National Epilepsy Day in Hindi : राष्ट्रीय मिर्गी दिवस 2023 थीम, महत्व, इतिहास और आयोजन 

1 minute read
National Epilepsy Day in Hindi

मिर्गी दुनियाभर में 50 मिलियन लोगों को प्रभावित करने वाली बीमारी है। प्रतिवर्ष लगभग 5 मिलियन लोगों की मिर्गी की जाँच होती है। भारत में, 10 मिलियन से अधिक रोगियों को मिर्गी का सामना करना पड़ रहा है। यह दुनियाभर के मिर्गी मरीज़ों का 20 प्रतिशत है। मिर्गी को ठीक नहीं किया जा सकता है लेकिन दवा और जीवनशैली में बदलाव से इसे नियंत्रित किया जा सकता है। हर साल 17 नवंबर को भारत में मिर्गी के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय मिर्गी दिवस मनाया जाता है। National Epilepsy Day in Hindi के इस ब्लॉग को अंत तक पढ़ें और जानें राष्ट्रीय मिर्गी दिवस का इतिहास, महत्व, साल 2023 की थीम और अन्य जानकारी। 

राष्ट्रीय मिर्गी दिवस क्या है?

राष्ट्रीय मिर्गी दिवस हर साल 17 नवंबर को मनाया जाता है। यह दिन मिर्गी के बारे में जागरूकता बढ़ाने और मिर्गी से पीड़ित लोगों के समर्थन के लिए समर्पित है। राष्ट्रीय मिर्गी दिवस के अवसर पर कई कार्यक्रम और आयोजन आयोजित किए जाते हैं। इनमें सार्वजनिक जागरूकता अभियान, दौरों का आयोजन और मिर्गी से पीड़ित लोगों के लिए समर्थन समूह की बैठकें शामिल हैं।

मिर्गी क्या है?

मिर्गी एक तंत्रिका तंत्र का विकार है जो मस्तिष्क में विद्युत गतिविधि में असामान्यताओं के कारण होता है। यह दौरे, चेतना की हानि और मांसपेशियों में ऐंठन का कारण बन सकता है। मिर्गी का कोई इलाज नहीं है, लेकिन दवाओं और अन्य उपचारों से दौरे को नियंत्रित किया जा सकता है।

राष्ट्रीय मिर्गी दिवस

राष्ट्रीय मिर्गी दिवस थीम 2023 

National Epilepsy Day in Hindi 2023 के लिए थीम अब तक घोषित नहीं की गई है। हालांकि, एपिलेप्सी फाउंडेशन एक थीम का पालन करती है जो इस स्थायी तंतुरोगी बीमारी के बारे में जागरूकता फैलाने पर केंद्रित है।

हालांकि, अंतरराष्ट्रीय मिर्गी दिवस 2023 के लिए थीम “स्टिग्मा” है। यह मिर्गी के प्रति समाज में फैले स्टिग्मा (कलंक) को मिटाने और एपिलेप्सी से ग्रस्त लोगों की मदद करने के लिए एक सीधा आह्वान है।

राष्ट्रीय मिर्गी दिवस का उद्देश्य

राष्ट्रीय मिर्गी दिवस का मुख्य उद्देश्य मिर्गी से जुड़े जागरूकता बढ़ाना, लोगों में इस रोग के प्रति सही जानकारी पैदा करना, और मिर्गी से प्रभावित लोगों को सामाजिक समर्थन और समझदारी प्रदान करना है। इस दिन के माध्यम से लोगों को इस न्यूरोलॉजिकल रोग की विशेषता, उपचार और इससे जुड़े मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव के बारे में शिक्षित किया जाता है। इसके अलावा, मिर्गी से जुड़े स्थितियों पर जागरूकता बढ़ाने के लिए विशेष गतिविधियाँ आयोजित की जाती हैं ताकि लोग इस समस्या के प्रति सही दृष्टिकोण बना सकें और समर्थन प्रदान कर सकें।

राष्ट्रीय मिर्गी दिवस का इतिहास

भारत में राष्ट्रीय मिर्गी दिवस को पहली बार भारतीय मिर्गी फाउंडेशन ने मनाया था। इसे डॉ. निर्मल सूर्या द्वारा मुंबई में स्थापित किया गया था। 

भारतीय मिर्गी फाउंडेशन का उद्देश्य इस रोग को देश से समाप्त करना है। इसके साथ ही, यह इस बीमारी के बारे में जागरूकता बढ़ाता है और इस स्थिति के आस-पास के मिथक और टैबू के बारे में लोगों को शिक्षित करता है, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में।

राष्ट्रीय मिर्गी दिवस का महत्व 

राष्ट्रीय मिर्गी दिवस भारत के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है। इसके माध्यम से लोगों को मिर्गी से जुड़ी जानकारी मिलती है। इसके द्वारा समाज में मिर्गी से जुड़े मिथकों और स्टिग्मा को हटाने के लिए जागरूकता बढ़ाई जाती है। इस दिन के माध्यम से लोगों को इस न्यूरोलॉजिकल रोग के प्रति सही जानकारी मिलती है जिससे उनमें जागरूकता बढ़ती है और सही समर्थन प्रदान करने की क्षमता विकसित होती है।

मिर्गी दिवस के माध्यम से लोगों को इस रोग के लक्षण, कारण और उपचार के बारे में जानकारी मिलती है, जिससे वे इससे जुड़ी सही राह पर चल सकते हैं। इस दिन के आयोजन से मिर्गी से प्रभावित लोगों को सामाजिक समर्थन मिलता है और उन्हें अपनी समस्याओं का सामना करने के लिए उत्साहित किया जाता है।

इस दिन के माध्यम से समाज में जागरूकता फैलाने के लिए विभिन्न गतिविधियों और कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, जिससे लोग इस न्यूरोलॉजिकल रोग के प्रति सही दृष्टिकोण बना सकते हैं और मिर्गी से जुड़े मिथकों को दूर कर सकते हैं।

राष्ट्रीय मिर्गी दिवस कैसे मनाया जाता है?

राष्ट्रीय मिर्गी दिवस के अवसर पर सेमिनार और कार्यशालाएं आयोजित की जाती हैं जिनमें विशेषज्ञ चिकित्सकों, वैज्ञानिकों, और समाजसेवी लोगों को शामिल किया जाता है। इनमें मिर्गी के बारे में नवीन तथ्यों का प्रसार होता है और लोगों को सही जानकारी मिलती है। National Epilepsy Day in Hindi के दिन शिक्षा और जागरूकता कार्यक्रम, रैली और पथ-प्रदर्शन, सामाजिक मीडिया अभियान, सहायता शिविर द्वारा मिर्गी पीड़ितों को समर्थन दिया जाता है और जागरूकता फैलाई जाती है। 

यह भी पढ़ें – राष्ट्रीय प्रेस दिवस 2023

FAQs 

विश्व मिर्गी दिवस कौन सा दिन है?

विश्व मिर्गी दिवस हर साल फरवरी के दूसरे सोमवार को मनाया जाता है। इस वर्ष यह 13 फरवरी 2023 को मनाया गया।

मिर्गी जागरूकता दिवस 2023 क्या है?

मिर्गी जागरूकता दिवस या पर्पल डे 2023 26 मार्च को है। यह दिन लोगों को मिर्गी के लक्षण और उपचार के बारे में शिक्षित करने के लिए समर्पित है। मिर्गी बार-बार दौरे पड़ने, मांसपेशियों में कंपन, चेतना की हानि और असामान्य मस्तिष्क कार्यप्रणाली से जुड़ी होती है। 

राष्ट्रीय मिर्गी महीना कब मनाया जाता है?

मिर्गी फाउंडेशन ने नवंबर को दुनिया भर में राष्ट्रीय मिर्गी महीना घोषित किया है।

पर्पल डे कब मनाया जाता है?

पर्पल डे ऑफ एपिलेप्सी 26 मार्च 2024 को आयोजित किया जाएगा।

आशा है कि इस ब्लाॅग में आपको National Epilepsy Day in Hindi के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। इसी तरह के अन्य ट्रेंडिंग आर्टिकल्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

प्रातिक्रिया दे

Required fields are marked *

*

*