हर लड़का बचपन से ही अपने माता-पिता, स्कूल या अपने क़रीबी दोस्तों से एक कहावत सुनता आया है – “लड़के रोते नहीं हैं” । बचपनसे ही “लड़के रोते नहीं हैं” के सिद्धांतों के कारण, लड़के अक्सर अपनी भावनाओं को अपने सबसे क़रीबी दोस्तों और परिवार से भी छुपा लेते हैं ताकि उन्हें “कमज़ोर” व्यक्ति के रूप में न देखा जाएगा। दया, उदारता, आंतरिक शक्ति, और स्वाभाविक-खुले संवाद भी पुरुषत्व का प्रतिबिम्ब माने जाने चाहिए। इसी विचार को प्रोमोट करने के लिए 19 नवम्बर को दुनियाभर में अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाया जाता है। इस ब्लॉग को अंत तक पढ़ें और जानें अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस का उद्देश्य, महत्व, इतिहास और साल 2023 की थीम।
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अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस क्या है?
अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस हर साल 19 नवंबर को मनाया जाता है। यह दिन पुरुषों के योगदान, उनके सकारात्मक गुणों की सराहना और समाज में उनकी अहमियत को समझाने के लिए मनाया जाता है। इस दिन पुरुषों के साथ होने वाले भेदभाव, शोषण, उत्पीड़न, हिंसा और असमानता के खिलाफ आवाज उठाने और उन्हें उनके अधिकार दिलाने का भी दिन है।
बहुत से लोग इस दिन को पुरुषों के मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित चैरिटी/ एनजीओ को दान करके और पुरुषों के मानसिक स्वास्थ्य के बारे में पोस्टर बनाकर और उन्हें साझा करके इस दिन का जश्न करते हैं।
अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस थीम 2023
अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस 2023 का थीम है ‘शून्य पुरुष आत्महत्या’ (Zero Male Suicide)। एक आंकड़े के अनुसार, महिलाओं की तुलना में दोगुने संख्या में पुरुष आत्महत्या करते हैं। पुरुष एक अकथित सामाजिक बोझ उठाते हैं। उनपर परिवार का पालन-पोषण करने की अतिरिक्त ज़िम्मेदारी होती है। पारंपरिक तरीके से, परिवार के लिए रोटी-कपड़ा कमाना पुरुषों का कर्तव्य है। प्रोफेसर डैन बिल्सकर के अनुसार, हम एक पुरुष आत्महत्या की मूक महामारी के बीच फंसे हुए हैं। इसलिए, इस वर्ष की थीम यही है कि पुरुष समुदाय में आत्महत्या की संख्या को कम करने और समाप्त करने पर ध्यान केंद्रित किया जाए।
अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस का उद्देश्य
इंटरनेशनल मेन्स डे का मुख्य उद्देश्य पुरुषों के समर्पण, योगदान, और सामाजिक परिवर्तन में उनके योगदान की महत्वपूर्णता को मान्यता प्रदान करना है। इस दिवस के माध्यम से समाज ने उन पुरुषों को समर्थन और प्रेरणा देने का संकेत दिया है जो अपने क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। यह एक मौका है जब समाज को पुरुषों के सामाजिक, आर्थिक, और सांस्कृतिक योगदान की महत्वपूर्णता को समझने का और उन्हें समाज में सकारात्मक परिवर्तन के लिए सहयोग करने का अवसर मिलता है। इस दिन के माध्यम से लोगों को पुरुषों के समृद्धि, समाज सेवा, और न्याय के क्षेत्र में उनके योगदान को प्रेरित करने का संदेश मिलता है जो समृद्धि और समाज में सामंजस्यपूर्ण स्थिति की दिशा में सामर्थ्यपूर्ण योगदान कर रहे हैं।
अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस का महत्व
यह एक महत्वपूर्ण दिन है जो पुरुषों के योगदान और महत्व को पहचानता है। यह दिन पुरुषों के अधिकारों और हितों के लिए भी आवाज उठाने का एक अवसर है। यह उन सभी पुरुषों को समर्पित है जो समाज में अपनी भूमिका निभाते हैं और जो समृद्धि, समानता, और सामाजिक न्याय की दिशा में काम कर रहे हैं। इस दिन का मुख्य उद्देश्य पुरुषों की समस्याओं और उनकी जरूरतों पर ध्यान देना है, जिससे समाज में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को समझा जा सके।
अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस का इतिहास
थॉमस ओस्टर ने मुख्यत: 1991 में अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस के आइडिया को प्रस्तुत किया था। यह उसी साल 7 फरवरी को पहली बार मनाया गया था। इसके बाद डॉ. जेरोम टीलक्सिंघ, ट्रिनिडाड टोबैगो के पश्चिम इंडीज विश्वविद्यालय में एक इतिहास शिक्षक ने इस दिवस को 1999 में पुनर्निर्मित किया।
इसकी शुरुआत भारत में उमा चुल्ला (भारतीय पुरुष अधिकार समर्थक) ने 2007 में की। इसके पीछे का उद्देश्य देश के विरुद्ध पुरुष कानूनी तंत्र में पुरुषों के भयानक शोषण की ओर लोगों का ध्यान आकर्षित करना था। साथ ही इस दिन पुरुषों के बिगड़ते स्वास्थ्य की ओर भी चर्चा की गई।
अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस कैसे मनाया जाता है?
इंटरनेशनल मेन्स डे को मनाने के लिए कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इंटरनेशनल मेन्स डे को विभिन्न तरीकों से मनाया जा सकता है। इसे मनाने के कुछ प्रचलित तरीके हैं –
- सभाएं और कार्यक्रम: विभिन्न संगठन और समूह अपने-अपने कार्यक्रमों और सभाओं का आयोजन करते हैं जिनमें पुरुषों के योगदान, समृद्धि, और समस्याओं पर चर्चा की जा सकती है।
- मीडिया कैम्पेन्स: अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस के मौके पर मीडिया में विशेष कवरेज होती है जिसमें पुरुषों के समर्पण और समस्याओं पर विचार किया जा सकता है।
- शिक्षा और जागरूकता कार्यक्रम: स्कूल, कॉलेज, और अन्य शैक्षणिक संस्थानों में पुरुष दिवस के अवसर पर विशेष शिक्षा कार्यक्रम आयोजित किए जा सकते हैं जिनमें छात्रों को पुरुषों के सामाजिक और आर्थिक योगदान के बारे में बताया जा सकता है।
- सामाजिक सेवा कार्य: विभिन्न समूह और आर्गेनाइजेशन्स पुरुष दिवस पर सामाजिक सेवा कार्यों का आयोजन कर सकते हैं, जैसे कि शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, और सामाजिक न्याय के क्षेत्र में।
- समृद्धि और सशक्तिकरण कार्यक्रम: पुरुष दिवस के अवसर पर, समृद्धि और सशक्तिकरण के क्षेत्र में कार्यक्रमों का आयोजन किया जा सकता है, जिसमें पुरुषों को अपनी सशक्तिकरण की प्रक्रिया में सहायता की जा सकती है।
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FAQs
अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस हर साल 19 नवंबर को मनाया जाता है।
अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस की शुरुआत 1999 में त्रिनिदाद और टोबैगो के प्रोफेसर जेरोम टीलकसिंह ने की थी।
इंटरनेशनल मेन्स डे मनाने का उद्देश्य पुरुषों के योगदान, उनके सकारात्मक गुणों की सराहना और समाज में उनकी अहमियत को समझाने के लिए है। इस दिन पुरुषों के साथ होने वाले भेदभाव, शोषण, उत्पीड़न, हिंसा और असमानता के खिलाफ आवाज उठाने और उन्हें उनके अधिकार दिलाने का भी दिन है।
भारत में इंटरनेशनल मेन्स डे पहली बार 2007 में मनाया गया था।
इंटरनेशनल मेन्स डे एक महत्वपूर्ण दिन है क्योंकि यह पुरुषों के योगदान और महत्व को पहचानता है। यह दिन पुरुषों के अधिकारों और हितों के लिए भी आवाज़ उठाने का एक अवसर है।
आशा है कि इस ब्लाॅग में आपको अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस 2023 के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। इसी तरह के अन्य ट्रेंडिंग आर्टिकल्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।