UPSC Botany Syllabus in Hindi : जानिए UPSC वैकल्पिक विषय बॉटनी का संपूर्ण सिलेबस, एग्जाम पैटर्न और बेस्ट बुक्स 

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UPSC Botany Syllabus in Hindi

UPSC परीक्षा तीन भागों में कंडक्ट की जाती है, जिसे प्रिमिल्स, मेंस और इंटरव्यू में विभाजित किया गया है। यूपीएससी प्री क्लयिर करने के बाद मेंस के पेपर होते हैं और इनमें ऑप्शनल सब्जेक्ट भी शामिल हैं। UPSC मेंस परीक्षा में कैंडिडेट्स को 48 सब्जेक्ट्स में से ऑप्शनल यानी वैकल्पिक के तौर पर किसी एक सब्जेक्ट को चुनने का विकल्प मिलता है। इनमें बॉटनी भी प्रमुख सब्जेक्ट है, इसलिए UPSC Botany Syllabus in Hindi ब्लाॅग में बाॅटनी का पूरा सिलेबस और बेस्ट बुक्स के बारे में जानेंगे।

IAS एग्जाम कंडक्टिंग बॉडीयूपीएससी
एग्जाम मोडऑफलाइन
साल में कितनी बार एग्जाम होता हैसाल में एक बार एग्जाम होता है।
IAS एग्जाम के लिए आयुसीमा(21 से 32 साल) अलग-अलग निर्धारित है।
IAS एग्जाम के लिए योग्यताकिसी भी स्ट्रीम से ग्रेजुएशन।
IAS एग्जाम पैटर्नप्रीलिम्स (MCQs), मेन्स (डिस्क्रिप्टिव पेपर)
IAS एग्जाम- प्रीलिम्स 2023रविवार- 28th May 2023
IAS एग्जाम- मेंस 202315 सितंबर 2023 से।
ऑफिशियल वेबसाइटupsc.gov.in

UPSC क्या है?

संघ लोक सेवा आयोग जिसे इंग्लिश में ‘यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन’ (UPSC) के नाम से भी जाना जाता है। यह भारतीय कॉन्स्टिटूशन द्वारा स्थापित एक कोंस्टीटूशनल बॉडी है, जो भारत सरकार के लोकसेवा के पदाधिकारियों की रिक्रूटमेंट के लिए एग्जाम कंडक्ट करता है। भारतीय कॉन्स्टिटूशन के भाग-14 के अंतर्गत अनुच्छेद 315-323 में एक यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन और राज्यों के लिए ‘स्टेट पब्लिक सर्विस कमीशन’ (SPSC) के गठन का प्रोविशन है, जिसके माध्यम से देश सबसे कठिन एग्जाम माने जाने वाले UPSC के माध्यम से देश के प्रमुख पदाधिकारियों की रिक्रूटमेंट की जाती है। 

UPSC वैकल्पिक विषय बॉटनी का सिलेबस क्या है?

किसी भी एग्जाम को क्लियर करने से पहले उसका सिलेबस सही से समझना आवश्यक है, क्योंकि सिलेबस समझने के बाद कैंडिडेट्स अपने एग्जाम की तैयारी बेहतर कर सकते हैं। UPSC Botany Syllabus in Hindi डिटेल में सब्जेक्ट वाइज दिया गया है।

UPSC Botany Syllabus in Hindi पेपर-1 

पेपर-1 के लिए UPSC Botany Syllabus in Hindi इस प्रकार हैः

  1. सूक्ष्मजैविकी एवं पादपरोग विज्ञान- विषाणु, वाइरॉइड, जीवाणु, फंगाई एवं माइक्रोप्लाज्मा संरचना एवं जनन | बहुगुणन, कृषि, उद्योग, चिकित्सा तथा वायु एवं मृदा एवं जल में प्रदूषण नियंत्रण में सूक्ष्मजैविकी के अनुप्रयोग, प्रायोन एवं प्रायोन घटना | विषाणुओं, जीवाणुओं, माइक्रोप्लाज्मा, फंगाई तथा सूत्रकृमियों द्वारा होने वाले प्रमुख पादपरोग, संक्रमण और फैलाव की विधियां, संक्रमण तथा रोग प्रतिरोध के आण्विक आधार | परजीविता की कार्यिकी और नियंत्रण के उपाय। कवक आविष, मॉडलन एवं रोग पूर्वानुमान, पादप संगरोध। 
  1. क्रिप्टोगेम्स- शैवाल, कवक, लाइकन, ब्रायोफाइट, टेरीडोफाइट संरचना और जनन के विकासात्मक पहलू, भारत में क्रिप्टोगेम्स का वितरण और उनका परिस्थितिक एवं आर्थिक महत्व। 
  1. पुष्पोदभीद- अनावृत बीजी: पूर्व अनावृत बीजी की अवधारणा। अनावृतबीजी का वर्गीकरण और वितरण। साइकेडेलीज, गिंगोऐजीज, कोनीफेरेलीज़ और नीटेलीज़ के मुख्य लक्षण, संरचना व जनन साईकेडोफिलिकेलीज, बेन्जेटिटेलीज तथा कार्डेटेलीज का सामान्य वर्णन।
    भू वैज्ञानिक समयमापनी, जीवश्म प्रकार एवं उनके अध्ययन की विधियां, आवृतबीजी :वर्गिकी, शारीरिकी, भ्रूण विज्ञान, परागाणुविज्ञान और जातिवृत्त, वर्गीकी सौपान, वानस्पतिक नामपद्धति के अंतर्राष्ट्रीय कूट, संख्यात्मक वर्गिकी एवं रसायन-वर्गिकी, शारीरिकी भ्रूण विज्ञान एवं परागाणु विज्ञान से साक्ष्य। 
    आवृत बीजियों का उदगम एवं विकास, आवृत बीजियों के वर्गीकरण की विभिन्न प्रणालियों का तुलनात्मक विवरण, आवृत बीजी कुल का अध्ययन -मैग्नोलिएसी, रैननकुलेसी, बैसीकेसी, रोजेसी, फेबेसी, यूफार्बिएसी, मालवेसी, डिप्टेरोकापेंसी, एपिएसी, एस्क्लेपिडिएसी, वर्बिनेसी, सोलैनेसी, रुबिएसी, कुकुरबिटेली, ऐस्टीरेसी, पोएसी, ओरकेसी, लिलिएसी, म्यूजेसी एवं ऑर्किडेसी। 
    रंध्र एवं उनके प्रकार, ग्रंथीय एवं अग्रंथीय ट्राइकोम, विसंगत द्वितीयक वृद्धि सी-3 और सी-4 पौधों का शरीर, जाइलम एवं फ्लोएम विभेदन, काष्ठ शरीर नर और मादा युग्मकोदभिद का परिवर्धन, परागण, निषेचन। भ्रूणपोष- इसका परिवर्धन और कार्य, भ्रूण परिवर्धन के स्वरूप। बहुभ्रूणता, असंगजनन, परागाणु विज्ञान के अनुप्रयोग, पराग भंडारण एवं टेस्ट ट्यूब निषेचन सहित प्रयोगात्मक भ्रूण विज्ञान। 
  1. पादप संसाधन विकास– पादन ग्राम्यन एवं परिचय, कृष्ट पौधों का उदभव, उदभव संबंधी वेवीलोव के केन्द्र, खाद्य, चारा, रेशों, मसालों, पेय पदार्थो, खाद्यतेलों, औषधियों, स्वापकों, कीटनाशियों, इमारती लकड़ी, गोंद, रेजिनों तथा रंजकों के स्रोतों के रूप में पौधे, लेटेक्स, सेलुलोस, मंड और उनके उत्पाद, इत्रसाजी, भारत के संदर्भ में नुकुल वनस्पतिकी का महत्व। ऊर्जा वृक्षारोपण, वानस्पतिक उद्यान और पादपालय। 
  1. आकारजनन– पूर्ण शक्तता, ध्रुवणता सममिति और विभेदन, कोशिका, ऊतक, अंग एवं जीवद्रव्यक संवर्धन। कायिक संकर और द्रव्य संकर, माइक्रोप्रोपेगेशन, सोमाक्लोनल विविधता एवं इसका अनुप्रयोग, पराग अगुणित, एम्ब्रियोरेस्क्यू विधियां एवं उनके अनुप्रयोग।

UPSC Botany Syllabus in Hindi पेपर-2 

पेपर-2 के लिए UPSC Botany Syllabus in Hindi इस प्रकार हैः

  1. कोशिका जैविकी- कोशिका जैविकी की प्रविधियां ,प्राक्केन्द्रकी और सुकेन्द्रकी कोशिकाएं- संरचनात्मक और परासंचनात्मक बारीकियां, कोशिका बाह्य आधात्री अथवा कोशिकाबाहय आव्यूह (कोशिका भिति) तथा झिल्लियों की संरचना और कार्य कोशिका आसंजन, झिल्ली अभिगमन तथा आशयी अभिगमन, कोशिका अंगको (हरित लवक सूत्र कणिकाएं, ईआर, डिक्टियोसोम, राइबोसोम, अंतः काय, लयनकाय, परऑक्सीसोम) की संरचना और कार्य साइटोस्केलेटन एवं माइक्रोटयूब्यूल्स, केन्द्रक, केन्द्रिक, केन्द्र की रंध्र सम्मिश्र, क्रोमेटिन एवं न्यूक्लियोसोम। 
    कोशिक संकेतन और कोशिकाग्राही, संकेत परिक्रमण, समसूत्रण विभाजन, कोशिका चक्र का आणविक आधार, गुणसूत्रों में संख्यात्मक और संरचनात्मक विभिन्नताएं तथा उनका महत्व, क्रोमेटिन व्यवस्था एवं जीनोम संवेष्टन, पॉलिटीन गुणसूत्र, B-गुणसूत्र संरचना व्यवहार और महत्व।
  1. आनुवंशिकी, आण्विक, जैविकी और विकास- आनुवंशिकी का विकास और जीन बनाम युग्मविकल्पी अवधारण (कूट विकल्पी), परिमाणात्मक आनुवंशिकी तथा बहुकारक अपूर्ण प्रभाविता बहुजननिक वंशागति, बहुविकल्पी सहलग्नता तथा विनियम आण्विक मानचित्र (मानचित्र प्रकार्य की अवधारणा) सहित जीन मानचित्रण की विधियां, लिंग गुणसूत्र तथा लिंग सहलग्न वंशागति, लिंग निर्धारण और लिंग विभेदन का आण्विक आधार, उत्परिवर्तन (जैव रासायनिक और आण्विक आधार) कोशिका द्रव्यी वंशागति एवं कोशिकाद्रव्यी जीन (नर बध्यता की आनुवंशिकी सहित )। 
    न्यूक्लीय अम्लों और प्रोटीनों की संरचना तथा संश्लेषण, आनुवंशिक कूट और जीन अभिव्यक्ति का नियमन, जीन नीरवता, बहुजीन कुल, जैव विकास प्रमाण, क्रियाविधि तथा सिद्धांत, उदभव तथा विकास में RNA की भूमिका।
  1. पादप प्रजनन, जैव प्रौद्योगिकी तथा जैव सांख्यिकी- पादप प्रजनन की विधियां आप्रवेश, चयन तथा संकरण (वंशावली, प्रतीप संकर, सामूहिक चयन व्यापक पद्धति) उत्परिवर्तन, बहुगुणिता, नरबंध्यता तथा संकर ओज प्रजनन। पादप प्रजनन में असंगजनन का उपयोग | डीएनए अनुक्रमण, आनुवंशिकी इंजीनियरी- जीन अंतरण की विधियां, पारजीनी सस्य एवं जैव सुरक्षा पहलू ,पादप प्रजनन में आण्विक चिन्हक का विकास एवं उपयोग। 
    उपकरण एवं तकनीक-प्रोब, दक्षिणी ब्लास्टिंग, डीएनए फिंगर प्रिंटिग, पीसीआर एवं एफआईएसएच, मानक विचलन तथा विचरण गुणांक (सीबी), सार्थकता परीक्षण (Z-परीक्षण, टी-परीक्षण तथा कार्ड वर्ग परीक्षण), प्राथमिकता तथा बंटन (सामान्य द्विपदी तथा प्वासों बंटन) संबंधन तथा समाश्रयण। 
  1. शरीर क्रिया विज्ञान तथा जैव रसायनिकी- जल संबंध, खनिज पोषण तथा ऑयन अभिगमन, खनिज न्यूनताएं, प्रकाश संश्लेषण, प्रकाश रसायनिक अभिक्रयाएं, फोटो फोस्फोरिलेशन एवं कार्बन फिक्सेशन पाथवे, C 3, C 4 और कैम दिशामार्ग, फ्लोएम परिवहन की क्रियाविधि, श्वसन (किण्वन सहित, अवायुजीवीय और वायुजीवीय)- इलेक्ट्रॉन अभिगमन श्रृंखला और ऑक्सीकरणी फोस्फोरिलेशन, फोटोश्वसन, रसोपरासरणी सिद्धांत तथा एटीपी संश्लेषण, लिपिड उपापचय, नाइट्रोजन उपापचय ,किण्व, सहकिण्व, ऊर्जा अंतरण तथा ऊर्जा संरक्षण।
    द्वितीयक उपापचयों का महत्व, प्रकाशग्रहियों के रूप में वर्णक (प्लॅस्टिडियल वर्णक तथा पादप वर्णक), पादप संचलन दीप्तिकालिता तथा पुष्पन, बसंतीकरण, जीर्णन, वृद्धि पदार्थ उनकी रासायनिक प्रकृति, कृषि बागवानी में उनकी भूमिका और अनुप्रयोग, वृद्धि संकेत, वृद्धिगतियां, प्रतिबल शारीरिकी (ताप, जल, लवणता, धातु), फल एवं बीज शारीरिक बीजों की प्रसुप्ति, भंडारण तथा उनका अंकुरण, फल का पकना-इसका आण्विक आधार तथा मैनिपुलेशन।
  1. पारिस्थितिकी तथा पादप भूगोल- परितंत्र की संकल्पना, पारिस्थितिकी कारक, समुदाय की अवधारणाएं और गतिकी पादन, अनुक्रमण जीव मंडल की अवधारणा परितंत्र संरक्षण प्रदूषण और उसका नियंत्रण (फाइटोरेमिडिएशन सहित) पादप सूचक पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम।
    भारत में वनों के प्ररूप -वनों का परिस्थितिक एवं आर्थिक महत्व, वनरोपण, वनोन्मूलन एवं सामाजिक वानिकी ,संकटापन्न पौधे, स्थानिकता, IUCN कोटियां, रेड डाटा बुक, जैव विविधता एवं उसका संरक्षण, संरक्षित क्षेत्र नेटवर्क, जैव विविधता पर सम्मेलन, किसानों के अधिकार एवं बौद्धिक संपदा अधिकार, संपोषणीय विकास की संकल्पना, जैव-भू रासायनिक चक्र, भूमंडलीय तापन एवं जलवायु परिवर्तन, संक्रामक जातियां, पर्यावरणीय प्रभाव मूल्यांकन, भारत के पादप भूगोलीय क्षेत्र।

UPSC बॉटनी सिलेबस की PDF 

UPSC Botany Syllabus in Hindi आप इस लिंक के द्वारा डायरेक्ट देख सकते हैं। यदि आप ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर पीडीएफ डाउनलोड करना चाहते हैं तो आप निम्न स्टेप्स को फॉलो कर सकते हैं: 

  • कैंडिडेट्स को सबसे पहले यूपीएससी की ऑफिशियल वेबसाइट www.upsc.gov.in पर जाना होगा।
  • अब “UPSC Syllabus” पर क्लिक करना होगा।
  • Syllabus का पेज ओपन होने के बाद UPSC Botany Syllabus in Hindi PDF आपके सामने होगी।

UPSC में बॉटनी विषय की तैयारी के लिए बेस्ट बुक्स 

यहां UPSC मेंस बॉटनी वैकल्पिक विषय की तैयारी कर रहे कैंडिडेट्स के लिए बेस्ट बुक्स की सूची नीचे दी गई टेबल में दी जा रही है, जिसके माध्यम से आप UPSC Botany Syllabus in Hindi की टॉपिक वाइज प्रिपरेशन कर सकते हैं:-

बुक्सराइटर-पब्लिशरलिंक
Plant TaxonomyO.P.Sharmaयहां से खरीदें 
Bacteria & VirusH.C.Dubeyयहां से खरीदें 
Lower Biology (Algae, Fungi, Bryophyta, Pteridophyta, Gymnosperms)Dr. V. Singh, Dr. P.C. Pande, Dr. D.K. Jainयहां से खरीदें 
Plant PathologyP.D. Sharmaयहां से खरीदें 
Economic BotanyB.P. Pandeyयहां से खरीदें 
MicrobiologyTaro & Kapoorयहां से खरीदें 
Introduction to BotanyA.C.Duttaयहां से खरीदें 
Plant PhysiologyPandey & Sinhaयहां से खरीदें 
Cell Biology & GeneticsP.K.Vermaयहां से खरीदें 
Plant BreedingPudan Singhयहां से खरीदें 
Plant BiotechnologyD.Singhयहां से खरीदें 
MicrobiologyPowarsयहां से खरीदें 
Elements of GeneticsDr. Veer Bala Rastogiयहां से खरीदें 
Embryology Of AngiospermsS P Bhatnagarयहां से खरीदें 

UPSC में कितने पेपर होते है?

UPSC परीक्षा को तीन मुख्य भागों में विभाजित किया गया है। जिसमें प्रिलिम्स परीक्षा, मेंस परीक्षा और इंटरव्यू शामिल होता हैं। प्रिलिम्स परीक्षा एक स्क्रीनिंग परीक्षा है जो कैंडिडेट्स को अगले चरण, यानी मेंस परीक्षा के लिए योग्य बनाती है। मेंस एग्जाम में पास होने वाले कैंडिडेट्स ही इंटरव्यू के लिए योग्य माने जाते हैं। 

  1. प्रिलिम्स परीक्षा
  2. मेंस परीक्षा
  3. इंटरव्यू। 

UPSC प्रीलिम्स का एग्जाम पैटर्न क्या है?

किसी भी एग्जाम को क्लियर करने के लिए उसका पैटर्न समझना आवश्यक है। यूपीएससी को देश का सबसे कठिन एग्जाम माना जाता है, इसलिए इसका एग्जाम पैटर्न भी समझना जरूरी है। प्रीलिम्स में पेपर के हिसाब से एग्जाम पैटर्न अलग-अलग बताया गया है।

UPSC प्रीलिम्स एग्जाम पैटर्न पेपर 1

पेपर 1 के लिए एग्जाम पैटर्न इस प्रकार हैः

  • प्री में जीएस पेपर 1 में प्रत्येक प्रश्न 2 अंक के होंगे।
  • निगेटिव मार्किंग के लिए प्रत्येक गलत उत्तर के लिए 1/3 अंक काटे जाएंगे।
  • यदि किसी प्रश्न के लिए एक से अधिक उत्तर देते हैं तो निगेटिव मार्किंग की जाएगी।
  • छोड़े गए प्रश्नों के लिए कोई अंक नहीं काटा जाएगा।
पेपरGS 1: भारतीय इतिहास, अर्थशास्त्र, भारत और विश्व का भूगोल, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, भारतीय राजनीति, समसामयिक मामले और पर्यावरण पर आधारित।
पेपर की लैंग्वेजइंग्लिश, हिंदी
एग्जाम ड्यूरेशन2 घंटा
क्वैश्चंसजीएस पेपर 1 के लिए 100 क्वैश्चन होते हैं।
मार्क्स200 अंक 

UPSC प्रीलिम्स एग्जाम पैटर्न पेपर 2

UPSC प्रीलिम्स एग्जाम पेपर 2 यानी CSAT (सिविल सेवा योग्यता परीक्षा) है के लिए 33 प्रतिशत स्कोर करना आवश्यक है और इसका एग्जाम पैटर्न इस प्रकार हैः 

  • GS पेपर 2 में प्रत्येक प्रश्न 2.5 अंक के होंगे।
  • निगेटिव मार्किंग के लिए प्रत्येक गलत उत्तर के लिए 1/3 अंक काटे जाएंगे।
  • यदि किसी प्रश्न के लिए एक से अधिक उत्तर देते हैं तो निगेटिव मार्किंग की जाएगी।
  • छोड़े गए प्रश्नों के लिए कोई अंक नहीं काटा जाएगा।
  • जीएस पेपर 2 क्वालिफाई करने के लिए 33 प्रतिशत स्कोर करना होता है।
पेपरGS 2 या CSAT : रीजनिंग, एप्टीट्यूड और क्वांटिटेटिव पर आधारित।
पेपर की लैंग्वेजइंग्लिश, हिंदी
एग्जाम ड्यूरेशन2 घंटा
क्वैश्चंसजीएस पेपर 2 के लिए 80 क्वैश्चन होते हैं।
मार्क्स200 अंक 
क्वालीफाइंगपेपर 2 के लिए 33 प्रतिशत

UPSC मेंस का एग्जाम पैटर्न क्या है?

कैंडिडेट्स को यूपीएससी मेंस का एग्जाम पैटर्न जानना चाहिए, जोकि इस प्रकार हैः

पेपरसब्जेक्टसमयकुल अंक
पेपर 1निबंध3 घंटा250
पेपर 2जनरल स्टडीज 13 घंटा250
पेपर 3जनरल स्टडीज 23 घंटा250
पेपर 4जनरल स्टडीज 33 घंटा250
पेपर 5जनरल स्टडीज 43 घंटा250
पेपर 6ऑप्शनल 13 घंटा250
पेपर 7ऑप्शनल 23 घंटा250

नोट: UPSC के दोनों एग्जाम में क्वालीफाई करने के बाद स्टूडेंट्स के मार्क्स के आधार पर मेरिट तैयार की जाती है। जिसके अनुसार टॉप रैंक प्राप्त करने वाले कैंडिडेट्स को इंटरव्यू के लिए आमंत्रित किया जाता हैं।  

UPSC के लिए योग्यता क्या है?

यूपीएससी के लिए योग्यता इस प्रकार हैः

  • कैंडिडेट्स के पास किसी भी मान्यता प्राप्त काॅलेज या यूनिवर्सिटी से किसी भी स्ट्रीम में बैचलर डिग्री होनी चाहिए।
  • कैंडिडेट्स जो लास्ट एटेम्पट दे रहे हैं और परिणाम की प्रतीक्षा कर रहे हैं, वे प्रीलिम्स एग्ज़ाम के लिए भी आवेदन कर सकते हैं।
  • सिविल सेवा मुख्य परीक्षा के लिए उपस्थित होने के लिए बैचलर डिग्री पास करने का प्रूफ देना चाहिए।
  • मेंस एग्ज़ाम के लिए आवेदन के साथ डिग्री अटैच करनी होगी।
  • जनरल और EWS के पास 6 अटेम्प्ट्स होते हैं, OBC के पास 9, SC/ST के पास (आयु सीमा तक)
  • IAS परीक्षा में बैठने के लिए न्यूनतम आयु सीमा 21 वर्ष है, वहीं अधिकतम आयु सीमा 32 वर्ष है।

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FAQs

UPSC बॉटनी विषय का सिलेबस क्या है?

UPSC मेंस बॉटनी विषय में कैंडिडेट्स को सूक्ष्मजैविकी एवं पादपरोग विज्ञान, क्रिप्टोगेम्स, पादप संसाधन विकास,कोशिका जैविकी, पादप प्रजनन, जैव प्रौद्योगिकी तथा जैव सांख्यिकी जैसे विषयों का अध्ययन करना होता हैं।  

UPSC परीक्षा क्या है?

संघ लोक सेवा आयोग जिसे इंग्लिश में ‘यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन’ (UPSC) के नाम से भी जाना जाता है। यह भारतीय कॉन्स्टिटूशन द्वारा स्थापित एक कोंस्टीटूशनल बॉडी है, जो भारत सरकार के लोकसेवा के पदाधिकारियों की रिक्रूटमेंट के लिए एग्जाम कंडक्ट करता है। 

UPSC बॉटनी मेंस परीक्षा किस मोड में कंडक्ट की जाती है?

UPSC बॉटनी प्रिलिम्स और मेंस एग्जाम ऑफलाइन पेन पेपर मोड द्वारा कंडक्ट किया जाता है। जिसमें सभी कैंडिडेट्स को एक समान समय दिया जाता हैं। 

उम्मीद है कि इस UPSC Botany Syllabus in Hindi ब्लाॅग में आपको बाॅटनी सब्जेक्ट की पूरी जानकारी मिल गई होगी, जिससे आपको UPSC परीक्षा क्लियर करने में मदद मिलेगी। ऐसे ही UPSC से जुड़े ब्लॉग पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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