क्या आप जानते हैं, 15 जनवरी को कौन सा दिवस मनाया जाता है और क्यों यह दिन खास है? यह दिन भारतीय सेना दिवस के रूप में मनाया जाता है, जो भारतीय सैनिकों की वीरता, साहस और उनके अद्वितीय योगदान को सम्मानित करने का खास अवसर है। 15 जनवरी का यह दिन हमें भारतीय सेना के अदम्य साहस और देश के प्रति उनके समर्पण की याद दिलाता है। इस ब्लॉग में आप जानेंगे कि 15 जनवरी को मनाए जाने वाले इस ऐतिहासिक दिवस का महत्व क्या है, और कैसे यह दिन हमारे सैनिकों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का एक अनमोल अवसर है।
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15 जनवरी को कौन सा दिवस मनाया जाता है?
हर साल 15 जनवरी को भारतीय सेना दिवस मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य भारतीय सेना की वीरता, शौर्य, कुर्बानियों और उनके योगदान को सम्मानित करना है। यह दिन भारतीय सैनिकों की अद्वितीय सेवा और समर्पण को याद करने का अवसर है। इस गौरवपूर्ण अवसर पर देशभर के विभिन्न सैन्य मुख्यालयों में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। आपको बता दें कि 15 जनवरी, 2025 को भारत अपना 77वां सेना दिवस मनाएगा, जो भारतीय सेना की महान परंपरा और उनके योगदान को सम्मानित करने का एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर होगा।
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भारतीय सेना दिवस का उद्देश्य
भारतीय सेना दिवस का मुख्य उद्देश्य भारतीय सेना के अद्वितीय योगदान, वीरता और शौर्य को सम्मानित करना है। यह दिन भारतीय सैनिकों की कुर्बानियों और देश की रक्षा में उनकी निष्ठा को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए मनाया जाता है। भारतीय सेना दिवस पर, हम यह याद करते हैं कि भारतीय सेना का हर एक सदस्य देश की सुरक्षा के लिए अपना जीवन समर्पित करता है और हम उनके योगदान का सम्मान करते हैं। इस दिन का उद्देश्य न केवल भारतीय सेना की वीरता को मनाना है, बल्कि यह हमें यह भी याद दिलाता है कि भारतीय सैनिक हर हाल में देश की सुरक्षा के लिए तत्पर रहते हैं।
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भारतीय सेना दिवस का इतिहास
भारतीय सेना दिवस की शुरुआत 15 जनवरी 1949 से हुई, जब फील्ड मार्शल के. एम. करियप्पा ने स्वतंत्र भारत में भारतीय सेना के पहले कमांडर-इन-चीफ के रूप में पदभार संभाला। यह दिन भारतीय सेना के लिए ऐतिहासिक महत्व रखता है, क्योंकि इससे पहले, 1947 में भारत को स्वतंत्रता मिल जाने के बाद भी भारतीय सेना की कमान ब्रिटिश भारत के अंतिम कमांडर-इन-चीफ, जनरल फ्रांसिस बुचर के पास थी।
फील्ड मार्शल के. एम. करियप्पा ने भारतीय सेना का नेतृत्व उस समय किया जब भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध हो रहा था, और उनका नेतृत्व भारतीय सेना की सफलता का कारण बना। के. एम. करियप्पा ही वो पहले भारतीय सैन्य अधिकारी थे जिन्होंने भारतीय सेना के प्रमुख का पद संभाला और उन्होंने भारत-पाकिस्तान युद्ध 1947 में भारतीय सेना का कुशल नेतृत्व किया।
के. एम. करियप्पा का जन्म 1899 में कर्नाटक के कुर्ग में हुआ था। उन्होंने महज 20 साल की उम्र में ब्रिटिश इंडियन आर्मी में अपनी सेवा शुरू की थी। दूसरे विश्व युद्ध के दौरान बर्मा में जापानी सेना को पराजित करने के लिए उन्हें ऑर्डर ऑफ द ब्रिटिश एंपायर से सम्मानित किया गया था।
1947 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान, करियप्पा ने पश्चिमी सीमा पर भारतीय सेना का नेतृत्व किया। उन्होंने लेह को भारत का हिस्सा बनाने में अहम भूमिका निभाई और युद्ध के बाद दोनों देशों की सेनाओं के बंटवारे की जिम्मेदारी भी निभाई। उनके नेतृत्व में भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सेना को कारगिल और अन्य स्थानों पर शिकस्त दी थी।
फील्ड मार्शल करियप्पा के सम्मान में, भारतीय सेना दिवस हर साल 15 जनवरी को मनाया जाता है, ताकि उनकी सेना के प्रति सेवा, नेतृत्व और बहादुरी को सम्मानित किया जा सके। करियप्पा 1953 में भारतीय सेना से सेवानिवृत्त हुए और कुछ समय के लिए भारत के उच्चायुक्त के रूप में ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में सेवा की। उनका निधन 1993 में बेंगलुरु में हुआ।
इस दिन को मनाने का उद्देश्य भारतीय सेना के योगदान और वीरता को याद करना और भारतीय सेना की शौर्य गाथाओं को साझा करना है।
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भारतीय सेना दिवस का महत्व
भारतीय सेना दिवस का महत्व इस बात में निहित है कि यह भारतीय सेना के समर्पण, संघर्ष और शौर्य को सम्मानित करता है। यह दिन हमें भारतीय सैनिकों की बहादुरी और उनके अद्वितीय बलिदान की याद दिलाता है। सेना दिवस के माध्यम से हम भारतीय सेना के योगदान को स्वीकारते हैं और उनकी उपलब्धियों को पूरे देश के सामने लाते हैं। यह दिवस सेना के सैनिकों और उनके परिवारों के प्रति हमारे आदर और समर्थन को प्रकट करता है।
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भारतीय सेना दिवस का कैसे मनाया जाता है?
भारतीय सेना दिवस पूरे देश में विभिन्न स्थानों पर मनाया जाता है, विशेष रूप से सेना मुख्यालय और सैन्य क्षेत्र में। इस दिन को मनाने के कुछ प्रमुख तरीकों में शामिल हैं:
- सैन्य परेड और मार्च पास्ट:
विभिन्न सैन्य मुख्यालयों में परेड और मार्च पास्ट आयोजित किया जाता है, जिसमें भारतीय सेना के सैनिक अपने शौर्य का प्रदर्शन करते हैं। - स्मारक स्थलों पर श्रद्धांजलि:
भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए युद्ध स्मारकों पर फूल चढ़ाए जाते हैं और शहीदों को सम्मानित किया जाता है। - विशेष कार्यक्रम:
इस दिन सेना के सम्मान में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जैसे सेना प्रमुख की भाषण, सेना के योगदान पर चर्चा, और सैनिकों के कार्यों को दर्शाने वाली प्रदर्शनी। - मीडिया कवरेज:
भारतीय सेना दिवस पर मीडिया द्वारा विशेष कवरेज की जाती है, जिसमें भारतीय सेना के वीरतापूर्ण कार्यों और योगदान को प्रमुखता से दिखाया जाता है।
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उम्मीद है, 15 जनवरी को कौन सा दिवस मनाया जाता है? इसके बारे में आपको जानकारी मिल गई होगी। Important Days and Dates से जुड़े ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बनें रहें।