विश्व अंगदान दिवस क्या है और कब मनाया जाता है?

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विश्व अंगदान दिवस

मानव जीवन उन्नति का जीवन होता है, यह जीवन विश्व कल्याण के लिए समर्पित रहे तो ही सफल माना जाता है। क्या आप जानते हैं कि एक रिपोर्ट के अनुसार हर वर्ष लगभग 5 लाख लोगों की मौत शरीर के ऑर्गन न मिलने से होती है। मानव के शरीर में कुछ ऑर्गन ऐसे होते हैं जिनका उपयोग किसी अन्य व्यक्ति की जान बचाने के लिए किया जा सकता है। विश्व अंगदान दिवस लोगों को इसी बात के लिए प्रेरित करता है कि आपके शरीर के अंग आपके जीवन के बाद किसी जरूरतमंद की ज़िन्दगी बचाने का काम कर सकते हैं। इस पोस्ट के माध्यम से आप विश्व अंगदान दिवस के इतिहास के साथ-साथ, इसके उद्देश्य को भी जान पाएंगे।

विश्व अंगदान दिवस का संक्षिप्त में इतिहास

इतिहास के पन्नों को पलट कर देखा जाए तो विश्व अंगदान के बारे में पता चलता है कि विश्व अंगदान दिवस साल 1954 में पहली बार मनाया गया था। जिसका इतिहास रोनाल्ड ली हेरिक से जुड़ा है, जिसने अपने भाई को किडनी दान कर नया जीवनदान दिया था। तो वहीं, डॉक्टर जोसेफ मरे ने भी पहली बार किडनी ट्रांसप्लांट किया था। इस मानवीय और महान कार्य के लिए साल 1990 में डॉक्टर जोसेफ मरे को फिजियोलॉजी में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था, जो मानवता के लिए किसी मानव को मिला एक बहुत बड़ा सम्मान होता है।

अंग दान के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाने और उसके महत्त्व को समझाने के लिए हर साल 13 अगस्त को विश्व अंग दान दिवस मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य लोगों को यह महसूस करने में मदद करना है कि मृत्यु के बाद स्वेच्छा से अपने अंग दान करने से कई लोगों को ज़िंदगी मिल सकती है। अंग दान करके आप उन लोगों को जीवन प्रदान कर सकते हैं जो मौत की कगार पर खड़े हैं। 

विश्व अंगदान का महत्व

विश्व अंगदान का अर्थ है कि आपका उद्देश्य घायल और गंभीर रूप से बीमार (जिन्हें अंग की जरूरत है), लोगों को अपना अंग देकर उनकी जान बचा रहें हैं। मानवता को बचाने जैसे महान मानवीय कार्य में आप अंगदान करके अपनी अहम भूमिका निभा सकते हैं। देखा जाए तो बदलते समय के अनुसार मेडिकल साइंस ने अंगदान के क्षेत्र में बेहद सुधार किए हैं और आज सभी मिथकों को समाप्त कर दिया है। आप चाहे किसी भी उम्र के पड़ाव में क्यों न हो, अपने अंगों का दान कर सकता हैं। वर्तमान समय में लोग अंग दान के महत्व को समझकर अपने अंगों का दान कर रहे हैं। इसमें भारत सरकार की भी एक बड़ी भूमिका है, जो अंगदान के लिए लोगों को जागरूक करने का निरंतर प्रयास कर रही है।

कौन अंगदान कर सकते हैं?

अंगदान के कारण किसी जरूरतमंद को एक नया जीवन मिल सकता है, एक जिम्मेदार मानव होने के नाते हमारी पहली जिम्मेदारी बनती है कि हम अपने साथ-साथ अन्य लोगों के भी जीवन को समझे। जो लोग पूर्ण रूप जैसे शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ हो, उन लोगों को बढ़चढ़कर अंगदान करना चाहिए। इस प्रकार के लोगों द्वारा अंगदान करना जाना चाहिए। अंगदान को दो प्रकार से किया जाता है, जो कि निम्नलिखित हैं-

  1. जीवित रहते हुए किया गया अंगदान
  2. जीवन पूर्ण होने के बाद किया गया अंगदान

कौन अंगदान नहीं कर सकते हैं?

आपने अभी तक विश्व अंगदान दिवस का इतिहास, इसका महत्व और किन लोगों को अंगदान करना चाहिए, ये सब जाना पर अब आपको यह जान लेना चाहिए कि कौन लोग अंगदान जैसे महान कार्य में प्रतिभाग नहीं कर सकते हैं। किसी भी प्रकार के रोग से संक्रमित व्यक्ति अंगदान नहीं कर सकता है, जो लोग शरीर में तेजी से फैलने वाली गंभीर बीमारियों जैसे: HIV, कैंसर आदि से जूझ रहे होते हैं, वे अंग दान नहीं कर सकते। इसी प्रकार जीवित अंगदान में भी मधुमेह, किडनी या हृदय रोग, कैंसर और एचआईवी आदि से पीड़ित लोगों को बाहर रखा जा सकता है। ऐसे लोग अंगदान नहीं कर सकते हैं।

शरीर के कौनसे अंग दान कर सकते हैं?

आपके शरीर के बहुत से अंग ऐसे हैं जिन्हें दान करके आप कई लोगों की ज़िंदगी बचा सकते हैं:

  • यकृत
  • गुर्दे
  • अग्नाशय
  • हृदय
  • फेफड़े
  • आंत 
  • कॉर्निया (आंख का भाग)
  • हड्डी
  • त्वचा
  • हृदय वाल्व
  • रक्त वाहिकाएं
  • नस
  • देह 
विश्व अंगदान दिवस

अंगदान से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य 

अंगदान से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य नीचे दिए गए हैं:

  • दुनिया के पहले जीवित अंग दाता रोनाल्ड ली हेरिक (1931-2010) थे, जिन्होंने 1954 में अपने जुड़वां भाई को किडनी दान की थी।
  • एनेसेफली सबसे कम उम्र के अंग दाता थे। इनका जन्म 2014 में हुआ था, जो केवल 100 मिनट तक जीवित रहे थे। इन्होंने एक वयस्क को अपनी किडनी दान कर दी ।
  • सबसे पुराना कॉर्निया दान करने वाली 107 वर्ष की स्कॉटिश महिला थी, जिनका कॉर्निया 2016 में उसकी मृत्यु के बाद दान किया गया था। 
  • सबसे पुराना आंतरिक अंग दान करने वाले 95 वर्ष के वेस्ट वर्जीनिया व्यक्ति था जिन्होंने मरने के बाद अपना लीवर दान कर दिया।
  • सबसे बुजुर्ग जीवित अंग दाता ब्रिटेन की 85 वर्षीय महिला थी, जिन्होंने 2014 में एक अजनबी को किडनी दान की थी। 

FAQs 

भारत में अंगदान दिवस कब मनाया जाता है?

भारत में अंगदान दिवस 3 अगस्त को मनाया जाता है।

विश्व अंग दान दिवस कब मनाया जाता है?

विश्व अंग दान दिवस 13 अगस्त को मनाया जाता है।

अंगदान का मतलब क्या है?

जब कोई व्यक्ति मानवता में किसी अन्य व्यक्ति के हित में अपने अंग दान करता है, वही स्तिथि अंगदान कहलाती है।

शरीर के अंगों का दान कैसे करें?

शरीर के अंग दान के लिए प्लेज फॉर्म भरना होता है, इसके बाद ही आप अंगदान की प्रक्रिया में शामिल हो सकते हैं। इसके लिए आप www.organindia.org पर अप्लाई कर सकते हैं।

अंगदान कैसे किया जाता है?

शल्य चिकित्सा का प्रयोग करके अंगदान किया जाता है।

आशा है कि आपको विश्व अंगदान दिवस पर लिखा यह ब्लॉग जानकारी से भरपूर लगा होगा। इसी तरह के अन्य ट्रेंडिंग इवेंट्स आर्टिकल्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बनें रहें।

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