क्या आप किसी ऐसे समाज की कल्पना कर सकते हैं जिसमें आपकी वैचारिक आज़ादी को पैरों तले रौंदने की कोशिश की जाती हो? क्या आप ऐसे समाज को सभ्य कह सकते हैं, जिसमें किसी को भी शिक्षा के अधिकार से वंचित रखा जाए? आज की इस पोस्ट में आप ऐसी एक महिला के बारे में जानेंगे। जिन्होंने हमेशा जुल्म के खिलाफ अपनी आवाज़ उठाई और महिलाओं के अधिकारों के लिए साहस का प्रतीक बन गई। पाकिस्तान की समाज सेवी नोबेल पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई के जन्मदिन को ही मलाला दिवस के नाम से जाना जाता है। इस पोस्ट में आपको मलाला के बारे में जानने को मिलेगा, साथ ही आप मलाला के जीवन से क्या सीख सकते हैं। इस बारे में भी आप इस पोस्ट में पढ़ सकते हैं।
World Malala Day 2023 : जानिए मलाला दिवस के बारे में
हर साल 12 जुलाई को मनाए जाने वाला मलाला दिवस एक ऐसा दिन है, जिसको महिला सम्मान और महिलाओं की शिक्षा के अधिकारों के पक्ष में सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है। मलाला दिवस को मानवता के बेहतर भविष्य के रूप में देखा जा सकता है क्योंकि इस दिन नोबेल पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई जन्म हुआ था।
World Malala Day 2023 : मलाला दिवस मनाए जाने के पीछे का उद्देश्य
- मलाला दिवस को मनाने का उद्देश्य महिलाओं में शिक्षित और शिक्षा के वातावरण के प्रीति जाग्रुकता फ़ैलाने का होता है।
- मानवता को प्राथमिक के रूप में युवाओं को सद्मार्ग पर ले जाना साथ ही उम्मीदवारों को प्रेरित किया जाना चाहिए।
- नारियों को सशक्त बनाना और समाज को सकारत्मकता दिशा की और लेजाना।
World Malala Day 2023 : जानिए कौन हैं मलाला?
World Malala Day को पाकिस्तान की समाज सेवी नोबेल पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई के जन्मदिन के दिन मनाया जाता है क्योंकि मलाला ने अपने जीवन में जुल्म के खिलाफ आवाज़ उठाई। मलाला ने दृढ़ संकल्पित होकर महिलाओं के सम्मान और शिक्षा के लिए आतंकवादी तालिबानी सोच से भी लोहा लिया। मलाला का जीवन मानवता के प्रति सम्मान में खड़ा हुआ पाया गया, जो युवा पीढ़ी के लिए मार्गदर्शन करेगा।
जन्म | 12 जुलाई 1997 |
जन्म स्थान | मिंगोरा, ख़ैबर-पख़्तूनख़्वा, पाकिस्तान |
राष्ट्रीयता | पाकिस्तानी |
उपनाम | गुल मकई |
पिता का नाम | ज़ियाउद्दीन युसुफ़ज़ई |
कुल पुरुस्कार | अंतर्राष्ट्रीय बाल शांति पुरस्कार,पाकिस्तान का राष्ट्रीय युवा शांति पुरस्कार नोबल पुरस्कार संयुक्त रूप में भारत के कैलाश_सत्यार्थी कैलाश सत्यार्थी के साथ 2015 मे(2011) |
प्रसिद्धि का मुख्य और विशेष कारण | महिला अधिकार कार्यकर्ता, शिक्षाविद्, समाज सुधारक |
World Malala Day 2023 : पहली बार कब मनाया गया था मलाला दिवस ?
विश्व भर में महिला शिक्षा और नारी सशक्तिकरण को सम्मान देने के लिए ही 12 जुलाई को मलाला दिवस मनाया जाता है। इस दिन को इतिहास के पन्नों में टटोल कर देखा जाए तो हमें इस दिन की महत्वता और इसके पीछे के उद्देश्यों के बारे में पता चलता है। मलाला दिवस के इतिहास को निम्नलिखित बिंदुओं के माध्यम से समझा जा सकता है-
- 12 जुलाई 1997 को मलाल के जन्मदिन के शुभ अवसर पर मनाया जाता है।
- 12 सितंबर 2013 को संयुक्त राष्ट्र कि बैठक को मलाला ने अपने भाषण के बल पर महिलाओं की सुरक्षा और शिक्षा के विषयों जोर दिया, जिससे सयुंक्त राष्ट्र की बैठक में सम्मानित करने के लिए यह मलाला दिवस बना लिया।
FAQs
संयुक्त राष्ट्र ने मलाला यूसुफजई को सम्मानित करने के लिए 12 जुलाई को मलाला दिवस के रूप में घोषित किया, तभी से मलाला लड़कियों की शिक्षा के लिए लड़ाई का अंतर्राष्ट्रीय प्रतीक बन गई।
मलाला का मतलब लाल रंग होता है, अपने इसी गुण को मलाला ने सार्थक किया और महिला सम्मान का प्रतीक बन गई।
मलाला दिवस के दिन ही, मलाला ने 2013 में दुनिया भर में शिक्षा की पहुंच के लिए संयुक्त राष्ट्र में बात की थी।
मलाला के भाषण में उस तालिबान के खिलाफ खुला विद्रोह होता है, जिसने उस पर गोली चलाई और शिक्षा के लिए समाज को जागरूक करने की उसकी मनसा को कुचलने की कोशिश की।
शिक्षा में लैंगिक असमानता की बाधाओं को तोड़ने के लिए मलाला ने शिक्षा के लिए लड़ाई की। जिससे महिलाओं को अधिक अवसर और जिम्मेदारियाँ प्राप्त करने की अनुमति मिले।
आशा है कि आपको World Malala Day पर लिखा यह ब्लॉग जानकारी से भरपूर लगा होगा। इसी तरह के अन्य ट्रेंडिंग इवेंट्स आर्टिकल्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बनें रहें।