जानिए बॉटनी क्या है?

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जानिए बॉटनी क्या है?

आप सब जानते ही हैं कि हमारा जीवन विज्ञान के बिना अधूरा है, आजकल हर चीज में साइंस का प्रयोग हो रहा है। विज्ञान एक ऐसा विषय है जिसमें कई सारे सब्जेक्ट शामिल हैं। विज्ञान एक बहुत बड़ा सब्जेक्ट है जो हमारी डेली लाइफ में भी काम में आता है पर क्या आप जानते हैं विज्ञान के कितने भाग होते हैं वनस्पति विज्ञान किसे कहते हैं? बॉटनी क्या होती है? (what is botany in hindi) हमारा ब्लॉग इसी टॉपिक Botany in Hindi पर आधारित है। 

बॉटनी क्या है?

जीव विज्ञान एक ऐसा विषय है जिसमें जीवित व मृत जीवों का अध्ययन किया जाता है, जीव विज्ञान (बायोलॉजी) को मुख्यतः दो भागों में बांटा गया है- 1.बॉटनी और 2.जूलॉजी

बॉटनी शब्द की उत्पत्ति ग्रीक भाषा से हुई है। इसमें जीवित व मृत सभी प्रकार के पेड़ पौधों का अध्ययन किया जाता है। इसे ‘वनस्पति विज्ञान’ भी कहा जाता है। ग्रीक भाषा में इस शब्द का अर्थ होता है घास। यह शब्द बोस्टन से लिया गया है जिसका अर्थ होता हैं ‘चरना या खिलाना’। संसार में मिलने वाले सभी प्रकार के पेड़- पौधों का अध्ययन Botany in Hindi के अंतर्गत किया जाता है ।

पौधों के विभिन्न भागों जैसे संरचना, वृद्धि एवं विकास, प्रजनन, बीमारियों, रासायनिक गुणों, आंतरिक व बाह्य संरचना, श्वसन क्रिया, प्रकाश संश्लेषण द्वारा भोजन का निर्माण, प्रजनन, जीवन चक्र और उनके विकास आदि क्रियाओं का अध्ययन करना बॉटनी कहलाता है। बॉटनी के जनक ‘थिओफ्रेस्टस’ है। इनके द्वारा ही सबसे पहले पादपों का अध्ययन किया गया था इसलिए ‘थिओफ्रेस्टस’ (Theophrastus) को वनस्पति विज्ञान के जनक के रूप में भी जाना जाता है।

बॉटनी की विभिन्न शाखाओ के नाम

Botany in Hindi में कई सारी शाखाएं होती हैं, जिनमे से कुछ प्रमुख शाखाओं के नाम उनके विवरण के साथ हमारे इस ब्लॉग में दिए गए है। बॉटनी में मुख्य रूप से दो शाखाएं होती हैं- जिसके अंतर्गत विभिन्न विषय आते हैं-

  1. एप्लाइड बॉटनी
  • प्लांट पैथोलॉजी- पौधों के रोगों, रोगों के लक्षण,उनके कारण व निदान का अध्ययन किया जाता है।
  • फॉरेस्ट्री और सिल्वीकल्चर- जंगल के पेडों व उनके उत्पादों का अध्ययन।
  • बायोकेमिस्ट्री- जीवो में उपस्थित रासायनिक क्रिया व घटकों का अध्ययन करना।
  • हॉर्टिकल्चर- फल, सब्जियों व बगीचों मे पौधों को उगाने का अध्ययन किया जाता है।
  • प्लांट ब्रीडिंग- उपयोगी पादपों की नस्ल सुधारने का अध्ययन।
  • सिल्वीकल्चर -इसमें वनों के विकास का अध्ययन होता है।
  • डेंड्रोलॉजी- इसमें झाड़ियों का अध्ययन किया जाता है।
  • फ्लोरीकल्चर- इसमें फूलों के विकास का अध्ययन किया जाता है।
  • एग्रीकल्चर बॉटनी- इसमें कृषि की फसलों को उगाने का अध्ययन किया जाता है।
  • फार्माकोग्नोसी- औषधीय पौधों की पहचान, उनका पृथक्करण, उपयोगिता संबंधी अध्ययन करना।
  • पेडोलॉजी- वन मृदा का अध्ययन इसके अंतर्गत किया जाता है।
  • प्लांट जेनेटिक्स-  पादपों के जेनेटिक्स का वंशानुगत अध्ययन करना।
  1. प्योर और बेसिक बॉटनी
  • प्लांट जियोग्राफी-  पादपों की भौगोलिक स्थिति जैसे पौधों का वितरण, उगाने के लिए जो कारक उत्तरदायी होते हैं उनका अध्ययन करना।
  • शरीर-क्रियाविज्ञान- पौधों तथा उनके विभिन्न भागों की शारीरिक बनावट का अध्ययन करना जैसे स्वशन, वृद्धि, पोषण, जनन आदि।
  • इकोलॉजी- पौधों तथा उनके वातावरण के साथ जीवों का अध्ययन करना।
  • एम्ब्र्योलॉजी- पादपों के निर्माण,फर्टिलाइजेशन, डेवलपमेंट आदि का अध्ययन करना।
  • टेक्सोनोमी और सिस्टेमेटिक बॉटनी- इसमें पौधों को समान लक्षणों व विभिन्नताओं के आधार पर वर्गीकृत कर क्रमानुसार अध्ययन किया जाता है। पौधों का नामकरण इसी में किया जाता है।
  • मोर्फोलॉजी- पौधों तथा उनके विभिन्न भागों की आंतरिक तथा बाहरी संरचना का अध्ययन करना।
  • पुरावनस्पति विज्ञान- प्राचीन काल के पौधे जो अब विलुप्त हो गए हैं उनके अवशेषों का अध्ययन किया जाता है।

इनके अलावा भी बॉटनी में कई सारे विषय होते हैं, जिनमें-बैक्टीरियोलॉजी, माइकोलॉजी, अल्जीओलॉजी, एक्वाकल्चर, अल्जीओलॉजी, सॉयल साइंस, वायरोलॉजी, रेडिएशन बायोलॉजी, टिश्यू कल्चर आदि कई विषय शामिल हैं।

बॉटनी करने के फायदे

Botany in Hindi की पढ़ाई करने के कुछ फायदे नीचे बताए गए हैं-

  • बॉटनी की पढ़ाई करने के बाद आप अपनी खुद की नर्सरी भी खोल सकते हैं।
  • अगर आपकी रुचि खेती में है तो आप बॉटनी में बीएससी कर सकते हैं जिसमें आप अलग-अलग तरह के पेड़-पौधों पर रिसर्च कर सकते हैं और उनकी पैदावार को बढ़ाने के नए-नए तरीके खोज सकते हैं।
  • बॉटनी में बीएससी करने के बाद आप MSc कर सकते हैं जिसके बाद आप वनस्पति विज्ञान में साइंटिस्ट भी बन सकते हैं।
  • बॉटनी में बैचलर्स करने के बाद आप कृषि वैज्ञानिक, माइकोलॉजिस्ट, बायो फिजिसिस्ट आदि के रूप में अपना करियर बना सकते हैं।
  • इनके अलावा आप रिसर्च और टीचिंग में भी अपना करियर बना सकते हैं।
  • पर्यावरण में होने वाले परिवर्तनों को समझने में भी आसानी रहती है।

वनस्पति विज्ञान का महत्व एवं उद्देश्य

वनस्पति विज्ञान के अध्ययन का मुख्य उद्देश्य पौधों के बारे में सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त करना हैं क्योंकि पौधे हमारे लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण, लाभदायक व हितकारी होते हैं। असल में पौधों के बिना तो जीवन की कल्पना कर पाना भी संभव नहीं है। जैसा कि आप लोग जानते हैं, पौधे सूर्य के प्रकाश से प्रकाश संश्लेषण की क्रिया द्वारा अपना भोजन बनाते हैं और मनुष्यों के लिए जीवनदायिनी ऑक्सीजन का निर्माण करते हैं। 

बॉटनी और जूलॉजी में अंतर

बॉटनी और जूलॉजी दोनों ही बायोलॉजी की प्रमुख शाखाएं है जिसमें बॉटनी में पेड़ पौधों आदि का अध्ययन किया जाता है और जूलॉजी में जीव जंतुओं व मनुष्य आदि का अध्ययन किया जाता है, यह दोनों शाखाएं एक दूसरे से पूरी तरह भिन्न है। बॉटनी और जूलॉजी में अंतर नीचे बताये गए हैं-

  1. जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है बॉटनी में पादप जीवन का अध्ययन होता है बॉटनी को प्लांट्स साइंस के रूप में भी जाना जाता है। वहीं जूलॉजी/एनिमल बायोलॉजी में जंतुओ का अध्ययन किया जाता है।
  2. बॉटनी में पेड़ पौधों के ऊपर रिसर्च की जाती है जबकि जूलॉजी में पशुओं के ऊपर रिसर्च की जाती है।
  3. बॉटनी में पौधों के विकास, संरचना, प्रजनन, रोग, रासायनिक उत्पादों आदि के ऊपर अध्ययन किया जाता है वहीं जूलॉजी में पशु संरचना, व्यवहार, शारीरिक बनावट आदि का अध्ययन किया जाता है|
  4. बॉटनी की पढ़ाई करके आप प्लांट साइंटिस्ट बनते हैं जबकि जूलॉजी की पढ़ाई करके आप एनिमल साइंटिस्ट बनते हैं।

बैचलर लेवल कोर्सेज 

बॉटनिस्ट बनने के लिए बैचलर लेवल पर मिलने वाले कोर्सेज की लिस्ट निम्नलिखित हैं–

  • B.Sc. Botany 
  • Bachelors of Science in Botany
  • Graduate Certification in Science (plant breeding innovation)
  • Bachelor of Science and bachelors of laws in plant production 
  • Bachelors of Science in Plant Science 
  • Bachelors of science computational science and plant science 
  • Bachelor of Science in plant biology 
  • Bachelor of Natural Environment and Wilderness Studies – Plant Ecology
  • Bachelors of Science (Honours) in Plant Science 
  • Bachelors of Biomedical Science in Plant science 
  • Bachelor of liberal arts and plant production
  • Bachelor of Arts and Science – Botany

मास्टर लेवल कोर्सेज 

बॉटनिस्ट बनने के लिए मास्टर लेवल पर मिलने वाले कोर्सेज की लिस्ट निम्नलिखित हैं–

  • Master of Science in Plant Breeding
  • Master of Science in Botany and Plant Pathology
  • MSc in Sustainable Plant Health
  • MSc in Biodiversity & taxonomy of plants 
  • Ethnobotany in  MSc
  • Master of Science in Botany
  • MSc in Plant Diversity
  • MSc Plant and Fungal Taxonomy, Diversity and Conservation
  • MSc in Botany
  • MSc in Plant and Fungal Taxonomy Diversity and Conservation
  • MSc in Plant Pathology
  • MSc Plant Genetics and Crop Improvement

डॉक्टरल लेवल कोर्सेज 

बॉटनिस्ट बनने के लिए डॉक्टरल लेवल पर मिलने वाले कोर्सेज की लिस्ट निम्नलिखित हैं-

  • PhD in Plant Sciences
  • PhD in Botany
  • Doctor of philosophy in plant biology and plant pathology
  • Doctor on Philosophy in Plant science 
  • PhD in Agri Bioscience
  • PhD in Molecular Plant Sciences
  • Doctor of Philosophy in Botany
  • PhD in Animal and Plant Science
  • PhD in plant diversity and taxonomy

टॉप वर्ल्ड यूनिवर्सिटीज

Botany in Hindi में शिक्षा के लिए विदेश की बहुत सी यूनिवर्सिटीज और इंस्टिट्यूशन कोर्सेज की वाइड रेंज प्रदान करते हैं। हमने नीचे ऐसी ही विदेश की कुछ टॉप यूनिवर्सिटीज का नाम मेंशन किया है जो आपके बॉटनिस्ट बनने के करियर में चार चाँद लगा देंगी-

टॉप इंडियन यूनिवर्सिटीज

बॉटनिस्ट बनने के लिए टॉप भारतीय यूनिवर्सिटीज़ की लिस्ट नीचे दी गई है–

  • हिन्दू कॉलेज, दिल्ली यूनिवर्सिटी 
  • मिरांडा हॉउस, दिल्ली यूनिवर्सिटी 
  • मद्रास क्रिस्चियन कॉलेज, चेन्नई 
  • हंसराज कॉलेज, दिल्ली यूनिवर्सिटी 
  • दौलत राम कॉलेज, दिल्ली यूनिवर्सिटी 
  • क्राइस्ट यूनिवर्सिटी, बैंगलोर 
  • दीन दयाल उपाध्याय कॉलेज, दिल्ली यूनिवर्सिटी 
  • SJC बैंगलोर- सेंट जोसेफ कॉलेज 
  • गार्गी कॉलेज, दिल्ली यूनिवर्सिटी 
  • रामजस कॉलेज, दिल्ली यूनिवर्सिटी आदि। 

योग्यता 

Botany in Hindi करने से जुड़ी जानकारी और उससे जुड़े प्रकारों में रूचि रखने वाले विद्यार्थियों का निम्नलिखित योग्यताओं को पूर्ण करना आवश्यक है–

  • बैचलर डिग्री के लिए अप्लाई कर रहे कैंडिडेट की बारहवीं किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से होना आवश्यक है। जिसमें कम से कम 50 % मार्क्स होना अनिवार्य माना गया है। 
  • बॉटनिस्ट बनने के लिए मेडिकल स्ट्रीम को प्राथमिकता दी गई है। कैंडिडेट की बारहवीं केमिस्ट्री, बॉयोलॉजी और मैथ्स के साथ उत्तीर्ण होना अनिवार्य है। 
  • बॉटनी में मास्टर डिग्री के लिए अप्लाई कर रहे विद्यार्थी की बैचलर डिग्री को ख़ास महत्वता दी जाती है। यह 
  • डॉक्टरल डिग्री के लिए अप्लाई कर रहे विद्यार्थी का मास्टर डिग्री उत्तीर्ण होना अनिवार्य है। 
  • विदेश में GRE स्कोर या यूनिवर्सिटी द्वारा निर्धारित कोई अन्य एंट्रेंस टेस्ट क्लियर करना आवश्यक है। 
  • विदेश में अपनी बैचलर, मास्टर या डॉक्टरल डिग्री अप्लाई कर रहे छात्रों का इंग्लिश प्रोफिशिएंसी टेस्ट का स्कोर बहुत मायने रखता है। इसमें  IELTSTOEFLPTE आदि टेस्ट शामिल हैं। 
  • विदेश में पढ़ने के इच्छा रखने वाले विद्यार्थियों को SOP और  LOR जमा कराना अनिवार्य है। 

आवेदन प्रक्रिया 

विदेश के विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए आवेदन प्रक्रिया इस प्रकार है:

  • आपकी आवेदन प्रक्रिया का फर्स्ट स्टेप सही कोर्स चुनना है, जिसके लिए आप AI Course Finder की सहायता लेकर अपने पसंदीदा कोर्सेज को शॉर्टलिस्ट कर सकते हैं। 
  • एक्सपर्ट्स से कॉन्टैक्ट के पश्चात वे कॉमन डैशबोर्ड प्लेटफॉर्म के माध्यम से कई विश्वविद्यालयों की आपकी आवेदन प्रक्रिया शुरू करेंगे। 
  • अगला कदम अपने सभी दस्तावेज़ों जैसेSOP, निबंध, सर्टिफिकेट्स औरLORऔर आवश्यक टैस्ट स्कोर जैसे IELTSTOEFLSATACTआदि को इकट्ठा करना और सुव्यवस्थित करना है। 
  • यदि आपने अभी तक अपनी IELTSTOEFLPTEGMATGRE आदि परीक्षा के लिए तैयारी नहीं की है, जो निश्चित रूप से विदेश में अध्ययन करने का एक महत्वपूर्ण कारक है, तो आप Leverage Live कक्षाओं में शामिल हो सकते हैं। ये कक्षाएं आपको अपने टेस्ट में उच्च स्कोर प्राप्त करने का एक महत्त्वपूर्ण कारक साबित हो सकती हैं।
  • आपका एप्लीकेशन और सभी आवश्यक दस्तावेज़ जमा करने के बाद, एक्सपर्ट्स आवास, छात्र वीज़ा और छात्रवृत्ति/छात्र लोन के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू करेंगे । 
  • अब आपके प्रस्ताव पत्र की प्रतीक्षा करने का समय है जिसमें लगभग 4-6 सप्ताह या उससे अधिक समय लग सकता है। ऑफर लैटर आने के बाद उसे स्वीकार करके आवश्यक सेमेस्टर शुल्क का भुगतान करना आपकी आवेदन प्रक्रिया का अंतिम चरण है। 

भारत के विश्वविद्यालयों में आवेदन प्रक्रिया, इस प्रकार है:

  • सबसे पहले अपनी चुनी हुई यूनिवर्सिटी की ऑफिशियल वेबसाइट में जाकर रजिस्ट्रेशन करें।
  • यूनिवर्सिटी की वेबसाइट में रजिस्ट्रेशन के बाद आपको एक यूज़र नेम और पासवर्ड प्राप्त होगा।
  • फिर वेबसाइट में साइन इन के बाद अपने चुने हुए कोर्स का चयन करें जिसे आप करना चाहते हैं।
  • अब शैक्षिक योग्यता, वर्ग आदि के साथ आवेदन फॉर्म भरें।
  • इसके बाद आवेदन फॉर्म जमा करें और आवश्यक आवेदन शुल्क का भुगतान करें। 
  • यदि एडमिशन, प्रवेश परीक्षा पर आधारित है तो पहले प्रवेश परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन करें और फिर रिजल्ट के बाद काउंसलिंग की प्रतीक्षा करें। प्रवेश परीक्षा के अंको के आधार पर आपका चयन किया जाएगा और लिस्ट जारी की जाएगी।

आवश्यक दस्तावेज़  

कुछ ज़रूरी दस्तावेज़ों की लिस्ट नीचे दी गई है–

एंट्रेंस एग्ज़ाम 

Botany in Hindi में एडमिशन के लिए कई यूनिवर्सिटीज एंट्रेंस एग्ज़ाम के स्कोर अनुसार एडमिशन स्वीकार करती हैं जबकि कई आपकी बारहवीं के स्कोर को नज़र में रखकर आवेदन को स्वीकार कर लिया करती हैं। Botany in Hindi के लिए इच्छुक विद्यार्थियों के लिए भारत और विदेश में होने वाली प्रवेश प्रक्रियाओं की लिस्ट नीचे दी गई है –

  • DUET 
  • JNUEE 
  • IPU CET 
  • OUCET 
  • BITSAT 
  • BHU PET 
  • BHU UET 
  • PUBDET 
  • APU UG NET 
  • UPSEE 
  • TS EAMCET 
  • CUCET 
  • AUCUT 
  • PUET 
  • NEST 
  • OUAT 
  • GSAT 

करियर स्कोप 

Botany in Hindi में पढ़ाई करने के अलग-अलग लेवल्स में आप अपने स्कोप की गहराई को ध्यान से समझ पाएंगे। जैसे अगर आप बॉटनिस्ट बनने के प्रथम चरण यानी ग्रेजुएट हो चुकें है और आगे पढ़ाई करना चाहते है तो मास्टर्स कर बेहतर पैकेज के हकदार बन सकते हैं। इसी के साथ अगर आप मास्टर्स कर चुके हैं और बेहतर मौके की तलाश में है तो डॉक्टोरल डिग्री के साथ अपने चुने गए विषय में महारथ हासिल कर उच्च प्रोफाइल्स के लिए अप्लाई कर सकते हैं। एक बॉटनिस्ट की नौकरी उसक चुने गए क्षेत्र और डिग्री के आधार पर निर्धारित की जाती है। बॉटनिस्ट के एरियाज़ कुछ इस प्रकार है:

  • एग्रीकल्चरल रिसर्च सर्विसिज़ 
  • बोटैनिकल सर्वे सेंटर्स 
  • इको-बॉटनी 
  • बायोटेक्नोलॉजी फर्मस 
  • फर्मेन्टेशन इंडस्ट्रीज 
  • एनवायर्नमेंटल मैनेजमेंट यूनिट्स 
  • फ़ूड इंडस्ट्री एंड हर्बल इंडस्ट्री 

टॉप रिक्रूटर्स 

Botany in Hindi में डिग्री होल्डर्स को नौकरी देने वाली कंपनियों की लिस्ट नीचे दी गई है–

  • National Chemical Laboratory
  • Wildlife SOS
  • Indian Institute of Ecology
  • Wildlife Conservation Society
  • Centre for Science and Environment
  • Environmental Education
  • Nature Conservation Foundation

जॉब प्रोफाइल्स एंड सैलरी 

बॉटनिस्ट बनने के इरादे से की गई पढ़ाई पूरी करने के बाद अगर आप नौकरी करने का सोचते हैं तो हर क्षेत्र में आपको एक बेहतरीन ऑफर देखने को मिल सकता है। सैलरी की बात की जाए तो एक बैचलर डिग्री प्राप्त किए कैंडिडेट की सैलरी 4-8 LPA तक पाई जा सकती है जिसमें की अगर आप मास्टर्स या डॉक्टोरल डिग्री प्राप्त कर चुके हैं तो यह राशि 10 LPA तक जा सकती है। बॉटनी में डिग्री प्राप्ति के बाद आप निम्नलिखित प्रोफाइल्स के लिए अप्लाई कर सकते हैं:

ग्रेजुएट्स के बाद मिलने वाली जॉब प्रोफाइल्स 

Botany in Hindi में ग्रेजुएशन के बाद निम्नलिखित प्रोफाइल्स के लिए करें अप्लाई-

  • फॉरेस्टर 
  • इकोलॉजिस्ट 
  • बायोलॉजिकल टेक्नीशियन 
  • बॉटनिस्ट 
  • हॉर्टिकल्चरिस्ट 

बॉटनी में मास्टर्स या डॉक्टोरल डिग्री प्राप्त किए कैंडिडेट्स के लिए निम्नलिखित पोस्ट एक अच्छा ऑप्शन हो सकती हैं–

  • टीचर 
  • डेटा एनालिस्ट 
  • मेडिकल कॉडर 
  • इंसिडेंट मैनेजर 
  • कॉर्पोरेट कम्युनिकेशन मैनेजर 

FAQs

एक बॉटनिस्ट का क्या काम होता है?

एक बॉटनिस्ट वह व्यक्ति होता है जिसे पौधों और फूलों की देख रेख के साथ उनपर होने वाली रिसर्च पर ध्यान केंद्रित करना होता है। वह उनसे उपलब्ध दवाईओं और अन्य चीज़ों की जांच से लेकर उपजाऊ ज़मीन की पैदावार में आने वाली बाधा का भी ज्ञान रखता है।

क्या Botany in Hindi एक अच्छा करियर ऑप्शन है?

कैंडिडेट्स जिन्हे पौधों, वातावरण और फूलों में रूचि है उनके लिए यह करियर काफी अच्छा साबित हो सकता है। वह इस क्षेत्र में अपने आपको काफी विक्सित और एनालिटिकल रिसर्च में माहिर बनने का प्रयास कर सकते हैं। 

एक बॉटनिस्ट बनने के लिए कितना समय लगता है?

बॉटनी में कम से कम ग्रेजुएट होना अनिवार्य माना गया है। चार साल एक बॉटनिस्ट बनने की अवधि मानी जा सकती हैं। इसके साथ कैंडिडेट के द्वारा की गयी ट्रेनिंग और मेहनत के अनुसार आगे के अवसर का पता लगाया जा सकता है।

Botany in Hindi सब्जेक्ट में क्या होता है?

वनस्पति विज्ञान में पौधों के विभिन्न भागों जैसे संरचना, वृद्धि एवं विकास, प्रजनन, बीमारियों, रासायनिक गुणों, आंतरिक व बाह्य संरचना, श्वसन क्रिया ,प्रकाश संश्लेषण द्वारा भोजन का निर्माण,प्रजनन,जीवन चक्र और उनके विकास आदि क्रियाओं का अध्ययन करना वनस्पति विज्ञान कहलाता है। बॉटनी के जनक थिओफ्रेस्टस है।

जूलॉजी और बॉटनी में क्या अंतर है?

जूलॉजी जीव विज्ञान को कहते हैं और बॉटनी वनस्पति विज्ञान को कहते हैं। जूलॉजी, विज्ञान की वह शाखा है जिसमें जीवों से सम्बन्धित अध्ययन किया जाता है और बोटनी विज्ञान की वह शाखा है जिसमें वनस्पतियों से सम्बन्धित अध्ययन किया जाता है।

आशा है कि आपको इस ब्लॉग में बॉटनी क्या है? (Botany in Hindi) से जुड़ी सभी आवश्यक जानकारी मिल गई होगी। ऐसे ही अन्य करियर और प्रतियोगी परीक्षाओं से संबंधित जानकारी प्राप्त करने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहिए।

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