आयल और गैस एक्सप्लोरेशन और प्रोडक्शन दुनिया की सबसे बड़ी इंडस्ट्रीज में से एक है। पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स की बढ़ती कमी और नए पेट्रोलियम रिसोर्सेज की खोज में बढ़ोतरी के साथ, कुशल पेट्रोलियम इंजीनियर की मांग में वृद्धि हुई है। एक ताज़ा इंडस्ट्री रिपोर्ट के अनुसार, इस क्षेत्र में 2026 तक रोजगार के अवसर 15% बढ़ेंगे। वर्तमान में अधिकतर युवाओं का इंटरेस्ट इस क्षेत्र में बढ़ता ही जा रहा है। इस ब्लॉग में बीटेक पेट्रोलियम इंजीनियरिंग के बारे में बताया गया है जो आपको पेट्रोलियम इंजीनियर बनाने के लिए जरूरी है।
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बीटेक पेट्रोलियम इंजीनियरिंग क्या है?
बीटेक पेट्रोलियम इंजीनियरिंग 4 साल का इंजीनियरिंग कोर्स है। जो हाइड्रोकार्बन के उत्पादन से संबंधित है, जोकि प्राकृतिक गैस या कच्चा तेल हो सकता है। बीटेक पेट्रोलियम इंजीनियरिंग मैकेनिकल, केमिकल और सिविल जैसे अन्य प्रमुख इंजीनियरिंग कोर्सेज के साथ ओवरलैप करता है।
बीटेक पेट्रोलियम इंजीनियरिंग क्यों करें?
बीटेक पेट्रोलियम इंजीनियरिंग करने के कुछ प्रमुख कारण नीचे बताए गए हैं-
- तेल की कीमतों में तेजी आई है जिसका मतलब है तेल की खोज और उत्पादन में भी वृद्धि हुई है इसलिए बीटेक पेट्रोलियम इंजीनियरिंग ग्रेजुएट्स की मांग में भी वृद्धि हुई है।
- भारत और विदेशों में दूरस्थ स्थानों का पता लगाने को मिलता है।
- पेट्रोलियम इंजीनियरों को एक बुनियादी इंजीनियर की तुलना में उत्कृष्ट वेतन और औसत से अधिक पैकेज के साथ बहुत लाभ मिलता है।
स्किल्स
बीटेक पेट्रोलियम इंजीनियरिंग के लिए कुछ ज़रूरी स्किल्स के बारे में नीचे बताया गया है-
- कंप्यूटर एडेड डिजाइन सॉफ्टवेयर का ज्ञान: इस प्रोफेशन में विभिन्न कंप्यूटर एडेड डिजाइन (CAD) सॉफ्टवेयर की अच्छी समझ होना बहुत जरूरी है। पेट्रोलियम इंजीनियर अपने काम में डिज़ाइन और ब्लूप्रिंट तैयार करने के लिए विभिन्न प्रकार के CAD सॉफ्टवेयर का उपयोग करते हैं। वे न केवल डेटा एनालिसिस बल्कि सिमुलेशन, प्रोडक्शन और ड्रिलिंग प्रोसेसेस को स्व चालित करने के लिए एडवांस्ड टेक्नोलॉजीज का उपयोग करते हैं।
- टीम वर्क: पेट्रोलियम इंजीनियर अक्सर अन्य इंजीनियर, कंस्ट्रक्शन वर्करों और प्रोजेक्ट मैनेजर्स के साथ काम करते हैं। अतः टीम के साथ मिल जुल कर काम करने की स्किल्स होना बेहद ज़रूरी है।
- कम्युनिकेशन स्किल्स: प्रेजेंटेशन देना, मीटिंग में भाग लेना और इनोवेटिव सुझाव देना आदि पेट्रोलियम इंजीनियर के काम के अंतर्गत आते हैं। इसके लिए प्रभावी कम्युनिकेशन स्किल्स का होना बहुत ही ज़रूरी है।
- एनालिटिकल स्किल्स: पेट्रोलियम इंजीनियर के लिए एक सामान्य कर्तव्य यह निर्धारित करना है कि किसी ऑपरेशन को लाभदायक बनाने के लिए कैसे और कहां ड्रिल करना है। इसमें सही निर्णय लेने के लिए अलग हालातों की विस्तृत एनालिसिस करना जरूरी है। वे जमीन में बचे तेल को निकालने के बेस्ट तकनीकों के साथ मौजूद डाटा की एनालिसिस करने का गुण उनमें होना चाहिए।
सिलेबस
बीटेक पेट्रोलियम इंजीनियरिंग का सामान्य सिलेबस नीचे दिया गया है-
सेमेस्टर I | सेमेस्टर II |
मैथमेटिक्स I | मैथमेटिक II |
फिजिक्स | केमिस्ट्री |
इंजीनियरिंग मैकेनिक्स | इंजीनियरिंग थर्मोडायनेमिक्स |
बेसिक इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग | बेसिक इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग |
इंट्रोडक्शन टू कंप्यूटिंग | इंट्रोडक्शन टो डाटा स्ट्रक्चर एंड एल्गोरिथम |
फिजिक्स लैब | केमिस्ट्री लैब |
इंजीनियरिंग ड्राइंग | वर्कशॉप लैब |
ह्यूमैनिटीज एंड सोशल साइंसेज (HSS) जैसे कि- बिजनेस कम्युनिकेशन-I | ह्यूमैनिटीज एंड सोशल साइंसेज (HSS) जैसे कि-बिजनेस कम्युनिकेशन-II |
सेमेस्टर III | सेमेस्टर IV |
मैकेनिकल इंजीनियरिंग I | मैकेनिकल इंजीनियरिंग II |
मेथड्स ऑफ़ अप्लाइड मैथमेटिक्स I | न्यूमेरिकल एंड स्टैटिसटिकल मैथर्ड |
जियोलॉजी फॉर पैट्रोलियम इंजीनियर | पेट्रोलियम प्रोडक्शन ऑपरेशन I |
ड्रिलिंग फ्लुएड्स एंड सीमेंट | एलिमेंटएलिमेंट ऑफ़ रिजर्वॉयर इंजीनियरिंग |
ड्रिलिंग टेक्नोलॉजी | मैनेजरियल इकोनॉमिक्स |
ह्यूमैनिटीज एंड सोशल साइंसेज (HSS) इलेक्टिव | सर्वेइंग थ्योरी |
पैट्रोलियम इंजीनियरिंग प्रैक्टिकल I | पैट्रोलियम इंजीनियरिंग प्रैक्टिकल II |
जियोलॉजी फॉर पैट्रोलियम इंजीनियर प्रैक्टिकल लेब | सर्वेइंग प्रैक्टिकल लेब |
सेमेस्टर V | सेमेस्टर VI |
एप्लाइड पेट्रोलियम रिसोर्ट इंजीनियरिंग एंड मैनेजमेंट | डायरेक्शनल ड्रिलिंग |
पेट्रोलियम प्रोडक्शन ऑपरेशन II | पेट्रोलियम फॉरमेशन इवोल्यूशन |
सेडिमेंट्री एंड पैट्रोलियम जियोलॉजी | एडवांस न्यूमेरिकल मैथर्ड |
मेथड्स ऑफ़ अप्लाइड मैथमेटिक्स II | एप्लाइड इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग |
पैट्रोलियम इंजीनियरिंग प्रैक्टिकल III | पैट्रोलियम इंजीनियरिंग प्रैक्टिकल IV |
सेडिमेंट्री एंड पेट्रोलियम जियोलॉजी प्रैक्टिकल | कमपोजिट विवा वोसे |
प्रोजेक्ट एंड टर्म पेपर | प्रोजेक्ट एंड टर्म पेपर |
सेमेस्टर VII | सेमेस्टर VIII |
ऑयल एंड गैस वेल टेस्टिंग | पैट्रोलियम इंजीनियरिंग डिजाइन |
ऑफशोर ड्रिलिंग एंड पैट्रोलियम प्रोडक्शन प्रैक्टिसेज | एनहांस ऑयल रिकवरी टेक्निक |
हेल्थ सेफ्टी एंड एनवायरमेंट इन पेट्रोलियम प्रैक्टिस | रिजर्वॉयर मॉडलिंग एंड सिमुलेशन |
हेल्थ सेफ्टी एंड एनवायरमेंट इन द पैट्रोलियम इंडस्ट्री | पाइपलाइन इंजीनियरिंग |
इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग एंड मैनेजमेंट | ऑयल एंड गैस मार्केटिंग एंड रिसोर्स मैनेजमेंट |
पैट्रोलियम इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट | पैट्रोलियम इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट्स एंड सेमिनार्स |
वेल परफॉर्मेंस इन इंटरवेंशन | एडवांस ऑफशोर इंजीनियरिंग |
ड्रिलिंग सिस्टम डिजाइन |
टॉप विदेशी यूनिवर्सिटीज़
यहां हमने बीटेक पेट्रोलियम इंजीनियरिंग के लिए विश्व के शीर्ष विश्वविद्यालयों की लिस्ट दी है-
- नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ़ सिंगापुर, सिंगापुर
- द यूनिवर्सिटी ऑफ़ टेक्सस, यूनाइटेड स्टेट्स
- स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी, यूनाइटेड स्टेट्स
- टेक्निकल यूनिवर्सिटी ऑफ़ डेनमार्क, डेनमार्क
- टेक्सस A&M यूनिवर्सिटी, यूनाइटेड स्टेट्स
- इंपीरियल कॉलेज, यूनाइटेड किंगडम
- द यूनिवर्सिटी ऑफ़ एडिलेड, ऑस्ट्रेलिया
- यूनिवर्सिटी ऑफ़ अल्बर्टा, कनाडा
- हेरियट-वाट यूनिवर्सिटी, यूनाइटेड किंगडम
- किंग फहद यूनिवर्सिटी ऑफ पेट्रोलियम एंड मिनरल्स, सऊदी अरब
टॉप भारतीय यूनिवर्सिटीज़
बीटेक पेट्रोलियम इंजीनियरिंग के लिए भारत के शीर्ष विश्वविद्यालयों की लिस्ट नीचे दी गई है-
- NIMS इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, जयपुर
- IIT खड़कपुर
- इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (ISM), धनबाद
- चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी
- SVS कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, कोयंबटूर
- MIT WPU, वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी, पुणे
- पारूल यूनिवर्सिटी, वडोदरा
- राजीव गांधी इंस्टीट्यूट आफ पैट्रोलियम, उत्तर प्रदेश
- एमिटी स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, नोएडा
योग्यता
बीटेक पेट्रोलियम इंजीनियरिंग के लिए आवश्यक योग्यता इस प्रकार है:
- पेट्रोलियम इंजीनियरिंग में बैचलर्स डिग्री प्रोग्राम्स के लिए ज़रूरी है कि कैंडिडेट्स ने किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से PCM (फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथ्स) से 10+2 पहली डिवीज़न से उत्तीर्ण की हो।
- भारत में पेट्रोलियम इंजीनियरिंग में बैचलर्स के लिए कुछ यूनिवर्सिटीज में JEE mains, JEE Advanced जैसी प्रवेश परीक्षाओं के अंक अनिवार्य हैं। साथ ही कुछ टॉप यूनिवर्सिटीज अपनी स्वयं की प्रवेश परीक्षाएं आयोजित करतीं हैं। वहीं विदेश में इस कोर्स के लिए यूनिवर्सिटी द्वारा निर्धारित आवश्यक ग्रेड आवश्यकताओं को पूरा करना ज़रूरी है, जो हर अलग–अलग हो सकती है।
- विदेश की अधिकतर यूनिवर्सिटीज SAT या GRE अंक की मांग करते हैं।
- विदेश की यूनिवर्सिटीज में एडमिशन के लिए IELTS या TOEFL टेस्ट अंक ज़रूरी होते हैं। जिसमे IELTS अंक 7 या उससे अधिक और TOEFL अंक 100 या उससे अधिक होना चाहिए।
- विदेश की यूनिवर्सिटीज में एडमिशन के लिए SOP, LOR, CV/Resume और पोर्टफोलियो भी जमा करने होंगे।
आवेदन प्रक्रिया
कैंडिडेट को आवदेन करने के लिए नीचे दी गई प्रक्रिया को पूरा करना होगा-
- आपकी आवेदन प्रक्रिया का फर्स्ट स्टेप सही कोर्स चुनना है, जिसके लिए आप हमारे AI Course Finder की सहायता लेकर अपने पसंदीदा कोर्सेज को शॉर्टलिस्ट कर सकते हैं।
- अगला कदम अपने सभी दस्तावेजों जैसे SOP, निबंध (essay), सर्टिफिकेट्स और LOR और आवश्यक टेस्ट स्कोर जैसे IELTS, TOEFL, SAT, ACT आदि को इकट्ठा करना और सुव्यवस्थित करना है।
- यदि आपने अभी तक अपनी IELTS, TOEFL, PTE, GMAT, GRE आदि परीक्षा के लिए तैयारी नहीं की है, जो निश्चित रूप से विदेश में अध्ययन करने का एक महत्वपूर्ण कारक है, तो आप हमारी Leverage Live कक्षाओं में शामिल हो सकते हैं। ये कक्षाएं आपको अपने टेस्ट में उच्च स्कोर प्राप्त करने का एक महत्त्वपूर्ण कारक साबित हो सकती हैं।
- आपका एप्लीकेशन और सभी आवश्यक दस्तावेज जमा करने के बाद, एक्सपर्ट्स आवास, छात्र वीज़ा और छात्रवृत्ति / छात्र लोन के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू करेंगे ।
- अब आपके प्रस्ताव पत्र की प्रतीक्षा करने का समय है जिसमें लगभग 4-6 सप्ताह या उससे अधिक समय लग सकता है। ऑफर लेटर आने के बाद उसे स्वीकार करके आवश्यक सेमेस्टर शुल्क का भुगतान करना आपकी आवेदन प्रक्रिया का अंतिम चरण है।
आवदेन प्रक्रिया से सम्बन्धित जानकारी और मदद के लिए Leverage Edu के एक्सपर्ट्स से 1800 572 000 पर संपर्क करें।
भारतीय यूनिवर्सिटी के लिए आवेदन प्रक्रिया
भारतीय यूनिवर्सिटीज़ द्वारा आवेदन प्रक्रिया नीचे मौजूद है-
- सबसे पहले अपनी चुनी हुई यूनिवर्सिटी की ऑफिशियल वेबसाइट में जाकर रजिस्ट्रेशन करें।
- यूनिवर्सिटी की वेबसाइट में रजिस्ट्रेशन के बाद आपको एक यूजर नेम और पासवर्ड प्राप्त होगा।
- फिर वेबसाइट में साइन इन के बाद अपने चुने हुए कोर्स का चयन करें जिसे आप करना चाहते हैं।
- अब शैक्षिक योग्यता, वर्ग आदि के साथ आवेदन फॉर्म भरें।
- इसके बाद आवेदन फॉर्म जमा करें और आवश्यक आवेदन शुल्क का भुगतान करें।
- यदि एडमिशन, प्रवेश परीक्षा पर आधारित है तो पहले प्रवेश परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन करें और फिर रिजल्ट के बाद काउंसलिंग की प्रतीक्षा करें। प्रवेश परीक्षा के अंको के आधार पर आपका चयन किया जाएगा और लिस्ट जारी की जाएगी।
आवश्यक दस्तावेज़
आपको निम्न आवश्यक दस्तावेज़ों की आवश्यकता होगी:
- सभी आधिकारिक शैक्षणिक ट्रांसक्रिप्टस और ग्रेड कार्ड
- पासपोर्ट साइज फोटो
- पासपोर्ट फोटोकॉपी
- वीज़ा
- अपडेट किया गया रिज्यूमे
- इंग्लिश प्रोफिशिएंसी टेस्ट स्कोर
- लेटर आफ रिकमेंडेशन या LOR
- स्टेटमेंट ऑफ़ पर्पस SOP
- पोर्टफोलियो
प्रवेश परीक्षाएं
बीटेक पेट्रोलियम इंजीनियरिंग के लिए प्रवेश परीक्षाएं हैं:
- WBJEE
- MHT CET
- KCET आदि।
बुक्स
बीटेक पेट्रोलियम इंजीनियरिंग का अध्ययन करते समय जिन महत्वपूर्ण पुस्तकों का अध्ययन किया जा सकता है वे हैं-
बुक्स | लेखक |
Quantitative Methods in Reservoir Engineering | Wilson C. Chin PhD |
Remediation of Petroleum Contaminated Soil | Eve Riser-Roberts |
Commercial Nuclear Power: Assuring Safety for the Future | Charles B. Ramsey and Mohammad Modarres |
Deepwater Oil Production and Manned Underwater Structures | M. Jones |
Remediation of Petroleum Contaminated Soil | Eve Riser-Roberts |
करियर स्कोप
बीटेक पेट्रोलियम इंजीनियरिंग कोर्स करने के बाद, अधिकांश छात्र संभावित नौकरियों और करियर विकल्पों का विकल्प चुनते हैं। हालांकि, कुछ ग्रेजुएट्स संबंधित क्षेत्र में आगे उच्च अध्ययन करने का विकल्प चुनते हैं। यहां हमने कुछ सामान्य उच्च अध्ययन विकल्पों का उल्लेख किया है-
- एम.टेक: जो छात्र शिक्षा के उसी क्षेत्र में आगे की पढ़ाई जारी रखना चाहते हैं, वे एम.टेक पेट्रोलियम इंजीनियरिंग कोर्स स्टडी को चुन सकते हैं। यह 2 साल का पोस्टग्रेजुएट डिग्री प्रोग्राम है।
- एमबीए: छात्र एमबीए का भी विकल्प चुन सकते हैं।
शीर्ष भर्ती कंपनियां
कुछ प्रमुख शीर्ष भर्ती कंपनियां इस प्रकार हैं-
- Reliance Industries Ltd.
- ONGC
- Schlumberger
- Shell
- Gas Authority of India Ltd.
- British Gas
- Halliburton Services
- Essar Oil आदि।
जॉब प्रोफ़ाइल और सैलरी
बीटेक पेट्रोलियम इंजीनियरिंग के बाद कुछ प्रमुख जॉब प्रोफ़ाइल और Payscale के अनुसार उनका वेतन नीचे दिया गया है-
जॉब प्रोफाइल | अनुमानित सालाना सैलरी (INR) |
प्रोसेस इंजीनियर | INR 2.57-10 लाख |
रिजर्वॉयर इंजीनियर | INR 9.80-70 लाख |
बिजनेस कंसलटेंट | INR 1.40-10 लाख |
सीनियर सेल्स एग्जीक्यूटिव | INR 1.90-5.11 लाख |
सीनियर प्रोजेक्ट इंजीनियर | INR 1.24-3.54 लाख |
सीनियर बिजनेस डेवलपमेंट मैनेजर | INR 5.66-20 लाख |
रिसर्च एसोसिएट (अनस्पेसिफाइड टाइप) | INR 1.47-5.88 लाख |
FAQs
पृथ्वी की सतह से तेल, प्राकृतिक गैस निकालने के लिए विभिन्न टेक्निक्स और मेथड्स को डिज़ाइन और डेवलप करने के एक्सपर्ट्स को पेट्रोलियम इंजीनियर कहते हैं।
पेट्रोलियम इंजीनियर बनने के लिए इस क्षेत्र में बैचलर्स की डिग्री होना बेहद जरूरी है। इसके बाद आप आसानी से एंट्री लेवल जॉब्स के लिए अप्लाई कर सकते हैं।
बीटेक पेट्रोलियम इंजीनियरिंग 4 साल का इंजीनियरिंग कोर्स है।
उम्मीद है, इस ब्लॉग में बीटेक पेट्रोलियम इंजीनियरिंग कोर्स के बारे में सभी जानकारियां मिल गई होंगी। यदि आप विदेश में बीटेक पेट्रोलियम इंजीनियरिंग करना चाहते हैं तो 1800572000 पर कॉल करके Leverage Edu एक्सपर्ट्स के साथ 30 मिनट का फ्री सेशन बुक करें।