DM Full Form in Hindi : डीएम (DM) का फुल फॉर्म जिला मजिस्ट्रेट (District Magistrate) कहा जाता है। जिला मजिस्ट्रेट भारत में जिले के प्रमुख को दी जाने वाली एक डिग्री है। डीएम डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन का प्रमुख होता है और जिले में लॉ आर्डर बनाए रखने की जिम्मेदारी होती है।
जिला मजिस्ट्रेट भारत के डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रे में सर्वोच्च नागरिक अधिकारी है और डिस्ट्रिक्ट में लॉ एनफोर्समेंट और पब्लिक आर्डर की देखरेख करता है। जिला मजिस्ट्रेट आमतौर पर स्टेट गवर्नमेंट द्वारा नियुक्त किया जाता है और जिले में शांति, कानून और व्यवस्था और रहने वाले लोगों प्रॉब्लम को संभालता है। तो चलिए जानते हैं DM Full Form in Hindi के बारे में कुछ खास बातें।
DM Full Form in Hindi
DM Full Form in Hindi | जिला मजिस्ट्रेट (District Magistrate) |
DM का क्या है?
डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट एक जिले में सभी कार्यों के लिए उत्तरदायी होता है। डीएम की नियुक्ति स्टेट गवर्नमेंट द्वारा की जाती है और उसे एक सीनियर सिविल सर्वेंट या आएएस कहते है। डीएम बनने के लिए राज्य सिविल सेवाओं में विभिन्न पदों पर कम से कम दस वर्षों तक सेवा की होनी चाहिए या कम से कम 20 वर्षों तक भारतीय प्रशासनिक सेवा का अधिकारी होना चाहिए। यह भी आवश्यक है कि उम्मीदवार की आयु 30 वर्ष से कम न हो।
डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट के मुख्य कार्य यह है-
- भूमि मूल्यांकन
- भूमि अधिग्रहण
- कृषि लोन
- बकाया आयकर, उत्पाद शुल्क, सिंचाई बकाया को वसूलना
- प्राकृतिक आपदाओं के समय आपदा प्रबंधन करना
- दंगों के समय उचित निर्णय लेना
- जिला बैंकर समन्वय समिति का अध्यक्षता आदि
अगर कोई भी व्यक्ति डिएम बनना चाहता है तो उसको सबसे पहले ग्रेजुएट होना चाहिए। उसके बाद कैंडिडेट यूपीएससी द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा में भाग लेना होगा। इस एग्जाम के अंतर्गत तीन चरण होते हैं जिनमें से पहला है प्रीलिम्स का एग्जाम, दूसरा मुख्य परीक्षा और फिर तीसरा आपका इंटरव्यू होगा। प्रीलिम्स की एग्जाम में दो पेपर होते हैं। हर एक पेपर के लिए 200 अंक होते है।
इन दोनों पेपर्स में वस्तुनिष्ठ प्रकार के प्रश्न होते हैं यानी हर एक प्रश्न के लिए आपको चार विकल्प दिए होते हैं। उनमें से किसी एक सही उत्तर को चुनना होता है। इसमे नेगेटिव मार्किंग भी होती है, गलत जवाब होने पर 0.33 अंक काटे जाते है। प्रश्न पत्र हिंदी और अंग्रेजी भाषा में आता है। इस एग्जाम को देने के लिए 2 घंटे का समय होता है लेकिन विकलांगता उम्मीदवार को 20 मिनट अधिक दिए जाते है। पहले चरण में सफल होने के बाद कैंडिडेट मेंस एग्जाम में पहुंचता है, मेंस एग्जाम में सफलता के बाद कैंडिडेट इंटरव्यू में भाग लेते हैं। उसके बाद उच्च रैंक प्राप्त करने वाले कैंडिडेट को आईएएस मिलता है।
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