राष्ट्रीय अंगदान दिवस 2024 : जानें तिथि, थीम, इतिहास, महत्व और रोचक तथ्य

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राष्ट्रीय अंगदान दिवस

भारत में राष्ट्रीय अंगदान दिवस हर साल 3 अगस्त के दिन मनाया जाता है। यह एक महत्वपूर्ण दिन है। यह दिन अंगदान की जीवन-रक्षक क्षमता के बारे में जागरूकता बढ़ाने का कार्य करता है। यह दिन अंग दाताओं और उनके परिवारों की उदारता को पहचानने के लिए समर्पित है। राष्ट्रीय अंगदान दिवस लोगों को अंग दाताओं की आवश्यकता और उनके द्वारा किए गए अंगदान से होने वाले बड़े अंतर की याद दिलाता है। इस ब्लॉग में, राष्ट्रीय अंगदान दिवस तिथि, थीम, इतिहास, महत्व और रोचक तथ्य आदि जानकारी दी गई हैं। 

राष्ट्रीय अंगदान दिवस के बारे में

राष्ट्रीय अंगदान दिवस, 3 अगस्त को मनाया जाता है, जिसका मुख्य उद्देश्य समाज में अंगदान के प्रति जागरूकता फैलाना है। इस दिन, विभिन्न सरकारी और गैर-सरकारी संस्थाएँ लोगों को अंगदान के महत्व और इसके जीवनदायी प्रभावों के बारे में जानकारी देती हैं। अंगदान, एक महादान है, जो किसी जरूरतमंद व्यक्ति को नया जीवन देने की क्षमता रखता है। कार्यक्रमों, सेमिनारों, और सोशल मीडिया अभियानों के माध्यम से, इस दिन लोगों को प्रेरित किया जाता है कि वे अंगदान के लिए पंजीकरण कराएँ और इस बहुमूल्य कार्य में भाग लें। अंगदान केवल एक व्यक्तिगत निर्णय नहीं है, बल्कि यह समाज के प्रति हमारी जिम्मेदारी है, जिससे हम दूसरों की जिंदगी में आशा और खुशियाँ ला सकते हैं।

राष्ट्रीय अंगदान दिवस का इतिहास

भारत में राष्ट्रीय अंगदान दिवस को मनाना 27 नवंबर 2010 से शुरू किया गया था। भारत में साल 2023 से इस दिन को हम 3 अगस्त के दिन मनाते हैं। राष्ट्रीय अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (NOTTO) के द्वारा 8 जुलाई 1994 को मानव अंग प्रत्यारोपण अधिनियम के उपलक्ष्य में जुलाई के महीने को अंग दान माह के रूप में घोषित किया था। इस दिन भारत सरकार के द्वारा अंगदान के महत्व को बढ़ावा देने के लिए और लोगों को अंगदान के लिए प्रेरित करने के लिए राष्ट्रीय अंगदान दिवस को मान्यता दी थी। भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के द्वारा इस दिन की शुरुआत की गई थी। इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य अंगदान की कमी को दूर करना था और अधिक लोगों को अंगदान के लिए प्रेरित करना था। राष्ट्रीय अंगदान दिवस के दिन उन अंगदातों का भी सम्मान किया जाता है जिन्होंने जरूरतमंदों की जान बचाने के लिए अपने अंगों का दान किया था।

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राष्ट्रीय अंगदान दिवस कब मनाया जाता है? 

भारत में राष्ट्रीय अंगदान दिवस हर साल 27 नवंबर को मनाया जाता था। भारत में पहला सफल मृतक अंग दान 3 अगस्त 1994 को मनाया गया था। इसी कारण से भारत में अंग दान दिवस साल 2023 से हर साल 3 अगस्त को मनाया जाएगा। साल 2023 से पहले राष्ट्रीय अंग दान दिवस को हम नवंबर को मनाते थे। इसकी शुरुआत 2010 में की गई थी। 

राष्ट्रीय अंगदान दिवस का महत्व

राष्ट्रीय अंगदान दिवस, 27 नवंबर को मनाया जाने वाला एक अत्यंत महत्वपूर्ण दिन है, जिसका मुख्य उद्देश्य अंगदान के प्रति जागरूकता बढ़ाना और लोगों को इसके लाभों के प्रति प्रेरित करना है। अंगदान, एक ऐसा कार्य है जो जरूरतमंद व्यक्तियों को नया जीवन देता है, और इससे उनके परिवारों में खुशियों का संचार होता है। जब कोई व्यक्ति अपने अंगों का दान करता है, तो वह किसी अन्य व्यक्ति के जीवन को बचाने में मदद कर सकता है, जो चिकित्सा कारणों से संघर्ष कर रहा है।

इस दिन का महत्व केवल जागरूकता फैलाने तक ही सीमित नहीं है; यह उन लोगों के लिए भी एक महत्वपूर्ण अवसर है जिन्होंने अपने अंगों का दान किया है। राष्ट्रीय अंगदान दिवस, दाताओं को सम्मानित करता है और उनके योगदान को पहचान दिलाता है। ऐसे दानकर्ताओं की कहानियाँ और अनुभव लोगों को प्रेरित करते हैं कि वे भी इस नेक कार्य का हिस्सा बनें।

भारत जैसे विशाल देश में अंगदान की मांग अत्यधिक है। हर साल, हजारों मरीज अंग प्रत्यारोपण के लिए प्रतीक्षा सूची में रहते हैं। हृदय, फेफड़े, गुर्दे, यकृत, और अन्य अंगों की आवश्यकता मांग से कहीं अधिक है। राष्ट्रीय अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन के आंकड़े इस समस्या को और भी स्पष्ट करते हैं, जहां अंगों की आपूर्ति और उनकी मांग के बीच एक विशाल अंतर है।

इस स्थिति को सुधारने के लिए, अंगदान के प्रति जागरूकता बढ़ाना अत्यंत आवश्यक है। राष्ट्रीय अंगदान दिवस, इस दिशा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह दिन विभिन्न कार्यक्रमों, सेमिनारों, और अभियानों के माध्यम से लोगों को अंगदान के महत्व के बारे में जानकारी प्रदान करता है। इसके अलावा, यह समाज में एक सकारात्मक बदलाव लाने का माध्यम भी बनता है, जिससे अधिक से अधिक लोग अंगदान के लिए प्रेरित हो सकें।

इस प्रकार, राष्ट्रीय अंगदान दिवस न केवल एक जागरूकता कार्यक्रम है, बल्कि यह जीवन, स्वास्थ्य, और मानवता के प्रति हमारी जिम्मेदारी को पुनर्स्थापित करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। हमें इस दिन को मनाते हुए यह समझना चाहिए कि अंगदान करके हम न केवल एक व्यक्ति का जीवन बचा सकते हैं, बल्कि पूरे समाज को भी सकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकते हैं।

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राष्ट्रीय अंगदान दिवस क्यों मनाया जाता हैं?

राष्ट्रीय अंगदान दिवस मुख्य रूप से लोगों के बीच आंकड़न के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है। राष्ट्रीय अंगदान दिवस के दिन लोगों को अंगदान के महत्व को समझाया जाता है। इस दिन का मुख्य उद्देश्य लोगों को अनुदान के लिए प्रेरित करना है। उन्हें यह समझाया जाता है कि अंगदान करके किसी जरूरतमंद व्यक्ति को नया जीवन प्रदान किया जा सकता है। अंगदान की कमी की वजह से कई लोगों का समय पर उपचार नहीं हो पता है। इस दिन लोगों को यह समझाया जाता है कि अंगदान कितना महत्वपूर्ण है और इससे किसी व्यक्ति के जीवन को किस प्रकार बदला जा सकता है। राष्ट्रीय अंगदान दिवस को मनाकर समाज में अंगदान के प्रति एक सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित होता है। राष्ट्रीय अंगदान दिवस उन लोगों को सम्मानित करने के लिए भी मनाया जाता है जिन्होंने अपने अंगों का दान किया है और किसी अन्य व्यक्ति जा जीवन बचाया है। 

राष्ट्रीय अंगदान दिवस कैसे मनाते हैं?

राष्ट्रीय अंगदान दिवस को मनाने के लिए विभिन्न गतिविधियाँ और कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं –

  • जागरूकता कार्यक्रम: राष्ट्रीय अंगदान दिवस के दिन स्कूलों, कॉलेजों, अस्पतालों और समुदायों में कार्यशालाएँ और सेमिनार आयोजित किए जाते हैं। इस दिन लोगों और छात्रों को अंगदान के महत्व और प्रक्रियाओं के बारे में जानकारी दी जाती है।
  • स्वास्थ्य शिविर: राष्ट्रीय अंगदान दिवस पर अस्पतालों और स्वास्थ्य संस्थानों में मुफ्त जांच और परामर्श शिविर आयोजित किए जाते हैं। इन शिविरों में लोग अंगदान की प्रक्रिया के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
  • कंपेन और रैली: इस दिन अंगदान के महत्व को बताने के लिए कई संगठन रैलियाँ और कैंपेन आयोजित करते हैं। इन रैलियों में लोग अंगदान के लिए साइन अप करते हैं। लोग इस दिन सामाजिक एकजुटता का प्रदर्शन करते हैं।
  • अंगदान करने वालों का सम्मान: जिन लोगों ने अपने अंगों का दान किया है और किसी व्यक्ति के जीवन को बचाया है उनका सम्मान किया जाता है। 

राष्ट्रीय अंगदान दिवस से जुड़े तथ्य 

राष्ट्रीय अंगदान दिवस से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्य निम्नलिखित हैं:

  • अंगदान के लिए कानूनी प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाने के लिए भारत में कई कानून लागू किए गए हैं, जैसे कि “Transplantation of Human Organs Act,” जो दाताओं के अधिकारों की रक्षा करता है।
  • एक अंग दाता अंग दान के माध्यम से आठ लोगों की जान बचा सकता है। ऊतक दान के माध्यम से 75 से अधिक लोगों के जीवन को बेहतर बना सकता है।
  •  आमतौर पर प्रत्यारोपित किए जाने वाले अंगों में हृदय, फेफड़े, यकृत, गुर्दे, अग्न्याशय और आंत शामिल हैं। कॉर्निया, हृदय वाल्व, त्वचा, हड्डियों और टेंडन जैसे ऊतक भी दान किए जा सकते हैं।
  •  गुर्दे और यकृत, फेफड़े, अग्न्याशय या आंत के कुछ हिस्सों जैसे अंगों को जीवित दाताओं द्वारा दान किया जा सकता है। हालाँकि, अधिकांश अंग दान मृत दाताओं से आते हैं, जिनके अंगों का मिलान प्रतीक्षा सूची में शामिल प्राप्तकर्ताओं से किया जाता है।
  •  वैश्विक स्तर पर, अंग दाताओं की कमी है।  हजारों लोग प्रत्यारोपण की आवश्यकता के कारण प्रतीक्षा सूची में रहते हैं, अक्सर सालों तक, और कई लोग प्रतीक्षा के दौरान जीवित नहीं रह पाते।
  • अंग दाता बनने के लिए आमतौर पर राष्ट्रीय या स्थानीय दाता रजिस्ट्री में पंजीकरण करना शामिल होता है, जो देश के अनुसार अलग-अलग होता है। यह ऑनलाइन किया जा सकता है। 
  • अंग प्रत्यारोपण दाता और प्राप्तकर्ता के बीच अनुकूलता पर निर्भर करता है, जिसमें रक्त प्रकार और आकार जैसे कारक शामिल हैं। आधुनिक चिकित्सा तकनीकों और प्रतिरक्षा दमनकारी दवाओं ने प्रत्यारोपण की सफलता दरों में काफी सुधार किया है।
  • लगभग किसी भी उम्र के लोग संभावित अंग दाता हो सकते हैं। चिकित्सा उपयुक्तता मृत्यु के समय निर्धारित की जाती है।
  • भारत में अंगदान को “मानव अंग प्रत्यारोपण अधिनियम, 1994” के तहत कानूनी मान्यता प्रदान की गई है।

FAQs

अंगदान क्या है, अंगदान का महत्व बताइए?

अंगदान एक जीवन रक्षक कार्य है जिसमें ज़रूरतमंदों के जीवन को बदलने की शक्ति है। अंग दाता के रूप में पंजीकरण करके, आप अपने जाने के बाद भी किसी को जीवन का उपहार दे सकते हैं। मृत्यु के बाद अंग दान एक निष्पक्ष और नैतिक प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए सख्त नियमों और विनियमों का पालन करता है।

मृत्यु की स्थिति में ही किया जा सकता है।

आप जीवित रहते हुए किसी व्यक्ति को किडनी या लीवर का कोई अंग/ऊतक दान कर सकते हैं, जिसे इसकी ज़रूरत है। इस तरह के दान के लिए सख्त नियम हैं। हृदय, यकृत, गुर्दे, आंत, फेफड़े और अग्न्याशय जैसे महत्वपूर्ण अंगों का दान केवल ‘मस्तिष्क मृत्यु’ की स्थिति में ही किया जा सकता है। हालांकि अन्य ऊतक जैसे कॉर्निया, हृदय वाल्व, त्वचा, हड्डियाँ आदि का दान केवल प्राकृतिक मृत्यु की स्थिति में ही किया जा सकता है।

राष्ट्रीय अंगदान दिवस क्यों मनाया जाता है?

राष्ट्रीय अंगदान दिवस एक महत्वपूर्ण आयोजन है। यह जीवित दाता अंग प्रत्यारोपण की याद दिलाता है। यह दिन हर साल अंगदान के बारे में जागरूकता बढ़ाने और अधिक लोगों को अंगदान करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए मनाया जाता है।

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