UPSC परीक्षा तीन भागों में कंडक्ट की जाती है जिसे प्रिमिल्स, मेंस और इंटरव्यू में विभाजित किया गया हैं। UPSC सिविल सर्विस के प्रिलिम्स परीक्षा को पास करने के बाद कैंडिडेट्स को मेंस एग्जाम को भी क्लियर करना अनिवार्य होता है। UPSC मेंस परीक्षा में कैंडिडेट्स को 48 वैकल्पिक विषयों में से 22 भारतीय वैकल्पिक भाषाओं में से भी किसी एक विषय को चुनने का विकल्प मिलता हैं। जिसमें एक प्रमुख विषय हिंदी साहित्य का भी माना जाता है। UPSC मेंस में हिंदी साहित्य वैकल्पिक विषय की तैयारी करने के लिए कैंडिडेट्स को उसके कंप्लीट सिलेबस की जानकारी जरूर होनी चाहिए। यहां UPSC Hindi Literature Syllabus का कंप्लीट सिलेबस दिया जा रहा है। जिसके माध्यम से आप अपनी परीक्षा की तैयारी और बेहतर तरीके से कर पाएंगे।
IAS एग्जाम कंडक्टिंग बॉडी | यूपीएससी |
एग्जाम मोड | ऑफलाइन |
IAS एग्जाम के लिए आयुसीमा | (21 से 32 साल) अलग-अलग निर्धारित है |
IAS एग्जाम के लिए योग्यता | किसी भी स्ट्रीम से ग्रेजुएशन पास |
बायोलाॅजी ऑप्शनल सब्जेक्ट | पेपर I और पेपर II |
मार्क्स | प्रत्येक पेपर के लिए 250 अंक |
टाइम | 3 घंटा |
IAS एग्जाम पैटर्न | प्रीलिम्स (MCQs), मेन्स (डिस्क्रिप्टिव पेपर), इंटरव्यू |
IAS एग्जाम- प्रीलिम्स 2024 | 16 जून, 2024 |
IAS एग्जाम- मेन्स 2024 | 20 सितंबर 2024 से। |
ऑफिशियल वेबसाइट | upsc.gov.in |
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UPSC क्या है?
संघ लोक सेवा आयोग जिसे इंग्लिश में ‘यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन’ (UPSC) के नाम से भी जाना जाता है। यह भारतीय कॉन्स्टिटूशन द्वारा स्थापित एक कोंस्टीटूशनल बॉडी है, जो भारत सरकार के लोकसेवा के पदाधिकारियों की रिक्रूटमेंट के लिए एग्जाम कंडक्ट करता है। भारतीय कॉन्स्टिटूशन के भाग-14 के अंतर्गत अनुच्छेद 315-323 में एक यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन और राज्यों के लिए ‘स्टेट पब्लिक सर्विस कमीशन’ (SPSC) के गठन का प्रोविशन है। जिसके माध्यम से देश सबसे कठिन एग्जाम माने जाने वाले UPSC के माध्यम से देश के प्रमुख पदाधिकारियों की रिक्रूटमेंट की जाती है। जिसमें IAS, IPS, IFS, IRS और ITS जैसी अन्य पोस्ट शामिल होती हैं।
UPSC वैकल्पिक विषय हिंदी साहित्य का सिलेबस क्या है?
यहां UPSC Hindi Literature Syllabus के मेंस वैकल्पिक विषय की कंप्लीट जानकारी दी जा रही है, जिन्हें आप नीचे दिए गए बिंदुओं में देख सकते हैं:-
UPSC Hindi Literature Syllabus पेपर -1
खंड : ‘क’ (हिन्दी भाषा और नागरी लिपि का इतिहास)
- अपभ्रंश, अवहट्ट और प्रारंभिक हिन्दी का व्याकरणिक तथा अनुप्रयुक्त स्वरूप।
- मध्यकाल में ब्रज और अवधी का साहित्यिक भाषा के रूप में विकास।
- सिद्ध एवं नाथ साहित्य, खुसरो, संत साहित्य, रहीम आदि कवियों और दक्खिनी हिन्दी में खड़ी बोली का प्रारंभिक स्वरूप।
- उन्नीसवीं शताब्दी में खड़ी बोली और नागरी लिपि का विकास।
- हिन्दी भाषा और नागरी लिपि का मानकीकरण।
- स्वतंत्रता आन्दोलन के दौरान राष्ट्र भाषा के रूप में हिन्दी का विकास।
- भारतीय संघ की राजभाषा के रूप में हिन्दी का विकास।
- हिन्दी भाषा का वैज्ञानिक और तकनीकी विकास।
- हिन्दी की प्रमुख बोलियाँ और उनका परस्पर संबंध।
- नागरी लिपि की प्रमुख विशेषताएँ और उसके सुधार के प्रयास तथा मानक हिन्दी का स्वरूप।
- मानक हिन्दी की व्याकरणिक संरचना।
खंड : ‘ख’ (हिन्दी साहित्य का इतिहास)
- हिन्दी साहित्य की प्रासंगिकता और महत्त्व तथा हिन्दी साहित्य के इतिहास-लेखन की परम्परा।
- हिन्दी साहित्य के इतिहास के निम्नलिखित चार कालों की साहित्यिक प्रवृत्तियाँ
(क) आदिकालः सिद्ध, नाथ और रासो साहित्य।
प्रमुख कविः चंदबरदाई, खुसरो, हेमचन्द्र, विद्यापति।
(ख) भक्ति कालः संत काव्य धारा, सूफी काव्यधारा, कृष्ण भक्तिधारा और राम भक्तिधारा। प्रमुख कवि : कबीर, जायसी, सूर और तुलसी।
(ग) रीतिकालः रीतिकाव्य, रीतिबद्ध काव्य, रीतिमुक्त काव्य
प्रमुख कवि : केशव, बिहारी, पदमाकर और घनानंद।
(घ) आधुनिक कालः (क) नवजागरण, गद्य का विकास, भारतेन्दु मंडल (ख) प्रमुख लेखक : भारतेन्दु, बाल कृष्ण भट्ट और प्रताप नारायण मिश्र।
(ड.) आधुनिक हिन्दी कविता की मुख्य प्रवृत्तियाँ। छायावाद, प्रगतिवाद, प्रयोगवाद, नई कविता, नवगीत, समकालीन कविता और जनवादी कविता। - प्रमुख कवि: मैथिलीशरण गुप्त, जयशंकर प्रसाद, सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’, महादेवी वर्मा, रामधारी सिंह ‘दिनकर’, सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन ‘अज्ञेय’, गजानन माधव मुक्तिबोध, नागार्जुन।
UPSC Hindi Literature Syllabus पेपर -2
खंड : ‘क’ (पद्य साहित्य)
- कबीर – कबीर ग्रंथावली (आरंभिक 100 पद) सं. श्याम सुन्दर दास
- सूरदास – भ्रमरगीत सार (आरंभिक 100 पद) सं. रामचंद्र शुक्ल
- तुलसीदास – रामचरित मानस (सुंदर काण्ड), कवितावली (उत्तर काण्ड)
- जायसी – पद्मावत (सिंहलद्वीप खंड और नागमती वियोग खंड) सं. श्याम सुन्दर दास
- बिहारी – बिहारी रत्नाकर (आरंभिक 100 दोहे) सं. जगन्नाथ दास रत्नाकर
- मैथिलीशरण गुप्त – भारत भारती
- जयशंकर प्रसाद – कामायनी (चिंता और श्रद्धा सर्ग)
- सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ – राग-विराग (राम की शक्ति पूजा और कुकुरमुत्ता) सं. रामविलास शर्मा
- रामधारी सिंह ‘दिनकर’ – कुरुक्षेत्र
- अज्ञेय – आंगन के पार द्वार (असाध्यवीणा)
- मुक्ति बोध – ब्रह्मराक्षस
- नागार्जुन – बादल को घिरते देखा है, अकाल और उसके बाद, हरिजन गाथा।
खंड : ‘ख’ (गद्य साहित्य)
- भारतेन्दु – भारत दुर्दशा
- मोहन राकेश – आषाढ़ का एक दिन
- रामचंद्र शुक्ल – चिंतामणि (भाग-1), (कविता क्या है, श्रद्धा-भक्ति)।
- निबंध निलय – संपादक : डॉ. सत्येन्द्र। बाल कृष्ण भट्ट, प्रेमचन्द, गुलाब राय, हजारीप्रसाद द्विवेदी, रामविलास शर्मा, अज्ञेय, कुबेरनाथ राय।
- प्रेमचंद – गोदान, ‘प्रेमचंद’ की सर्वश्रेष्ठ कहानियाँ (संपादक : अमृत राय)
- प्रसाद – स्कंदगुप्त
- यशपाल – दिव्या
- फणीश्वरनाथ रेणु – मैला आंचल
- मन्नू भण्डारी – महाभोज
- राजेन्द्र यादव – एक दुनिया समानान्तर (सभी कहानियाँ)
UPSC वैकल्पिक हिंदी साहित्य सिलेबस की PDF
यहां UPSC हिंदी साहित्य मेंस वैकल्पिक विषय के सिलेबस की यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन की ऑफिशियल सिलेबस की PDF दी जा रही है। जिसे आप आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं:-
यहां से करे डाउनलोड – UPSC सिलेबस PDF डाउनलोड लिंक
UPSC वैकल्पिक हिंदी साहित्य विषय की तैयारी के लिए बेस्ट बुक्स
यहां UPSC हिंदी साहित्य मेंस वैकल्पिक विषय की तैयारी कर रहे कैंडिडेट्स के लिए बेस्ट बुक्स की सूची नीचे दी गई टेबल में दी जा रही है। जिसके माध्यम से आप UPSC Hindi Literature Syllabus की टॉपिक वाइज प्रिपरेशन कर सकते हैं:-
बुक्स | ऑथर और पब्लिकेशन | यहां से खरीदें |
साहित्य शास्त्र परिचय | 11वीं क्लास की NCERT बुक्स | यहां से खरीदें |
हिंदी साहित्य का इतिहास | 12वीं कक्षा की NCERT बुक्स | |
हिंदी साहित्य की एम.ए. की पाठ्य सामग्री | IGNOU नोट्स | |
हिंदी साहित्य का इतिहास | डॉ. नगेन्द्र | यहां से खरीदें |
हिंदी साहित्य का सरल इतिहास | डॉ. विश्वनाथ त्रिपाठी | यहां से खरीदें |
हिंदी साहित्य और संवेदना का विकास | डॉ. राम स्वरूप चतुर्वेदी | यहां से खरीदें |
हिंदी साहित्य का इतिहास | आचार्य रामचंद्र शुक्ल | यहां से खरीदें |
कबीर | हजारी प्रसाद द्विवेदी | यहां से खरीदें |
आधुनिक साहित्य की प्रवृत्तियाँ | नामवर सिंह | यहां से खरीदें |
चिंतामणि | आचार्य रामचंद्र शुक्ल | यहां से खरीदें |
कविता के नए प्रतिमान | डॉ. नामवर सिंह | यहां से खरीदें |
छायावाद | डॉ. नामवर सिंह | यहां से खरीदें |
प्रेम-मंजूषा | प्रेमचंद | यहां से खरीदें |
UPSC में कितने पेपर होते है?
UPSC परीक्षा को तीन मुख्य भागों में विभाजित किया गया है। जिसमें प्रिलिम्स परीक्षा, मेंस परीक्षा और इंटरव्यू शामिल होता हैं। प्रिलिम्स परीक्षा एक स्क्रीनिंग परीक्षा है जो कैंडिडेट्स को अगले चरण, यानी मेंस परीक्षा के लिए योग्य बनाती है। मेंस एग्जाम में पास होने वाले कैंडिडेट्स ही इंटरव्यू के लिए योग्य माने जाते हैं।
- प्रिलिम्स परीक्षा
- मेंस परीक्षा
- इंटरव्यू
UPSC परीक्षा का एग्जाम पैटर्न क्या है?
UPSC प्रिलिम्स सिविल सर्विस एग्जाम का स्क्रीनिंग चरण है जो हर साल यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC) द्वारा कंडक्ट किया जाता है। इस चरण को मुख्यत प्रिलिम्स एग्जाम के नाम से जाना जाता है। यहां UPSC प्रिलिम्स एग्जाम के दोनों क्वेश्चन पेपर्स का एग्जाम पैटर्न नीचे दी गई टेबल में दिया जा रहा हैं:-
प्रिमिल्स एग्जाम – जनरल स्टडी
क्वेश्चन की संख्या | 100 |
कुल मार्क्स | 200 |
एग्जाम टाइमिंग | 2 घंटे |
नेगेटिव मार्किंग | एक तिहाई |
एग्जाम टाइप | ऑब्जेक्टिव टाइप |
प्रिलिम्स एग्जाम – सिविल सर्विसेज एप्टीट्यूड टेस्ट (CSAT)
क्वेश्चन की संख्या | 80 |
कुल मार्क्स | 200 |
एग्जाम टाइमिंग | 2 घंटे |
नेगेटिव मार्किंग | एक तिहाई |
एग्जाम टाइप | ऑब्जेक्टिव टाइप |
नोट – कैंडिडेट्स को UPSC प्रिलिम्स एग्जाम के दोनों पेपर में सम्मिलित होना अनिवार्य होता हैं। यदि कोई कैंडिडेट UPSC के दोनों GS-1 और GS-2 पेपर में शामिल नहीं होता तो वह अयोग्य ठहराया जाएगा। UPSC प्रिलिम्स का का दूसरा पेपर सिविल सर्विसेज एप्टीट्यूड टेस्ट (CSAT) क्वालीफाइंग नेचर का होता है जिसमें पास होने के लिए मिनिमस 33% मार्क्स होने अनिवार्य होते है।
UPSC मेंस एग्जाम
विषय | कुल मार्क्स |
पेपर A: अनिवार्य भारतीय भाषा | 300 |
पेपर B: इंग्लिश | 300 |
पेपर I: निबंध | 250 |
पेपर II: सामान्य अध्ययन – I | 250 |
पेपर III: सामान्य अध्ययन – II | 250 |
पेपर IV: सामान्य अध्ययन – III | 250 |
पेपर V: सामान्य अध्ययन – IV | 250 |
पेपर VI: वैकल्पिक – I | 250 |
पेपर VII: वैकल्पिक – II | 250 |
नोट: UPSC के दोनों एग्जाम में क्वालीफाई करने के बाद स्टूडेंट्स के मार्क्स के आधार पर मेरिट तैयार की जाती है। जिसके अनुसार टॉप रैंक प्राप्त करने वाले कैंडिडेट्स को इंटरव्यू के लिए आमंत्रित किया जाता हैं।
UPSC के लिए योग्यता क्या है?
UPSC परीक्षा के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता ग्रेजुएशन होती है। UPSC के सिविल सर्विस एग्जाम में हिस्सा लेने के लिए कैंडिडेट को भारत के किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड से ग्रेजुएशन कंप्लीट करनी होगी। इसके साथ ही ग्रेजुएशन के तृतीय वर्ष यानी आखिरी वर्ष के स्टूडेंट्स भी UPSC की परीक्षा देने के लिए योग्य माने जाते हैं।
UPSC एग्जाम के लिए आयु सीमा
- जनरल वर्ग और EWS : 21 से 32 वर्ष
- विशेष पिछड़ा वर्ग यानी OBC : 21 से 35 वर्ष
- अनुसूचित जाति / अनुसूचित जन जाति : 21 से 37 वर्ष
- शारीरिक रूप से अक्षम : 21 से 42 वर्ष
FAQs
यूपीएससी हिंदी साहित्य पाठ्यक्रम में कई हिंदी भाषा का इतिहास और नागरी लिपि, भारतीय साहित्य का इतिहास, कथा साहित्य, जायसी-पद्मावत श्याम सुंदर दास, सूरदास-भ्रममार गीत सार और कई अन्य प्रमुख विषय शामिल हैं।
UPSC द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, यूपीएससी वैकल्पिक विषय (Optional Subjects) सूची में 48 विषय हैं जिनमें 23 आधुनिक भारतीय भाषाएं और बाकी अन्य विषय होते हैं।
हिंदी माध्यम पृष्ठभूमि से आने वाले छात्रों के लिए यूपीएससी मेंस के लिए सबसे अच्छा वैकल्पिक विषय हिंदी साहित्य है, जो एक हाई स्कोरिंग विषय माना जाता है क्योंकि ये विषय उनकी मूल विशेषज्ञता से हैं। इसके अलावा, दर्शनशास्त्र, भूगोल और इतिहास विषय भी कैंडिडेट्स की मुख्य चुने जाने वाले वैकल्पिक विषयों में से एक हैं।
हिंदी साहित्य में कैंडिडेट्स को हिंदी साहित्य का इतिहास, कविता, कहानी, नाटक, निबंध, जीवनी, रेखाचित्र, यात्रा-वृतांत, समालोचना आदि सभी मुख्य विषय पढ़ने होते हैं।
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