इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर कैसे बनें?

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क्या आपने कभी सोचा है कि जिन गैजेट्स पर आप पूरी तरह निर्भर हैं, उनके बिना आपका जीवन कैसा होगा? या अगर कम्युनिकेशन बेरियर्स होतीं तो हमारा काम कैसे प्रभावित होता? मोबाइल फोन, लैपटॉप और टैबलेट से लेकर बाहरी अंतरिक्ष में  हाईली सोफिस्टिकेटेड, हाई-ऐंड सेटेलाइट्स एक इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर द्वारा किए गए योगदान बहुत अधिक हैं। इलेक्ट्रॉनिक्स हमारे जीवन का एक अभिन्न अंग बन गया है जिसके कारण यह सबसे अधिक मांग वाली इंजीनियरिंग शाखाओं में से एक बन गया है। सारे जहां में आज, यह क्षेत्र केवल एक उद्योग तक ही सीमित नहीं है, बल्कि हेल्थ केयर, ऑटोमेशन, सिग्नल प्रोसेसिंग, रिमोट सेंसिंग, इंस्ट्रुमेंटेशन जैसे कई क्षेत्रों में इसके अनुप्रयोग हैं। इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर कैसे बनें यह जानने के लिए इस ब्लॉग को अंत तक पढ़ें।

इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर कौन होते हैं?

इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग, बिजली और इलेक्ट्रोमैग्नेटिज्न के अध्ययन और अनुप्रयोग से संबंधित है। इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर मैन्युफैक्चरिंग, कंस्ट्रक्शन इंस्टालेशन स्टैंडर्ड्स को विकसित करने के लिए विस्तृत गणना करते है। वे उत्पादों को विकसित करने या सुधारने के लिए विद्युत शक्ति का उपयोग करने के लिए नए तरीके तैयार करते हैं। ग्राहकों के जरूरतों को स्पेशलाइजेशन करते हैं और विद्युत प्रणाली योजना विकसित करने के लिए आवश्यकताओं क्षमता और लागत का निर्धारण करते हैं।

इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर क्यों बनें?

इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर आपको क्यों बनना चाहिए इसको जानने के लिए नीचे दिए गए पॉइंट्स को पढ़ें:

  • इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर के रूप में आपको डिजिटल व एनालॉग ब्रॉडकास्ट और डेटा, उपग्रह संचार, माइक्रोप्रोसेसर, माइक्रोवेव इंजीनियरिंग, एंटीना, संचार उपकरण, सर्किट से संबंधित आदि काम करने को मिलता है। 
  • दिन-ब-दिन इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम्स का उपयोग बढ़ता ही जा रहा है इसलिए इसमें अच्छे करियर की संभावना अधिक है। 
  • एक इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियर का वेतन अनुभव और शैक्षणिक योग्यता के आधार पर भिन्न हो सकता है। लेकिन Payscale के अनुसार इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर की भारत में अनुमानित सालाना सैलरी 1.73-10 लाख होती है। 
  • इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर के रूप में आप कॉरपोरेट बिजनेसेज, MNCs, कंसल्टिंग फर्म्स, टीचिंग, रिसर्च एंड डेवलपमेंट, इंजीनियरिंग फर्म्स, ऑटोमोटिव इंडस्ट्री आदि क्षेत्रों में कार्य करके अपने अनुभव को बढ़ा सकते हैं। 

स्किल्स

इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर में किन किन स्किल्स का होना जरूरी है वें नीचे दी गई हैं:

  • कॉम्प्लेक्स प्रॉब्लम- सॉल्विंग स्किल्स 
  • मेथोडिकल माइंड 
  • टेक्नोलॉजी में स्ट्रॉन्ग इंट्रेस्ट 
  • कम्युनिकेशन स्किल्स
  • स्ट्रॉन्ग IT स्किल्स 
  • टाइम मैनेजमेंट  
  • टीम वर्क 
  • प्रभावी ढंग से काम को प्राथमिकता देने और योजना बनाने की क्षमता
  • एक्टिव लर्निंग 
  • इनोवेटिव थिंकिंग 
  • टेक्निकल नॉलेज 
  • प्रॉब्लम- सॉल्विंग स्किल्स
  • ऑपरेशन स्किल्स 
  • ऑर्गनाइजेशनल स्किल्स 
  • इंटरपर्सनल स्किल्स 

इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर बनने के लिए स्टेप बाय स्टेप गाइड

इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर कैसे बनें के लिए निम्नलिखित स्टेप्स को फॉलो करें और अपने आने वाले कदमों के लिए पहले ही तैयार रहें:-

  • स्टेप 1: इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में कोर्स के लिए फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ से 12 वीं पास होना ज़रूरी है।
  • स्टेप 2: इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर बनने के लिए 12 वीं के बाद आप इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा या बी.टेक कर सकते हैं।
  • स्टेप 3: इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर कैसे बनें इसके लिए आपको एंट्रेंस एग्ज़ाम क्लियर करना होगा। 
  • स्टेप 4: एंट्रेंस एग्ज़ाम में आई रैंक आधार पर आपका कॉलेज में एडमिशन में होगा। 
  • स्टेप 5: एडमिशन के बाद आप इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करें। 
  • स्टेप 6: पढ़ाई पूरी करने के बाद किसी अच्छी कंपनी में ट्रेनिंग पूरी करें और उसके बाद इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर के रूप काम करना शुरू करें। 

कोर्सेज

एक उम्मीदवार भारत में एक स्ट्रीम के रूप में इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग के साथ डिप्लोमा, यूजी डिग्री, पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री और डॉक्टरेट कोर्सेज में से कोई भी चुन सकता है। विभिन्न विश्वविद्यालयों और कॉलेजों द्वारा पेश किए जाने वाले इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग कोर्सेज इस प्रकार है:

  • इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में डिप्लोमा कोर्स : यह 3 साल का कोर्स है जिसे उम्मीदवार अपनी कक्षा 10 पास करने के बाद कर सकते हैं। न्यूनतम 50% कुल अंकों के साथ डिप्लोमा पूरा करने के बाद, छात्र दूसरे वर्ष के यूजी में सीधे प्रवेश के लिए पात्र होंगे। 
  • यूजी कोर्स (बैचलर्स ऑफ टेक्नोलॉजी): इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में बीई/बीटेक छात्रों को औद्योगिक कार्यों के लिए आवश्यक व्यापक टेक्निकल ट्रेनिंग प्राप्त करने में मदद करेगा। कोर्स की अवधि चार साल की होती है।
  • पीजी कोर्स (मास्टर ऑफ टेक्नोलॉजी): ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद यह दो साल का कोर्स होता है। पोस्ट ग्रेजुएट कोर्सेज से छात्र को इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग के क्षेत्र में स्पेशलाइजेशन हासिल करने और इंडस्ट्री का ज्ञान हासिल करने में मदद मिलेगी। 
  • डॉक्टरेट कोर्स (पीएचडी): पीएचडी कोर्स उन उम्मीदवारों के लिए है, जिन्होंने पूरी अवधि के दौरान न्यूनतम 50% अंकों के साथ इलेक्ट्रॉनिक्स में पोस्ट-ग्रेजुएशन पूरा किया है।

आप AI Course Finder की मदद से अपने पसंद के कोर्सेज और उससे सम्बंधित टॉप यूनिवर्सिटी का चयन कर सकते हैं।

विदेशी यूनिवर्सिटीज़

इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग के लिए कुछ विदेश की यूनिवर्सिटीज नीचे दी गई हैं-

आप UniConnect के जरिए विश्व के पहले और सबसे बड़े ऑनलाइन विश्वविद्यालय मेले का हिस्सा बनने का मौका पा सकते हैं, जहाँ आप अपनी पसंद के विश्वविद्यालय के प्रतिनिधि से सीधा संपर्क कर सकेंगे।

भारतीय यूनिवर्सिटीज़

इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर के कुछ भारत की यूनिवर्सिटीज़ नीचे दी गई हैं-

  • UPES देहरादून 
  • LPU जालंधर 
  • जैन यूनिवर्सिटी,बैंगलोर  
  • KL यूनिवर्सिटी गुंटूर  
  • SRM यूनिवर्सिटी चेन्नई 
  • NIIT यूनिवर्सिटी,नीमराना 
  • GD गोएंका यूनिवर्सिटी, गुड़गांव
  • GNA यूनिवर्सिटी, फगवाड़ा 
  • चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी
  • BML मुंजाल यूनिवर्सिटी, गुड़गांव 

योग्यता

इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर की योग्यता नीचे दी गई है:

  • कैंडिडेट के पास किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 12वीं करना आवश्यक है।
  • कैंडिडेट के पास किसी मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी से बैचलर डिग्री होना अनिवार्य है।
  • मास्टर्स के लिए अप्लाई कर रहे कैंडिडेट के ग्रेजुएट लेवल पर कम से कम 55% मार्क्स होना अनिवार्य है। 
  • विदेश की यूनिवर्सिटी में अप्लाई कर रहे छात्र को इंग्लिश प्रोफिशिएंसी टेस्ट जैसे  TOEFL, IELTS, PTE क्लियर करना आवश्यक हैं।
  • GRE/GMAT के अंक भी अनिवार्य हैं। 

क्या आप IELTS/TOEFL/SAT/GRE में अच्छे अंक प्राप्त करना चाहते हैं? आज ही इन एक्साम्स की बेहतरीन तैयारी के लिए Leverage Live पर रजिस्टर करें और अच्छे अंक प्राप्त करें।

आवेदन प्रक्रिया

विदेश के विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए आवेदन प्रक्रिया इस प्रकार है:

  • आपकी आवेदन प्रक्रिया का फर्स्ट स्टेप सही कोर्स चुनना है, जिसके लिए आप AI Course Finder की सहायता लेकर अपने पसंदीदा कोर्सेज को शॉर्टलिस्ट कर सकते हैं। 
  • एक्सपर्ट्स से कॉन्टैक्ट के पश्चात वे कॉमन डैशबोर्ड प्लेटफॉर्म के माध्यम से कई विश्वविद्यालयों की आपकी आवेदन प्रक्रिया शुरू करेंगे। 
  • अगला कदम अपने सभी दस्तावेजों जैसे SOP, निबंध (essay), सर्टिफिकेट्स और LOR और आवश्यक टेस्ट स्कोर जैसे IELTS, TOEFL, SAT, ACT आदि को इकट्ठा करना और सुव्यवस्थित करना है। 
  • यदि आपने अभी तक अपनी IELTS, TOEFL, PTE, GMAT, GRE आदि परीक्षा के लिए तैयारी नहीं की है, जो निश्चित रूप से विदेश में अध्ययन करने का एक महत्वपूर्ण कारक है, तो आप Leverage Live कक्षाओं में शामिल हो सकते हैं। ये कक्षाएं आपको अपने टेस्ट में उच्च स्कोर प्राप्त करने का एक महत्त्वपूर्ण कारक साबित हो सकती हैं।
  • आपका एप्लीकेशन और सभी आवश्यक दस्तावेज जमा करने के बाद, एक्सपर्ट्स आवास, छात्र वीज़ा और छात्रवृत्ति/छात्र लोन के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू करेंगे । 
  • अब आपके प्रस्ताव पत्र की प्रतीक्षा करने का समय है जिसमें लगभग 4-6 सप्ताह या उससे अधिक समय लग सकता है। ऑफर लेटर आने के बाद उसे स्वीकार करके आवश्यक सेमेस्टर शुल्क का भुगतान करना आपकी आवेदन प्रक्रिया का अंतिम चरण है। 

आवदेन प्रक्रिया से सम्बन्धित जानकारी और मदद के लिए Leverage Edu के एक्सपर्ट्स से 1800572000 पर संपर्क करें

आवश्यक दस्तावेज़

कुछ जरूरी दस्तावेजों की लिस्ट नीचे दी गई हैं–

छात्र वीजा पाने के लिए भी हमारे Leverage Edu विशेषज्ञ आपकी हर सम्भव मदद करेंगे।

प्रवेश प्रक्रिया

इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर की कुछ प्रवेश परीक्षाएं इस प्रकार है:

आवश्यक पुस्तकें 

इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर की कुछ पुस्तकें नीचे दी गई है-

करियर स्कोप

इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरों को विभिन्न क्षेत्रों के कुछ शीर्ष संगठनों द्वारा काम पर रखा जाता है। उम्मीदवारों के पास उनके लिए कई विकल्प उपलब्ध हैं जिनमें से वे किसी का भी चयन कर सकते हैं। यहां टॉप रिक्रूटिंग क्षेत्र दिए गए हैं:

  • रिसर्च एंड डेवलपमेंट लेबोरेटरीज 
  • भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड 
  • डिफेंस ऑर्गनाइजेशन 
  • नेशनल थर्मल पॉवर कॉरपोरेशन 
  • टेक्सास इंडस्ट्रीज 

इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर की सैलरी

Payscale के अनुसार इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर की भारत में अनुमानित सालाना सैलरी 1.73 लाख से 10 लाख होती है। Uk में यह सैलरी £22000 से £45000 होती है। अमेरिका में सैलरी $58k से $126k और कनाडा में CA$50k से CA$93k हैं। सैलरी आपकी स्किल्स, एक्सपीरिएंस और जगह पर निर्भर करती है।

FAQ

इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर की सैलरी कितनी हो सकती है? 

Payscale के अनुसार इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर की भारत में अनुमानित सालाना सैलरी 1.73 लाख से 10 लाख होती है। Uk में यह सैलरी £22,000-45,000 होती है। अमेरिका में सैलरी $58k से $126k और कनाडा में CA$50k से CA$93k हैं। सैलरी आपकी स्किल्स, एक्सपीरिएंस और जगह पर निर्भर करती है।

इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर के रूप में काम कहां कर सकते हैं? 

इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर के रूप में आप कॉरपोरेट बिजनेसेज, MNCs, कंसल्टिंग फर्म्स,टीचिंग, रिसर्च एंड डेवलपमेंट, इंजीनियरिंग फर्म्स, ऑटोमोटिव इंडस्ट्री आदि क्षेत्रों में कार्य करके अपने अनुभव को बढ़ा सकते हैं। 

इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग क्या होती है? 

इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग, बिजली और विद्युत चुंबकत्व के अध्ययन और अनुप्रयोग से संबंधित है। विद्युत इंजीनियर विनिर्माण, निर्माण स्थापना मानकों को विकसित करने के लिए विस्तृत गणना करते है।

उम्मीद है, इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर कैसे बनें चाहिए आपको पता चल गया होगा। यदि आप विदेश में इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर कोर्स करना चाहते हैं तो 1800572000 पर कॉल करके Leverage Edu एक्सपर्ट्स के साथ 30 मिनट का फ्री सेशन बुक करें और बेहतर गाइडेंस पाएं। 

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