछ इस प्रकार हैं:-

  • खाद्य प्रसंस्करण की चुनौतियों में से एक फसल कटाई के बाद पर्याप्त कोल्ड स्टोरेज सुविधाओं का अभाव होना है, जिससे फल और सब्जियाँ खराब हो जाती हैं।
  • खराब सड़कें और परिवहन सुविधाएँ भी फूड प्रोसेसिंग की मुख्य चुनौतियों में से एक है, जिसके कारण समय पर खाद्य उत्पादों को बाजार तक पहुँचाने में बाधा आती हैं।
  • भारत में कृषि उत्पादन मौसमी होने के कारण प्रोसेसिंग के लिए कच्चे माल की उपलब्धता अनियमित रहती है, जो कि फूड प्रोसेसिंग के लिए एक बड़ी चुनौती है।
  • अधिकांश फूड प्रोसेसिंग इकाइयाँ पुरानी तकनीकों पर आधारित हैं, जिससे उत्पाद की गुणवत्ता और उत्पादन क्षमता प्रभावित होती है।
  • उन्नत तकनीक और मशीनरी की ऊँची कीमत छोटे और मध्यम उद्योगों के लिए चुनौती बन जाती है, जिससे फूड प्रोसेसिंग उद्योग चलाना कठिन हो जाता है।
  • फूड प्रोसेसिंग के लिए बैंकों से ऋण प्राप्त करने में देरी और उच्च ब्याज दरें भी बड़ी बाधाएँ उत्पन्न करती हैं।
  • ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में कौशल विकास केंद्रों का अभाव भी फूड प्रोसेसिंग के लिए बड़ी चुनौती के रूप में सामने आता है।

खाद्य प्रसंस्करण का प्रभाव

खाद्य प्रसंस्करण (Food Processing UPSC in Hindi) के प्रभाव को नीचे दिए बिंदुओं के माध्यम से आसानी से समझा जा सकता है, जो कुछ इस प्रकार हैं:-

  • फूड प्रोसेसिंग के माध्यम से रोजगार सृजन के नए अवसर पैदा होते हैं।
  • फूड प्रोसेसिंग के माध्यम से उत्पादों की शेल्फ लाइफ बढ़ती है, जिससे भारतीय खाद्य उत्पाद अंतरराष्ट्रीय बाजारों में निर्यात के लिए उपयुक्त बनते हैं।
  • फूड प्रोसेसिंग के माध्यम से किसानों की आय में सुधार होता है।
  • फूड प्रोसेसिंग के तहत पोषण में सुधार होता है, जिससे विटामिन, मिनरल और अन्य पोषक तत्वों को बनाया रखा जा सकता है।
  • फूड प्रोसेसिंग के माध्यम से खाद्य सामग्री को सुरक्षित बनाया जाता है।
  • फूड प्रोसेसिंग से मानव की जीवनशैली पर प्रभाव पड़ता है, जिसके तहत महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार आया है। 

UPSC के लिए खाद्य प्रसंस्करण का महत्व

UPSC के लिए फूड प्रोसेसिंग का महत्व निम्नलिखित बिंदुओं के माध्यम से समझिए:-

  • UPSC की परीक्षा में फूड प्रोसेसिंग के उद्देश्यों, प्रावधानों और इसके प्रभावों पर अकसर प्रश्न पूछे जाते हैं। इससे अभ्यर्थियों को कृषि, उद्योग, खाद्य सुरक्षा और पर्यावरण जैसे पहलुओं के बारे में जानने को मिलता है।
  • UPSC की परीक्षा देने वाले अभ्यार्थी फूड प्रोसेसिंग के माध्यम से खाद्य उत्पादों को लंबे समय तक सुरक्षित और पोषक बनाए रखने के बारे में जान पाते हैं।
  • UPSC परीक्षा की तैयारी करने वाले अभ्यार्थी जान पाते हैं कि फूड प्रोसेसिंग उद्योग का योगदान भारत की GDP में कैसे मुख्य भूमिका निभाता है और कैसे इससे आर्थिक विकास को गति मिलती है।

FAQs 

फूड प्रोसेसिंग क्या है?

फूड प्रोसेसिंग एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें कच्चे खाद्य पदार्थों को इस प्रकार परिवर्तित किया जाता है कि वे उपभोक्ताओं के लिए सुविधाजनक, सुरक्षित और अधिक पोषक बने।

फूड प्रोसेसिंग यूनिट क्या होता है?

फूड प्रोसेसिंग यूनिट वह स्थान या संयंत्र होता है, जहां कच्चे खाद्य पदार्थों को विभिन्न प्रक्रियाओं के माध्यम से परिवर्तित किया जाता है, ताकि उन्हें उपभोक्ताओं के लिए सुरक्षित, स्वादिष्ट, और लंबे समय तक संरक्षित किया जा सके।

फूड प्रोसेसिंग कोर्स क्या होता है?

फूड प्रोसेसिंग कोर्स एक ऐसा शैक्षिक पाठ्यक्रम है, जो विद्यार्थियों को खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के विभिन्न पहलुओं से परिचित कराता है।

फूड प्रोसेसिंग एंड टेक्नोलॉजी क्या है?

फूड प्रोसेसिंग और फूड टेक्नोलॉजी दोनों खाद्य उद्योग के अहम पहलू हैं जो खाद्य पदार्थों को तैयार, संरक्षित और सुरक्षित बनाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

क्या फूड प्रोसेसिंग एक अच्छा करियर है?

हाँ, फूड प्रोसेसिंग उद्योग एक अच्छा करियर विकल्प हो सकता है, जो विशेष रूप से उन लोगों के लिए बेहतर होगा जिनकी रूचि कृषि, विज्ञान, प्रौद्योगिकी और व्यवसाय के क्षेत्रों में है। बता दें कि भारत में फूड प्रोसेसिंग का उद्योग तेजी से बढ़ रहा है, और इसके विकास की गति को देखते हुए इस क्षेत्र में करियर के कई अवसर उपलब्ध हैं।

फूड प्रोसेसिंग कैसे करते हैं?

फूड प्रोसेसिंग के लिए निम्नलिखित स्टेप्स को फॉलो करना पड़ता है, जो कि इस प्रकार हैं –
चयन और सफाई
काटना और आकार देना
उबालना या कच्चा पकाना
संरक्षित करना
पैकेजिंग
गुणवत्ता नियंत्रण और परीक्षण
वितरण और विपणन (डिस्ट्रीब्यूशन एंड मार्केटिंग)

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आशा है कि आपको इस लेख में भारत में खाद्य प्रसंस्करण (Food Processing UPSC in Hindi) से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी मिल गई होगी। ऐसे ही UPSC एग्जाम से संबंधित अन्य ब्लॉग पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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