आदित्य-एल1 भारत का पहला वेधशाला-श्रेणी का अंतरिक्ष-आधारित सौर मिशन है। अंतरिक्ष यान को सूर्य-पृथ्वी प्रणाली के पहले लैग्रेंज बिंदु, एल1 के आसपास एक प्रभामंडल कक्षा में स्थापित किया जाना है। L1 बिंदु के आसपास एक उपग्रह को सूर्य को बिना किसी ग्रहण/ग्रहण के लगातार देखने का प्रमुख लाभ है। आदित्य एल-1 मिशन (What is Aditya L1 Mission) की लाॅन्चिग के बाद इसरो की ताकत पूरी दुनिया देखेगी।
मिशन का नाम | आदित्य एल-1 (Aditya L1 Mission) |
बाॅडी | ISRO |
लाॅन्चिंग डेट | 2 सितंबर |
सूर्य पर पहुंचने की डेट | तय नहीं |
Aditya L1 लाॅन्चिग जगह | आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से। |
ऑफिशियल वेबसाइट | isro.gov.in |
What is Aditya L1 Mission : आदित्य L1 मिशन क्या है?
आदित्य एल-1 मिशन (What is Aditya L1 Mission) सूर्य की स्टडी करने वाला इंडिया का पहला साइंस मिशन है। आदित्य-एल1 सूर्य को करीब से देखेगा और उसके वायुमंडल और चुंबकीय क्षेत्र के बारे में जानकारी प्राप्त करने का प्रयास करेगा।
Aditya L1 Mission की लाॅन्चिग की सफलता के बाद जुड़ेगी उपलब्धि
आदित्य एल-1 मिशन (What is Aditya L1 Mission) सफलता के बाद जर्मनी, अमेरिका और यूरोपीय स्पेश एजेंसी के बाद भारत सूर्य के पास अंतरिक्ष यान भेजने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा। अंतरिक्ष साइंस की फील्ड में भारत चंद्रमा और मंगल ग्रह पर यान भेजकर सफलता पा चुका है और अब सूर्य के पास यान भेजकर अपनी स्पेश शक्ति का प्रदर्शन करेगा।
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