UPSC Economics Syllabus : यूपीएससी के वैकल्पिक विषय अर्थशास्त्र का संपूर्ण सिलेबस

1 minute read
UPSC economics syllabus in hindi

UPSC Economics Syllabus In Hindi: UPSC सिविल परीक्षा तीन चरणों में कंडक्ट की जाती है जिसे प्रिलिम्स परीक्षा, मेंस परीक्षा और इंटरव्यू में विभाजित किया गया है। प्रिलिम्स परीक्षा एक स्क्रीनिंग परीक्षा है जो कैंडिडेट्स को अगले चरण, यानी मेंस परीक्षा के लिए योग्य बनाती है। मेंस एग्जाम में पास होने वाले कैंडिडेट्स ही इंटरव्यू के लिए योग्य माने जाते हैं। UPSC प्रिलिम्स परीक्षा में अर्थशास्त्र से आर्थिक और सामाजिक विकास – सतत विकास, गरीबी, जनसांख्यिकी, समावेशन एवं सामाजिक क्षेत्र में की गई नई पहल इत्यादि से प्रश्न पूछें जाते है तो वहीं मेंस परीक्षा में वैकल्पिक विषय अर्थशास्त्र के 2 पेपर होते हैं 

UPSC परीक्षा में अर्थशास्त्र विषय प्रिलिम्स और मेंस एग्जाम में परीक्षा की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। UPSC परीक्षा की तैयारी करने वाले सभी कैंडिडेट्स को परीक्षा पैटर्न और सिलेबस की जानकारी अवश्य होनी चाहिए जिसके बाद ही उन्हें आगे की तैयारी के लिए अपनी रणनीति बनानी चाहिए। यहां हम UPSC एस्पिरेंट के लिए UPSC economics syllabus in hindi की कंप्लीट जानकारी दे रहें है। इसलिए ब्लॉग को अंत तक जरूर पढ़ें ताकि आप अपने एग्जाम की तैयारी और बेहतर माध्यम से कर पाएं। 

IAS एग्जाम कंडक्टिंग बॉडीयूपीएससी
एग्जाम मोडऑफलाइन
साल में कितनी बार एग्जाम होता हैसाल में एक बार एग्जाम होता है।
IAS एग्जाम के लिए आयुसीमा21 से 32 साल (वर्ग के अनुसार अलग-अलग निर्धारित)
IAS एग्जाम के लिए योग्यताकिसी भी स्ट्रीम से ग्रेजुएशन।
IAS एग्जाम पैटर्नप्रीलिम्स (MCQs), मेन्स (डिस्क्रिप्टिव पेपर), इंटरव्यू
IAS एग्जाम- प्रीलिम्स 202416 जून, 2024
IAS एग्जाम- मेन्स 202420 सितंबर 2024 से।
ऑफिशियल वेबसाइटupsc.gov.in

UPSC क्या है?

संघ लोक सेवा आयोग जिसे इंग्लिश में ‘यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन’ (UPSC) के नाम से भी जाना जाता है। यह भारतीय कॉन्स्टिट्यूशन द्वारा स्थापित एक कोंस्टीटूशनल बॉडी है, जो भारत सरकार के लोकसेवा के पदाधिकारियों की रिक्रूटमेंट के लिए एग्जाम कंडक्ट करता है। भारतीय कॉन्स्टिटूशन के भाग-14 के अंतर्गत अनुच्छेद 315-323 में एक यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन और राज्यों के लिए ‘स्टेट पब्लिक सर्विस कमीशन’ (SPSC) के गठन का प्रोविशन है। जिसके माध्यम से देश सबसे कठिन एग्जाम माने जाने वाले UPSC के माध्यम से देश के प्रमुख पदाधिकारियों की रिक्रूटमेंट की जाती है। जिसमें IAS, IPS, IFS, IRS और ITS जैसी अन्य पोस्ट शामिल होती हैं। 

UPSC प्रिलिम्स परीक्षा का सिलेबस क्या है?

UPSC प्रिलिम्स एग्जाम में दो पेपर होते है, जिसका सिलेबस हम नीचे दिए गए बिंदुओं में देख सकते हैं:-

प्रथम पेपर – जनरल स्टडी 

  • राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय महत्त्व की सामयिक घटनाएँ
  • भारत का इतिहास और भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन 
  • भारत एवं विश्व का भूगोल : भारत एवं विश्व का प्राकृतिक, सामाजिक, आर्थिक भूगोल
  • भारतीय राज्यतंत्र और शासन- संविधान, राजनीतिक प्रणाली, पंचायती राज, लोकनीति, अधिकारों संबंधी मुद्दे इत्यादि 
  • आर्थिक और सामाजिक विकास- सतत् विकास, गरीबी, समावेशन, जनसांख्यिकी, सामाजिक क्षेत्र में की गई पहल आदि
  • पर्यावरणीय पारिस्थितिकी, जैव-विविधता और जलवायु परिवर्तन संबंधी सामान्य मुद्दे
  • सामान्य विज्ञान 

दूसरा पेपर – सिविल सर्विसेज एप्टीट्यूड टेस्ट (CSAT)

  • कम्प्रेहेंसिबिलिटी 
  • इंटर पर्सनल स्किल्स इन्क्लूडिंग कम्युनिकेशन स्किल्स 
  • लॉजिकल स्किल्स एंड एनालिटिकल एबिलिटी 
  • डिसीजन मेकिंग एंड प्रॉब्लम सॉल्विंग 
  • जनरल मेन्टल एबिलिटी 
  • बेसिक नंबर्स, इंटरप्रिटेशन ऑफ़ डाटा 

UPSC Economics Syllabus In Hindi

यहां UPSC एस्पिरेंट के लिए UPSC economics syllabus in hindi के मेंस एग्जाम का कंप्लीट सिलेबस दिया जा रहा है। जिसे आप नीचे दिए गए बिंदुओं में देख सकते हैं:-

अर्थशास्त्र पेपर – 1

 1. उन्नत व्यष्टि अर्थशास्त्र 

(i) कीमत निर्धरण के मार्शलियन एवं वालरासियम उपागम
(ii) वैकल्पिक वितरण सिद्दांत: रिकार्डों, काल्डोर, कलीकी
(iii) बाजार संरचना: एकाधिकारी प्रतियोगिता, द्विअधिकार, अल्पाधिकार
(iv) आधुनिक कल्याण मानदंड: परेटी हिक्स एवं सितोवस्की, ऐरो का असंभावना प्रमेय, ए. के. सेन का सामाजिक कल्याण फलन

 2. उन्नत समष्टि अर्थशास्त्र

(i) नियोजन आय एवं ब्याज दर निर्धरण के उपागम: क्लासिकी,कीन्स (IS-LM) वक्र, नवक्लासिकी संश्लेषण एवं नया क्लासिकी, ब्याज दर निर्धरण एवं ब्याज दर संरचना के सिद्दांत।

3. मुद्रा बैंकिंग एवं वित्त

(i) मुद्रा की मांग और पूर्ति : मुद्रा का मुद्रा गुणक मात्रा सिद्दांत (फिशर, पीक एवं फाइडमैन) तथा कीन का मुद्रा के लिए मांग का सिद्दांत, बंद और खुली अर्थव्यवस्थाओं में मुद्रा प्रबंधन के लक्ष्य एवं साधन। केन्द्रीय बैंक और खजाने के बीच संबंध। मुद्रा की वृद्दि दर पर उच्चतम सीमा का प्रस्ताव। 
(ii) लोक वित्त और बाजार अर्थव्यवस्था की भूमिका: संसाधनों का विनिधन और वितरण और संवृद्दि।
(iii) सरकारी राजस्व के स्रोत, करों एवं उपदानों के रूप, उनके भार एवं प्रभाव, कराधान की सीमाएं, ऋण, क्राउडिंग आउट प्रभाव एवं ऋण लेने की सीमाएं, लोक व्यय एवं इसके प्रभाव।

4. अंतरराष्ट्रीय अर्थशास्त्र

  • अंतरराष्ट्रीय व्यापार के पुराने और नए सिद्दांत:
    • तुलनात्मक लाभ
    • व्यापार शर्तें एवं प्रस्ताव वक्र
    • उत्पाद चक्र एवं निर्णायक व्यापार सिद्दांत
    • ‘‘व्यापार, संवृद्दि के चालक के रूप में’’ और खुली अर्थव्यवस्था में अवविकास के सिद्दांत।
  • संरक्षण के स्वरूप: टैरिफ एवं कोटा।
  • भुगतान शेष समायोजन: वैकल्पिक उपागम
    • कीमत बनाम आय, नियत विनिमय दर के अधीन आय के समायोजन।
    • मिश्रित नीति के सिद्दांत।
    • पूंजी चलिष्णुता के अधीन विनिमय दर समायोजन।
    • विकासशील देशों के लिए तिरती दरें और उनकी विवक्षा, मुद्रा (करेंसी) बोर्ड।
    • व्यापार नीति एवं विकासशील देश।
    • BOP खुली अर्थव्यवस्था समष्टि माॅडल में समायोजन तथा नीति समन्वय।
    • सट्टा।
    • व्यापार गुट एवं मौद्रिक संघ।
    • विश्व व्यापार संगठन (WTO): TRIM, TRIPS घरेलू उपाय WTO बातचीत के विभिन्न चक्र।

5. संवृद्दि एवं विकास 

(I) संवृद्दि के सिद्दांत: हैरड का माॅडल।
(II) अधिशेष श्रमिक के साथ विकास का ल्यूइस माॅडल।
(III) संतुलित एवं असंतुलित संवृद्दि।
(IV) मानव पूंजी एवं आर्थिक वृद्दि।

(ख) कम विकसित देशों का आर्थिक विकास का प्रक्रम: आर्थिक विकास एवं संरचना परिवर्तन के विषय में मिडल एवं कुजमेंटस: कम विकसित देशों के आर्थिक विकास में कृषि की भूमिका।
(ग) आर्थिक विकास तथा अंतर्राष्ट्रीय एवं निवेश, बहुराष्ट्रीयों की भूमिका।
(घ) आयोजना एवं आर्थिक विकास: बाजार की बदलती भूमिका एवं आयोजना, निजी-सरकारी साझेदारी।
(घ) कल्याण संकेतक एवं वृद्दि के माप-मानव विकास के सूचक । आधारभूत आवश्यकताओं का उपागम।
(च) विकास एवं पर्यावरणी धारणीयता-पुनर्नवीकरणीय एवं अपुनर्नवीकरणीय संसाधन, पर्यावरणी अपकर्ष अंतर-पीढ़ी इक्विटी विकास।

अर्थशास्त्र पेपर – 2 

  • स्वतंत्रता पूर्व युग में भारतीय अर्थव्यवस्था
    • भूमि प्रणाली एवं इसके परिवर्तन, कृषि का वाणिज्यिीकरण, अपवहन सिद्दांत, अबंधता सिद्दांत एवं समालोचना । निर्माण एवं परिवहन: जूट कपास, रेलवे, मुद्रा एवं साख।
  • स्वतंत्रता के पश्चात् भारतीय अर्थव्यवस्था
    • उदारीकरण के पूर्व का युग
      • वकील, गाइगिल एवं वी. के. आर. वी. राव के योगदान ।
      • कृषि: भूमि सुधर एवं भूमि पट्टा प्रणाली, हरित क्रांति एवं कृषि में पूंजी निर्माण।
      • संघटन एवं संवृद्दि में व्यापार प्रवृत्तियां, सरकारी एवं निजी क्षेत्रों की भूमिका, लघु एवं कुटीर उद्योग।
      • राष्ट्रीय एवं प्रतिव्यक्ति आय: स्वरूप, प्रवृत्तियां, सकल एवं क्षेत्रीय संघटन तथा उनमें परिवर्तन।
      • राष्ट्रीय आय व वितरण को निर्धरित करने वाले स्थूल कारक, गरीबी के माप, गरीबी एवं असमानता में प्रवृत्तियां।
  • उदारीकरण के पश्चात् का युग
    • नया आर्थिक सुधार एवं कृषि: कृषि एवं WTO, खाद्य प्रसंस्करण, उपदान, कृषि कीमतें एवं जन वितरण प्रणाली, कृषि संवृद्दि पर लोक व्यय का समाघात ।
    • ई आर्थिक नीति एवं उद्योग: औद्योगिकीरण निजीकरण,विनिवेश की कार्य नीति, विदेशी प्रत्यक्ष निवेश तथा बहुराष्ट्रीयों की भूमिका
    • नई आर्थिक नीति एवं व्यापार: बौद्धिक संपदा अध्किार:TRIPS, TRIMS, GATS तथा NEW EXIM नीति की विवक्षाएं ।
    • नई विनिमय दर व्यवस्था: आंशिक एवं पूर्ण परिवर्तनीयता ।
    • नई आर्थिक नीति एवं लोक वित्त: राजकोषीय उत्तरदायित्व अधिनियम, बारहवां वित्त आयोग एवं राजकोषीय संघवाद तथा राजकोषी समेकन ।
    • नई आर्थिक नीति एवं मौद्रिक प्रणाली: नई व्यवस्था में RBI की भूमिका ।
    • आयोजन: केन्द्रीय आयोजन से सांकेतिक आयोजना तक, विकेन्द्रीकृत आयोजना और संवृद्धि हेतु बाजार एवं आयोजना के बीच संबंध: 73वां एवं 74वां संविधन संशोधन ।
    • नई आर्थिक नीति एवं रोजगार: रोजगार एवं गरीबी,ग्रामीण मजदूरी, रोजगार सृजन, गरीबी उन्मूलन योजनाएं, नई ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना ।

UPSC Economics Syllabus In Hindi की तैयारी के लिए बेस्ट NCERT बुक्स की सूची 

यहां UPSC के वैकल्पिक विषय अर्थशास्त्र की तैयारी के लिए NCERT कक्षा 11th से 12th तक की बुक्स की सूची दी जा रही हैं। जिसके माध्यम से आप UPSC अर्थशास्त्र की तैयारी आसानी से कर सकते है क्योंकि NCERT बुक्स की भाषा शैली काफी सरल और ज्ञानवर्धक होती है। जिससे आप अर्थशास्त्र विषय में अपना बेस मजबूत कर सकते हैं:-

  • भारतीय अर्थव्यवस्थ का विकास – NCERT (कक्षा 11) 
  • व्यष्टि अर्थशास्त्र  – NCERT (कक्षा 12 ) 
  • समष्टि अर्थशास्त्र  – NCERT (कक्षा 12 ) 

UPSC में अर्थशास्त्र विषय की तैयारी के लिए बेस्ट बुक्स की सूची

यहां स्टूडेंट्स के लिए UPSC economics syllabus in hindi की तैयारी के लिए कुछ प्रमुख बुक्स की सूची दी जा रही है। जिन्हें आप नीचे दिए गए बिंदुओं में देख सकते हैं:-

अर्थशास्त्र बुक्सऑथर और पब्लिकेशन यहां से खरीदें 
भारतीय अर्थव्यवस्था संजीव वर्मा यहां से खरीदें
भारतीय अर्थव्यवस्थानितिन सिंघानियायहां से खरीदें
भारतीय अर्थव्यवस्थारमेश सिंह यहां से खरीदें
भारतीय अर्थव्यवस्था : एक सर्वेक्षणडा.एस.एन.लालयहां से खरीदें
भारतीय अर्थव्यवस्थादत्त एवं सुन्दरमयहां से खरीदें
भारतीय अर्थव्यवस्थाजैन एवं त्रेहनयहां से खरीदें
भारतीय अर्थव्यवस्था : सिद्धांत ,नीतियाँ एवं विकासएस.श्रीरंगम एवं आर.डी.झायहां से खरीदें
भारतीय अर्थव्यवस्थामिश्रा,पूरी एवं गर्गयहां से खरीदें
अंतरराष्ट्रीय व्यापार एवं वित्तजी.सी.सिंघईयहां से खरीदें
भारतीय अर्थव्यवस्था : सूक्ष्म अवधारणाशंकर गणेश करुप्पैयायहां से खरीदें
भारतीय अर्थव्यवस्थामहेश वर्णवालयहां से खरीदें
हालिया आर्थिक सर्वेक्षण

UPSC में कितने पेपर होते है?

UPSC परीक्षा को तीन मुख्य भागों में विभाजित किया गया है। जिसमें प्रिलिम्स परीक्षा, मेंस परीक्षा और इंटरव्यू शामिल होता हैं। प्रिलिम्स परीक्षा एक स्क्रीनिंग परीक्षा है जो कैंडिडेट्स को अगले चरण, यानी मेंस परीक्षा के लिए योग्य बनाती है। मेंस एग्जाम में पास होने वाले कैंडिडेट्स ही इंटरव्यू के लिए योग्य माने जाते हैं। 

  1. प्रिलिम्स परीक्षा
  2. मेंस परीक्षा
  3. इंटरव्यू 

UPSC का एग्जाम पैटर्न क्या है?

UPSC प्रिलिम्स सिविल सर्विस एग्जाम का स्क्रीनिंग चरण है जो हर साल यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC) द्वारा कंडक्ट किया जाता है। इस चरण को मुख्यत प्रिलिम्स एग्जाम के नाम से जाना जाता है। यहां UPSC प्रिलिम्स एग्जाम के दोनों क्वेश्चन पेपर्स का एग्जाम पैटर्न नीचे दी गई टेबल में दिया जा रहा हैं:-

प्रिमिल्स एग्जाम – जनरल स्टडी 

क्वेश्चन की संख्या100
कुल मार्क्स 200 
एग्जाम टाइमिंग 2 घंटे
नेगेटिव मार्किंग एक तिहाई
एग्जाम टाइप ऑब्जेक्टिव टाइप

प्रिलिम्स एग्जाम – सिविल सर्विसेज एप्टीट्यूड टेस्ट (CSAT)

क्वेश्चन की संख्या80
कुल मार्क्स 200 
एग्जाम टाइमिंग 2 घंटे
नेगेटिव मार्किंग एक तिहाई
एग्जाम टाइप ऑब्जेक्टिव टाइप

नोट – कैंडिडेट्स को UPSC प्रिलिम्स एग्जाम के दोनों पेपर में सम्मिलित होना अनिवार्य होता हैं। यदि कोई कैंडिडेट UPSC के दोनों GS-1 और GS-2 पेपर में शामिल नहीं होता तो वह अयोग्य ठहराया जाएगा। UPSC प्रिलिम्स का का दूसरा पेपर सिविल सर्विसेज एप्टीट्यूड टेस्ट (CSAT) क्वालीफाइंग नेचर का होता है जिसमें पास होने के लिए  मिनिमस 33% मार्क्स होने अनिवार्य होते है। 

UPSC मेंस एग्जाम

विषय कुल मार्क्स 
पेपर A: अनिवार्य भारतीय भाषा 300 
पेपर B: इंग्लिश  300 
पेपर I: निबंध250 
पेपर II: सामान्य अध्ययन – I250 
पेपर III: सामान्य अध्ययन – II250 
पेपर IV: सामान्य अध्ययन – III250 
पेपर V: सामान्य अध्ययन – IV250 
पेपर VI: वैकल्पिक – I250 
पेपर VII: वैकल्पिक – II250 

नोट: UPSC के दोनों एग्जाम में क्वालीफाई करने के बाद स्टूडेंट्स के मार्क्स के आधार पर मेरिट तैयार की जाती है। जिसके अनुसार टॉप रैंक प्राप्त करने वाले कैंडिडेट्स को इंटरव्यू के लिए आमंत्रित किया जाता हैं।  

UPSC के लिए योग्यता क्या है?

UPSC परीक्षा के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता ग्रेजुएशन होती है। UPSC के सिविल सर्विस एग्जाम में हिस्सा लेने के लिए कैंडिडेट को भारत के किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड से ग्रेजुएशन कंप्लीट करनी होगी। इसके साथ ही ग्रेजुएशन के तृतीय वर्ष यानी आखिरी वर्ष के स्टूडेंट्स भी UPSC की परीक्षा देने के लिए योग्य माने जाते हैं। 

UPSC एग्जाम के लिए आयु सीमा 

  • जनरल वर्ग और EWS : 21 से 32 वर्ष
  • विशेष पिछड़ा वर्ग यानी OBC : 21 से 35 वर्ष
  • अनुसूचित जाति / अनुसूचित जन जाति : 21 से 37 वर्ष
  • शारीरिक रूप से अक्षम : 21 से 42 वर्ष

FAQs

इकोनॉमिक्स ऑप्शनल यूपीएससी का सिलेबस क्या है?

यूपीएससी मेन्स इकोनॉमिक्स सेक्शन के लिए GS पेपर III पाठ्यक्रम में आर्थिक विकास, समावेशी विकास, बजट, भूमि सुधार, उदारीकरण के प्रभाव, भारतीय अर्थव्यवस्था और विकास और रोजगार की समस्याएं शामिल हैं।

क्या यूपीएससी में अर्थशास्त्र कठिन है?

यूपीएससी आईएएस परीक्षा पाठ्यक्रम के अन्य विषयों की तुलना में, भारतीय अर्थव्यवस्था सबसे कठिन विषयों में से एक है । UPSC CSE मुख्य परीक्षा में भारतीय अर्थव्यवस्था पर एक GS III विषय शामिल है। इसे यूपीएससी मुख्य परीक्षा चरण में एक वैकल्पिक विषय के रूप में भी शामिल किया गया है।

UPSC में अर्थशास्त्र कितना महत्वपूर्ण है?

अर्थशास्त्र यूपीएससी परीक्षा में सबसे महत्वपूर्ण विषयों में से एक है क्योंकि यह प्रिलिम्स, मेंस और वैकल्पिक विषयों का भी हिस्सा है।

अर्थशास्त्र वैकल्पिक यूपीएससी की तैयारी में कितना समय लगता है?

अर्थशास्त्र UPSC के वैकल्पिक विषयों में सबसे कठिन विषयों में से एक माना जाता है। जिसकी तैयारी करने में आपको 05 से 06 महीने तक का मिनिमम समय लग सकता हैं। 

इकोनॉमी यूपीएससी के लिए मुझे क्या पढ़ना चाहिए?

यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करने वाले कैंडिडेट्स को कक्षा 11 से 12 के लिए एनसीईआरटी की किताबें अवश्य पढ़नी चाहिए। वे यूपीएससी प्रीलिम्स के लिए सबसे अच्छी अर्थशास्त्र की किताबें मानी जाती हैं। जिसके बाद आप अन्य स्टैंडर्ड बुक्स की ओर बढ़ सकते हैं। 

सम्बंधित आर्टिकल

यूपीएससी के लिए इंटरनेशनल रिलेशंस का संपूर्ण सिलेबसUPSC के लिए पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन का सिलेबस
यूपीएससी के लिए जियोग्राफी का संपूर्ण सिलेबसUPSC के लिए भारतीय राजनीति का सिलेबस
एंथ्रोपोलाॅजी सिलेबस इन हिंदीUPSC CSAT मैथ का सिलेबस
फिलाॅस्फी सिलेबस इन हिंदीUPSC मैथ सिलेबस इन हिंदी 
जानिए UPSC CSAT का पूरा सिलेबसUPSC जीएस पेपर 4 सिलेबस इन हिंदी
जानिये UPSC गवर्नेंस सिलेबस की संपूर्ण जानकारी और एग्जाम पैटर्नजानिए UPSC आर्ट्स एंड कल्चर सिलेबस की संपूर्ण जानकारी और एग्जाम पैटर्न

उम्मीद है आपको UPSC economics syllabus in hindi का यह ब्लॉग पसंद आया होगा। UPSC और अन्य इंडियन एग्जाम से संबंधित ब्लॉग पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

Leave a Reply

Required fields are marked *

*

*