प्रत्येक वर्ष अगस्त महीने में मद्रास स्थापना दिवस को एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटना की याद में मनाया जाता है। वर्ष 1639 में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने ताम्बरम के राजा से एक छोटे से गाँव का पट्टा लेकर मद्रास (अब चेन्नई) की स्थापना की थी। यह दिन न केवल एक शहर की स्थापना का प्रतीक है, बल्कि यह भारत के आधुनिक इतिहास, सांस्कृतिक समृद्धि और विकास की यात्रा की महत्वपूर्ण कड़ी भी है। वर्ष 1996 में नाम बदलने के बाद, जब मद्रास का नाम बदलकर चेन्नई रखा गया था, तो यह कदम तमिलनाडु की सांस्कृतिक और भाषाई पहचान को सम्मानित करने की दिशा में महत्वपूर्ण था। इसी महीने मद्रास स्थापना दिवस (Madras Formation Day in Hindi) के अवसर पर इस ब्लॉग में मद्रास शहर के इतिहास और महत्व के बारे में बताया गया है।
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मद्रास स्थापना दिवस के बारे में
मद्रास स्थापना दिवस, जिसे मद्रास दिवस के रूप में भी जाना जाता है, एक वार्षिक उत्सव है जो भारत के तमिलनाडु में चेन्नई शहर (पूर्व में मद्रास) की स्थापना की याद दिलाता है। इस ऐतिहासिक शहर की स्थापना 22 अगस्त 1639 को हुई थी, जब चेन्नापट्टनम के नाम से जाना जाने वाला भूमि का एक हिस्सा अंग्रेजी ईस्ट इंडिया कंपनी ने स्थानीय नायक शासकों से अधिग्रहित किया था। इस स्थान को बंगाल की खाड़ी और दक्षिण पूर्व एशिया के व्यापार मार्गों से इसकी रणनीतिक निकटता के कारण चुना गया था।
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मद्रास से कैसे बना चेन्नई?
मद्रास का नाम चेन्नई कैसे रखा गया था इसके बारे में यहाँ बताया गया है-
- मद्रास की स्थापना वर्ष 1639 में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा की गई थी। इस शहर को ‘Fort St. George’ के आसपास विकसित किया गया था। उस समय ब्रिटिश काल के दौरान, मद्रास एक महत्वपूर्ण व्यापारिक और प्रशासनिक केंद्र बन गया और इसका नाम ‘मद्रास’ रखा गया था।
- भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान, भारतीय जनमानस में स्वदेशी भावना और भारतीय पहचान को मजबूत करने की प्रवृत्ति बढ़ी थी। इस अवधि के दौरान, तमिल भाषा और संस्कृति को महत्व देने की मांग भी उठी।
- वर्ष 1996 में, ततकालीन तमिलनाडु सरकार ने ‘मद्रास’ का नाम बदलकर ‘चेन्नई’ रख दिया था। यह बदलाव तमिल संस्कृति और भाषा के प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए किया गया था। ‘चेन्नई’ नाम का स्रोत स्थानीय तमिल शब्द ‘चेन्नपन्नई’ से है, जो एक स्थानीय प्रभावशाली व्यक्ति के नाम से संबंधित माना जाता है।
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मद्रास स्थापना दिवस का इतिहास क्या है?
मद्रास स्थापना दिवस का इतिहास (History of Madras Formation Day in Hindi) नीचे बताया गया है-
- हर साल 22 अगस्त को मद्रास स्थापना दिवस मनाया जाता है।
- मद्रास को पहले तमिलनाडु की राजधानी के रूप में जाना जाता था, जिसके बाद अब वह चेन्नई के नाम से जाना जाता है।
- यह दिन वर्ष 1639 में मद्रास (अब चेन्नई) की स्थापना की याद में मनाया जाता है।
- इतिहास को देखें तो इस दिन मद्रास की स्थापना ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा की गई थी और ब्रिटिश कंपनी ने ताम्बरम के राजा से एक छोटे से गाँव का पट्टा खरीदा और इसे एक व्यापारिक केंद्र के रूप में विकसित किया। इस स्थान पर एक किला बनाया गया, जिसे ‘फोर्ट सेंट जॉर्ज’ (Fort St. George) कहा गया।
- सेंट जॉर्ज किले के आसपास एक नया शहर विकसित हुआ, जिसे मद्रास कहा जाने लगा था। यह शहर धीरे-धीरे ब्रिटिश साम्राज्य के प्रमुख व्यापारिक और प्रशासनिक केंद्रों में से एक बन गया था।
- मद्रास सेंट फोर्ट जार्ज के निर्माण के साथ ही 22 अगस्त 1639 को अस्तित्व में आया और लोगों ने इसे वर्ष 2004 से कई गतिविधियों और कार्यक्रमों के साथ मनाना शुरू किया।
मद्रास स्थापना दिवस कब मनाया जाता है?
मद्रास स्थापना दिवस हर वर्ष 22 अगस्त को मनाया जाता है। यह दिन वर्ष 1639 में मद्रास (अब चेन्नई) की स्थापना की याद में मनाया जाता है।
मद्रास स्थापना दिवस का महत्व क्या है?
मद्रास स्थापना दिवस का महत्व (Importance of Madras Formation Day in Hindi) यहाँ बताया गया है-
- यह दिन उस ऐतिहासिक क्षण को चिन्हित करता है जब एक छोटे से गाँव से एक महत्वपूर्ण व्यापारिक और प्रशासनिक केंद्र विकसित हुआ था। यह शहर भारत के आधुनिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है।
- इस दिन का मनाया जाना स्थानीय संस्कृति और पहचान को सम्मानित करता है। मद्रास का नाम बदलकर चेन्नई रखने का निर्णय भी तमिलनाडु की सांस्कृतिक और भाषाई पहचान को प्रकट करता है। स्थापना दिवस पर शहर की सांस्कृतिक धरोहर और विविधता को मान्यता दी जाती है।
- स्थापना दिवस शहर के विकास की यात्रा का प्रतीक है। मद्रास, जो शुरू में एक व्यापारिक केंद्र था, आज एक आधुनिक महानगर के रूप में विकसित हो चुका है। यह दिन शहर की प्रगति और विकास के सफर को याद करने का अवसर भी है।
- इस दिन के दौरान आयोजित कार्यक्रम और समारोह समुदाय को एकजुट करते हैं और सांस्कृतिक गतिविधियों के माध्यम से शहरवासियों को एक साथ लाते हैं।
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मद्रास स्थापना दिवस क्यों मनाया जाता हैं?
मद्रास दिवस मद्रास शहर की स्थापना का जश्न मनाता है जब इसे ईस्ट इंडिया कंपनी ने विजयनगर साम्राज्य के वायसराय से खरीदा था। यह दिन अनिवार्य रूप से मद्रास के इस अद्भुत शहर, वर्तमान में चेन्नई की स्थापना और इसकी विशाल विरासत और समृद्ध इतिहास को मनाने के लिए एक मंच प्रदान करता है।
मद्रास दिवस के संस्थापकों के अनुसार, मद्रास दिवस मनाने का प्राथमिक उद्देश्य शहर, उसके अतीत (भूत) और उसके वर्तमान पर ध्यान केंद्रित करना है। युवाओं में मद्रास दिवस समारोह के प्रति उत्साह बढ़ने के साथ, मद्रास दिवस का नाम बदलकर मद्रास सप्ताह या मद्रास महीना करने की मांग भी बढ़ रही है।
मद्रास स्थापना दिवस कैसे मनाते हैं?
मद्रास स्थापना दिवस मद्रास के लोगों द्वारा बड़े उत्साह और खुशी के साथ मनाया जाता है। इस दिन को मनाने के लिए राज्य भर से लोग एक साथ आते हैं। इस अवसर को चिह्नित करने के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम, परेड और अन्य कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
मद्रास स्थापना दिवस विभिन्न कार्यक्रमों और गतिविधियों के माध्यम से मद्रास की संस्कृति और विविधता का जश्न मनाने का भी एक अवसर है। इस महोत्सव में मद्रास और अन्य राज्यों के प्रसिद्ध कलाकारों और मशहूर हस्तियों द्वारा प्रदर्शन भी शामिल हैं।
मद्रास से जुड़े तथ्य
रिसर्च, स्टडी और रिपोर्ट्स के अनुसार मद्रास (Madras Formation Day in Hindi), जिसे अब चेन्नई के नाम से जाना जाता है से जुड़े तथ्य यहाँ बताए गए हैं-
- चेन्नई को अक्सर “दक्षिण भारत का प्रवेश द्वार” कहा जाता है।
- चेन्नई में मरीना बीच सबसे लंबे शहरी समुद्र तटों में से एक है।
- चेन्नई को अक्सर ‘कॉलीवुड’ केंद्र के रूप में जाना जाता है, क्योंकि यह तमिल फिल्म उद्योग का एक महत्वपूर्ण केंद्र है। यह बॉलीवुड के बाद भारत का दूसरा सबसे बड़ा फिल्म उद्योग है।
- चेन्नई दक्षिण एशिया और भारत का एकमात्र शहर है जिसे द न्यूयॉर्क टाइम्स द्वारा ‘दुनिया भर में घूमने के लिए 52 स्थानों’ में शामिल किया गया है।
- विश्वनाथन आनंद, दिनेश कार्तिक, मुरली विजय, करुण चंडोक, कमल हासन, एआर रहमान और सीवी रमन जैसी कई प्रमुख हस्तियां चेन्नई में पैदा हुई हैं।
- ईस्ट इंडिया कंपनी ने चेन्नई में फोर्ट सेंट जॉर्ज को भारत में पहली बड़ी इंग्लिश सेटलमेंट बनाया था।
- भारत का सबसे पुराना नगर निगम चेन्नई में स्थित है। इसका उद्घाटन वर्ष 1688 में हुआ था और यह अभी भी संचालित हो रहा है।
- प्रथम विश्व युद्ध के दौरान मद्रास एकमात्र भारतीय शहर था जिस पर हमला किया गया था और यह हमला जर्मन सेना द्वारा किया था।
- चेन्नई में स्थित रोयापुरम रेलवे स्टेशन भारत का सबसे पुराना रेलवे स्टेशन है जो अभी भी चालू है। रेलवे स्टेशन का संचालन वर्ष 1856 में शुरू हुआ।
- मद्रास उच्च न्यायालय की इमारत दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी न्यायिक संरचना है।
- मद्रास स्थापना दिवस 22 अगस्त 1639 को ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा मद्रास (अब चेन्नई) की स्थापना की याद में मनाया जाता है।
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FAQs
वर्ष 1996 में मद्रास का नाम बदलकर चेन्नई रखा गया था।
प्रत्येक वर्ष 22 अगस्त को मद्रास दिवस मनाया जाता है।
मद्रास राज्य
मद्रास दिवस समारोह के लिए कोई थीम नहीं रखी गई है।
आशा है कि इस ब्लाॅग में आपको Madras Formation Day in Hindi के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। इसी तरह के अन्य ट्रेंडिंग आर्टिकल्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।