UPSC Electrical Engineering Syllabus: इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग का कंप्लीट सिलेबस, एग्जाम पैटर्न, बेस्ट बुक्स के बारे में विस्तार से

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UPSC Electrical Engineering Syllabus In Hindi

UPSC परीक्षा तीन भागों में कंडक्ट की जाती है जिसे प्रीलिम्स, मेंस और इंटरव्यू में विभाजित किया गया हैं। UPSC सिविल सर्विस के प्रिलिम्स परीक्षा को पास करने के बाद कैंडिडेट्स को मेंस एग्जाम को भी क्लियर करना अनिवार्य होता है। UPSC मेंस परीक्षा में कैंडिडेट्स को 48 वैकल्पिक विषयों में से किसी एक विषय को चुनने का विकल्प मिलता हैं। जिसमें एक प्रमुख वैकल्पिक विषय इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग को भी माना जाता है। UPSC मेंस में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग वैकल्पिक विषय की तैयारी करने के लिए कैंडिडेट्स को उसके कंप्लीट सिलेबस की जानकारी जरूर होनी चाहिए। यहां UPSC Electrical Engineering Syllabus In Hindi का कंप्लीट सिलेबस दिया जा रहा है। जिसके माध्यम से आप अपनी परीक्षा की तैयारी और बेहतर तरीके से कर पाएंगे। 

IAS एग्जाम कंडक्टिंग बॉडीयूपीएससी
एग्जाम मोडऑफलाइन
IAS एग्जाम के लिए आयुसीमा(21 से 32 साल) अलग-अलग निर्धारित है
IAS एग्जाम के लिए योग्यताकिसी भी स्ट्रीम से ग्रेजुएशन पास
बायोलाॅजी ऑप्शनल सब्जेक्टपेपर I और पेपर II
मार्क्सप्रत्येक पेपर के लिए 250 अंक
टाइम3 घंटा
IAS एग्जाम पैटर्नप्रीलिम्स (MCQs), मेन्स (डिस्क्रिप्टिव पेपर), इंटरव्यू
IAS एग्जाम- प्रीलिम्स 202416 जून, 2024
IAS एग्जाम- मेन्स 202420 सितंबर 2024 से।
ऑफिशियल वेबसाइटupsc.gov.in

UPSC क्या है?

संघ लोक सेवा आयोग जिसे इंग्लिश में ‘यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन’ (UPSC) के नाम से भी जाना जाता है। यह भारतीय कॉन्स्टिट्यूशन द्वारा स्थापित एक कोंस्टीटूशनल बॉडी है, जो भारत सरकार के लोकसेवा के पदाधिकारियों की रिक्रूटमेंट के लिए एग्जाम कंडक्ट करता है। भारतीय कॉन्स्टिट्यूशन के भाग-14 के अंतर्गत अनुच्छेद 315-323 में एक यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन और राज्यों के लिए ‘स्टेट पब्लिक सर्विस कमीशन’ (SPSC) के गठन का प्रोविशन है। जिसके माध्यम से देश सबसे कठिन एग्जाम माने जाने वाले UPSC के माध्यम से देश के प्रमुख पदाधिकारियों की रिक्रूटमेंट की जाती है। जिसमें IAS, IPS, IFS, IRS और ITS जैसी अन्य पोस्ट शामिल होती हैं। 

UPSC Electrical Engineering Syllabus In Hindi क्या है?

यहां UPSC Electrical Engineering Syllabus In Hindi के मेंस वैकल्पिक विषय की कंप्लीट जानकारी दी जा रही है, जिन्हें आप नीचे दिए गए बिंदुओं में देख सकते हैं:-

UPSC Electrical Engineering Syllabus पेपर -1 

UPSC Electrical Engineering Syllabus पेपर -1 विस्तार से नीचे दिया गया है:

  1. सर्किट थ्योरी – 
    सर्किट कंपोनेंट्स; नेटवर्क ग्राफ्स; KCL, KVL; सर्किट एनालिसिस मेथड्स; नोडल एनालिसिस, मेष एनालिसिस; बेसिक नेटवर्क थेओरम्स एंड ऍप्लिकेशन्स; ट्रांसिएंट एनालिसिस: RL, RC एंड RLC सर्किट्स; सिनुसाइडल स्टेडी स्टेट एनालिसिस; रेसोनंत सर्किट्स; कपल्ड; बैलेंस्ड 3 – फेज सर्किट्स; टू-पोर्ट नेटवर्क्स।  
  1. सिग्नल्स एंड सिस्टम्स: 
    प्रजेंटेशन ऑफ़ कंटीन्यूअस-टाइम एंड डिस्क्रीट-टाइम सिग्नल्स एंड सिस्टम्स; LTI सिस्टम्स बेस्ड ऑन कांवोलुशन एंड डिफ़्फेरंटिअल/डिफरेंस एक्वेशन्स। फॉरिएर ट्रांसफॉर्म, लाप्लास ट्रांसफॉर्म, Z- ट्रांसफॉर्म, ट्रांसफर फंक्शन, सैंपलिंग एंड रिकवरी ऑफ सिंग्नल्स DFT, FFT प्रोसेसिंग ऑफ़ एनालॉग सिंग्नल्स थ्रू डिस्क्रीट-टाइम सिस्टम। 
  1. E.M. थ्योरी: 
    मैक्सवेल’स एक्वेशन्स, वेव प्रोपगेशन इन बॉण्डेड मीडिया। बाउंड्री कंडीशंस, रिफ्रक्शन ऑफ प्लेन वेव्स। ट्रांसमिशन लाइन: ट्रेवलिंग एंड स्टैंडिंग वेव्स, इम्पीडेन्स मैचिंग, स्मिथ चार्ट। 
  1. एनालॉग इलेक्ट्रॉनिक्स: 
    कैरेक्टरिस्टिक एंड एक्विवैलेन्ट सर्किट्स (लार्ज एंड स्मॉल – सिंग्नल) ऑफ डायोड, BJT, JFET एंड MOSFET. डायोड सर्किट्स: क्लिपिंग, क्लैंपिंग, रेक्टिफिएर। बायसिंग एंड बायस स्टेबिलिटी। FET एम्प्लिफायर्स, करंट मिरर;  एम्प्लिफायर्स: सिंगल एंड मल्टी-स्टेज, डिफरेंशियल, ऑपरेशनल, फीडबैक एंड पावर, एनालिसिस ऑफ एम्प्लिफायर्स फ्रीक्वेंसी रिस्पांस ऑफ एम्प्लिफायर्स OP AMP सर्किट्स, फिल्टर्स; सिनुसाइडल आसलेटर: क्रिटेरियन फॉर आसलेटर; सिंगल ट्रांजिस्टर एंड OP AMP कॉन्फ़िगरेशन। फंक्शन जेनेटर्स एंड वेव शेपिंग सर्किट्स। लीनियर एंड स्विचिंग पावर सप्लाइज।
  1. डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक्स: 
    बूलियन अलजेब्रा; मिनिमीजशन ऑफ़ बूलियन फंक्शन्स; लॉजिक गेट्स; डिजिटल  IC फैमिलीज (DTL, TTL, ECL, MOS, CMOS). कबीना-शनल सर्किट्स: अरिथमैटिक  सर्किट्स, कोड कन्वर्टर्स, मल्टीप्लेसेर्स एंड डिकॉडर्स, सेक़ुएन्टिअल सर्किट्स: लाचेस एंड फ्लिप-फ्लॉप्स, काउंटर्स एंड शिफ्ट-रजिस्टर्स, कपाटर्स, टाइमर, मल्टीवाइब्रेटर, सैंपल एंड होल्ड सर्किट्स, ADCs एंड  DACs, सेमीकंडक्टर मेमोरीज, लॉजिक इम्प्लीमेंटेशन यूज़िंग प्रोग्रामेबल डिवाजेस (ROM, PLA, FPGA)।
  1. एनर्जी कन्वर्शन: 
    प्रिंसिपल्स ऑफ इलेक्ट्रोमैकेनिकल एनर्जी कन्वर्शन, टॉर्क एंड emf इन रोटेटिंग मशीनस। DC मशीनस:  कैरेक्टरिस्टिक एंड परफॉरमेंस एनालिसिस; स्टार्टिंग एंड स्पीड कंट्रोल ऑफ मोटर्स; ट्रांफॉरमर्स: प्रिंसिपल्स ऑफ ऑपरेशन एंड एनालिसिस; रेगुलेशन, एफिशिएंसी; 3-फेज ट्रांसफॉर्म ऑफ. 3-फेज इंडक्शन मशीनस एंड सिंगक्रनस मशीनस: कैरेक्टरिस्टिक एंड परफॉरमेंस एनालिसिस; स्पीड कंट्रोल। 
  1. पावर इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इलेक्ट्रिक ड्राइव्स: 
    सेमीकंडक्टर पावर डिवाइस: डायोड, ट्रांजिस्टर, थायरिस्टर, ट्रायक, GTO एंड मॉस्फेट-स्टैटिक कैरेक्टरिस्टिक एंड प्रिंसिपल्स ऑफ ऑपरेशन; ट्रिग्गरिंग सर्किट्स; फेज कंट्रोल रेक्टिफिएर्स; ब्रिज कन्वर्टर्स: फुल्ली कंट्रोल्ड एंड हाफ-कंट्रोल्ड; प्रिंसिपल्स ऑफ रेक्टिफिएर्स; चॉपर्स एंड इन्वेर्टर्स;  DC DC कन्वर्टर्स; स्विच मोड इन्वर्टर; बेसिक कॉन्सेप्ट्स ऑफ स्पीड कंट्रोल ऑफ DC एंड AC मोटर ड्राइव्स एप्लिकेशंस ऑफ वेरिएबल स्पीड ड्राइव्स। 
  1. एनालॉग कम्युनिकेशन: 
    रैंडम वेरिएबल्स: कंटीन्यूअस, डिस्क्रीट; प्रोबैबिलिटी,  प्रोबैबिलिटी फंक्शन, स्टैटिस्टिकल एवरेजस; प्रोबैबिलिटी मॉडल्स; रैंडम सिग्नल्स एंड नॉइज़: वाइट नॉइज़, नॉइज़ एक्विवैलेन्ट बैंडविड्थ; सिग्नल ट्रांसमिशन विथ नॉइज़; सिग्नल टू नॉइज़ रेश्यो। लीनियर CW मॉडुलेशन: एम्पलीटूडे मॉडुलेशन: DSB, DSB-SC एंड SSB. माड्युलेटर्स एंड डेमोडुलेटर; फेज एंड फ्रीक्वेंसी मॉडुलेशन: PM एंड FM सिग्नल्स; नैरोबैंड FM; जनरेशन सिस्टम एंड डिटेक्शन ऑफ FM एंड PM, डीमफासिस, प्रीमफासिस, CW मॉडुलेशन सिस्टम:  सुपरहेट्रोडाइन रिसीवर्स, AM रिसीवर्स, कम्युनिकेशन रिसीवर्स, FM रिसीवर्स, फेज लॉक्ड लूप, SSB रिसीवर्स सिग्नल टू नॉइज़ रेश्यो कैलकुलेशन फॉर AM एंड FM रिसीवर्स।

UPSC Electrical Engineering Syllabus पेपर – 2  

UPSC Electrical Engineering Syllabus पेपर – 2  विस्तार से नीचे दिया गया है:

  1. कंट्रोल सिस्टम: 
    एलिमेंट्स ऑफ कंट्रोल सिस्टम; ब्लॉक-डायग्राम रिप्रजेंटेशन; ओपन-लूप एंड क्लोज्ड-लूप सिस्टम्स; प्रिंसिपल्स एंड ऍप्लिकेशन्स ऑफ फीड-बेक. कंट्रोल सिस्टम कंपोनेंट्स। LTI सिस्टम: टाइम-डोमेन एंड ट्रांसफॉर्म-डोमेन एनालिसिस। स्टेबिलिटी: राउथ-हरविट्ज निकष, रुट-लोकि, बोदे-प्लॉट्स एंड पोलर प्लॉट्स, नाइक्विस्ट निकष; डिज़ाइन ऑफ लीड-लेग कम्पेंसेटर्स। प्रोपोरशनल, PI, PID कंट्रोलर्स। स्टेट-वेरिएबल रिप्रजेंटेशन एंड एनालिसिस ऑफ कंट्रोल सिस्टम। 
  1. मइक्रोप्रोसेसर्स एंड माइक्रोकंप्यूटर्स: 
    PC आर्गेनाइजेशन; CPU, इन्स्ट्रशन सेट, रजिस्टर सेट टाइमिंग डायग्राम, प्रोग्रामिंग, इन्टरप्टस, मैमोरी इंटरफेसिंग, I/O इंटरफेसिंग, प्रोग्रामेबल पेरीफेरल डिवाइस।   
  1. मेजरमेंट एंड इंस्ट्रूमेंटेशन: 
    एरर एनालिसिस; मेजरमेंट ऑफ़ करंट वोल्टेज, पावर, एनर्जी, पावर-फैक्टर, रेजिस्टेंस, इंडक्टेंस, कैपेसिटेंस एंड फ्रीक्वेंसी; ब्रिज मेजरमेंट। सिंग्नल कंडीशनिंग सर्किट; इलेक्ट्रॉनिक मेंअसुरिन्ग इंस्ट्रूमेंट्स: मल्टीमीटर, CRO, डिजिटल वाल्टमीटर, फ्रीक्वेंसी काउंटर, Q-मीटर, स्पेक्ट्रम एनालाइजर, डिस्टॉरशन-मीटर। ट्रांसड्यूसर: थर्मोकपल, थर्मिस्टर, LVDT, स्ट्रेन-गेज, पिज्वायड- इलेक्ट्रिक क्रिस्टल। 
  1. पावर सिस्टम्स: एनालिसिस एंड कंट्रोल: 
    स्टेडी- स्टेट परफॉरमेंस ऑफ ओवरहेड ट्रांसमिशन लाइन्स एंड केबल्स; प्रिंसिपल्स ऑफ एक्टिव एंड रिएक्टिव पावर ट्रांसफर एंड डिस्ट्रीब्यूशन; पर-यूनिट क्वांटिटीस; बस ऐड्मिटन्स एंड इम्पीडेन्स मैट्रिक्स; लोड फ्लो; वोल्टेज कंट्रोल एंड पावर फैक्टर करेक्शन; इकोनॉमिक ऑपरेशन; सिमेट्रिकल कंपोनेंट्स, एनालिसिस ऑफ सिमेट्रिकल एंड अनसिमेट्रिकल  फॉल्ट्स। कॉन्सेप्ट्स ऑफ सिस्टम स्टेबिलिटी: स्विंग कर्व्स एंड इक्वल एरिया क्रिटेरिन। स्टैटिक VAR सिस्टम। बेसिक कॉन्सेप्ट्स ऑफ HVDC ट्रांसमिशन। 
  1. पावर सिस्टम प्रोटेक्शन: 
    प्रिंसिपल्स ऑफ़ ओवरकरेंट, डिफरेंशियल एंड डिस्टेंस प्रोटेक्शन। कांसेप्ट ऑफ सॉलिड स्टेट रिले। सर्किट कर्स, कंप्यूटर एडिड प्रोटेक्शन: इंट्रोडक्शन; लाइन, बस, जनरेटर, ट्रांसफॉर्मर प्रोटेक्शन; न्यूमेरिक रिले एंड एप्लीकेशन ऑफ DSP टू प्रोटेक्शन।
  1. डिजिटल कम्युनिकेशन: 
    पल्स कोड मॉडुलेशन (PCM), डिफरेंशियल पल्स कोड मॉडुलेशन (DPCM), डेल्टा मॉडुलेशन (DM), डिजिटल मॉडुलेशन एंड डिमॉडुलेशन स्कीम्स: एंप्लीट्यूड, फेज एंड फ्रीक्वेंसी कींग स्कीम्स (ASK, PSK, FSK). एरर कंट्रोल कोडिंग: एरर डिटेक्शन एंड करेक्शन, लीनियर ब्लॉक कोड्स, कोंवोलुशन कोड्स। इनफार्मेशन मेशर एंड सोर्स कोडिंग। डाटा नेटवर्क्स, 7-लेयर आर्किटेक्चर। 

UPSC वैकल्पिक इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग सिलेबस की PDF 

यहां UPSC इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग मेंस वैकल्पिक विषय के सिलेबस की यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन की ऑफिशियल सिलेबस की PDF दी जा रही है। जिसे आप आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं:-

यहां से करे डाउनलोड – UPSC सिलेबस PDF डाउनलोड लिंक 

UPSC वैकल्पिक इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विषय की तैयारी के लिए बेस्ट बुक्स 

यहां UPSC इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग मेंस वैकल्पिक विषय की तैयारी कर रहे कैंडिडेट्स के लिए बेस्ट बुक्स की सूची नीचे दी गई टेबल में दी जा रही है। जिसके माध्यम से आप UPSC Electrical Engineering Syllabus In Hindi की टॉपिक वाइज प्रिपरेशन कर सकते हैं:-

बुक्स ऑथर और पब्लिकेशन यहां से खरीदें 
Electromagnetic Fields & WaveKd Prasadयहां से खरीदें 
Basic Current Analysis K.V.V. Murthy यहां से खरीदें
Circuit Theory: Analysis and SynthesisA. Chakrabartiयहां से खरीदें
Electromagnetic Field TheoryRakhesh Singh Kshetrimayumयहां से खरीदें 
Elements of Engineering ElectromagneticsNannapaneni Raoयहां से खरीदें 
Electric MachinesAshfaq Hussainयहां से खरीदें 
Digital Logic and Computer DesignM. Morris Manoयहां से खरीदें 
Control Systems Engineering Nagrath and Gopalयहां से खरीदें 
Linear Integrated CircuitsD. Roy Choudharyयहां से खरीदें 
Microprocessor Architecture, Programming and Applications R. S Gaonkarयहां से खरीदें 
Network AnalysisM. E. Van Valkenburg/T.S. Rathoreयहां से खरीदें 
Radio EngineeringG.K. Mithalयहां से खरीदें 
Analog ElectronicsJ.B. Guptaयहां से खरीदें 

UPSC में कितने पेपर होते है?

UPSC परीक्षा को तीन मुख्य भागों में विभाजित किया गया है। जिसमें प्रिलिम्स परीक्षा, मेंस परीक्षा और इंटरव्यू शामिल होता हैं। प्रिलिम्स परीक्षा एक स्क्रीनिंग परीक्षा है जो कैंडिडेट्स को अगले चरण यानी मेंस परीक्षा के लिए योग्य बनाती है। मेंस एग्जाम में पास होने वाले कैंडिडेट्स ही इंटरव्यू के लिए योग्य माने जाते हैं। 

  1. प्रिलिम्स परीक्षा
  2. मेंस परीक्षा
  3. इंटरव्यू 

UPSC परीक्षा का एग्जाम पैटर्न क्या है?

UPSC प्रिलिम्स सिविल सर्विस एग्जाम का स्क्रीनिंग चरण है जो हर साल यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC) द्वारा कंडक्ट किया जाता है। इस चरण को मुख्यत प्रिलिम्स एग्जाम के नाम से जाना जाता है। यहां UPSC प्रिलिम्स एग्जाम के दोनों क्वेश्चन पेपर्स का एग्जाम पैटर्न नीचे दी गई टेबल में दिया जा रहा हैं:-

प्रिमिल्स एग्जाम – जनरल स्टडी 

क्वेश्चन की संख्या100
कुल मार्क्स 200 
एग्जाम टाइमिंग 2 घंटे
नेगेटिव मार्किंग एक तिहाई
एग्जाम टाइप ऑब्जेक्टिव टाइप

प्रिलिम्स एग्जाम – सिविल सर्विसेज एप्टीट्यूड टेस्ट (CSAT)

क्वेश्चन की संख्या80
कुल मार्क्स 200 
एग्जाम टाइमिंग 2 घंटे
नेगेटिव मार्किंग एक तिहाई
एग्जाम टाइप ऑब्जेक्टिव टाइप

नोट – कैंडिडेट्स को UPSC प्रिलिम्स एग्जाम के दोनों पेपर में सम्मिलित होना अनिवार्य होता हैं। यदि कोई कैंडिडेट UPSC के दोनों GS-1 और GS-2 पेपर में शामिल नहीं होता तो वह अयोग्य ठहराया जाएगा। UPSC प्रिलिम्स का का दूसरा पेपर सिविल सर्विसेज एप्टीट्यूड टेस्ट (CSAT) क्वालीफाइंग नेचर का होता है जिसमें पास होने के लिए  मिनिमस 33% मार्क्स होने अनिवार्य होते है। 

UPSC मेंस एग्जाम

विषय कुल मार्क्स 
पेपर A: अनिवार्य भारतीय भाषा 300 
पेपर B: इंग्लिश  300 
पेपर I: निबंध250 
पेपर II: सामान्य अध्ययन – I250 
पेपर III: सामान्य अध्ययन – II250 
पेपर IV: सामान्य अध्ययन – III250 
पेपर V: सामान्य अध्ययन – IV250 
पेपर VI: वैकल्पिक – I250 
पेपर VII: वैकल्पिक – II250 

नोट: UPSC के दोनों एग्जाम में क्वालीफाई करने के बाद स्टूडेंट्स के मार्क्स के आधार पर मेरिट तैयार की जाती है। जिसके अनुसार टॉप रैंक प्राप्त करने वाले कैंडिडेट्स को इंटरव्यू के लिए आमंत्रित किया जाता हैं।  

UPSC के लिए योग्यता क्या है?

UPSC परीक्षा के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता ग्रेजुएशन होती है। UPSC के सिविल सर्विस एग्जाम में हिस्सा लेने के लिए कैंडिडेट को भारत के किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड से ग्रेजुएशन कंप्लीट करनी होगी। इसके साथ ही ग्रेजुएशन के तृतीय वर्ष यानी आखिरी वर्ष के स्टूडेंट्स भी UPSC की परीक्षा देने के लिए योग्य माने जाते हैं। 

UPSC एग्जाम के लिए आयु सीमा 

UPSC एग्जाम के लिए अलग-अलग श्रेणी के अनुसार आयु सीमा नीचे दी गई है:

  • जनरल वर्ग और EWS : 21 से 32 वर्ष
  • विशेष पिछड़ा वर्ग यानी OBC : 21 से 35 वर्ष
  • अनुसूचित जाति / अनुसूचित जन जाति : 21 से 37 वर्ष
  • शारीरिक रूप से अक्षम : 21 से 42 वर्ष

FAQs

क्या यूपीएससी के लिए इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग वैकल्पिक अच्छा है?

UPSC मेंस परीक्षा में कैंडिडेट्स को 48 वैकल्पिक विषयों में से किसी एक विषय को चुनने का विकल्प मिलता हैं। जिसमें एक प्रमुख वैकल्पिक विषय इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग का भी माना जाता है जोकि एक स्कोरिंग पेपर माना जाता हैं। 

यूपीएससी पास करने के लिए कुल कितने नंबर होने चाहिए?

UPSC प्रीलिम्स के लिए आपको 200 अंकों में से 120 अंकों को प्राप्त करना अनिवार्य है। जहाँ आपको प्रत्येक सवाल के सही आंसर के लिए 2 अंक और सवाल गलत हो जाने पर नेगेटिव मार्किंग के 0.66 अंक कट जाते हैं। इसी प्रकार आपको UPSC मेंस में पास होने के लिए आपको 1750 अंकों में से न्यूनतम 900 या 950 से अधिक अंक लाने ही होते हैं।

UPSC में कितने विषय हैं?

यूपीएससी में कुल नौ अनिवार्य विषय होते हैं। जिसमें सात पेपरों के अलावा, दो क्वालीफाइंग पेपर, पेपर-ए (भारतीय भाषा) और पेपर-बी (अंग्रेजी भाषा) का होता हैं। 

यूपीएससी पेपर 1 सिलेबस में क्या-क्या आता है?

इस परीक्षा के अंतर्गत सामान्य अध्ययन (भारतीय राज्यव्यवस्था, भूगोल, इतिहास, भारतीय अर्थव्यवस्था, विज्ञान एवं प्राद्यौगिकी, पर्यावरण एवं पारिस्थितिकि, अंतराष्ट्रीय सम्बन्ध और करेंट अफेयर्स के प्रश्न पूछे जाते हैं।

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