विश्व स्तर पर मनाया जाने वाला रेयर डिजीज डे, जो हर साल दुर्लभ बीमारियों के प्रति जागरूकता बढ़ाने, उपचार करने और चिकित्सा में सुधार करने के लिए फरवरी के आखिरी दिन में मनाया जाता है। बढ़ते रेयर डिजीज के कारण इसके बारे में लोगों तक जागरूकता पहुँचाना अत्यधिक आवश्यक हो गया है। इसलिए आज के इस ब्लॉग में हम Rare Disease Day in Hindi के बारे में जानेंगे।
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रेयर डिजीज डे के बारे में
रेयर डिजीज डे यानि दुर्लभ रोग दिवस जो कि हर साल फरवरी के आखरी दिन (आमतौर पर 28 फ़रवरी, लीप वर्ष में 29 फ़रवरी) में मनाया जाता है। यह दिन विश्वभर में दुर्लभ रोगों के बारे में जागरूकता अभियान चलता है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने भारत में दुर्लभ बीमारियों के लिए एक राष्ट्रीय नीति 2021 भी तैयार की थी, ताकि दुर्लभ बीमारियों के प्रति व्यापक रूप से प्रतिक्रिया करने की भारत की क्षमता का निर्माण किया जा सके, जिसमें निम्नलिखित क्षेत्र शामिल हैं जैसे की रोकथाम, जागरूकता पैदा करना, डॉक्टरों का प्रशिक्षण, उपचार के लिए धन सहायता, अनुसंधान को बढ़ावा देना और दुर्लभ बीमारियों के इलाज के लिए सस्ती कीमतों पर दवाएं उपलब्ध करना है।
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रेयर डिजीज डे का इतिहास क्या है?
Rare Disease Day in Hindi के इतिहास के बारे में यहाँ बताया गया है :
- रेयर डिजीज डे की स्थापना यूरोपीय दुर्लभ रोग संगठन (EURORDIS) द्वारा की गई थी।
- दुर्लभ बीमारियों की दुर्लभता के प्रतीक के रूप में पहला दुर्लभ रोग दिवस 29 फरवरी, 2008 को आयोजित किया गया था, जो एक लीप वर्ष था।
- 2009 में, दुर्लभ रोग दिवस वैश्विक हो गया, जिसमें 40 से अधिक देशों में कार्यक्रम हुए।
- तब से, दुनिया भर के 100 से अधिक देशों और क्षेत्रों की भागीदारी के साथ, दुर्लभ रोग दिवस लगातार बढ़ता जाने लगा।
- दुर्लभ रोग दिवस को अब संयुक्त राष्ट्र द्वारा एक आधिकारिक समारोह के रूप में मान्यता दी गई है, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 2019 में इस दिन को एक वार्षिक कार्यक्रम के रूप में मान्यता देने के लिए एक प्रस्ताव अपनाया है।
रेयर डिजीज डे पहली बार कब मनाया गया?
पहला रेयर डिजीज डे 2008 में 29 फरवरी को मनाया गया था, यह एक ‘दुर्लभ’ तारीख है जो हर चार साल में केवल एक बार होती है। तब से, दुर्लभ रोग दिवस फरवरी के आखिरी दिन मनाया जाता है, यह महीना ‘दुर्लभ’ दिनों की संख्या के लिए जाना जाता है।
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रेयर डिजीज डे क्यों मनाते हैं?
दुर्लभ रोग दिवस का मुख्य उद्देश्य आम जनता के बीच दुर्लभ बीमारियों और रोगियों के जीवन पर उनके प्रभाव के बारे में जागरूकता बढ़ाना है साथ ही दुर्लभ बीमारियों के बारे में जागरूकता पैदा करना बहुत महत्वपूर्ण भी है क्योंकि कम से कम 20 में से 1 व्यक्ति अपने जीवन में किसी दुर्लभ बीमारी से जूंझ रहा होता है। इसके बावजूद, अधिकांश दुर्लभ बीमारियों का कोई इलाज भी नहीं है। दुर्लभ रोग दिवस आम जनता के बीच दुर्लभ बीमारियों के बारे में ज्ञान में सुधार करता है जबकि शोधकर्ताओं और निर्णय निर्माताओं को दुर्लभ बीमारियों से पीड़ित लोगों की जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रोत्साहित करता है।
रेयर डिजीज डे का महत्व क्या है?
विश्वभर में ऐसी कई बीमारियाँ है जो रोगियों को अत्यधिक पीड़ा पहुँचा सकती हैं, दुर्लभ बीमारियाँ सामान्य बीमारीओं की तुलना में अधिक महत्वपूर्ण चुनौतियाँ पेश करती हैं, जिससे रोगी और उसके परिवार वाले दोनों प्रभावित होते है।
दुर्लभ रोग दिवस दुनिया भर में दुर्लभ परिस्थितियों में रहने वाले लोगों, उनके परिवार और प्रियजनों के संघर्षों की याद दिलाता है। दुर्लभ बीमारियों के बारे में जागरूकता बढ़ाकर, हम शीघ्र निदान में सुधार कर सकते हैं। दुर्लभ बीमारियों के बारे में जागरूकता बढ़ाना कई कारणों से आवश्यक है। यह दुर्लभ बीमारियों के अनुभव वाले कई व्यक्तियों के दर्द को कम करने में मदद कर सकता है।
कई दुर्लभ बीमारियों का गलत निदान किया जाता है या वर्षों तक उनका निदान नहीं किया जाता है, जिससे उपचार में देरी हो सकती है और लक्षण बिगड़ सकते हैं। जागरूकता बढ़ाने से यह सुनिश्चित करने में भी मदद मिलेगी कि व्यक्तियों को समय पर और सटीक निदान मिले और वे उचित उपचार प्राप्त कर सकें।
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रेयर डिजीज डे कैसे मनाते हैं?
दुर्लभ रोग दिवस दुनिया भर में कई अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है, जिसमें कई प्रकार के कार्यक्रम और गतिविधियाँ आयोजित की जाती हैं। दुर्लभ रोग दिवस कैसे मनाया जाता है इसके कुछ प्रमुख उदाहरण यहां दिए गए हैं-
- कई संगठन दुर्लभ बीमारियों के बारे में जानकारी और विचार साझा करने के लिए सम्मेलन और सेमिनार आयोजित करते हैं।
- रोगी संगठन अक्सर जनता को शिक्षित करने के लिए जागरूकता अभियान चलाते हैं। इन अभियानों में सोशल मीडिया अभियान, सार्वजनिक सूचना कार्यक्रम और मीडिया कवरेज शामिल होते हैं।
- दुर्लभ रोग दिवस अक्सर दुर्लभ बीमारियों से पीड़ित रोगियों और उनके परिवारों के अनुभवों पर प्रकाश डालता है, कई संगठन उनके सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए व्यक्तिगत कहानियाँ साझा करते हैं।
- कुछ देशों में, दुर्लभ बीमारियों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रतिष्ठित स्थलों को दुर्लभ रोग दिवस के लोगो (गुलाबी, नीले और हरे) के रंगों में रोशन किया जाता है।
- कुछ संगठन दुर्लभ बीमारियों के बारे में जागरूकता बढ़ाने और रोगियों और उनके परिवारों की रचनात्मक प्रतिभा को प्रदर्शित करने के लिए कला प्रदर्शनियों या प्रतियोगिताओं का आयोजन करते हैं।
- दुर्लभ रोग दिवस के अवसर पर कई कार्यक्रम ऑनलाइन भी कराए जाते है, जैसे की वेबिनार, वीडियो मेकिंग और क्रिएटिव पोस्ट मेकिंग।
रेयर डिजीज डे 2024 की थीम क्या है?
दुर्लभ रोग दिवस 2024 की थीम की अनाउंसमेंट अभी तक नहीं की गई है, इससे पहले 2023 की थीम थी ‘Share Your Colours’. Rare Disease Day in Hindi के पिछले छह साल की थीम्स यहाँ दी गई हैं-
साल | थीम |
2018 | अपना दुर्लभ दिखाएँ, अपनी देखभाल दिखाएँ (Show your rare Show your care) |
2019 | स्वास्थ्य और सामाजिक देखभाल को जोड़ना (Bridging health and social care) |
2020 | दुर्लभ बहुत है, दुर्लभ मजबूत है, दुर्लभ गर्व है (Rare is many, rare is strong, rare is proud) |
2021 | दुर्लभ बहुत है, दुर्लभ मजबूत है, दुर्लभ गर्व है (Rare is many, rare is strong, rare is proud) |
2022 | अपने रंग साझा करें (Share Your Colours) |
2023 | अपने रंग साझा करें (Share Your Colours) |
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रेयर डिजीज डे पर 10 लाइन्स
Rare Disease Day in Hindi पर 10 लाइन्स यहाँ दी गई हैं-
- रेयर डिजीज डे यानि दुर्लभ रोग दिवस जो की हर साल फरवरी के आखरी दिन में मनाया जाता है।
- पहला रेयर डिजीज डे 2008 में 29 फरवरी को मनाया गया था।
- रेयर डिजीज डे की स्थापना यूरोपीय दुर्लभ रोग संगठन (EURORDIS) द्वारा की गई थी।
- 2009 में, दुर्लभ रोग दिवस वैश्विक हो गया, जिसमें 40 से अधिक देशों में कार्यक्रम हुए।
- संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 2019 में इस दिन को एक वार्षिक कार्यक्रम के रूप में मान्यता देने के लिए एक प्रस्ताव अपनाया है।
- रेयर डिजीज डे विश्वभर में रेयर डिजीज के बारे में जागरूकता फैलता है और उनसे निपटने के लिए प्रोत्साहित करता है।
- दुनियाभर में ऐसी कई दुर्लभ बीमारियां हैं, जिसकी वजह से हर साल कई लोग अपनी जान गंवा देते हैं।
- 2023 दुर्लभ रोग दिवस की थीम थी ‘अपना रंग साझा करें’।
- दुर्लभ रोगों का एक उदाहरण है सिस्टिक फाइब्रोसिस, यह एक ऐसी बीमारी है जो सांस या पाचन तंत्र को प्रभावित कर सकती है।
- स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने भारत में दुर्लभ बीमारियों के लिए एक राष्ट्रीय नीति 2021 भी तैयार की थी।
रेयर डिजीज डे के बारे में रोचक तथ्य
Rare Disease Day in Hindi से जुड़े रोचक तथ्य यहाँ दिए गए हैं-
- कोई बीमारी दुर्लभ तभी होती है जब यह 2,000 लोगों में से 1 से भी कम को प्रभावित करती है।
- 70% दुर्लभ बीमारियाँ बचपन से शुरू होती है।
- विश्व स्तर पर लाखों लोग एक दुर्लभ बीमारी से पीड़ित हैं।
- दुर्लभ बीमारियों को अन्य बीमारियों की तरह आसानी से नहीं पहचाना जाता है।
FAQs
फरवरी के आखरी दिन।
9 फरवरी 2008
रेयर डिजीज डे 2024 की थीम अभी तक नहीं बताई गई है।
Share Your Colors
आशा है कि इस ब्लाॅग में आपको Rare Disease Day in Hindi के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। इसी तरह के अन्य ट्रेंडिंग आर्टिकल्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।