UPSC Question : भारत के पहले गृहमंत्री कौन थे?

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भारत के पहले गृहमंत्री कौन थे (1)

प्रतियोगी परीक्षाओं में करंट अफेयर्स से जुड़े क्वेश्चन पूछे जाते हैं, क्योंकि करंट अफेयर्स का उद्देश्य मनुष्य की समझ को विस्तार करना है। UPSC में प्री और मेंस एग्जाम के अलावा इंटरव्यू का भी महत्वपूर्ण रोल है, इसलिए कैंडिडेट्स को देश-दुनिया के बारे में जानना होगा और बड़ी घटनाओं को समझना होगा। इस ब्लाॅग में हम भारत के पहले गृहमंत्री कौन थे? के बारे में जानेंगे जिससे आपकी तैयारी को मजबूती मिलेगी।

भारत के पहले गृहमंत्री कौन थे?

भारत की स्वतंत्रता की यात्रा और उसके बाद एक नए राष्ट्र के निर्माण के प्रयासों को कई प्रतिष्ठित व्यक्तियों ने आकार दिया था। इन उल्लेखनीय नेताओं में सरदार वल्लभभाई पटेल भी शामिल थे। सरदार पटेल भारत के पहले गृह मंत्री थे। उन्हें भारत का लौह पुरुष भी कहा जाता है। उन्होंने 1947 के भारत-पाकिस्तान युद्ध और भारत के राजनीतिक एकीकरण के दौरान गृह मंत्री के रूप में कार्य किया। 

इसके अतिरिक्त वह 1947 से 1950 तक पहले उप-प्रधानमंत्री भी थे जहां उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री नेहरू की सहायता की थी। सरदार पटेल महात्मा गांधी से बहुत प्रेरित थे। यही कारण था कि उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लिया। देश को आजादी दिलाने और आजादी के बाद देश का शासन सही से चलाने में सरदार पटेल का विशेष योगदान रहा है।

सरदार वल्लभभाई पटेल के बारे में

भारत के पहले गृहमंत्री कौन थे जानने के साथ ही सरदार वल्लभभाई पटेल के बारे में समझना जरूरी है, इसलिए आपको बता दें कि सरदार पटेल का जन्म 31 अक्टूबर, 1875 नडियाद, गुजरात में हुआ था। उनके पिता का नाम झवेरभाई पटेल और माता का नाम लाडबा देवी था। नडियाद के हाई स्कूल से उन्होंने 1897 में मैट्रिक पास किया। उन्होंने बाद में लंदन जाकर बैरिस्टर की पढ़ाई की और भारत आकर अहमदाबाद में वकालत करने लगे और इसमें उन्हें बड़ी सफलता मिली। 

1917 में भारत में प्लेग और 1918 में अकाल जैसी आपदाओं के मौकों पर सरदार पटेल ने संकट निवारण के लिए महत्वपूर्ण कार्य किए। 1917 में उन्हें ‘गुजरात सभा’ का सचिव चुना गया था। 1918 में ‘खेड़ा सत्याग्रह’ के दौरान महात्मा गांधी के साथ संबंध घनिष्ठ हो गए। इसके बाद पंजाब में ब्रिटिश सरकार के नरसंहार और आतंक के साथ ‘खिलाफत आंदोलन’ शुरू हुआ। इसमें गांधीजी और कांग्रेस ने असहयोग का निर्णय लिया। 

वल्लभभाई ने हमेशा के लिए अपनी कानून की प्रैक्टिस छोड़ दी और खुद को पूरी तरह से राजनीतिक और स्वतंत्रता के कार्यों में लगा दिया। जब भारत को वर्ष 1947 में पूर्ण स्वतंत्रता मिली तो सरदार वल्लभभाई पटेल भारत के प्रथम उप-प्रधानमंत्री बने और गृह मंत्री बनाए गए थे। सरदार वल्लभभाई पटेल का मुंबई में 15 दिसंबर 1950 को निधन हो गया था। वल्लभभाई पटेल भारत की स्वतंत्रता के प्रमुख वास्तुकारों और अभिभावकों में से एक थे।

सरदार पटेल को लौह पुरुष क्यों कहा जाता है?

सरदार पटेल को “लौह पुरुष” कहा जाता है क्योंकि उन्होंने 562 रियासतों को एकत्र करके भारतीय संगठन को एक गणराज्य में जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सरदार पटेल का यह सबसे महत्वपूर्ण कार्य था।

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FAQs

सरदार वल्लभभाई पटेल का जन्म कब हुआ था?

सरदार वल्लभभाई पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 1875 को हुआ था।

सरदार पटेल की महत्वपूर्ण योगदान क्या है?

सरदार पटेल का महत्वपूर्ण योगदान भारतीय समृद्धि और एकता के क्षेत्र में है, जिन्होंने भारतीय एकीकरण की प्रक्रिया को संचलित किया और भारतीय संगठन को एक गणराज्य में जोड़ा।

सरदार पटेल का निधन कब हुआ था?

सरदार वल्लभभाई पटेल का निधन 15 दिसंबर 1950 को हुआ था।

आशा है कि इस ब्लाॅग में आपको भारत के पहले गृहमंत्री कौन थे? के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। एग्जाम की तैयारी और बेहतर करने व UPSC में पूछे जाने वाले क्वैश्चंस के बारे में अधिक जानकारी के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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